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कोलकाता। पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के साथ तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने कोलकाता के लेक टाउन इलाके में शुक्रवार को ‘चा चक्रा’ कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर धक्का-मुक्की की। भाजपा के एक नेता ने दावा किया कि घोष पार्टी समर्थकों के साथ इलाके में स्थानीय लोगों से ‘चाय पर चर्चा’ करने गए थे कि तभी तृणमूल कार्यकर्ता वहां पहुंच गए और ‘वापस जाओ’ के नारे लगाने लगे तथा घोष से तुरंत इलाका छोड़ने को कहा। इस दौरान दोनों पक्षों में हुई झड़प में दो भाजपा कार्यकर्ता घायल हो गए।

घोष के साथ भी धक्का-मुक्की की गई। घोष ने कहा, ‘‘घटना तृणमूल कांग्रेस की संस्कृति दिखाती है। मैं यहां लोगों से केवल अनौपचारिक संवाद करने आया था और तृणमूल की प्रतिक्रिया देखिए। हमारे कुछ कार्यकर्ताओं को बुरी तरह पीटा गया।’’ इस पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के विधायक और राज्य सरकार में मंत्री सुजीत बोस ने कहा कि लेक टाउन में भाजपा इलाके की शांति भंग करना चाहती है जहां घोष और भाजपा कार्यकर्ताओं का विरोध हुआ था। गौरतलब कि तृणमूल कांग्रेस के जनसंपर्क अभियान ‘दीदी के बोलो’ (दीदी से कहो) के जवाब में भाजपा ने ‘चा चक्रा’ (चाय पर चर्चा) अभियान शुरू किया है।

 

नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की हिरासत अवधि तीन दिन के लिए बढ़ा दी। वह दो सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में रहेंगे।  सीबीआई ने इस मामले में अदालत से हिरासत अवधि पांच दिन के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया था। विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने हिरासत अवधि बढ़ाने का आदेश पारित किया।चिदंबरम को उनकी चार दिनों की सीबीआई हिरासत समाप्त होने के बाद विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ के समक्ष पेश किया गया। चिदंबरम (73) को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था और अगले दिन उन्हें अदालत में पेश किया गया था। उसके बाद से वह सीबीआई हिरासत में हैं।

 

 21 अगस्त की रात चिदंबरम को गिरफ्तार किए जाने के बाद उनसे आठ दिन हिरासत में पूछताछ की जा चुकी है।चिदंबरम के पुत्र कार्ति भी अदालत में मौजूद हैं। सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) के एम नटराज ने कहा कि चिदंबरम से आंशिक रूप से पूछताछ की गयी है और उन्हें दस्तावेज दिखाने हैं। न्यायाधीश ने सीबीआई से सवाल किया कि उसे क्यों चिदंरबम से पांच दिन और पूछताछ करने की जरूरत है। उन्होंने केस डायरी भी दिखाने को कहा। जब एएसजी ने उनसे कहा कि काफी दस्तावेज हैं तो न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आप दस्तावेजों की संख्या से अवगत थे, आपने पहली बार सिर्फ पांच दिनों की हिरासत अवधि की ही क्यों मांग की, दूसरी बार भी आपने सिर्फ पांच दिन ही मांगा। यह रूख क्यों।’’
नटराज ने जवाब दिया कि यह इस बात पर निर्भर था कि चिदंबरम सवालों का जवाब किस प्रकार देते हैं। न्यायाधीश ने केस डायरी पर गौर करने के बाद कहा कि आपने हिरासत में पूछताछ के लिए जो आधार दिया है, वह अस्पष्ट है। अदालत ने कहा कि सीबीआई को हिरासत में पूछताछ के लिए पहली बार में ही 15 दिनों की मांग करनी चाहिए थी।

