ईश्वर दुबे
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Bhilai
नई दिल्ली: बीजेपी (BJP) ने अपने नए कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान बिहार के पीडब्ल्यूडी मंत्री नितिन नबीन (PWD Minister Nitin Naveen) को सौंपी है. नितिन नबीन वर्तमान में 45 साल के हैं. वह ऐसे पहले अध्यक्ष हैं, जो इतनी कम उम्र में अध्यक्ष बने हैं. नितिन नबीन (Nitin Naveen) पहले ऐसे राष्ट्रीय अध्यक्ष होने जा रहे हैं, जो बीजेपी के स्थापना दिवस के बाद पैदा हुए थे. इससे पहले तमाम राष्ट्रीय अध्यक्ष बीजेपी की स्थापना के पहले जन्म लेने वाले रहे हैं. बीजेपी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई थी और नितिन नबीन का जन्म 1 सितंबर 1980 में हुआ था.
बीजेपी की स्थापना के बाद सबसे पहले अध्यक्ष 1980 में अटल बिहारी वाजपेयी बने थे. उनके बाद 1986 में दूसरे अध्यक्ष एलके आडवाणी बने. तीसरे अध्यक्ष 1991 में मुरली मनोहर जोशी बने. चौथे अध्यक्ष 1993 में एलके आडवाणी बने. पांचवे अध्यक्ष 1998 में कुशाभाऊ ठाकरे बने. छठे अध्यक्ष 2000 में बंगारू लक्ष्मण बने.
बंगारू लक्ष्मण के बाद 2001 में जन कृष्णमूर्ति को जिम्मेदारी मिली. उनके बाद 2002 वेंकैया नायडू अध्यक्ष बने. 2004 में पार्टी की बागडोर एक बार फिर एलके आडवाणी ने संभाली. 2005 में राजनाथ सिंह को अध्यक्ष बनाया गया. 11वें नंबर पर 2009 में नितिन गडकरी अध्यक्ष बने. उनके बाद राजनाथ सिंह को एक बार फिर जिम्मेदारी सौंपी गई. उनके बाद अमित शाह को पार्टी की कमान मिली. 14वें नंबर पर 2020 में जेपी नड्डा का पार्टी अध्यक्ष बनाया. 15वें अध्यक्ष के तौर पर अब जिम्मेदारी नितिन नबीन सिन्हा को सौंपी गई है.
बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा के मुख्य कार्यकारी होते हैं. उनका दायित्व पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठकों की अध्यक्षता करना होता है. वह पार्टी की सहायक संस्थाों जिनमें युवा विंग और किसान विंग की नियुक्ति करने में भूमिका निभाते हैं. अध्यक्ष पद के लिए किसी भी उम्मीदवार को 15 साल पार्टी में जुड़ा रहना जरूरी होता है. अध्यक्ष पद का चुनाव पार्टी की राष्ट्रीय और राज्य परिषदों से गठित निर्वाचक मंडल की तरफ से किया जाता है. कोई भी सदस्य दो बार से अधिक कार्यकाल तक इस पद पर नहीं रह सकता है.
