ईश्वर दुबे
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इन्दौर । ग्राम गुरान निवासी जगदीश पिता रणछोड़ चौधरी पहले गेहूं और सोयाबीन की पराम्परागत खेती करते थे। इन्दौर के उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों संपर्क में आने के बाद सब्जी की खेती शुरू की, जिससे उन्हें बहुत फायदा हुआ। वे अपनी सारी सब्जी- खीरा, मिर्च, टमाटर बैंगन इन्दौर कृषि उपज मंडी में रोज बेंचते हैं। उन्हें सालना लगभग 6 लाख 50 हजार रूपये की आय हो रही है। इनकी फसल पर एक वर्ष में लगभग 3 लाख 50 हजार रूपये खर्च हुये। इस प्रकार उन्हें एक साल में 3 लाख रूपये शुद्ध आय हुई। उन्होंने इस साल 2.4 हेक्टेयर सब्जी की फसल लगाई है।
वे उद्यानिकी विभाग की फसल पर ड्रिप से सिंचाई और मल्चिंग पद्धति से सब्जी की बोनी करते हैं। सब्जी में उन्हें बहुत लाभ मिल रहा है। वे हमेशा उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से तकनीकी परामर्श लेते रहते हैं। उद्यानिकी विभाग पर सलाह पर सब्जी बोते समय उन्होंने पावर टिलर और अन्य उद्यानिकी यंत्रों का उपयोग किया।
चर्चा के दौरान प्रतिशील कृषक जगदीश ने बताया कि गेहूं और सोयाबीन पराम्परागत खेती की तुलना में सब्जी की खेती में दो गुना आय हो रही है, जिससे पूरा परिवार बहुत सुखी है। उनका पूरा परिवार तकनीकी मार्गदर्शन के लिये उद्यानिकी विभाग का अभारी हैं। उन्होंने सब्जी के साथ-साथ फल-पपीता, नीबू, अनार, अमरूद आदि की खेती करने का निर्णय लिया है।
इस अवसर पर चर्चा के दौरान संयुक्त संचालक उद्यानिकी एस.के. जाटव ने बताया कि इन्दौर संभाग खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये किसानों फल और सब्जी की खेती करने के लिये व्यापक पैमाने पर प्रेरित किया जा रहा है। पिछले सात साल में इन्दौर संभाग में फल और सब्जी का रकबा और उत्पादन दो गुना बढ़ गया है, जिससे किसानों का नकदी फसल-फल और सब्जी के लिये प्रेरणा मिल रही है और उनकी माली हालत में काफी सुधार आया है।