ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि इंदौर में आयोजित दो दिवसीय बौद्धिक सम्पदा संगोष्ठी में विचारों के अमृत मंथन से जो भी निष्कर्ष निकलेगा, उस निष्कर्ष पर मध्यप्रदेश सरकार व्यवस्था बनाने का कार्य करेगी। आने वाले समय में बौद्धिक सम्पदा क़ानून के संदर्भ में अनेक चुनौतियाँ है। ऐसे में उच्च न्यायालय द्वारा इस तरह की संगोष्ठी का आयोजन किया जाना एक सराहनीय पहल है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सर्वसुलभ और समदर्शी न्याय की सुलभता के लिए न्यायपालिका से समन्वय की कमी नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बौद्धिक सम्पदा अधिकार विषय पर इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
दो दिवसीय संगोष्ठी में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधिपति जस्टिस जितेन्द्र कुमार माहेश्वरी, न्यायाधिपति जस्टिस सतीश चन्द्र शर्मा, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधिपति जस्टिस सुरेश कुमार कैत, न्यायाधिपति जस्टिस संजीव सचदेवा, न्यायाधिपति जस्टिस सुश्रत अरविंद धर्माधिकारी, एडवोकेट जनरल श्री प्रशांत सिंह, मध्यप्रदेश स्टेट ज्यूडिशियल एकेडमी के डायरेक्टर श्री कृष्णमूर्ति मिश्रा, आईएनटीए की दक्षिण एशिया की रिप्रेजेंटेटिव ऑफिसर सुश्री गौरी कुमार और यूके बौद्धिक सम्पदा की डिप्टी डायरेक्टर इंटरनेशनल पॉलिसी, साराह रॉबर्ट्स फावेल उपस्थित थे। संगोष्ठी का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि “यतो धर्म:, ततो जय:। उन्होंने उज्जैन के राजा विक्रमादित्य की न्यायप्रियता का ज़िक्र करते हुए कहा कि उनकी न्याय प्रणाली सदैव प्रेरणास्पद रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्ञान सम्पदा के निर्धारण से आने वाले समय में कई चुनौतियां आएंगी। इन चुनौतियों का समाधान ढूंढने में इस तरह का आयोजन उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा न्याय सम्पदा संवर्द्धन के लिए बनायी गई नई नीति-2016 की सराहना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि न्यायपालिका सदैव क्रियाशील रही हैं, इसकी मिसाल कोविड के कठिन काल में भी सतत् रूप से काम करना है।