पटना। पथ निर्माण व नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन को भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। घोषणा होने के पहले तक उन्हें भी इसकी जानकारी नहीं थी। उन्होंने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनेंगे, यह सपने में भी कभी नहीं सोचा था। इतनी बड़ी जिम्मेवारी मिलने की जानकारी मिली तो सहसा विश्वास नहीं हुआ।
Nitin Nabin ने कहा कि यह भाजपा में ही संभव है, यहीं साधारण कार्यकर्ता को भी कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेवारी दी जा सकती है। पत्र जारी होने के डेढ़-दो घंटा पहले ही कार्यकर्ताओं का सम्मान समारोह था, किसी को आभास नहीं था कि समारोह के बीच का ही कोई राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने जा रहा है।
नवीन ने कहा कि यह निर्णय बताता है कि कार्यकर्ता जमीन पर काम करेंगे तो पार्टी उन्हें कोई भी बड़ी से बड़ी जिम्मेवारी दे सकती है। प्राथमिकता पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसमें संगठन और कार्यकर्ता मजबूती व गति देने का काम करेंगे।
नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा (Congress MP Priyanka Gandhi Vadra) ने कहा कि कांग्रेस के मंच से (From the Congress Platform) प्रधानमंत्री के संबंध में (About the Prime Minister) कोई अर्मादित टिप्पणी नहीं की गई (No Offensive Remarks were Made) । उन्होंने दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई टिप्पणी को लेकर यह बात कही ।
उन्होंने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि कांग्रेस के मंच से प्रधानमंत्री के संबंध में किसी भी प्रकार की अर्मादित टिप्पणी का इस्तेमाल नहीं किया गया । हमने खुद यह सुनिश्चित किया था कि मंच पर किसी के भी बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी का इस्तेमाल नहीं हो। हमें जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक किसी ने भीड़ में इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी साक्षात्कार के दौरान की थी। अब किसने यह टिप्पणी की थी, हमें ( कांग्रेस) इस बारे में जानकारी नहीं है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि इस मुद्दे का सहारा लेकर भाजपा के लोग शीतकालीन सत्र को बाधित कर रहे हैं। अगर आप लोगों को संसद का सत्र नहीं चलाना है, तो यह बात खुद ही स्पष्ट कर दीजिए। इस तरह से किसी अन्य मुद्दों का सहारा मत लीजिए।
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि संसद के शीतकालीन सत्र में दिल्ली में मौजूद प्रदूषण को लेकर चर्चा हो, लेकिन यह अफसोस की बात है कि सत्तापक्ष के लोग संसद के सत्र को बाधित कर रहे हैं। प्रियंका गांधी ने कहा कि अगर आप लोगों को संसद में चर्चा ही नहीं करानी है, तो हम लोग यहां पर नहीं आएंगे। यहां किसी भी प्रकार की सार्थक चर्चा का गुंजाइश नहीं बन रही है। यह दुर्भाग्य की बात है कि सरकार के लोग खुद संसद के शीतकालीन सत्र को बाधित कर रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्री खुद सत्र को बाधित कर रहे हैं। पत्रकारों को इस संबंध में सवाल करना चाहिए।
मनरेगा का नाम बदलने पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा है कि भला ये लोग नाम क्यों बदल रहे हैं, जब सरकार की तरफ से किसी परियोजना का नाम बदला जाता है, तो उस पर बहुत बड़ी राशि खर्च होती है। ऐसी स्थिति में भला ये लोग किसी योजना का नाम क्यों बदल रहे हैं, ये समझ से परे है। ये लोग अब महात्मा गांधी नाम भी हटा रहे हैं। आखिर इन लोगों की मंशा क्या है?
नई दिल्ली । भाजपा (BJP) ने बैजयंत पांडा और पीयूष गोयल (Baijayant Panda and Piyush Goyal) को विधानसभा चुनाव प्रभारी नियुक्त किया (Appointed as Assembly Election In-charges) ।
