newscreation

newscreation

 

लॉर्ड्स :भारत और इंग्लैंड के बीच जारी पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के तीसरे मुकाबले का आगाज महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने बेल बजाकर किया। इस दौरान मेरीलिबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने उन्हें खास तोहफा दिया।

एमसीसी म्यूजियम में सचिन की तस्वीर का अनावरण

लॉर्ड्स टेस्ट से पहले मास्टर-ब्लास्टर ने एमसीसी म्यूजियम का दौरा किया। यहां उनकी पुरानी तस्वीरों का संग्रह था। सचिन ने अपनी विशेष तस्वीर का अनावरण किया। इसके बाद वह बेल रिंग सेरेमनी में शामिल हुए और बेल बजाकर मैच के आगाज का संदेश दिया।

इंग्लैंड ने जीता टॉस

लॉर्ड्स में तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया है। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने प्लेइंग-11 में एक बदलाव किया है। जोश टंग की जगह जोफ्रा आर्चर को जगह दी गई है। वहीं, भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने कहा कि वह टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनते। इसलिए फैसले का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। भारतीय टीम में भी एक बदलाव हुआ है। प्रसिद्ध कृष्णा की जगह जसप्रीत बुमराह आए हैं।

दोनों टीमें इस प्रकार हैं

भारत: शुभमन गिल (कप्तान), ऋषभ पंत (उपकप्तान और विकेटकीपर), यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, करुण नायर, नीतीश रेड्डी, रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, आकाश दीप।

इंग्लैंड: बेन स्टोक्स (कप्तान), जैक क्राउली, बेन डकेट, ओली पोप, जो रूट, हैरी ब्रूक, जेमी स्मिथ (विकेटकीपर), क्रिस वोक्स, ब्राइडन कार्स, जोफ्रा आर्चर, शोएब बशीर।

 

महान बल्लेबाजों में शुमार सुनील गावस्कर आज अपना 76वां जन्मदिन मना रहे हैं। गावस्कर ने भारत के लिए 16 वर्षों तक मुख्य बल्लेबाज की भूमिका निभाई। इस दौरान उन्होंने कई अहम और यादगार पारियां खेलीं। गावस्कर का नाम सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के महान क्रिकेटर्स की लिस्ट में शुमार है। गावस्कर ने अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किया था। वेस्टइंडीज के खिलाफ इस चार मैचों की टेस्ट सीरीज में गावस्कर ने चार शतक जड़े थे। इनमें से एक 220 रन की पारी भी थी। वहीं, उन्होंने तीन अर्धशतक भी जड़े। इस सीरीज से ही वह सुर्खियों में आ गए थे। आइए उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें जानते हैं...

टेस्ट मैचों में 10,000 रन पूरे करने वाले पहले खिलाड़ी

गावस्कर वह पहले खिलाड़ी थे जिन्होंने टेस्ट फॉर्मेट में 10 ह़जार रन का आंकड़ा छुआ था। मार्च 1987 में उन्होंने यह कीर्तिमान हासिल किया था। गावस्कर ने वेस्टइंडीज की बॉलिंग लाइन अप जिसमें माइकल होल्डिंग, एंडी रॉबर्ट्स, जोएल गार्नर, जेफ थॉम्पसन जैसे नाम शुमार थे, उनके खिलाफ खूब रन बनाए थे। गावस्कर ने संन्यास लेने से पहले टेस्ट में कुल 10,122 रन बनाए।

गावस्कर के नाम 34 टेस्ट शतक

टेस्ट में 10 हजार रन बनाने के अलावा गावस्कर ऐसे पहले खिलाड़ी भी थे जिन्होंने क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में सबसे ज्यादा शतक लगाए थे। गावस्कर ने अपने करियर की 125 टेस्ट पारियों में 34 शतक लगाए थे। लंबे समय से यह रिकॉर्ड किसी भी खिलाड़ी से कोसों दूर रहा था, लेकिन साल 2005 में भारत क्रिकेट के एक और महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया था। भारत के लिए टेस्ट में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में गावस्कर, सचिन और द्रविड़ के बाद तीसरे स्थान पर हैं।

