मध्य प्रदेश

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आयुष्मान योजना में 70 वर्ष से अधिक उम्र वालों को भी मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री इंदौर में आईएसओआई की 30वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस में हुए शामिल

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश में नई तकनीकी और नवाचार के लिए कई अलग-अलग विधाओं को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने गरीब तबके के लिये स्वास्थ्य क्षेत्र में वरदान बन रही आयुष्मान योजना की शुरूआत की, जिसमें 5 लाख रुपये तक का नि:शुल्क इलाज मिल रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा हाल ही में घोषणा की गई है कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत 70 वर्ष से अधिक उम्र वाले प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नवाचार, नवीन तकनीक के साथ अलग-अलग विधाओं को प्रोत्साहित करते हैं। बदलते दौर में दांतों का इलाज अपना एक अलग महत्व रखता है। डेन्टल इम्प्लांट की आधुनिक तकनीक आमजन को बेहतर चिकित्सा सेवा प्रदान करने में मददगार सिद्ध होगी।

भोपाल। मध्यप्रदेश में कई निजी विश्वविद्यालयों में लंबे समय से फर्जीवाड़ा चल रहा है। प्रदेश में 53 निजी विश्वविद्यालय हैं, जिसमें से मप्र निजी विनियामक आयोग ने  32 विश्वविद्यालयों के कुलपति ( कुल गुरूओं ) को अमान्य करार देते हुए तत्काल हटाने के निर्देश भी दिए थे। लेकिन निजी विश्वविद्यालय यूजीसी की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहें है। यह आरोप एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने लगाये है। इसके साथ ही संगठन ने इसकी शिकायत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चैयरमैन से की हैं। रवि परमार ने शिकायत में कहा कि मध्यप्रदेश में शिक्षा माफियाओं द्वारा फर्जी निजी विश्वविद्यालय संचालित किए जा रहें हैं, जो कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों के विरुद्ध संचालित हो रहे हैं। मध्यप्रदेश के 70 फीसदी से ज्यादा निजी विश्वविद्यालय सिर्फ कागजों में संचालित हो रहें है, इन विश्वविद्यालयों के पास ना तो नियमानुसार स्टाफ हैं, ना नियमानुसार भवन हैं। वहीं प्रदेश के 32 विश्वविद्यालय में तो कुलपति भी अयोग्य हैं, पिछले दिनों मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग, भोपाल द्वारा नोटिस जारी कर 15 दिन के अंदर योग्य कुलपति नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। परमार का कहना है कि इसी से अंदाजा लगाया जा सकता हैं, कि जब 32 विश्वविद्यालयों में योग्य कुलपति ही नहीं है, तो फिर अन्य स्टाफ कैसे योग्य होंगे। परमार ने कहा कि प्रदेश के कई विश्वविद्यालय तो फर्जी पते पर संचालित हो रहे है। जैसें कि छात्र-छात्राओं के एडमिशन भोपाल शहर बोल कर लिया जाता हैं, जबकि कालेज रायसेन विदिशा सीहोर में संचालित हो रहा होता हैं, और फर्जी विश्वविद्यालयों द्वारा सत्र में प्रवेश का कोई समय निर्धारित नहीं हैं, साल भर प्रवेश लिए जाते हैं, और कई फर्जी विश्वविद्यालयों का तो डिग्री बेचने का गोरखधंधा भी खुलेआम चल रहा हैं। मध्यप्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों द्वारा छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ किया जा रहा हैं। परमार ने मध्यप्रदेश के समस्त निजी विश्वविद्यालयों की जांच कर फर्जी विश्वविद्यालयों को बंद कर कानूनी कार्यवाही किये जाने की मांग की हैं।‌

 

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बताए गए विभिन्न बिन्दुओं पर ध्यान केंद्रित कर राज्य सरकार उन्हें पूरा करने का प्रयास कर रही है। खासकर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर मध्यप्रदेश में तलाशने पर जोर दिया जा रहा है। गरीबों, महिलाओं, किसानों और युवाओं के हित में सभी प्रकार के उद्योग स्थापित करने और रोजगार दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों को उनकी क्षमता के अनुसार रोजगार दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। व्यापार और व्यवसाय के लिए प्रदेश में अनुकूल अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। आने वाले 5 साल में राज्य की अर्थव्यवस्था दोगुनी करने का लक्ष्य है, जिसे हम तीन साल में ही पूरा करने का प्रयास करेंगे।