कश्मीर घाटी की मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की सुरक्षा स्थिति और तैयारियों की समीक्षा करने के लिए आज सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत श्रीनगर का दौरा कर रहे हैं। राज्य से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद सेना प्रमुख की पहली यात्रा होगी। इससे पहले एनएसए अजीत डोभाल और केंद्र के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी राज्य का दौरा किया है। आज के अपने दौरे से सेना प्रमुख राज्य की जमीनी स्तर पर सुरक्षा का जायजा लेंगे। 

 

 सेना प्रमुख बिपिन रावत का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब राज्य से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और हर रोज आंतक फैलाने की कोशिश कर रहा है। सेना प्रमुख के दौरे से पहले पाक ने आज सीजफायर का उल्लंघन किया। गुरुवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह लद्दाक दौरे पर थे।  

नई दिल्ली। अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का आज 16वां दिन है। सुनवाई के दौरान वकील अपनी-अपनी दलीलें जजों की बेंच के सामने रख रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। श्री रामजन्म भूमि पुनरुत्थान समिति के वकील पीएन मिश्रा द्वारा कोर्ट में पेश दलीलों के बाद हिंदू महासभा के वकील हरिशंकर जैन ने अपनी बातें रखीं। हिंदू महासभा की ओर से पेश वकील हरिशंकर जैन ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी दलीलें कोर्ट में रखीं। हिंदू महासभा के वकील हरिशंकर जैन ने कोर्ट में कहा कि ये जगह शुरू से हिंदुओं के अधिकार में रही है। आज़ादी के बाद भी हमारे अधिकार भी सीमित क्यों रहें? सुनवाई के दौरान शिया वक्फ बोर्ड के काउंसल ने बहस की अपील की। उन्होंने कहा कि वह हिंदू पक्ष का समर्थन करते हैं और अपनी बात अदालत में रखना चाहते हैं। लेकिन चीफ जस्टिस ने उन्हें कहा कि आप बैठ जाइए। गौरतलब है कि शिया वक्फ बोर्ड इस केस में कोई पार्टी नहीं है।

इससे पहले श्री रामजन्म भूमि पुनरुत्थान समिति के वकील पीएन मिश्रा ने अदालत में कहा कि हिंदू सदियों से वहां पूजा करते आ रहे हैं, ऐसे में मुसलमानों का कब्जा वहां पर नहीं रहा। वो इमारत हमारे कब्जे में थे, मुसलमान शासक होने की वजह से वहां पर जबरन नमाज़ की जाती थी। पीएन मिश्रा ने कोर्ट में कहा कि 1856 से पहले वहां कोई नमाज नहीं होती थी, 1934 तक वहां सिर्फ जुमे की नमाज़ होती रही है। पीएन मिश्रा ने कहा, 'बाबर के वंशज किसी इमारत के मालिक हो सकते हैं लेकिन वह इमारत मस्जिद नहीं हो सकती. हिंदू सदियों से वहां पूजा करते रहे लेकिन मुसलमानों का अकेले कब्जा कभी नहीं रहा.वह इमारत हमारे कब्जे में थी. मुसलमान शासक होने की वजह से जबरन वहां नमाज़ अदा करते थे। वकील पीएन मिश्रा ने बताया कि आखिरी बार 16 दिसंबर 1949 को वहां नमाज़ अदा की गई, इसके बाद ही दंगे हुए और प्रशासन ने नमाज़ बंद करा दी। 

 