वेस्टइंडीज के खिलाफ गावस्कर के रिकॉर्ड

वेस्टइंडीज की टीम गावस्कर के समय सबसे खतरनाक टीम मानी जाती थी। उनकी इस उपलब्धि का मुख्य कारण उनके तेज गेंदबाज थे। उस समय वेस्टइंडीज की इतनी साख होने के बावजूद गावस्कर हमेशा ही उनके खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते थे। गावस्कर ने 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी पहली ही सीरीज में 774 रन जड़ दिए थे और टीम इंडिया की 1-0 से सीरीज (4 मैचों की) जीत में अहम भूमिका निभाई थी। 774 रन किसी भी डेब्यू सीरीज में किसी भी बल्लेबाज द्वारा बनाए गए सबसे ज्यादा रन हैं। यहां तक की गावस्कर के नाम वेस्टइंडीज के खिलाफ सबसे ज्यादा टेस्ट शतक का भी रिकॉर्ड है। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 27 टेस्ट में 13 शतक लगाए हैं।

बेहतरीन फील्डर

ज्यादातर लोग गावस्कर को उनकी शानदार बल्लेबाजी के लिए जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि वह एक बेहतरीन फील्डर भी थे। विकेटकीपर को छोड़ दें तो गावस्कर ऐसे पहले भारतीय खिलाड़ी थे जिन्होंने टेस्ट मैचों में कैच का शतक पूरा किया था। गावस्कर ने अपने टेस्ट करियर में कुल 108 कैच पकड़े।

विश्व कप 1983 और विश्व चैंपियनशिप 1984-85 में चैंपियन

गावस्कर 1983 में विश्व कप विजेता जीतने वाली टीम के अहम सदस्य थे। विश्व कप के बाद साल 1984-85 में हुए बेंसन एंड हेजेज वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ क्रिकेट में भारतीय टीम का नेतृत्व कर रहे सुनील गावस्कर ने भारत को चैंपियन बनाया था। हालांकि, हैरानी की बात यह रही कि दोनों ही टूर्नामेंट में गावस्कर का बल्ला शांत रहा था। फिलहाल गावस्कर कमेंट्री पैनल का हिस्सा हैं।

 

आयरलैंड के ऑलराउंडर कर्टिस कैंफर ने गुरुवार को इतिहास रच दिया। वह पुरुषों के पेशेवर क्रिकेट में लगातार पांच गेंदों पर पांच विकेट झटकने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। कैंफर ने इंटर-प्रोविंशियल टी20 ट्रॉफी में नॉर्थ-वेस्ट वॉरियर्स के खिलाफ मुंस्टर रेड्स के लिए खेलते हुए यह उपलब्धि हासिल की। उन्होंने 2.3 ओवर में 16 रन देकर पांच विकेट झटके।

कैंफर ने अपने दूसरे और तीसरे ओवर में किया कमाल

कैंफर ने अपने दूसरे ओवर की आखिरी दो गेंद और तीसरे ओवर की शुरुआती तीन गेंद पर लगातार पांच विकेट लिए। 189 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक वक्त वॉरियर्स का स्कोर 87 रन पर पांच विकेट था। इसके बाद पूरी टीम 88 रन पर सिमट गई। ईएसपीएन के मुताबिक, कैंफर ने पारी के 12वें ओवर की पांचवीं गेंद पर जेरेड विल्सन को क्लीन बोल्ड किया। फिर आखिरी गेंद पर ग्राहम ह्यूम को एल्बीडब्ल्यू आउट किया।

अपने अगले ओवर यानी अपने तीसरे और पारी के 14वें ओवर में की पहली गेंद पर कैंफर ने हैट्रिक पूरा किया। उन्होंने एंडी मैकब्राइन का विकेट हासिल किया। कैंफर ने उन्हें डीप मिडविकेट पर कैच कराया। इसके बाद ओवर की दूसरी गेंद पर कैंफर ने रॉबी मिलर को विकेटकीपर के हाथों कैच कराया। फिर तीसरी गेंद पर जोश विल्सन को क्लीन बोल्ड कर लगातार पांच गेंदों में पांच विकेट झटकने की खास उपलब्धि हासिल की।

