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  • दंतेवाड़ा में भाजपा नेता पर हमले के बाद लिया गया निर्णय, केंद्रीय मंत्री की किरंदुल में थी आम सभा

रायपुर. दंतेवाड़ा में रविवार रात भाजपा नेता नंदलाल पर धारदार हथियार से हमला होने और उसमें नक्सलियों के शामिल होने के अंदेशे के चलते यहां केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का दौरा रद्द कर दिया गया है। केंद्रीय मंत्री की सोमवार को दंतेवाड़ा के किरंदुल में आमसभा होनी थी। वहीं केंद्रीय गृहमंत्रालय ने नक्सली हमले को लेकर छत्तीसगढ़ के लिए अलर्ट जारी किया है।

 

दरअसल, पहले चरण के चुनाव के लिए भाजपा के स्टार प्रचारक के तौर पर 3 केंद्रीय मंत्रियों सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं की बस्तर और राजनांदगांव में सोमवार को सभाएं होनी हैं। इसमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, उमा भारती, रविशंकर प्रसाद, रामकृपाल यादव सहित अर्जुन मुंडा शामिल हैं। 

 

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की सभा किरंदुल में होनी थी। इसके लिए वह एक दिन पहले ही छत्तीसगढ़ पहुंच गए थे। सुबह ही उनको निकलना था, लेकिन रात में भाजपा नेता पर हुए हमले के बाद उनके दौरे में परिवर्तन किया गया। अब वह दंतेवाड़ा नहीं जाएंगे। माना जा रहा है कि सुरक्षा कारणाें को लेकर यह फैसला लिया गया है। 

 

दूसरी ओर प्रदेश में लगातार बढ़ रही नक्सलियों की सक्रियता और हमलों को देखते हुए पुलिस की चिंता बढ़ गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस काे अलर्ट रहने के लिए कहा है। 

 

डीजी नक्सल आॅपरेशन डीएम अवस्थी ने नक्सली प्रभावित इलाकों में प्रचार में जाने से दो दिन पहले प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं को रूट चार्ट स्थानीय पुलिस को देने की अपील की है। इससे संबंधित आदेश नक्सल प्रभावित जिलों के एसपी को भेज दिए गए है। केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्री की सभा के पहले आसपास के इलाकों में ड्रोन और हेलीकाप्टर से सर्चिंग की जा रही है।

  • केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद, उमा भारती, रामकृपाल यादव, सहित अर्जुन मुंडा आज छत्तीसगढ़ में
  • बड़ी चुनावी सरगर्मी : बस्तर और राजनांदगांव की 18 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रचार करेंगे केंद्रीय नेता

रायपुर. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद, उमा भारती, रामकृपाल यादव व झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा सोमवार को छत्तीसगढ़ प्रवास पर आ रहे हैं। वे प्रथम चरण में बस्तर और राजनांगांव की 18 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनावाें के भाजपा प्रत्याशियों के लिए प्रचार करेंगे। इस दौरान वे  विभिन्न स्थानीय कार्यक्रमों और आम सभा में शामिल होंगे। 

 केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक रविवार को ही शाम 8 बजे रायपुर पहुंच गए। वह यहां से सोमवार को एक दिवसीय सुबह 10 बजे हेलिकाप्टर से किरंदुल रवानाहोंगे। सुबह 11.30 बजे किरंदुल विधासभा दंतेवाड़ा में आमसभा को संबोधित करेंगे। फिर दोपहर 1 बजे किरंदुल से प्रस्थान कर दोपहर 1.50 बजे मोहला मानपुर में आमसभा, दोपहर 2.45 बजे मोहला मानपुर से प्रस्थान कर अंबागढ़ चौकी में दोपहर 3.10 बजे आम सभा को संबोधित करेंगे। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद शाम 4.05 अंबागढ़ चौकी से प्रस्थान कर शाम 4.40 बजे रायपुर पहुंचेंगे. शाम 7.40 बजे दिल्ली रवाना होंगे। 