नयी दिल्ली। सरकार ने दो केंद्रशासित प्रदेशों-जम्मू कश्मीर और लद्दाख- में विकास, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को देखने के लिए बुधवार को एक मंत्री समूह (जीओएम) का गठन किया।जम्मू कश्मीर और लद्दाख, केंद्रशासित प्रदेशों के रूप में 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएंगे।केंद्र ने गत पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म कर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों-जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने का फैसला किया था। सरकार के सूत्रों ने बताया कि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री जितेंद्र सिंह और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस समूह में शामिल हैं। समूह जम्मू कश्मीर से संबंधित मुद्दों को देखेगा। सूत्रों ने कहा कि मंत्री समूह दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में उठाए जाने वाले विभिन्न विकास, आर्थिक और सामाजिक कदमों के बारे में सुझाव देगा। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून 2019 के तहत दो केंद्रशासित प्रदेश-जम्मू कश्मीर और लद्दाख-31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएंगे। संसद ने इस महीने कानून को मंजूरी दी थी। सूत्रों ने बताया कि जीओएम की पहली बैठक सितंबर के पहले सप्ताह में होगी।जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने और वहां जल्द से जल्द स्थिति को सामान्य बनाने के तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए गत मंगलवार को कम से कम 15 केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सचिवों ने बैठक की थी।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बैठक में स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य बनाने के लिए जम्मू कश्मीर में केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन और शुरू की जाने वाली पहलों का आकलन किया गया। अधिकारी ने कहा कि मंगलवार की बैठक में दोनों प्रदेशों में संपत्ति और श्रमशक्ति के बंटवारे और विकास कार्यक्रमों को लेकर प्रमुखता से चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि दोनों प्रदेशों, खासकर लद्दाख क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं के भंडारण के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर भी चर्चा की गई। 

 

दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ ने की घोषणा
दिल्ली। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने फिरोज शाह कोटला स्टेडियम का नाम पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के नाम पर रखने का फैसला किया। जेटली का निधन शनिवार को दिल्ली एम्स में हो गया था। वे डीडीसीए के पूर्व अध्यक्ष थे। स्टेडियम का नाम अब अरुण जेटली स्टेडियम होगा। हालांकि, ग्राउंड का नाम फिरोज शाह कोटला ही रहेगा।  कद्दावर नेता अरूण जेटली के निधन पर सभी दुखी है। जेटली के निधन के समय देश के प्रधानमंत्री विदेश दौरे पर थे। वापस आने पर वे जेटली के परिवार से मिले और अब उन्होंने यह फैसला लिया है। इसके नामकरण के लिए 12 सितंबर को एक कार्यक्रम होगा। इस दौरान स्टेडियम के एक स्टैंड का नाम भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली के नाम पर रखा जाएगा। इसकी घोषणा पहले ही कर दी गई थी। कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह और खेल मंत्री किरण रिजिजू शामिल होंगे।
डीडीसीए अध्यक्ष रजत शर्मा ने कहा, ''अरुण जेटली के सहयोग और प्रोत्साहन से विराट कोहली, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, आशीष नेहरा, ऋषभ पंत और कई अन्य खिलाड़ी भारत के लिए खेले। वे आगे बढ़े और देश का गौरव बढ़ाया।ÓÓ जेटली जब अध्यक्ष थे तब स्टेडियम का आधुनिकीकरण किया गया था। दर्शक क्षमता को भी बढ़ाया गया था। उन्होंने विश्वस्तरीय ड्रेसिंग रूम भी बनवाया था।

डीडीसीए अध्यक्ष रजत शर्मा ने कहा, ‘‘वह अरुण जेटली का सहयोग और प्रोत्साहन था जो कि विराट कोहली, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, आशीष नेहरा, ऋषभ पंत और कई अन्य खिलाड़ियों ने भारत को गौरवान्वित किया। ’’जेटली को स्टेडियम को आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाने और दर्शक क्षमता बढ़ाने के साथ विश्वस्तरीय ड्रेसिंग रूम बनवाने का श्रेय जाता है