कैंफर चार गेंद में झटक चुके हैं चार विकेट

कैंफर पहले ही टी20 अंतरराष्ट्रीय में चार गेंदों में चार विकेट हासिल कर चुके हैं। हालांकि, पुरुष और महिला क्रिकेट को मिला दें तो कैंफर यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले खिलाड़ी नहीं हैं। उनसे पहले जिम्बाब्वे की महिला खिलाड़ी केलिस निधलोवु ने साल 2024 में घरेलू टी20 टूर्नामेंट में जिम्बाब्वे अंडर-19 के लिए खेलते हुए ईगल्स विमेंस के खिलाफ ऐसा ही किया था।

आयरलैंड के लिए कैंफर का टी20 करियर

आयरलैंड के लिए 61 टी20 की 52 पारियों में कैंफर ने अब तक 125.37 के स्ट्राइक रेट से 924 रन बनाए हैं। इनमें तीन अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने टी20 में 31 विकेट भी लिए हैं। 25 रन देकर चार विकेट उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी है। मैच के बाद कैंफर ने कहा, 'ओवर बदलने की वजह से मुझे सच में समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है। मैं बस अपनी लाइन लेंथ पर टिका रहा और चीजों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और खुशकिस्मती से अच्छी गेंदबाजी कर पाया।'

छठा विकेट भी ले लेते कैंफर? पढ़ें उनका जवाब

जब उनसे पूछा गया कि अगर कोई और बल्लेबाज मैदान पर आता तो क्या वह छठा विकेट भी ले लेते? इस पर कैंफर ने कहा, 'नहीं, मुझे नहीं लगता। रिकॉर्ड्स ऐसे ही होते हैं। अच्छा-बुरा दोनों ही स्वीकार करो।' अंगुली की चोट के कारण वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे और टी20 सीरीज से बाहर होने के बाद यह कैंफर का दूसरा मैच था। मंगलवार को लेइनस्टर लाइटनिंग के खिलाफ अपने वापसी मैच में उन्होंने 35 गेंदों पर 57 रन बनाए थे, लेकिन गेंदबाजी नहीं की थी। गुरुवार को लगातार पांच विकेट लेने से पहले उन्होंने 24 गेंदों पर 44 रन बनाए थे।

 

 

भारत सरकार स्वास्थ्य बीमा दावों को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बढ़ती लागत पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने की योजना बना रही है। सरकार की योजना है कि मौजूदा नेशनल हेल्थ क्लेम्स एक्सचेंज पोर्टल को वित्त मंत्रालय और बीमा नियामक संस्था IRDAI (भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण) के अधीन लाया जाए। बता दें कि अभी यह पोर्टल स्वास्थ्य मंत्रालय की National Health Authority के अंतर्गत आता है।

अस्पतालों में बीमा कवरेज वाले मरीजों से अधिक पैसे लिए जा रहे हैं

समाचार एजेंसी रॉयटर्स पर सरकारी सूत्रों के हवाले से प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, बीमा नियामक संस्था और सरकार ने कई विश्लेषण किए हैं। इसमें यह पाया गया है कि कई निजी अस्पताल बीमा कराने वाले मरीजों से अत्यधिक पैसा वसूल रहे हैं। जिन मरीजों के पास लाखों या करोड़ों रुपये के बीमा कवरेज हैं, उनसे और अधिक पैसे लिए जा रहे हैं। इसका सीधा असर बीमा कंपनियों की लागत पर पड़ रहा है। इस कारण कंपनियां प्रीमियम की दरें बढ़ा रही हैं। इससे कई लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा लेना महंगा या लगभग असंभव हो गया है।

सरकार अब नकेल कसने की कवायद कर रही है

इस रिपोर्ट में एक ग्लोबल मेडिकल ट्रेंड का भी जिक्र किया गया है। इसके मुताबिक, भारत में स्वास्थ्य सेवा की लागत 2025 में 13% तक बढ़ने का अनुमान है, जो वैश्विक औसत 10 फीसदी से अधिक है। अस्पतालों की लागत 2024 में दर्ज की गई 12 फीसदी से भी अधिक पाई गई है, जिसके बाद केंद्र सरकार अब नकेल कसने की कवायद कर रही है।

