ईश्वर दुबे
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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के लिए चुनाव अभियान तेज हो गया है। इसी कड़ी में आज का दिन बहुत अहम है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी राज्य में चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी नरेंद्र मोदी 16 से 25 नवंबर के बीच पांच दिन मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। प्रदेश में 28 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सांसद राकेश सिंह ने प्रधानमंत्री के दौरे की जानकारी देते हुए बृहस्पतिवार को बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री 16 नवंबर को दोपहर 2 बजे शहडोल एवं शाम 05.05 बजे ग्वालियर में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 18 नवंबर को छिंदवाड़ा और इंदौर में, 20 नवंबर को झाबुआ और रीवा में, 24 नवंबर को मंदसौर और छतरपुर में और 25 नवंबर को विदिशा और जबलपुर जिलों में जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी आज देवरी, बरघाट, मंडला, शहडोल में जनसभाओं को संबोधित करेंगे और रात में शहडोल में करेंगे। इनके अलावा बीजेपी अध्यक्ष शाह गुरुवार को राज्य में रहे, शुक्रवार को फिर विमान द्वारा खजुराहो पहुंचेंगे। उसके बाद टीकमगढ़, सागर और दमोह में जनसभा को संबोधित करने के बाद खजुराहो होते हुए दिल्ली रवाना हो जाएंगे।
मोदी की छवि का फायदा उठाकर भाजपा चौथी बार प्रदेश में सत्ता हासिल करने के लिये पुरजोर प्रयास कर रही है। प्रदेश के दोनों मुख्य दलों भाजपा और कांग्रेस की नजर मोदी के प्रदेश के चुनावी दौरों पर है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने दावा किया कि प्रदेश में मोदी के चुनावी दौरों से कोई असर नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि भाजपा के पिछले 15 सालों के शासन के कारण जनता में प्रबल सत्ता विरोधी लहर चल रही है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस इस चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने वाली है।
वहीं भाजपा प्रवक्ता अनिल सौमित्र ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी करिश्माई नेता हैं और उनके प्रदेश में चुनावी दौरों के बाद भाजपा को बहुत फायदा होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस बार "अबकी बार 200 पार" का लक्ष्य रखा है। मध्यप्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं।
जस्टिस एसके सेठ ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की शपथ ले ली है। भोपाल के राजभवन में एसके सेठ ने शपथ ग्रहण की। बता दें कि केंद्र सरकार ने 9 नवंबर को नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी थी। एक नवंबर 2018 को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के पद की शपथ ली थी।
जस्टिस हेमंत की जगह एसके सेठ को चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने वरिष्ठता के आधार पर उन्हें हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाए जाने की सिफारिश की थी। इसके बाद 9 नवंबर को कानून मंत्रालय ने नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी। जस्टिस एसके सेठ का जन्म 10 जून 1957 को हुआ।
बीए-एलएलबी करने के पश्चात् उन्होंने वर्ष 1981 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में वकालत का व्यवसाय शुरू किया। 21 मार्च 2003 को उन्हें मप्र हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 19 जनवरी 2004 को जस्टिस सेठ को स्थाई न्यायाधीश नियुक्त किया गया। वर्तमान में वे एक्टिंग चीफ जस्टिस के पद पर कार्यरत थे।
