महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने शनिवार को उम्मीद जतायी कि प्रस्तावित मानव तस्करी निरोधक विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा द्वारा पारित कर दिया जाएगा। विधेयक पीड़ितों, गवाहों और शिकायतकर्ताओं की गोपनीयता, समयबद्ध सुनवायी और पीड़ितों को उनके मूल स्थान भेजने का प्रावधान करता है।
गांधी ने उनके मंत्रालय के विधेयक के आगामी संसद के शीतकालीन सत्र में आने के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम तस्करी निरोधक विधेयक के आने का इंतजार कर रहे हैं। लोकसभा ने पहले ही विधेयक को पारित कर दिया है और मैं उम्मीद कर रही हूं कि राज्यसभा उसे पारित कर देगा।’’
लोकसभा ने मानव तस्करी (निरोधक, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक 2018 गत जुलाई में संसद के मानसून सत्र के दौरान पारित किया था। गांधी ने कहा कि विधेयक का इरादा यौन कर्मियों को प्रताड़ित करना नहीं है और इसका इरादा मानव तस्करों के खिलाफ जाने का है, पीड़ितों के नहीं।
अपनी आने वाली पुस्तक के बारे में की चर्चा
उन्होंने कहा, ‘विधेयक में उन लोगों के प्रति दयालु रूख है जो सेक्स रैकेट के पीड़ित रहे हैं।’ कानून में जिला, राज्य और केंद्रीय स्तरों पर संस्थागत तंत्र निर्मित करने का प्रस्ताव है। इसमें कम से कम 10 वर्ष सश्रम कारावास और कम से कम एक लाख रूपये के जुर्माने का प्रावधान है।
केंद्रीय मंत्री ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में अपनी आने वाली पुस्तक ‘‘देयर इज मॉन्स्टर अंडर माई बेड एंड अदर टेरिबल टेरर्स’’ के बारे में चर्चा की जिसके जनवरी में आने की उम्मीद है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बच्चे कई चीजों से भयभीत होते हैं और हमें इनसे निपटने की जरूरत है।’’