बीमा प्रीमियम की बढ़ती लागत चिंताजनक

खबर के मुताबिक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि देश में स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम से होने वाली वार्षिक आय भी कम हुई है। वित्त वर्ष 2024-25 में वृद्धि दर घटकर 9% रह गई है, जबकि पहले यह 20 फीसदी से अधिक थी। बीमा प्रीमियम की बढ़ती लागत के कारण लोग अपनी पॉलिसी का नवीनीकरण नहीं करा पा रहे हैं।

बीमा के दावों से जुड़े पोर्टल की निगरानी वित्त मंत्रालय और बीमा नियामक के अधीन

तमाम पहलुओं के विश्लेषण के बाद सरकार का मानना है कि अगर बीमा के दावों से जुड़े पोर्टल की निगरानी वित्त मंत्रालय और बीमा नियामक के अधीन लाई जाती है, तो बीमा कंपनियां मिलकर अस्पतालों के साथ दरें तय करने में सक्षम होंगी। इससे अनावश्यक खर्च और ओवरचार्जिंग पर नकेल कसी जा सकेगी। सरकार का मकसद स्वास्थ्य बीमा प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सुलभ और किफायती बनाना है।

भारत सरकार की तरफ से आधिकारिक बयान का इंतजार

यह भी दिलचस्प है कि स्वास्थ्य और वित्त मंत्रालयों की तरफ से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, अगर सरकार यह पहल करती है तो देश में आसमान छूते जा रही अस्पताल के खर्चों और स्वास्थ्य लागत पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा। साथ ही बीमा के गिरते कवरेज को नियंत्रित करने में भी मदद मिल सकती है।

 

इरेडा के जारी बॉन्ड में निवेश पर कर छूट दी जाएगी। इससे नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अधिक निवेश मिल सकेगा। कंपनी ने बताया, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने बॉन्ड को दीर्घकालिक विशिष्ट परिसंपत्ति के रूप में अधिसूचित किया है। पांच वर्षों के बाद भुनाए जाने वाले और अधिसूचना तिथि या उसके बाद इरेडा के जारी बॉन्ड आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 54ईसी के अंतर्गत कर छूट लाभ के लिए पात्र होंगे। पात्र निवेशक एक वित्त वर्ष में इस बॉन्ड में निवेश करके 50 लाख रुपये तक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) पर कर बचा सकते हैं।

अनिल अंबानी पर लगा धोखाधड़ी टैग वापस

अनिल अंबानी को केनरा बैंक से राहत मिली है। बैंक ने उनके कर्ज के खाते पर लगा धोखाधड़ी का टैग वापस ले लिया है। नवंबर, 2024 में केनरा बैंक ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस टेलीकॉम के कर्ज खातों को धोखाधड़ी वाला घोषित किया था। बैंक का आरोप था कि कंपनी ने लोन की रकम का दुरुपयोग किया।

सरकारी तेल कंपनियों को मिल सकती है 35,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी

लागत से कम कीमत पर एलपीजी बेचने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकारी तेल कंपनियों को 30,000 से 35,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिल सकती है। तीन प्रमुख कंपनियां इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम व हिंदुस्तान पेट्रोलियम पिछले 15 महीने से लागत से कम भाव पर ईंधन बेच रही हैं। वित्त मंत्रालय वास्तविक घाटे और उसकी भरपाई पर काम कर रहा है। सरकार ने बजट में घाटे की भरपाई के लिए कोई प्रावधान नहीं किया। हालांकि, अप्रैल में सरकार ने 32,000 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया था। इसका उपयोग वित्त मंत्रालय एलपीजी की कम वसूली की भरपाई के लिए कर सकता है। 2024-25 में उद्योग को एलपीजी की बिक्री पर कुल नुकसान 40,500 करोड़ होने का अनुमान है। शुल्क वृद्धि के साथ खुदरा रसोई गैस के 14.2 किलो वाले सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई।

8.35 लाख करोड़ की बन सकती है हर कंपनी

अमेरिकी शॉर्ट सेलर वाइसरॉय रिसर्च के आरोपों के बीच वेदांता लि. के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा, कंपनी का आकार दोगुना करने के लिए 3डी रणनीति यानी डिमर्जर, विविधीकरण और डी-लिवरेजिंग बनाई गई है। डिमर्जर के बाद हर कारोबार 8.35 लाख करोड़ रुपये का हो सकता है। वेदांता की आर्थिक स्थिति मजबूत है।