भोपाल . मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में नाम वापसी की आखिरी तारीख 14 नवंबर को सिर्फ एक दिन बचा है और अभी तक अपनी पार्टियों के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने वाले कई बागी पटरी पर नहीं लौट पाए हैं। इस कारण भाजपा-कांग्रेस दोनों का ही टेंशन बढ़ गया है। कांग्रेस को सबसे ज्यादा परेशानी मालवा-निमाड़ और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में हो रही है। राज्य में 28 नवंबर को मतदान होगा और परिणाम 11 दिसंबर को आएंगे।
यहां करीब दो दर्जन बागी ऐसे हैं, जो पार्टी प्रत्याशियों को सीधी चुनौती दे रहे हैं। हालांकि पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह का कहना है कि भाजपा के मुकाबले उनकी पार्टी में बागी कम हैं और जो हैं उन्हें भी एक-दो दिन में मना लेंगे। वहीं बागियों और दमदार निर्दलीय प्रत्याशियों के कारण भाजपा के 14 मंत्रियों की राह मुश्किल हो रही है। जातिवाद, एंटीइंकम्बेंसी के कारण यहां बागियों को ताकत मिली है। ज्यादातर मंत्री ऐसे हैं, जो कई चुनाव से जीतते आ रहे हैं। इसलिए इनकी सीटों पर पार्टी पीएम मोदी, अमित शाह के दौरे रखने की तैयारियों में जुटी है।
एंटी इंकम्बेंसी के कारण सीट बचाने की जुगत में गली-गली प्रचार
कांग्रेस का सिरदर्द
खरगोन : भगवानपुरा सीट से विजय सिंह सोलंकी के सामने केदार डाबर बागी बनकर चुनौती दे रहे हैं। डाबर के पिता चिड़ाभाई चार बार विधायक रहे हैं, इसलिए उनकी क्षेत्र में अच्छी खासी पैठ है।
भाजपा की मुश्किल
गौरीशंकर बिसेन : पांच बार विधायक बिसेन के सामने कांग्रेस ने पूर्व सांसद विश्वेश्वर भगत हैं। दोनों पंवार जाति के प्रभावशाली व्यक्ति हैं। पिछले चुनाव में 44 फीसदी वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहीं अनुभा मुंजारे फिर मैदान में हैं। इनके पति व पूर्व विधायक कंकर मुंजारे सटी हुई सीट परसवाड़ा से मैदान में हैं। वर्ष 2013 के चुनाव में अनुभा के कारण बिसेन बमुश्किल 2500 वोटों से जीत पाए थे।
कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। इसे वचनपत्र का नाम दिया गया है। घोषणापत्र में किसानों की कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता और महिला सुरक्षा को लेकर बड़े वादे किए गए हैं। 112 पन्ने के वचनपत्र में 973 घोषणाएं शामिल की गई हैं। लेकिन पार्टी का मुख्य फोकस 75 घोषणाओं पर है।
1. किसानों के 75 हजार 800 करोड़ का कर्ज माफी का वादा
2. डीजल-पेट्रोल पर छूट मिलेगी
3. किसानों का बिजली बिल आधा करेंगे
4. रसोई गैस पर छूट की घोषणा
5. जन आयोग का गठन कर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ेंगे
6. सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 300 से बढ़ाकर 1000 करने का वादा
7. महिलाओं के स्व सहायता समूह के कर्ज माफ होंगे
8. लड़कियों के विवाह के लिये ₹51000 का अनुदान
9. विधान परिषद का गठन
10. ₹10000 प्रतिमाह हर परिवार के एक बेरोजगार युवा को दिया जाएगा
11. वकीलों, पत्रकारों के लिए सुरक्षा अधिनियम
12. पुलिस फोर्स में महिलाओं को प्राथमिकता
13. सभी टॉपर्स को फ्री लैपटॉप
इस मौके पर मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और चुनाव अभियान समिति के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद हैं। कमलनाथ ने कहा, "भाजपा ने घोषणापत्र के नाम पर अब तक जुमलापत्र पेश किये हैं। कांग्रेस विकास का एक नया नक्शा बनाएगी। ये वचनपत्र पीसीसी में नहीं सड़क और खेतों में जाकर बना है।"