भोपाल : नवरात्रि, दुर्गा उत्सव, दशहरा, गरबा उत्सव तथा अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए बनाए जाने वाले पंडालों को अस्थायी कनेक्शन देने के लिए मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों ने माकूल प्रबंध किए हैं। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने धार्मिक उत्सव समितियों और बिजली उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे नवरात्रि के दौरान धार्मिक पण्डालों एवं झॉंकियों में बिजली साज-सज्जा, नियमानुसार ऑनलाइन अस्थाई कनेक्शन लेकर ही करें।

ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा है कि अनाधिकृत बिजली के उपयोग से अधिक भार के कारण ट्रांसफार्मर के जलने तथा विद्युत दुर्घटना होने की आशंका होती है। साथ ही पारेषण एवं वितरण प्रणाली पर विपरीत असर होने से अंधेरे की संभावना बनी रहती है। बिजली कंपनी से अस्थाई बिजली कनेक्शन लिए बिना अनाधिकृत रूप से पंडालों में रोशनी और साज-सज्जा के लिए बिजली का उपयोग करने पर इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के तहत उपयोगकर्ता एवं जिस विद्युत ठेकेदार से कार्य कराया गया है, उनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही के साथ ही अनाधिकृत विद्युत उपयोग की दशा में संबंधित विद्युत ठेकेदार के लायसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही भी की जा सकती है।

अस्थाई कनेक्शन लेने हेतु क्या करें

बिजली कंपनी के पोर्टल पर जाकर निर्धारित प्रपत्र में सही, संयोजित विद्युत भार को दर्शाते हुए अस्थायी कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन करें। लायसेंसी विद्युत ठेकेदार की टेस्ट रिपोर्ट आवेदन में संलग्न करें एवं वायरिंग इत्यादि लायसेंसधारी विद्युत ठेकेदार से ही करवाएं। आवेदन में दर्शाए अनुसार विद्युत भार के अनुरूप सुरक्षा निधि एवं अनुमानित विद्युत उपभोग की राशि ऑनलाइन जमा कराकर बिजली कंपनी से अस्थाई कनेक्शन की रसीद अवश्य लें। रसीद की लेमीनेटेड प्रति अनिवार्य रूप से पंडाल/झॉंकी के सामने लगाएं। आवेदित विद्युत भार से अधिक भार का उपयोग विद्युत साज-सज्जा के लिए न करें। विद्युत कनेक्शन मीटरीकृत होगा एवं विद्युत देयक की बिलिंग नियमानुसार अस्थायी कनेक्शन के लिए लागू घरेलू दर पर की जाएगी। झांकियों के निर्माण एवं विद्युत साज-सज्जा में सुरक्षा नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करें। अनाधिकृत तरीके से विद्युत का उपयोग नहीं करें।

भोपाल : पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र में भारत विश्व के अग्रणी देशों में शामिल है। पशु संगणना में जहां भारत का विश्व में प्रथम स्थान है, वहीं विश्व में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन भी भारत में ही होता है। विश्व के सकल दुग्ध उत्पादन का 25% भारत में होता है। भारत में कृषि उत्पादन में पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र का 30% योगदान है। मध्य प्रदेश किसान क्रेडिट कार्ड (पशुपालन) सहित अन्य योजनाओं में भारत में अग्रणी है। अगले माह मध्य प्रदेश सहित पूरे भारत में 21वीं पशु संगणना प्रारंभ होने वाली है। पशु संगणना में इस बार डाटा कलेक्शन का पूरा कार्य ऑनलाइन किया जाएगा।

