ईश्वर दुबे
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Bhilai
इंदौर. कमोडिटी कारोबारी संदीप सोहनलाल अग्रवाल उर्फ संदीप तेल की बुधवार शाम 7 बजे विजय नगर थाने से करीब 150 मीटर दूर तीन बदमाशों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। मामले में गुरुवार दोपहर तक पुलिस को आरोपियों का सुराग नहीं लग सका था। वहीं एमवाय अस्पताल में कारोबारी के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। पुलिस ने दावा किया है कि हत्या के आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हत्याकांड के खुलासे के लिए पुलिस ने 7 टीम गठित की है। वहीं आरोपियों पर 20 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया है। मामले में 30 से अधिक संदिग्ध लोगों से पुलिस द्वारा पूछताछ की गई है। पुलिस के अनुसार बदमाश सफेद रंग की कार से मृतक कारोबारी के ऑफिस के बाहर रैकी कर रहे थे। जैसे ही संदीप मोबाइल चलाते हुए सीढ़ियों से उतरकर अपनी मर्सिडीज के पास पहुंचे, तभी बदमाशों ने एक के बाद एक 5 फायर किए। पुलिस को घटना स्थल से सीसीटीवी फुटेज भी मिले हैं। अग्रवाल को गंभीर हालत में बॉम्बे हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां उनकी मौत हो गई। 0:00 केबल में संदीप ने 20 करोड़ रु. लगाए थे एसपी पूर्व अवधेश गोस्वामी ने बताया कि हत्या जी. सच्चानंद शोरूम के सामने हुई। एक गोली संदीप के चेहरे पर, दूसरी गर्दन के पास, तीसरी पसली, चौथी व पांचवीं गोली पैर में लगी। गोली लगते ही वह ड्राइवर सीट वाले गेट के पास जमीन पर गिर गए। इसके बाद बदमाश कट्टे व पिस्टल लहराते हुए पहले सड़क की ओर भागे फिर वापस एक बदमाश लौटा और दो गोलियां और दागीं। वहीं पुलिस अधिकारी तीन गोली लगना बता रहे हैं। बताया जा रहा है कि एसआर केबल में संदीप ने 20 करोड़ रु. लगाए थे। पार्टनरों से विवाद के बाद वे अलग हो गए थे। उनके इसमें करीब 19 करोड़ रुपए फंसे थे। दो माह पूर्व हटा दिए थे सुरक्षा गार्ड केबल विवाद के चलते परिवार के कहने पर संदीप ने दो बाउंसर साथ रखे थे। करीब दो माह पूर्व ही संदीप ने उन्हें हटा दिया था और अकेले ही घूमने लगे थे। एसआर केबल में 20 करोड़ का निवेश किया था संदीप का तेल, प्रॉपर्टी, ब्याज पर रुपए चलाने और कमोडिटी का कारोबार है। कम समय में ही एक युवा कारोबारी की पहचान बनाकर वह मीडिया लाइन में भी जुड़ गए थे। कुछ समय पूर्व उन्होंने एसआर केबल में रोहित सेठी और सुशील बजाज के साथ पार्टनशिप कर ली थी। बताते हैं इसमें 20 करोड़ का निवेश कर चुके थे, लेकिन कुछ माह पूर्व पार्टनरों से हुए विवाद के बाद वे केबल लाइन से अलग हो गए थे। बताते हैं उनका पार्टनरों से कागज पर सेटलमेंट हो गया था, लेकिन करीब 19 करोड़ नहीं मिले थे। इसे लेकर पार्टनरों से विवाद चल रहा था। ये बात पुलिस को परिजन ने बताई है। पुलिस पार्टनरों की भूमिका भी जांच रही है। शीर्ष पुलिस अफसर के फेयरवेल में साजिश की बात शहर के एक बड़े पुलिस अफसर के तबादले के बाद उनकी फेयरवेल पार्टी, जो होटल मेरियट में आयोजित हुई थी, उसमें संदीप के कुछ विरोधी भी पुलिस अफसरों के साथ मौजूद थे। बताते हैं इस पार्टी में ही कुछ गुंडा प्रवृत्ति के लोग भी गोपनीय ढंग से पहुंचे थे और यहीं पर संदीप पर हमले की साजिश रच ली गई थी, लेकिन अफसरों को इसकी जानकारी थी या नहीं ये भी एक बड़ा सवाल है। कई भाजपा नेताओं के बड़े फाइनेंसर थे संदीप संदीप के बारे में कहा जाता है कि उसके कई भाजपा नेताओं से घनिष्ट संबंध थे। वह कई नेताओं के लिए चुनाव व अन्य कार्यक्रमों में फंडिंग भी करते रहे हैं। उनके भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के कई बड़े नेताओं से भी सीधे संपर्क थे।