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हमारी सोच सकारात्मक, प्रगतिशील और एक नये सवेरे की सोच है, पहली बार घोषणापत्र नही वचनपत्र और संकल्प पत्र रखा जा रहा है।
मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को मतदान होना है।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नामांकन के दौरान दिए गए शपथ पत्र के मुताबिक उनकी संपत्ति में करीब सवा चार करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। शिवराज द्वारा नाम निर्देशन पत्र में दिए गए आय-व्यय के ब्यौरा के अनुसार उनके पास 10 करोड़ 45 लाख 82 हजार 140 रुपए हैं।
नामांकन पत्र में दी गई जानकारी के मुताबिक उनकी पत्नी साधना सिंह की संपत्ति शिवराज से दोगुनी है। साल 2013 में दिए गए चुनावी शपथपत्र के मुताबिक शिवराज के पास छह करोड़ 27 लाख 54 हजार 114 रुपए की संपत्ति थी। जिसमें इस बार सवा चार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है।
शिवराज की संपत्ति का ब्यौरा
नगद राशि
शिवराज सिंह चौहान : 45 हजार
साधना सिंह : 40 हजार
बैंक एकाउंट का ब्यौरा
शिवराज सिंह चौहान
एसबीआई बैंक विदिशा- आठ लाख 36 हजार 819
एसबीआई बैंक भोपाल- पांच लाख 79 हजार 423
जिला सहकारी बैंक भोपाल- छ: लाख 10 हजार 532
साधना सिंह
एसबीआई विदिशा- नौ लाख 47 हजार 374
पीएनबी भोपाल- एक लाख 72 हजार 392
आवासीय
शिवराज सिंह चौहान : विदिशा में मकान है।
साधना सिंह : अरोरा कॉलोनी में फ्लैट है।
जमीन का ब्यौरा
शिवराज सिंह चौहान : 77 लाख रुपए
उनके पास जैत में 20 एकड़, बैस में साढ़े तीन लाख और डोलखेड़ी में ढाई एकड़ भूमि है।
साधना सिंह : तीन करोड़ 32 लाख रुपए
साधना सिंह के नाम से विदिशा में 32 एकड़ जमीन है।
वाहन
शिवराज सिंह चौहान के पास वाहन नहीं है।
साधना सिंह के नाम से डेढ़ लाख की एक एंबेसडर है।
अन्य
शिवराज सिंह चौहान
एक रिवाल्वर- 5500 रुपए
घरेलू सामान- दो लाख 50 हजार
कुल संपत्ति का ब्यौरा
शिवराज सिंह चौहान : तीन करोड़ 15 लाख 70 हजार 274 रुपए।
साधना सिंह : सात करोड़ 30 लाख 11 हजार 866 रुपए।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा के अंदर मचा संग्राम खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम बाबूलाल गौर हर हाल में चुनाव लड़ने पर अड़े नजर आ रहे हैं। भाजपा ने अभी तक उनकी दावेदारी का एलान नहीं किया है, लेकिन आज उन्होंने नामांकन फॉर्म खरीद लिया।
दरअसर, भाजपा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। वह अपनी बढ़ती उम्र के बावजूद चुनाव लड़ना चाहते हैं। वह अपनी बहू कृष्णा गौर को गोविंदपुरा सीट पर लड़ाना चाहते हैं। गोविंदपुरा विधानसभा सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। यहां से 88 साल के बाबूलाल गौर दशकों तक चुने जाते रहे हैं।
इस सीट पर कई दावेदार हैं। हालांकि भाजपा ने अभी इसके लिए किसी का नाम फाइनल नहीं किया है। गौर ने अपना पहला चुनाव निर्दलीय के तौर पर लड़ा था और वह इसी सीट से 10 बार विधायक बन चुके हैं। कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था, अगर हमें टिकट नहीं मिला तो मैं और कृष्णा जी अलग-अलग सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