 वहीं  झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा अपने तय कार्यक्रम के अनुसार सुबह 8.35 बजे रायपुर पहुंच गए। यहां से वह नारायणपुर पहुंचेंगे और आमसभा को संबोधित करेंगे।  सुबह 11.10 बजे नारायणपुर से कोंटा प्रस्थान कर 11.30 बजे कोंटा में आमसभा, दोपहर 12.35 बजे कोंटा से बस्तर प्रस्थान कर दोपहर 1 बजे बस्तर (बकावंड) में आमसभा, दोपहर 2.15 बजे बस्तर से प्रस्थान कर दोपहर 2.45 बजे कोण्डागांव में आमसभा को संबोधित करेंगे। कोंडागांव से शाम 4 बजे प्रस्थान कर शाम 5 बजे राजधानी रायपुर पहुंचेंगे और शाम 7 बजे दिल्ली रवाना होंगे। 

 इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी राजनांदगांव जिले के स्थानीय कार्यक्रमों में शामिल होंगी। वह दोपहर 2.45 बजे राजधानी रायपुर पहुंचेंगी और हेलीकाप्टर से राजनांदगांव रवाना होंगी। केंद्रीय मंत्री ईरानी दोपहर 3.15 बजे डोंगरगढ़, शाम 4.05 बजे डोंगरगांव और शाम 4.55 बजे राजनांदगांव में आमसभा को संबोधित करेंगी। इसके बाद शाम 5.45 बजे रायपुर पहुंचेंगी और शाम 7 बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगी।

 केंद्रीय मंत्री उमा भारती पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुबह 9.30 बजे नागपुर से प्रस्थान कर हेलीकाप्टर से 10.15 बजे खैरागढ़ पहुंचेंगी। जहां दोपहर 12 बजे आमसभा को संबोधित करेंगी. दोपहर 1.30 बजे हेलीकाप्टर से नागपुर रवाना होंगी। 

 केंद्रीय राज्य मंत्री राम कृपाल यादव अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुबह 8.40 बजे रायपुर पहुंचेंगे। वे सुबह 10 बजे हेलीकाप्टर से कांकेर रवाना होंगे। सुबह 11 बजे कांकेर में आमसभा, दोपहर 1 बजे पखांजुर में आमसभा और दोपहर 3 बजे भानुप्रतापपुर में आमसभा को संबोधित करेंगे. केंद्रीय मंत्री शाम 5.30 बजे रायपुर पहुंचेंगे और शाम 7.40 बजे दिल्ली प्रस्थान करेंगे।

कभी दुनिया के बेहतरीन फिनिशर कहे जाने वाले 'कैप्टन कूल' एमएस धोनी आज रन बनाने को बेताब हैं। भारत को एक नहीं बल्कि तीन खिताब दिलाने वाले धोनी लगातार लचर प्रदर्शन के कारण दबाव झेल रहे हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ अभी तक खेले गए मैचों में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है, लेकिन चौथे वन-डे में फैंस को उनसे काफी उम्मीदें हैं। 

छत्तीसगढ़ में सियासी हलचल तेज हो चुकी है और हमारा चुनावी रथ भी तैयार है। अमर उजाला के चुनावी रथ के इस बार का पड़ाव है कोरबा। कोरबा को छत्तीसगढ़ का ऊर्जा हब कहा जाता है। यहां की पहचान एशिया के सबसे बड़े खुले कोयला खदान गेवरा माइंस की वजह से भी है। कोरबा जिले में चार विधानसभा सीटें हैं- कोरबा, कटघोरा, पाली तनाखार और रामपुर। इन चार विधानसभा सीट में से दो सामान्य, एक अनुसूचित जाति और एक अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है।आइए जानते हैं कि क्या है कोरबा जिले की विधानसभाओं में खास

 कोरबा विधानसभा


इस विधानसभा सीट पर मोदी की लहर का असर नहीं होता है। पिछले दो चुनावों से कांग्रेस ने ही अपनी विजयी पताका फहराई है। 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जयसिंह अग्रवाल ने भाजपा के जोगेश लांबा को हराया था। कोरबा एक व्यवसायिक क्षेत्र है इस वजह से इस सीट को अहम माना जा रहा है। इस बार भाजपा जयसिंह अग्रवाल के सामने विकास महतो को उतारेगी। 

कटघोरा विधानसभा

इस विधानसभा सीट पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है, लेकिन इससे पहले कटघोरा कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है। कांग्रेस के बोधराम कंवर को छत्तीसगढ़ का गांधी कहा जाता है। लेकिन 2013 के चुनाव में बीजेपी के मिस्टर क्लीन कहे जाने वाले लखनलाल देवांगन से बोधराम कंवर को हार का सामना करना पड़ा। 