नयी दिल्ली। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने मंगलवार को फिरोजशाह कोटला स्टेडियम का नाम अपने पूर्व अध्यक्ष अरुण जेटली के नाम पर रखने का फैसला किया जिनका शनिवार को निधन हो गया था।  इस स्टेडियम को अब अरुण जेटली स्टेडियम के नाम से जाना जाएगा। इसका नया नामकरण 12 सितंबर को एक समारोह में किया जाएगा। इसमें एक स्टैंड का नाम भारतीय कप्तान विराट कोहली के नाम पर भी रखा जाएगा जिसकी पूर्व में घोषणा की गयी थी।  डीडीसीए अध्यक्ष रजत शर्मा ने कहा, ‘‘वह अरुण जेटली का सहयोग और प्रोत्साहन था जो कि विराट कोहली, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, आशीष नेहरा, ऋषभ पंत और कई अन्य खिलाड़ियों ने भारत को गौरवान्वित किया। ’’जेटली को स्टेडियम को आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाने और दर्शक क्षमता बढ़ाने के साथ विश्वस्तरीय ड्रेसिंग रूम बनवाने का श्रेय जाता है।  समारोह जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में होगा जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और खेल मंत्री कीरेन रीजीजू भी हिस्सा लेंगे। 

नई दिल्ली। अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का आज 13वां दिन है। सुनवाई के दौरान वकील अपनी-अपनी दलीलें जजों की बेंच के सामने रख रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। सोमवार को 12वें दिन की सुनवाई में निर्मोही अखाड़ा की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील सुशील जैन ने अदालत को बताया था कि हम देवस्थान का प्रबंधन करते हैं और पूजा का अधिकार चाहते हैं तथा जन्मस्थान का पजेशन न तो देवता के नेक्स्ट फ्रेंड को दिया जा सकता है न ही किसी पुजारी को।

यह काम सिर्फ जन्मस्थान के कर्ता-धर्ता को दिया जा सकता है और निर्मोही अखाड़ा जन्मस्थान का देखभाल करता है। इस पर अदालत ने कहा था कि आप दो मुद्दों पर बहस कीजिए पहला पूजा कैसे होगी यानी उसका नेचर क्या होगा और दूसरा कि आप बाहर या अंदर कहां पूजा करना चाहते हैं? इससे पहले बीते शुक्रवार को 11वें दिन की सुनवाई में निर्मोही अखाड़ा के वकील सुशील जैन ने बहस की थी। उन्होंने निर्मोही अखाड़े को जन्मस्थान का शेबेट (देवता की सेवा करने वाला) बताया था। उन्होंने कहा था कि रामलला के नाम पर किसी अन्य व्यक्ति को याचिका करने का अधिकार नहीं है और जगह हमारे हवाले की जाए।

नई दिल्ली. पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को दिल्ली एम्स में निधन हो गया। वे 66 वर्ष के थे। उन्होंने दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर अंतिम सांस ली। किडनी ट्रांसप्लांट करवा चुके जेटली को कैंसर हो गया था। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। पिछले दिनों राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं ने अस्पताल पहुंचकर उनका हालचाल जाना था। मोदी फिलहाल यूएई में हैं। उन्होंने जेटली की पत्नी और बेटे से फोन पर बात की। दोनों ने मोदी से अपना विदेश दौरा रद्द न करने की अपील की। मोदी यूएई दौरे के बाद जी-7 समिट में हिस्सा लेने दोबारा फ्रांस जाएंगे। उन्हें बहरीन भी जाना है।  राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ‘‘जेटली के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं। वे गजब के वकील, सुलझे हुए सांसद और उत्कृष्ट मंत्री थे। देश को बनाने में उन्होंने अहम योगदान दिया। उनके जाने से राजनीति और बुद्धिजीवियों की दुनिया में एक खालीपन आ गया है।’’
इस बीच भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि रविवार सुबह 10 बजे तक जेटली का पार्थिव शरीर उनके घर पर रहेगा। इसके बाद पार्थिव देह को पार्टी कार्यालय में रखा जाएगा। दोपहर बाद निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।

News Creation : उन्नाव रेप केस की सुननाई दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में चल रही है. जहां शुक्रवार को कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप तय कर दिए.

  • R.O.NO.13207/72 " A

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