ईश्वर दुबे
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Bhilai
बॉलीवुड डेस्क. करीब दो दशक से फिल्मों में सक्रिय सैफ अली खान का कहना है कि उन्हें विरासत में कुछ भी नहीं मिला। उनके पिता टाइगर पटौदी उर्फ मंसूर अली खान पटौदी के निधन के बाद पटौदी पैलेस नीमराणा होटल्स के पास किराए से चला गया था। उन्हें इसे वापस लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। सैफ ने यह खुलासा हाल ही में एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में किया।
होटल चालकों ने मांगे थे ढेर सारे पैसे
सैफ ने कहा कि अमन नाथ और फ्रांसिस वैकज़ार्ग (Francis Wacziarg) होटल चलाते थे। एक दिन फ्रांसिस ने उनसे पूछा कि क्या वे पैलेस वापस चाहते हैं? अगर ऐसा है तो उन्हें बता दें। जब सैफ ने उसे वापस लेने की इच्छा जाहिर की तो उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात का ऐलान कर दिया कि वे पैलेस लौटाने को तैयार हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें ढेर सारा पैसा देना होगा।
मुझे कुछ विरासत में नहीं मिला : सैफ
सैफ कहते हैं, "लगातार कमाई कर मैंने पैलेस को छुड़ाया। यानी कि जो घर मुझे विरासत में मिलना चाहिए था, उसे भी मैंने फिल्मों से हुई कमाई से पाया। आप अतीत से दूर नहीं रह सकते। खासकर अपने परिवार से तो बिल्कुल भी नहीं। मेरी परवरिश इसी तरह हुई, लेकिन मुझे विरासत में कुछ नहीं मिला।"
'बॉम्बे में हुआ मेरा जन्म और पालन-पोषण'
सैफ अपने अतीत पर प्रकाश डालते हुए कहते हैं, "मेरा जन्म और पालन-पोषण बॉम्बे (मुंबई) में हुआ। मेरे पिता मां (शर्मिला टैगोर) के साथ उनके कारमाइकल रोड स्थित फ्लैट में रहते थे। मैं कैथेड्रल गया, बॉम्बे जिम में वक्त बिताया। एक ऐसी दुनिया थी, जो फिल्मों से ज्यादा मेरे पिता से प्रभावित थी। उन्होंने तब अपना क्रिकेट करियर पूरा ही किया था। उनके अंतिम टेस्ट सीरीज के वक्त मैं 4-5 साल का था।"
"मेरी मां कहती हैं कि वे (पिता) अपनी जिम्मेदारियों से बचते रहे। उनकी मां भोपाल और पटौदी की देखभाल करती थीं। जब वे बूढ़ी हुईं तो हम उनके साथ रहने दिल्ली चले गए, जहां उनका बहुत खूबसूरत और बड़ा घर था, जो भारत सरकार ने जमीन, संपत्ति और अन्य तरह के समझौते के चलते उन्हें जिंदगीभर के लिए दिया था।"