पाली तनाखार विधानसभा

पाली तनाखार सीट तब सुर्खियों में आई जब यहां के विधायक कांग्रेस छोड़ भाजपा से जुड़ गए। इस विधायक का नाम है रामदयाल उइके। रामदयाल उइके इस विधानसभा सीट पर हमेशा जीत दर्ज करते आए हैं। पिछले चुनाव में एक अलग पार्टी ने दस्तक दी, नतीजा यह रहा कि भाजपा दूसरी प्रतिद्वंदी पार्टी से तीसरी पार्टी बन गई। भाजपा ने इस बार दांव रामदयाल पर लगाया है।

रामपुर विधानसभा

यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। इस विधानसभा सीट में पिछले चुनाव से कांग्रेस का बोलबाला है, इससे पहले दो बार बीजेपी जीत हासिल कर चुकी है। पिछले चुनाव में कांग्रेस के श्यामलाल कंवर को 67868 वोट मिले थे, जबकि भाजपा के ननकीराम को 57953 वोट मिले थे। इस बार भी भाजपा ने ननकीराम पर भरोसा जताया है। 

केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल के बीच तनातनी देखने को मिल रही है। दोनों के बीच नीतिगत मुद्दों को लेकर पर्याप्त मतभेद हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल के शुरुआती महीनों में सरकार और आरबीआई के बीच दूरियां बढ़ी हैं। यहां तक कि सरकार और आरबीआई के बीच संवादहीनता की स्थिति तक बनती जा रही है।

 

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल अचार्य ने शुक्रवार को सरकार के हस्तक्षेप की ओर इशारा किया था। विरल अचार्य ने आरबीआई की स्वायत्तता को लेकर चिंता जाहिर की थी। विरल ने कहा था कि आरबीआई की स्वायत्तता पर चोट किसी के हक में नहीं होगी। 

विरल ने कहा था कि सरकार के केंद्रीय बैंक के कामकाज में ज्यादा दखल देने से उसकी स्वायत्ता प्रभावित हो रही है। केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार से थोड़ा दूरी बनाकर रखना चाहती है, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। सरकार की तरफ से बैंक के कामकाज में सीधा हस्तक्षेप किया जा रहा है, जो कि घातक हो सकता है। 

कहा जा रहा है कि वर्तमान हालात का असर उर्जित पटेल के भविष्य पर भी पड़ सकता है। रिपोर्ट का कहना है अगले साल सितंबर में उर्जित पटेल के तीन साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। पटेल के सेवा विस्तार की बात तो दूर की है उनके बाकी के कार्यकाल पर भी सवाल उठ रहे हैं।

रिपोर्ट का कहना है कि केवल 2018 में ही कम से कम आधे दर्जन नीतिगत मसलों पर मतभेद उभरकर सामने आए। सरकार की नाराजगी ब्याज दरों में कटौती नहीं किए जाने को लेकर भी रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नीरव मोदी की धोखाधड़ी सामने आने के बाद भी सरकार और केंद्रीय बैंक में तनाव की स्थिति पैदा हुई थी। पटेल चाहते हैं कि सरकारी बैंकों पर नजर रखने के लिए आरबीआई के पास और शक्तियां होनी चाहिए।

सरकार के अंदर मौजूद कुछ लोगों का इस मामले पर कहना है कि रघुराम राजन इससे (उर्जित) बेहतर थे। अकेले 2018 में आधे दर्जन से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें केंद्र और गवर्नर का स्टैंड एक-दूसरे से अलग रहा। इस मनमुटाव की शुरुआत तब हुई जब आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बजाए उसमें बढ़ोतरी की गई, इससे सरकार नाराज हो गई। इसने दोनों के बीच तनातनी की शुरुआत की। केंद्रीय बैंक का मानना था कि यह पूरी तरह से उसके अधिकार क्षेत्र में आता है। 

राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड इलाके में 10 लाख रुपये लेकर बैंक में जमा करने जा रहे बिहारी गैस सर्विस के कैशियर को बदमाशों ने दिनदहाड़े गोली मार दी। वारदात से हड़कंप मच गया।

 

मिली जानकारी के अनुसार कैशियर श्याम सिंह बैग में 10 लाख रुपये लेकर बैंक में जमा करने जा रहा था। तभी बाइक से आए बदमाशों ने उसे गोली मार दी। गोली श्याम सिंह के सीने में लगी और उसकी मौत हो गई। वारदात से हंगामा मच गया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बदमाश बाइक पर थे। बाइक चालक हेलमेट पहने हुए था जबकि पीछे बैठा शख्स मुंह पर कपड़ा लपेटे हुए था।