इंदौर. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने सोमवार को 17 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की। इसमें भी इंदौर की सभी नौ और भोपाल की गोविंदपुरा सीट पर उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया गया है। भाजपा ने पहली सूची में 176 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया था। इस तरह भाजपा अब तक 193 प्रत्याशियों के नाम तय कर चुकी है। राज्य में 28 नवंबर को मतदान होगा। जबकि 11 दिसंबर को परिणाम आएंगे।
इन्हें मिला टिकट
सीट | प्रत्याशी | |
1 | शुजालपुर | इंदरसिंह परमार |
2 | पेटलावद (एससी) | निर्मला भूरिया |
3 | उज्जैन दक्षिण | मोहन यादव |
4 | बड़नगर | जितेन्द्र पंड्या |
5 | भितरवार | अनूप मिश्रा |
6 | कोलारस | वीरेंद्र रघुवंशी |
7 | बिजावर | पुष्पेन्द्र पाठक |
8 | जबेरा | धमेन्द्र लोधी |
9 | अनूपपुर (एसटी) | रामलाल रौतेले |
10 | जबलपुर उत्तर | शरद जैन |
11 | जबलपुर पश्चिम | हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू |
12 | बिछिया (एसटी) | शिवराज शाह |
13 | निवास (एसटी) | रामप्यारे कुलस्ते |
14 | मुलताई | राजा पंवार |
15 | ब्यावरा | नारायण पंवार |
16 | बासौदा | लीना संजय जैन |
17 | कुरवाई |
हरी सप्रे |
इन 5 विधायकोंं के टिकट कटे : दूसरी सूची में पांच मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए गए। इनमें चंद्रशेखर देशमुख (मुलताई), जसवंत सिंह हाड़ा (शुजालपुर), मुकेश पंड्या (बड़नगर), पंडित सिंह धुर्वे (बिछिया) और वीर सिंह पंवार (कुरवाई) के नाम शामिल हैं।
37 सीटों पर नाम तय होना बाकी: पार्टी को अभी 37 सीटों पर नामों का ऐलान करना है। इनमें इंदौर की क्षेत्र क्रमांक एक से पांच, महू, राऊ, देपालपुर और सांवेर की सीट शामिल है। भोपाल की गोविंदपुरा सीट पर भी पार्टी अभी तक उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है। इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर 10 बार से विधायक हैं। गौर ने बताया, "मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का शनिवार को उनके पास फोन आया था। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि वे पार्टी में बात करेंगे। मैंने उनसे कह दिया है कि अब सब आपके हाथ में हैं।" उन्होंने कहा कि सोमवार या मंगलवार को कृष्णा गौर पहले पर्चा भरेंगी। इसके एक-दो दिनों बाद वे हुजूर से पर्चा दाखिल करेंगे।
सुमित्रा-कैलाश की वजह से इंदौर की सीटें अटकीं: ऐसा कहा जा रहा है कि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय अपने बेटों के टिकट के लिए अड़ गए हैं। दोनों इंदौर की एक सीट चाहते हैं। फैसला भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर छोड़ दिया गया है।
नई दिल्ली/भोपाल. कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को अपनी बहुप्रतीक्षित 155 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। इसमें 130 सीटों पर कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को ज्यादा टिकट मिले हैं। पहली सूची में 46 वर्तमान विधायकों को दोबारा मौका दिया गया है, तीन विधायकों के टिकट काटे गए हैं।
इनमें कोतमा से मनोज अग्रवाल की जगह सुनील सर्राफ और सिरोंज से गोवर्धन उपाध्याय का स्वास्थ्य कारणों से टिकट कटने से यहां अशोक त्यागी को मौका दिया गया है। करेरा सीट से वर्तमान विधायक शकुंतला खटीक को टिकट नहीं दिया गया है, उनकी जगह जसवंत जाटव को उम्मीदवार बनाया गया है। कांग्रेस की पहले 165 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करने की योजना थी, लेकिन नरेला, जतारा, राजनगर, बड़ा मलहरा, पथरिया, दमोह समेत 10 सीटों पर सहमति नहीं बन पाई। दिग्गज नेताओं में अजय सिंह, आरिफ अकील, बाला बच्चन, डाॅ. गोविंद सिंह, केपी सिंह समेत 46 विधायक मैदान में हैं।
