ईश्वर दुबे
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Bhilai
मुंबई । आज से प्रसारित होने जा रहा धारावाहिक 'मेरी डोली मेरे अंगना' ग्रामीण पृष्ठभूमि पर रची गई ऐसी कहानी है, जिसमें सुरेंद्र पाल पिता की भूमिका निभा रहे हैं। वो बेटी से बेहद प्यार करता है। बेटी उसकी आंखों का तारा है। यह एक मासूम बेटी के अनुभवी बहू बनने के सफर की कहानी है, जहां परिस्थितवश रिश्ते बदल जाते हैं।
असल जिंदगी में सुरेंद्र पाल बेटी को मानते हैं बहुत अहम
खैर, यहां असल जिंदगी में सुरेंद्र पाल बेटी को अहम मानते हैं। उन्होंने साल 2020 में ही अपनी बेटी के नाम कुल प्रॉपर्टी का 60 पर्सेंट हिस्सा उसके नाम कर दिया है, जबकि दोनों बेटों को 40 पर्सेंट प्रॉपर्टी दी है। ऐसा करने के बारे में सुरेंद्र बताते हैं, "मैं अपनी जिंदगी में बेटी को बहुत ज्यादा अहम मानता हूं। मेरी कुल संपत्ति में बेटी के नाम 60 पर्सेंट और दोनों बेटों के नाम पर 20-20 पर्सेंट किया है। लोगों ने मुझसे कहा कि आप बड़े मूर्ख हैं। आप से बड़ा मूर्ख नहीं देखा। मैंने पूछा- क्यों? तब कहने लगे- बेटी को 60 पर्सेंट प्रॉपर्टी दे दिया। शादी होने के बाद वो दूसरे घर चली जाएगी। वहां पर ससुराल वाले उसे लात मार कर भगा देंगे और सारा का सारा धन ले लेंगे। इस तरह बेटी को कंगाल कर देंगे। मैंने उनसे यही पूछा कि अगर बेटे उससे बिजनेस करें और फ्लॉप हो जाए, तब आप किसको गाली देंगे। बेटी को आपने बड़ी आसानी से कह दिया, पर बेटे को क्यों नहीं कहते। भाग्य में लिखा कोई मिटा नहीं सकता, जो जिसके भाग्य में लिखा है, वो उसका ही है।"