ईश्वर दुबे
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Bhilai
कोर्ट ने कहा-ऐसे मामलों में समाज की भी यही अपेक्षा है कि आरोपी को अधिकतम सजा दी जाए
643 दिन में ट्रायल हुई पूरी, डीएनए समेत अन्य रिपोर्ट से हुई थी आरोपी की पहचान
ग्वालियर। 8 साल की चचेरी बहन के साथ दुष्कर्म और फिर हत्या करने वाले मनोज प्रजापति को सत्र न्यायालय ने दोहरी फांसी की सजा सुनाई। दशम अपर सत्र न्यायाधीश अशोक शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि न्यायालय से समाज की भी यही अपेक्षा है कि जघन्य और घृणित अपराधों में अधिकतम दंड दिया जाए।
न्यायालय ने इस मामले को विरलतम से विरल मानते हुए भारतीय दंड विधान की धारा 302 व धारा 376 (क) में फांसी की सजा सुनाई, साथ ही धारा 366 में 10 साल के सश्रम कारावास और 2 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 201 में सात साल के कारावास और 2000 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई। 643 दिन में केस की ट्रायल पूरी हुई। यहां बता दें कि 10 माह के भीतर ये दूसरा मामला है, जब किसी आरोपी को दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोहरी फांसी की सजा सुनाई गई। इससे पहले जुलाई 2018 में 6 वर्षीय परी के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में जितेंद्र कुशवाह को दोहरी फांसी की सजा सुनाई गई थी।
नाक के पास चोट के निशान से हुआ खुलासा : जिला अभियोजन अधिकारी अब्दुल नसीम ने बताया कि घटना के बाद जब पुलिस ने आरोपी से पूछा कि उसकी नाक के पास चोट कैसे लगी है, तो वह सकपका गया। बताया कि गिर गया था, इसलिए चोट लग गई। कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने जुर्म कबूल कर लिया। बाद में घटना स्थल से आरोपी की शर्ट का बटन भी बरामद किया गया। आरोपी ने बताया कि जब उसकी बहन स्कूल से लौट रही थी, तब उसने 10 रुपए का लालच दिया और पास ही में रामप्रकाश के खाली पाटोर में ले गया। यहां पहले उसने दुष्कर्म किया, फिर गला घोंटा और फिर पत्थर से हमला कर सिर फोड़ दिया।
ठंडे दिमाग से घटना को अंजाम दिया: अपने आदेश में न्यायालय ने कहा कि आरोपी ने बहन के साथ इस घटना को अंजाम देकर रिश्तों को तार-तार किया। अपराध करने के बाद बिना किसी डर के वह चाचा व अन्य परिजनों के साथ मृतका को तलाशने का नाटक करता रहा, जो यह दर्शाता है कि उसे न तो अपने किए गए कृत्य का कोई पछतावा था, न ही मन और मस्तिष्क पर इतने गंभीर अपराध का कोई प्रभाव पड़ा था। आरोपी ने बेहद ठंडे दिमाग से गंभीर कृत्य को अंजाम दिया जिससे आस-पास के क्षेत्र के लोगों के साथ-साथ समाज की आत्मा कांप गई। इसके चलते ही गांव वालों ने नयागांव तिराहे पर चक्काजाम कर जन आंदोलन किया था।
खून, बाल, कपड़े के नमूने की रिपोर्ट से हुई पुष्टि : अभियोजन पक्ष ने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए घटनास्थल पर मिले सफेद बोरे को जब्त किया, जिस पर खून के धब्बे और बाल लगे मिले थे। पास ही में शर्ट का धागा और बटन भी पड़ा मिला था। इन नमूनों को जांच के लिए भेजा गया, जिसमें खून और बाल के नमूने का आरोपी के नमूनों से मिलान हुआ।
क्या है मामला
4 जुलाई 2017 को पनिहार निवासी बच्ची स्कूल गई। देर शाम जब वह घर नहीं लौटी तो पिता ने उसके स्कूल जाकर देखा, जहां उसका बैग और बोतल रखी मिली।
काफी ढूंढने के बाद भी जब नहीं मिली तो देर रात पुलिस थाने में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
5 जुलाई को सुबह 6 बजे नाबालिग बच्ची की लाश खंडहर में मिली।
6 जुलाई को आरोपी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी बेलदारी का काम करता है।