पार्टी ने वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा को असम का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है, जबकि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को तमिलनाडु विधानसभा चुनावों का प्रभारी बनाया गया है। भाजपा के इस फैसले को दोनों राज्यों में पार्टी की चुनावी रणनीति को धार देने और संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि अनुभवी और प्रभावशाली नेताओं की अगुवाई में चुनावी अभियान को नई ऊर्जा मिलेगी। बैजयंत पांडा एक अनुभवी नेता माने जाते हैं और संगठनात्मक मामलों में उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है। इससे पहले भी वह पार्टी में कई अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। बैजयंत पांडा की भूमिका राज्य संगठन, चुनावी रणनीति, प्रचार अभियान और केंद्रीय नेतृत्व के बीच समन्वय स्थापित करने की होगी। वहीं, सुनील कुमार शर्मा और दर्शना बेन जरदोश को चुनाव सह-प्रभारी बनाया गया है।
दूसरी ओर तमिलनाडु विधानसभा चुनावों के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है। तमिलनाडु भाजपा के लिए एक चुनौतीपूर्ण राज्य माना जाता है, जहां पार्टी लगातार अपने जनाधार को बढ़ाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में पीयूष गोयल की नियुक्ति को रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है। तमिलनाडु में उनकी जिम्मेदारी पार्टी संगठन को मजबूत करना, सहयोगी दलों के साथ समन्वय बनाना, चुनावी एजेंडा तय करना और राज्य की राजनीति के अनुरूप रणनीति तैयार करना होगा, वहीं अर्जुन राम मेघवाल और मुरलीधर मोहोल को तमिलनाडु के चुनाव सह-प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बैजयंत पांडा और पीयूष गोयल जैसे नेताओं की तैनाती से चुनावी प्रबंधन, संगठनात्मक समन्वय और प्रचार अभियान को नई दिशा मिलेगी। असम में सत्ता को बरकरार रखना और तमिलनाडु में अपनी राजनीतिक मौजूदगी को और मजबूत करना पार्टी की प्राथमिकता है।
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह एनसीआर में बिगड़ते वायु प्रदूषण के स्तर से संबंधित याचिका पर 17 दिसंबर को सुनवाई करेगा। सीजेआई सूर्यकांत, न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची और न्यायमूर्ति विपुल एम पामचोली की पीठ ने वरिष्ठ वकील अपराजिता सिंह की दलीलों पर गौर किया, जो न्याय मित्र के रूप में न्यायालय की सहायता कर रही हैं। सिंह ने कहा कि यद्यपि निवारक उपाय मौजूद हैं, लेकिन मुख्य मुद्दा अधिकारियों द्वारा उपायों का खराब कार्यान्वयन है।
उन्होंने कहा कि जब तक यह अदालत कोई निर्देश नहीं देती, अधिकारी पहले से मौजूद प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते हैं। इस पर सीजेआई ने कहा कि यह मामला बुधवार को तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष आएगा। इस पर सुनवाई होगी। एक अन्य वकील ने बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे से जुड़े आवेदन का हवाला देते हुए कहा कि पहले के आदेशों के बावजूद स्कूल बाहरी खेल गतिविधियों का आयोजन कर रहे हैं। न्याय मित्र ने यह भी कहा कि इस अदालत के आदेश के बावजूद स्कूलों ने इन खेल गतिविधियों को आयोजित करने के तरीके खोज लिए हैं...ये गतिविधियां हो रही हैं।
सीजेआई ने कहा कि हम समस्या को जानते हैं और हम ऐसे आदेश पारित करेंगे जिनका पालन किया जा सके। कुछ निर्देश ऐसे हैं जिन्हें बलपूर्वक लागू किया जा सकता है। इन शहरी महानगरों में लोगों की अपनी जीवनशैली होती है। लेकिन गरीबों का क्या होगा...। न्याय मित्र ने कहा कि गरीब मजदूर सबसे ज्यादा पीड़ित हैं। इससे पहले पीठ ने कहा था कि वायु प्रदूषण के खिलाफ दायर याचिका को ‘‘सामान्य’’ मामला नहीं माना जा सकता, जिसे केवल सर्दियों के महीनों में ही सूचीबद्ध किया जाए। उसने कहा था कि इस समस्या के अल्पकालिक और दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए महीने में दो बार मामले की सुनवाई की जाएगी।
बता दें सोमवार को दिल्ली घनी धुंध की चादर में लिपटी रही, जिससे एक्यूआई 498 पर पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। वायु गुणवत्ता 38 केंद्रों पर ‘गंभीर’ थी, जबकि दो केंद्रों पर यह ‘बेहद खराब’ थी। जहांगीरपुरी में एक्यूआई 498 दर्ज की गई, जो सभी 40 केंद्रों में सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला केंद्र रहा।