टीसीएस देगी 11 रुपये का लाभांश, मुनाफा 6% बढ़ा

टाटा समूह की टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानी टीसीएस को 2025-26 की पहली तिमाही में 12,760 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है। 2023-24 की समान तिमाही के 12,040 करोड़ रुपये की तुलना में यह लाभ 5.98 फीसदी बढ़ा है। कंपनी ने प्रति शेयर 11 रुपये लाभांश देने की घोषणा की है। अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी ने संचालन से 63,437 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया। सालाना आधार पर यह 1.31% कम है। परिणाम से पहले कंपनी का शेयर मामूली गिरकर 3,382.30 रुपये पर बंद हुआ। बीते छह महीने में शेयर 20.41 फीसदी, एक साल में 13.15% और इस साल यानी एक जनवरी से अब तक 17.45 फीसदी गिरा है। कर्मचारियों की संख्या 6,000 बढ़कर 6,13,069 हो गई है।

 

 

हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) ने गुरुवार को बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि प्रिया नायर को कंपनी की नई सीईओ और एमडी नियुक्त किया गया है। नायर 1 अगस्त 2025 से यह जिम्मेदारी संभालेंगी और इस पद पर पहुंचने वाली एचयूएल की पहली महिला होंगी। प्रिया नायर फिलहाल यूनिलीवर की प्रेसिडेंट ब्यूटी एंड वेलबीइंग हैं। इसको लेकर एचयूएल ने बताया कि उन्हें पांच साल के कार्यकाल के लिए यह पद सौंपा गया है।

बता दें कि प्रिया नायर मौजूदा सीईओ और एमडी रोहित जावा की जगह लेंगी, जो 31 जुलाई 2025 को पद छोड़ देंगे। रोहित जावा ने 2023 में एचयूएल की कमान संभाली थी और अपने कार्यकाल में कंपनी को कठिन बाजार हालातों में भी आगे बढ़ाया।

एचयूएल बोर्ड में भी होंगी शामिल

एचयूएल ने यह भी बताया कि प्रिया नायर को जरूरी मंजूरी मिलने के बाद एचयूएल के बोर्ड में भी शामिल किया जाएगा। साथ ही वे यूनिलीवर लीडरशिप एग्जीक्यूटिव (यूएलई) की सदस्य बनी रहेंगी। देखा जाए तो यह कदम भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है और एचयूएल के इतिहास में एक अहम बदलाव माना जा रहा है।

प्रिया नायर का एचयूएल में कैसा रहा सफर?

वहीं बात अगर एचयूएल में प्रिया नायर के सफर की करें तो, नायर ने 1995 में एचयूएल से करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने सेल्स और मार्केटिंग से जुड़े कई अहम पदों पर काम किया। 2014 से 2020 तक वे हेम केयर की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहीं, 2020 से 2022 तक ब्यूटी और पर्सनल केयर की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहीं। इसके बाद वे यूनिलीवर में ग्लोबल चीफ मार्केटिंग ऑफिसर बनी और 2023 से वे ब्यूटी एंड वेलबीइंग यूनिट की प्रेसिडेंट हैं।

एचयूएल चेयरमैन नितिन परांजपे ने की सराहना

वहीं प्रिया नायर के कंपनी की नई सीईओ और एमडी बनने की घोषणा की एचयूएल के चेयरमैन नितिन परांजपे ने सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रिया ने यूनिलीवर और एचयूएल में शानदार काम किया है। उन्हें भारत के बाजार की गहरी समझ है और उनके नेतृत्व में एचयूएल नई ऊंचाइयों को छुएगा।

 

 

दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी अपने नए शिखर को पर पहुंच गया है। गुरुवार को एक क्रिप्टोकरेंसी 118062.60 डॉलर के भाव पर कारोबार करता दिखा और अपने पिछले हाई 117000 डॉलर को पार कर गया। भारतीय रुपये में एक बिटकॉइन की कीमत करोड़ से अधिक करीब 10136974.07 रुपये हो गई है।

क्या है बिटकॉइन की कीमतों में उछाल का कारण?