यह जानकारी आज प्रदेश में 21 वीं पशु संगणना 2024 की तैयारियों के संबंध में संचालनालय, पशु चिकित्सा एवं डेयरी के सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में दी गई। कार्यशाला में भारत सरकार की मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी विभाग की सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय द्वारा पशु संगणना 2024 की तैयारियों के संबंध में ऑन लाइन संदेश दिया गया। कार्यशाला का शुभारंभ संचालक पशुपालन एवं डेयरी श्री पी. एस. पटेल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यशाला में पूरे प्रदेश के पशु चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य संबंधित उपस्थित थे।

कार्यशाला में बताया गया कि21वीं पशु संगणना मध्य प्रदेश के 55 जिलों के एक करोड़ 80 लाख परिवारों में घर-घर जाकर की जानी है। पशु संगणना में इस बार जब संगणक पशुओं की गणना करेंगे तब वे प्राप्त आंकड़ों को सीधे अपने टैब के माध्यम से पशु गणना सॉफ्टवेयर में भरेंगे। इस बार संगणना में पशुओं की नस्लों का भी विवरण दिया जाएगा। इसके लिए जब वे पशुओं का फोटो स्कैन करेंगे तब सॉफ्टवेयर के माध्यम से पशुओं की नस्ल की जानकारी मिल जाएगी।

पूरे प्रदेश में पशु गणना के लिए 5264 इकाई ग्राम एवं 728 शहरी वार्ड निर्धारित किए गए हैं।पशु संगणना के लिए ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक 3000 परिवार एक संगणक और शहरी क्षेत्र में प्रत्येक 4000 परिवार एक संगणक नियुक्त किए गए हैं। उनके ऊपर सुपरवाइजर नियुक्त किए गए हैं। कुल 5558 संगणक नियुक्त किए गए हैं, जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों में 4141 और शहरी क्षेत्र में 1417 संगणक बनाए गए हैं। कुल 970 सुपरवाइजर नियुक्त किए गए हैं, जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों में 828 एवं शहरी क्षेत्र में 142 हैं।

पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 21वीं पशुधन गणना के लिए मध्य प्रदेश मैं प्रभावी रणनीति बनाकर उसे क्रियान्वित करने के उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में पशुधन गणना के लिए कार्य प्रणाली और दिशा निर्देशों पर विस्तृत सत्र, मोबाइल एप्लीकेशन और डैश–बोर्ड सॉफ्टवेयर पर प्रशिक्षण के साथ ही प्रतिभागियों के प्रश्न और समस्याओं का समाधान भी किया गया।

 

मोनू भाटिया ने समाज जनों से किया संवाद

इंदौर । श्री गुरु सिंघ सभा के 6 अक्टूबर को होने जा रहे चुनाव में एक बड़ा मोड कल उस समय आ गया जब निरंजनपुर क्षेत्र में रहने वाले सिख समाज के नागरिकों ने इस चुनाव में भाग लेने का फैसला ले लिया । इन नागरिकों के द्वारा यह फैसला इस चुनाव में अध्यक्ष पद के प्रत्याशी मोनू भाटिया के साथ संवाद के बाद लिया गया। श्री गुरु सिंह सभा के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के बाद निरंजनपुर में रहने वाले समाज के नागरिकों के द्वारा इस चुनाव के बहिष्कार का फैसला लिया गया था । इन नागरिकों के द्वारा यह तय किया गया था कि वह चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए वोट नहीं डालेंगे । इस क्षेत्र में सिख समाज के 1000 से ज्यादा नागरिक निवासरत है । इस बात की जानकारी श्री गुरु सिंघ सभा के चुनाव में अध्यक्ष पद के प्रत्याशी मोनू भाटिया को लगी ।
कल मोनू भाटिया अपने साथियों के साथ निरंजनपुर की संगत से चर्चा करने के लिए पहुंचे । वहां पर उन्होंने नागरिकों से अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अपील की । उन्होंने समाजजनों से कहा कि जब हम संगठन के चुनाव में अपने वोट का प्रयोग करेंगे तभी हम संगठन से बेहतर काम की अपेक्षा रख सकेंगे । मोनू भाटिया के साथ हुई चर्चा के बाद सिख समाज की निरंजनपुर संगत के द्वारा इस चुनाव में सक्रियता के साथ भाग लेने का फैसला लिया गया । समाज जनों के द्वारा चुनाव अधिकारी के नाम पर एक पत्र तैयार कर चुनाव में भाग लेने के अपने फैसले की जानकारी दी गई । इस पूरे संवाद का समापन जो बोले सो निहाल के जयकारे के साथ हुआ ।