नई दिल्ली । ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने तुर्की में बने दर्जनों यिहा ड्रोन को मार गिराया था। सोमवार को भारतीय सेना ने इसी यिहा ड्रोन के पुनर्निर्मित मॉडल की प्रदर्शनी लगाई। इन ड्रोन को सेना ने 10 मई को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मार गिराया था। विजय दिवस के मौके पर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कई तरह की भूमिका वाले कामिकेज श्रेणी के ड्रोन का प्रदर्शन किया गया। भारत और पाकिस्तान के बीच सात से 10 मई तक चले संघर्ष के दौरान पाकिस्तानी सेना ने बड़ी संख्या में यिहा ड्रोन का इस्तेमाल किया था। पाकिस्तानी सेना इस मानवरहित लड़ाकू हवाई वाहनों का इस्तेमाल विभिन्न भारतीय सैन्य और नागरिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए किया था, हालांकि भारतीय सेना ने लगभग सभी ड्रोन को मार गिराया था। भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम में प्रदर्शित किया गया यिहा ड्रोन 10 मई को 2000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ रहा था। उन्होंने बताया कि इसे लाहौर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना किया गया था और इसका लक्ष्य जालंधर था। उन्होंने कहा कि 10 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री ले जा रहे ड्रोन को भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने मार गिराया था। रिमोट से संचालित यह ड्रोन लक्ष्य से टकराते ही विस्फोट करने के मकसद से बनाया गया था।
मथुरा: यमुना एक्सप्रेसवे पर मंगलवार सुबह बड़ा हादसा हो गया. घने कोहरे की वजह से कई गाड़ियां आपस में टकरा गईं, जिससे गाड़ियों में भयंकर आग लग गई. हादसे में 4 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई है. जबकि 50 से ज्यादा लोग गंभीर तौर पर झुलसे और घायल हैं.
यह घटना मथुरा जिले के बलदेव थाना क्षेत्र में माइलस्टोन नंबर 127 के पास हुआ है. घने कोहरे की वजह से चार बसें और 1 कार की टक्कर हुई, जिसके बाद सभी गाड़ियों में भयंकर आग लग गई. हादसे की सूचना पर जिले के आलाधिकारी, फायर ब्रिगेड, पुलिस टीमें मौके पर पहुंची हैं.
जिलाधिकारी ने क्या बताया: जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे पर आज सुबह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी. इसमें 4 लोगों की जलने के कारण मौत हो गई और 25 लोग घायल हैं. घायलों को उपचार के लिए बलदेव समुदाय स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
Delhi AQI Today: दिल्ली वाले ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार झेल रहे हैं. प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. पिछले कई दिनों से प्रदूषण में कमी दर्ज की गई थी तो ऐसा लगा कि अब राहत की उम्मीद है लेकिन एक बार फिर पिछले 5 दिनों से वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 पार हो गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार सोमवार को भी दिल्ली में हवा की क्वालिटी काफी खराब रही. आज मंगलवार को भी एक्यूआई ज्यादातर इलाकों का 400 पार रहने की संभावना है.
तापमान की बात करें तो आज दिल्ली-एनसीआर में 10 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है. दिन की शुरुआत काफी ठंड के साथ हुई. IMD के मुताबिक, कोहरा और ठंड का असर जारी रहेगा. वहीं प्रदूषण का स्तर बेहद ऊंचा रहने वाला है. अभी फिलहाल, कुछ दिनों तक इससे राहत मिलने की उम्मीद कम है.
किस कैटेगरी में कितना AQI?
AQI को 6 कैटेगरी में बांटा गया है. जिसमें गंभीर (401-500), बहुत खराब (301-400), खराब (201-300), मध्यम प्रदूषित (101-200), संतोषजनक (51-100) और अच्छा (0-50) शामिल है. आप AQI के हिसाब से पता लगा सकते हैं कि आपके इलाके में किस कैटेगरी में AQI है. AQI 200 से ऊपर होने पर स्वास्थ्य पर असर पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.
मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली के मध्यप्रदेश भवन परिसर में 3 दिवसीय मध्यप्रदेश उत्सव का भोपाल से वर्चुअली किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वाराणसी प्रवास के दौरान सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन और पूजन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने काल भैरव मंदिर पहुंचकर भी पूजा-अर्चना की। इससे पूर्व रविवार की रात्रि वाराणसी पहुंचने पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव का जनप्रतिनिधियों ने आत्मीय स्वागत किया।