दुनिया की सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमतों में उछाल निवेशकों के निरंतर आशावाद और बढ़ती संस्थागत रुचि के कारण आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों ने भी क्रिप्टोकरेंसी की मजबूती में योगदान दिया है। जैसे-जैसे क्रिप्टो बाजार 2025 की दूसरी छमाही में प्रवेश कर रहा है, निवेशकों का ध्यान प्रमुख मैक्रो संकेतकों पर केंद्रित हो रहा है। आगामी अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े और फेड के फैसले क्रिप्टोकरेंसी बाजार में रुझानों को नई दिशा देंगे। फिलहाल, निवेशकों के बीच आशावाद का माहौल है।

 

 

 

पटना। बिहार में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत जोरों पर है। बीते बुधवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध में महागठबंधन ने बिहार बंद का आह्वान किया था। संसद में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस नेता राहुल गांधी व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व राजद नेता तेजस्वी यादव बिहार बंद के मार्च का नेतृत्व कर रहे थे। दोनों नेता जिस गाड़ी में सवार थे, उस पर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और निर्दलीय सांसद पप्पू यादव भी चढ़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें चढ़ने नहीं दिया गया। इस पर अब चुनावी रणनीतिकार एवं जनसुराज के नेता प्रशांत किशोर का बयान आया है। पीके ने कहा कि राजद कन्हैया कुमार से डरती है।
पीके ने कहा कि कन्हैया कुमार और उनके जैसे युवा नेताओं से राजद (राजद) के नेतृत्व और खासकर लालू परिवार को डर लगा रहता है। वे उन्हें आगे नहीं आने देना चाहते हैं। राजद को लगता है कि यदि कन्हैया जैसे युवा नेता बिहार की राजनीति में आगे आएंगे, तब तेजस्वी का क्या होगा। राष्ट्रीय जनता दल कभी नहीं चाहती है कि कन्हैया जैसा प्रभावशाली नेता कांग्रेस में सक्रिय रहे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बिहार में राजद की पिछलगू पार्टी है। कांग्रेस बिहार के अंदर वहीं करती है, जो राजद नेतृत्व की ओर से आदेश मिलता है। प्रशांत किशोर ने कहा कि कन्हैया बिहार कांग्रेस में सबसे अधिक प्रतिभावान हैं। कांग्रेस यदि इन नेताओं का इस्तेमाल नहीं करती है, तब यह दिखाता है कि वह बिहार में राजद की पिछलग्गू पार्टी है।
दरअसल, प्रशांत किशोर की पूरी कवायद यही है कि वह मौके को भुनाकर कन्हैया कुमार को अपने पाले में कर लें। अगर वाकई में पीके इसमें कामयाब होते हैं, तब बिहार की राजनीति में भूकंप के झटके के समान होगा।
कहा जाता है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, कन्हैया कुमार की खूबियों से वाकिफ है। लालू नहीं चाहते हैं कि कन्हैया बिहार में पैर जमाए। छात्र राजनीति के दौरान कन्हैया जब जेल से छूटे थे, तब बिहार लौटते ही उन्होंने लालू यादव से मुलाकात की थी। कन्हैया ने लालू यादव का पैर छूकर आशीर्वाद लेने की कोशिश की। इसके बावजूद भी 2019 के लोकसभा चुनाव में कन्हैया को राजद का समर्थन नहीं मिला। कन्हैया तब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरे थे, उन्होंने राजद और लालू यादव से समर्थन की उम्मीद भी जाहिर की थी, लेकिन राजद ने वहां अपना प्रत्याशी उतार दिया था।
इसके बाद कन्हैया जब कांग्रेस में शामिल हुए, फिर से कयास लगाया जाने लगा कि वे बेगूसराय से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन इस बार भी राजद की तरफ से उनके खिलाफ वीटो लगा दिया गया। इस कारण कन्हैया को 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस ने बीजेपी नेता मनोज तिवारी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा।
प्रशांत किशोर ने वोटर लिस्ट पुनरीक्षण मामले में बयान दिया है। पीके ने कहा कि वोटर लिस्ट के विरोध में बहुत से लोग हैं। अभी एक साल पहले ही लोकसभा चुनाव हुआ है। चुनाव आयोग ने ही वोटर लिस्ट बनाया। आखिर एक साल के भीतर बिहार में ऐसा क्या हुआ कि पूरे लिस्ट में पुनरीक्षण की जरूरत आ गई है। उन्होंने कहा कि हमारी यही मांग है कि 2024 में लोकसभा चुनाव के लिए जिस लिस्ट का इस्तेमाल हुआ है उसी का इस्तेमाल यहां भी होना चाहिए।