श्याम सिंह श्याम सिंह लखनऊ के विनीतखंड दो में रहता था।

मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले भव्य सुनेजा उसी विमान के कप्तान थे जो आज इंडोनेशिया के समुद्र में क्रैश हो गया। बता दें कि सोमवार को लायन एयर का बोइंग 737 मैक्स-8 विमान टेक ऑफ करने के महज 13 मिनट बाद ही क्रैश हो गया था। विमान का मलबा भी बरामद किया गया है। जकार्ता से पांगकल पिनांग के लिए उड़ान भरने वाले इस विमान में 189 लोग सवार थे।

 

इंडोनेशिया की आपदा एजेंसी ने हादसे का शिकार हुए विमान की कुछ तस्वीरें ट्विटर पर डालीं, जिनमें बुरी तरह टूट चुका एक स्मार्टफोन, किताबें, बैग, विमान के कुछ हिस्से दिख रहे हैं। दुर्घटना की जगह तक पहुंचे खोजी एवं बचाव पोतों ने यह सामान इकट्ठा किया है।

एजेंसी प्रमुख मोहम्मद सयोगी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हमें अभी तक नहीं पता है कि कोई जीवित बचा है।' विमान के आपातकालीन ट्रांसमीटर से कोई परेशानी का संकेत नहीं आया था। 'हम उम्मीद करते हैं, प्रार्थना करते हैं लेकिन पुष्टि नहीं कर सकते।'

उन्होंने आगे कहा, 'हम पहले से ही वहां पर हैं, हमारा हेलिकॉप्टर पानी के इर्द गिर्द सहायता करने के लिए घूम रहा है। हम मलबे को खोजने की कोशिश कर रहे हैं।'

अयोध्या राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जनवरी तक के लिए टाल दिया गया है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई टालते हुए कहा कि जनवरी में उपयुक्त बेंच इस मामले की सुनवाई करेगा। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह जनवरी 2019 में अयोध्या विवाद मामले में सुनवाई की तारीख तय करेगा।

 

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, सरकार के वकील तुषार मेहता ने इस मामले में कोर्ट से अपील किया कि कोर्ट बताए कि इस मामले की जनवरी में कब से सुनवाई शुरू होगी। इसपर बेंच ने कहा कि यह सब फैसला नई पीठ करेगी।

बता दें कि 2010 से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, लेकिन भूमि विवाद के मसले पर अब तक नियमित सुनवाई शुरू नहीं हो सकी है। पहले तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ मामले की सुनवाई कर रही थी। सुनवाई की शुरुआत में ही मुस्लिम पक्षकारों ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला 1994 में इस्माइल फारूखी मामले में सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी से प्रभावित है, जिसमें कहा गया था कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है।

उन्होंनेे पहले इस टिप्पणी को पुनर्विचार के लिए संविधान पीठ को भेजने की मांग की। तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और एस. अब्दुल नजीर की पीठ ने 27 सितंबर को बहुमत (2:1) से लिए फैसले में मसले को संविधान पीठ को भेजने से इनकार कर दिया। साथ ही साफ किया कि मामले का निपटारा भूमि विवाद के तौर पर किया जाएगा। 

छत्तीसगढ़ की 90 सीटों वाली विधानसभा में ऐसे 22 निर्वाचन क्षेत्र हैं जिनमें महिला मतदाता बहुमत में हैं और इस बार वह चुनाव का रुख तय करेंगी। 

 महिलाओं के वोट के महत्त्व को देखते हुए पांच अक्टूबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मातृ शक्ति सम्मलेन को संबोधित किया था। इस सम्मलेन में उन्होंने कांग्रेस को केवल चुनाव में हराने की अपील ही नहीं की बल्कि कांग्रेस को राज्य में खत्म कर देने की अपील की थी। 


पिछले विधानसभा चुनावों में भी महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 77.32 फीसदी था जो पुरुष मतदाताओं से 0.3 फीसदी अधिक था। दिलचस्प बात ये है कि महिला बहुल इन सीटों से 2013 के विधानसभा चुनाव में केवल दो सीटों पर कांग्रेस की महिला प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। इन 22 सीटों में से 13 पर कांग्रेस, आठ पर भाजपा और एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने कब्जा किया था। 