भोपाल : प्रदेश में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 22 लाख 10 हजार से अधिक विद्यार्थियों को पिछले वर्ष निशुल्क पाठ्य पुस्तकें वितरित की गई। स्कूल शिक्षा विभाग की निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण योजना में हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक अध्ययनरत् सभी विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती हैं। इस योजना में विभाग ने करीब 100 करोड़ रूपये का बजट में प्रावधान किया था।

स्कूल शिक्षा विभाग में ई-गवर्नेंस और एम-गवर्नेंस

स्कूल शिक्षा विभाग में अकादमिक एवं प्रशासनिक कार्यों में क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग तथा परिणामों की समीक्षा के लिये विभिन्न स्तरों जानकारी की त्वरित उपलब्धता और उनके आधार पर सुधारात्मक कार्यवाही के लिये एजुकेशन पोर्टल को विकसित किया गया है। एजुकेशन पोर्टल पर करीब 4 लाख कर्मचारी एवं शिक्षकों की व्यक्तिगत प्रोफाईल एवं ई-सेवा पुस्तिका का संधारण, सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों के ऑनलाईन वेतन देयक तैयार करने की व्यवस्था है। इसी के साथ करीब एक लाख स्कूलों की प्रोफाईल सहित जीआईएस फोटो का डाटा है।

ऑनलाईन शिकायत निवारण के लिये प्रबंधन प्रणाली की व्यवस्था भी है। निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 का क्रियान्वयन एवं ऑनलाईन लॉटरी द्वारा गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय शालाओं में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग एवं वंचित समूह के बच्चों के निशुल्क प्रवेश की व्यवस्था भी ऑनलाईन प्रक्रिया माध्यम से की जा रही है। शिक्षा का अधिकार अंतर्गत प्राईवेट स्कूलों की मान्यता संबंधी समस्त प्रक्रिया ऑनलाईन की गई है। बच्चों का आधार सत्यापन तथा ऑनलाईन बैंकिंग के माध्यम से सीधे स्कूलों के खातों में राशि भेजने की व्यवस्था भी की गई है। परीक्षा संचालन के लिये ऑनलाईन परीक्षा पोर्टल www.rskmp.in भी बनाया गया है। स्कूलों के निरीक्षण एवं फॉलोअप के लिये ऑनलाईन शाला दर्पण की व्यवस्था की गई है। हाजरी, मोबाईल एप पर आधारित प्रणाली का संचालन भी किया जा रहा है। इसी के साथ निर्माण कार्य मॉनिटरिंग प्रणाली, गणवेश वितरण प्रबंधन प्रणाली और पाठ्य पुस्तक ऑनलाईन ट्रैकिंग प्रणाली भी संचालित हैं।

मोबाईल गवर्नेंस प्लेटफार्म (एम-शिक्षा मित्र)

इंटरनेट युक्त स्मार्ट फोन की सहज उपलब्धता को देखते हुए एजुकेशन पोर्टल पर उपलब्ध सभी सुविधाओं और सेवाओं को चरणबद्ध रूप से एप के जरिये उपलब्ध कराने के लिये एनआईसी के सहयोग एम-शिक्षा मित्र एप को एम-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित किया गया है। इसमें प्रमुख रूप से सभी शालाओं की प्रोफाईल, विद्यार्थियों के नामांकन, पदस्थ शिक्षक, सुविधाएं, अधोसंरचना, लोकेशन, शाला में दर्ज विद्यार्थियों की संख्या ऑनलाईन उपलब्ध कराई गई हैं। इसी प्लेटफार्म में अधिकारियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों की दैनिक उपस्थिति भी एम-गवर्नेंस से ही दर्ज की जा रही है।

 

देश की बुनियाद से जुड़कर कार्य करने की दी प्रेरणा
मुख्यमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर उन्हें माल्यार्पण कर किया नमन

