ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
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Bhilai
-निर्माताः अजय देवगन/जयंती लाल गाडा
-निर्देशकः प्रदीप सरकार
-सितारेः काजोल, रिद्धी सेन, नेहा धूपिया, तोता रॉय चौधरी, जाकिर हुसैन
रेटिंग *1/2
हेलीकॉप्टर यानी जो सिर पर मंडराए। ईला रायतुरकर (काजोल) हेलीकॉप्टर मां हैं, जो जवान होते बेटे विवान (रिद्धी सेन) के ऊपर मंडराती रहती है। उसके टिफिन, पढ़ाई और दोस्तों से लेकर फोन पर वह किससे बात कर रहा है तक, उसकी नजर से कुछ नहीं बचता। ईला हर पल विवान को अपने सामने रखना चाहती हैं। बिना दस्तक दिए उसके कमरे में पहुंचती है। युवा विवान के पास ‘प्राइवेट टाइम’ नहीं है। उस पर समस्या यह कि बेटे से एक बहस में ईला तय करती है कि वह अधूरी पढ़ाई पूरी करेगी और फिर वह बेटे के ही कॉलेज में एडमीशन ले लेती है! यानी हेलीकॉप्टरी की हद हो गई!!
निर्देशक प्रदीप सरकार चार साल बाद फिर नायिका प्रधान फिल्म लाए हैं। ‘मर्दानी’ (2014) जहां तथ्य और ट्रीटमेंट में सच्चाई के करीब थी, हेलीकॉप्टर ईला उतनी काल्पनिक और गढ़ी हुई है। भले ही यह आनंद गांधी के गुजराती नाटक ‘बेटा कागड़ो’ पर आधारित है लेकिन इसे देखते हुए निर्देशक अश्विनी अय्यर तिवारी की ‘निल बटे सन्नाटा’ (2016) याद आती है।
अश्विनी ने अकेली गरीब मां और उसकी बेटी के संघर्षों, सपनों और जीवन में आगे बढ़ने की कहानी खूबसूरती से दिखाई थी। वह फिल्म याद रहती है। जबकि ईला की कहानी सिनेमाहॉल में पॉपकॉर्न-समोसे खा लेने के बाद डिब्बे की तरह वहीं छूट जाती है।