इसके अलावा अगर बात पूरे विधानसभा की करें तो पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने कुल 24 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था, जिनमें कांग्रेस की 13 महिला उम्मीदवारों में से 4 ने जबकि भाजपा की 11 महिला प्रत्याशियों में से 6 निर्वाचित हुई थीं। 

भाजपा ने अब तक इस विधानसभा चुनाव के लिए 77 उम्मीदवारों की घोषणा की है, इनमें दो दर्जन से ज्यादा महिला उम्मीदवारों को प्रत्याशी बनाया गया है। महिला बहुल इन 22 सीटों पर भाजपा ने केवल 4 महिलाओं को ही टिकट दिया है। 

छत्तीसगढ़ विधानसभा की 22 महिला बहुल सीटें 

पत्थलगांव, धरमजयगढ़, खल्लारी, मरवाही, कवर्धा, महासमुंद, बिंद्रावांगढ़, सिहावा, खुज्जी , मोहला-मानपुर, कांकेर , भानुप्रतापपुर, केशकाल, नारायणपुर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, जगदलपुर, बस्तर, कोंटा, बीजापुर और  कोंडागांव डौंडी लोहरा 

छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में चुनाव होने वाले हैं। दक्षिणी छत्तीसगढ़ में पहले चरण में 12 नवंबर को जबकि उत्तरी छत्तीसगढ़ में 20 नवंबर को मतदान होने हैं। इन विधानसभा चुनावों में महिलाएं बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। 

छत्तीसगढ़ में चुनावी बयानबाजी से गहमागहमी का दौर जारी है। बसपा ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार कर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) के साथ तालमेल किया। इस बीच जकांछ प्रमुख अजीत जोगी का एक ऑडियो वायरल हुआ है जिसमें वे कांग्रेस नेता से अपनी जीत के लिए समर्थन मांग रहे हैं। 

 जकांछ के अध्यक्ष अजीत जोगी दूसरे चरण में मरवाही सीट से चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं। इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया है कि मरवाही की जनता का दबाव है। लेकिन इस दौरान जोगी की मरवाही के कांग्रेस नेता दया वाकरे के साथ कथित बातचीत का एक ऑडियो वायरल हो रहा है। इस कथित बातचीत में जोगी वाकरे से अपनी जीत के लिए समर्थन मांग रहे हैं। 


बता दें कि अजीत जोगी जब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री थे तब इसी मरवाही सीट से कांग्रेस की टिकट पर उपचुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। मरवाही कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। अब मरवाही के कांग्रेस नेताओं से व्यक्तिगत तौर पर फोन कर जीताने की उम्मीद करने राजनीतिक पारा चढ़ गया है। 

क्या है इस वायरल ऑडियो में 

इस वायरल ऑडियो में अजित जोगी ने दया वाकरे से कह रहे हैं, "वाकरे जी आप हमेशा साथ दिए हो। फिर लड़ रहा हूं मरवाही से, आपको पूरी ताकत लगानी पड़ेगी, मैं बार-बार नहीं आ पाऊंगा, सब आप लोगों को ही देखना है।"

इस सीट से दया वाकरे ने खुद को कांग्रेस प्रत्याशी बताया तो जोगी ने कहा कि चुनाव का टिकट गुलाब राय को मिल रहा है इसलिए टिकट नहीं मिलेने पर तो वह साथ देंगे ना। 

इस बातचीत में वाकरे जोगी को बाबूजी कहकर संबोधित करते हैं। वाकरे जोगी से कहते हैं आप ही ने तो कांग्रेस में शामिल कराया था। पार्टी से गद्दारी कैसे कर दें। 

वाकरे कहते हैं कि गोड़ समाज की बैठक में तय हुआ है कि समाज से किसी को लड़ाने और जीताना है। इस पर जोगी वाकरे से कहते हैं, "इतना तो कर सकते हो मेरे लिए। न उनका करो न मेरा करो।" 

कांग्रेस नेता दया वाकरे ने इस पूरे वाकये के बारे में कहा कि वे किसी व्यक्ति विशेष से नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी से जुड़े हैं और पार्टी के लिए ही काम करेंगे। साथ ही उन्होंने इस बारे में ब्लॉक अध्यक्ष को भी बता दिया है। 

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