 

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने आपातकाल पर सवाल उठाए हैं। हाल ही में एक लेख में उन्होंने दिवंगत पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र हल्के में ली जाने वाली चीज नहीं है। खास बात है कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ विदेश गए थरूर पीएम मोदी की तारीफ को लेकर भी कांग्रेस नेताओं के निशाने पर आ गए थे।
एक मलयालम समाचार में गुरुवार को आपातकाल पर प्रकाशित एक लेख में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य शशि थरुर ने 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल के काले दौर को याद किया और कहा कि अनुशासन और व्यवस्था के लिए किए गए प्रयास अक्सर क्रूरतापूर्ण कृत्यों में बदल जाते हैं जिन्हें उचित नहीं ठहराया जा सकता था।
थरुर ने लिखा- इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी ने जबरन नसबंदी अभियान चलाया जो इसका एक संगीन उदाहरण बन गया। पिछड़े ग्रामीण इलाकों में मनमाने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए हिंसा और बल का इस्तेमाल किया गया। नई दिल्ली जैसे शहरों में झुग्गियों का सफाया कर दिया गया। हजारों लोग बेघर हो गए। उनके कल्याण पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे हल्के में लिया जाए, यह एक अनमोल विरासत है जिसे निरंतर पोषित और संरक्षित किया जाना चाहिए। थरूर ने कहा कि यह सभी को हमेशा याद दिलाता रहे।
थरूर के मुताबिक आज का भारत 1975 का भारत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम ज्यादा आत्मविश्वासी, ज्यादा विकसित और कई मायनों में ज्यादा मजबूत लोकतंत्र हैं। फिर भी, आपातकाल के सबक चिंताजनक रूप से प्रासंगिक बने हुए हैं। थरूर ने चेतावनी दी कि सत्ता को केंद्रीकृत करने, असहमति को दबाने और संवैधानिक रक्षात्मक उपायों को दरकिनार करने की प्रवृत्ति कई रूपों में फिर से उभर सकती है। उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसी प्रवृत्तियों को राष्ट्रीय हित या स्थिरता के नाम पर उचित ठहराया जा सकता है। इस लिहाज से आपातकाल एक कड़ी चेतावनी है। लोकतंत्र के प्रहरियों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए।

 

बेगूसराय। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा संविधान की किताब दिखाए जाने पर गिरिराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी खुद एक डमी हैं। उनके पास संविधान की एक डमी किताब है। पीएम मोदी संविधान की रक्षा कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। हमारा उद्देश्य ऐसे डमी लोगों से छुटकारा दिलाना है।
गिरिराज सिंह ने कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और पूर्णिया सांसद पप्पू यादव को राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की गाड़ी पर चढ़ने से रोके जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि सामाजिक जीवन में इससे बड़ा अपमान और कुछ नहीं हो सकता। अब तक सामाजिक मान्यता यही थी कि ये लोग राज्य के बड़े नेता हैं, लेकिन राहुल गांधी और तेजस्वी ने इन दोनों नेताओं का अपमान किया है।
बता दें राहुल गांधी बुधवार को बिहार के दौरे पर थे। इस दौरान राहुल गांधी ने महागठबंधन की ओर से आयोजित विरोध रैली में शिरकत की। ‘बिहार बंद’ के दौरान पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार को राहुल गांधी की गाड़ी पर चढ़ने से रोक दिया गया। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद सांसद पप्पू यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमें वाहन पर चढ़ने नहीं दिया गया, अंदर सभी लोग कांग्रेस से थे। यह मेरी जिंदगी की लड़ाई है, मेरे समाज की लड़ाई है। यह संविधान की रक्षा और अल्पसंख्यकों के दर्जे की लड़ाई है। इसमें सम्मान और अपमान की क्या बात है? कहीं कोई अपमान की बात नहीं है, हम लोगों का संबंध सीधे मतदाताओं से है।

Page 8 of 5929
  • R.O.NO.13286/69 "
  • R.O.NO. 13259/63 " A

Ads

R.O.NO. 13286/69

MP info RSS Feed

फेसबुक