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने शरीर, मन, बुद्धि, आत्मा से मानवता का भला करने का दर्शन दिया। उनका मानना था कि देश की जड़ों से जुड़कर हम कार्य करें और अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक का भला करें। शांति के अग्रदूत के रूप में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पं. दीनदयाल उपाध्याय की सोच को क्रियान्वित करते हुए विकास और जनकल्याण के कार्य पूरे देश में जारी है। उनके विचारों को घर-घर तक पहुंचाने के लिए संपूर्ण प्रदेश में अभियान जारी है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा लगाए गए जनसंघ के पौधे का विस्तार विचार के रूप में देश ही नहीं दुनिया के विभिन्न भागों तक हुआ है। जन-कल्याण की कई योजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य सरकार देश में अग्रणी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के उपलक्ष में लाल घाटी स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित कर उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को धरातल पर उतारने के लक्ष्य को समर्पित : सांसद श्री शर्मा

सांसद श्री वी.डी. शर्मा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों के आधार पर ही विश्व के सबसे बड़े संगठन ने अपना विस्तार किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को धरातल पर उतारने के पुनीत कर्तव्य को समर्पित हैं। उनकी जयंती पर प्रत्येक वार्ड, मोहल्ले और गांव-गांव में उनके विचारों पर केंद्रित कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। अधिक से अधिक लोगों को उनके विचार से जोड़ा जा रहा है।

कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त-घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर, महापौर श्रीमती मालती राय, स्थानीय सांसद श्री आलोक शर्मा, विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सुरेश पचौरी, विधायक श्री भगवानदास सबनानी तथा अन्य जन प्रतिनिधि उपस्थित थे।

भोपाल : मध्यप्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच आज श्रम शक्ति भवन नई दिल्ली स्थित जल शक्ति मंत्रालय में पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईआरसीपी लिंक परियोजना के संबंध में त्रिपक्षीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा सहित केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में नदी जोड़ो अभियान पर काम चल रहा है। इसी दिशा में मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईआरसीपी लिंक परियोजना पर बड़े पैमाने पर कार्य किया जा रहा है। केंद्र सरकार के सहयोग से दोनो राज्यों ने 20 वर्ष पुराने विवाद का हल निकाल लिया है और शीघ्र ही इस परियोजना के सकारात्मक परिणाम दिखेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आशा व्यक्त की कि आने वाला समय मध्यप्रदेश और राजस्थान राज्यों के लिए अद्वितीय रहने वाला है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बताया कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईआरसीपी लिंक परियोजना का मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (एमओए) अनुबंध होने वाला है। दोनों राज्यों के हित में मध्यप्रदेश और राजस्थान मिलकर काम कर रहे हैं।

प्रदेश के 28वें मुख्य न्यायाधिपति बने न्यायमूर्ति श्री कैत

भोपाल : राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के 28वें मुख्य न्यायाधिपति की शपथ न्यायमूर्ति श्री सुरेश कुमार कैत को दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन राजभवन के सांदीपनि सभागार में किया गया था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी उपस्थित रहे।

राज्यपाल श्री पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नव-नियुक्त मुख्य न्यायाधिपति को शपथ ग्रहण के बाद पुष्प-गुच्छ भेंट कर बधाई और शुभकामनाएं दीं।

शपथ ग्रहण समारोह का संचालन मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा ने किया। उन्होंने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री सुरेश कुमार कैत को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधिपति नियुक्त किए जाने की अधिसूचना का वाचन किया।

शपथ ग्रहण समारोह में खेल एवं युवा कल्याण और सहकारिता मंत्री श्री विश्वास सारंग, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, खजुराहो सांसद एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री वी.डी. शर्मा, पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर कुमार सक्सेना, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन श्री संजय दुबे, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री मुकेश चंद गुप्ता, रजिस्ट्रार जनरल जबलपुर हाई कोर्ट श्री मनोज श्रीवास्तव, मध्यप्रदेश एवं दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, जिला न्यायालय भोपाल के न्यायाधीश, बार एसोसियेशन के सदस्य, विभिन्न आयोगों के पदाधिकारी, जन प्रतिनिधि, विधि-विधायी कार्य एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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