एक परिवार की उथल-पुथल भरी राजनीतिक जिंदगी की कहानी है 'प्रस्‍थानम' Featured

नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त (Sanjay Dutt) की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'प्रस्‍थानम (Prassthanam)' आज (20 सितंबर) सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. इस फिल्म का निर्देशन देव कट्टा ने किया है और संजय दत्त के अलावा इस फिल्म में मनीषा कोइराला (Manisha Koirala), जैकी श्रॉफ (Jackie Shroff), चंकी पांडे (Chunky Pandey), अली फजल (Ali Fazal) और अमायरा दस्तूर (Amyra Dastur) भी अहम भूमिकाओं में हैं. इस की प्रोड्यूसर संजय दत्त की पत्नी मान्यता दत्त हैं. यह फिल्‍म तेलुगु फिल्‍म 'प्रस्‍थानम' का हिंदी रीमेक है. इस फिल्म का इंतजार लोगों को काफी दिनों से था. तो आइए, जानते हैं कैसी है संजय दत्त की फिल्म 'प्रस्थानम' की कहानी...
फिल्म में संजय दत्त 'एमएलए बलदेव प्रताप सिंह', अली फजल 'आयुष', सत्यजीत दुबे 'विवान' और मनीषा कोइराला 'सरोज' की भूमिका में नजर आ रही हैं और फिल्म की पूरी कहानी इन्हें किरदारों पर बेस्ड है. फिल्म की कहानी का केंद्र उत्तर प्रदेश रखा गया है. यहां के बल्लीपुर के एमएलए बलदेव सिंह को अपने सौतेले बेटे आयुष का पूरा समर्थन हासिल है. इसलिए आयुष को ही राजनीतिक वारिस माना जाता है क्योंकि उसका सौतेला भाई विवान स्वभाव से बेहद बिगड़ैल और हिंसक लड़का है. इन तीनों पुरुषों की जिंदगी बलदेव सिंह की पत्नी सरोज से बंधी हुई है. 
'प्रस्थानम' इस परिवार की उथल-पुथल भरी राजनीतिक जिंदगी को बयान करती है. फिल्म का पहला हाफ तो सभी किरदारों के परिचय में भी निकल जाता है और दूसरा हाफ कहानी में ट्विस्ट के कारण आपको बांधे रखता है. जबरदस्ती के जोड़े गए गाने फिल्म के फ्लो को स्लो करती है. साथ ही फिल्म में कुछ किरदारों को जबरन जोड़ा गया है. जैसे आयुष के लव इंट्रेस्ट का रोल जो अमायरा दस्तूर ने निभाया है. बलदेव सिंह की पत्नी की भूमिका में मनीषा कोइराला और उनके ड्राइवर के किरदार में जैकी श्रॉफ की भूमिका को अहम है, लेकिन उनके किरदार को ज्यादा स्पेस नहीं दी गई है.
कुल मिलाकर देखा जाए तो फिल्म में संजय दत्त की लीड रोल में नजर आ रहे हैं. साथ ही अली फजल के किरदार को भी बेहर तरीके से लिखा गया है, जो फिल्म में अच्छा छाप छोड़ता है. विलेन के रूप में चंकी पांडे का किरदार भी आपको पसंद आएगा. उन्होंने इस फिल्म में एख विलेन के रूप में अपना अच्छा छाप छोड़ने में सफल साबित हुए हैं. फिल्म एक बार थिएटर जाकर देखी जा सकती है. लगभग देखा जाए तो सभी कलाकारों ने अपने-अपने अभिनय के साथ इंसाफ किया है, जो दर्शकों का दिल जीतने के लिए काफी है.

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