कांग्रेस की पहली सूची में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की घोषणा के अनुसार 21 महिलाओं और दो दर्जन से ज्यादा युवाओं को मौका दिया गया है। बड़े शहरों में भोपाल उत्तर से पांच बार के विधायक आरिफ अकील, दक्षिण पश्चिम से पीसी शर्मा और बैरसिया से जयश्री हरििकरण के अलावा इंदौर-3 से अश्विन जोशी, राऊ से जीतू पटवारी, महू से अंतरसिंह दरबार और सांवेर से तुलसी सिलावट को टिकट दिया गया है।
जयस के अलावा मनावर से रंजना बघेल के खिलाफ :
कांग्रेस ने जयस के अध्यक्ष हीरालाल अलावा को मनावर से टिकट दिया है, उनका यहां वर्तमान भाजपा विधायक रंजना बघेल से मुकाबला होगा।
युवा कांग्रेस अध्यक्ष कुणाल चौधरी को भी टिकट :
यूथ कांग्रेस कोटे से सागर से नेवी जैन, कालापीपल से कुणाल चौधरी और शहपुरा से भूपेंद्र मरावी तथा एनएसयूआई कोटे से विपिन वानखेड़े व महाराजपुर से नीरज दीक्षित को टिकट दिया गया है।
जमकर चला वंशवाद दिग्विजय, भूरिया सहित कई नेताओं ने भाई-बेटों को दिलाया टिकट :
पहले यह चर्चा थी कि कांग्रेस सर्वे को महत्व देगी, लेकिन पहली सूची में वंशवाद जमकर चला। तमाम बड़े नेताओं के बेटे, भाई और रिश्तेदारों पर कांग्रेस ने दांव लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद दिग्विजय सिंह ने विधायक पुत्र जयवर्द्घन सिंह को राघौगढ़, छोटे भाई पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह को चाचोड़ा और भतीजे प्रियव्रत सिंह को खिलचीपुर से टिकट दिलाया है। सांसद कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया झाबुआ और भतीजी कलावती भूरिया जोबट से मैदान में हैं। पूर्व सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी बेटे नितिन चतुर्वेदी को अभी भी टिकट दिलाने की जुगाड़ में लगे हैं। जबकि, उनके परिवार से ही छोटे भाई आलोक चतुर्वेदी को छतरपुर से मौका मिला है। सुंदरलाल तिवारी की बहू अरुणा तिवारी समेत पूर्व मंत्री इंद्रजीत पटेल के बेटे कमलेश्वर पटेल मैदान में हैं। पूर्व मंत्री हजारीलाल रघुवंशी के बेटे को सिवनी मालवा, जमुनादेवी के भतीजे उमंग सिंघार को गंधवानी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के भाई सचिन यादव को कसरावद से टिकट मिला है।
मंदसौर में हिंसा भड़काने की आरोपी विधायक का टिकट कटा
करेरा से विधायक शकुंतला खटीक का टिकट कटा, मंदसौर हिंसा के दौरान शकुंतला पर लोगों को भड़काने का आरोप लगा था, थाना जलाने की धमकी देने वाला वीडियो भी वायरल हुआ था।
कोतमा से सुनील सराफ, सिरोंज से विधायक गोवर्धन उपाध्याय सीट का भी टिकट काट दिया गया।
कांग्रेस के 155 उम्मीदवारों की पूरी सूची
विधानसभा सीट | उम्मीदवार | |
1 | जौरा | बनवारी लाल शर्मा (पिछली बार हारे थे, दोबारा मौका) |
2 | सुमावली | अदल सिंह कसाना (पिछली बार हारे थे, दोबारा मौका) |
3 | मुरैना | रघुराज सिंह कसाना (नया चेहरा) |
4 | दिमनी | गिरराज दंडौतिया (नया चेहरा) |
5 | अंबाह | कमलेश जाटव (नया चेहरा) |
6 | अटेर | हेमंत कटारे (मौजूदा विधायक) |
7 | लहार | डॉ गोविंद सिंह (मौजूदा विधायक) |
8 | मेहगांव | ओ पी एस भदौरिया (पिछली बार हारे थे, दोबारा मौका) |
9 | ग्वालियर ग्रामीण | मदन कुशवाह (नया चेहरा) |
10 | ग्वालियर | प्रद्युम सिंह तोमर (पिछली बार हारे थे, दोबारा मौका) |
11 | ग्वालियर पूर्व | मुन्ना लाल गोयल (पिछली बार हारे थे, दोबारा मौका) |
12 | भितरवार | लखन सिंह यादव (मौजूदा विधायक) |
13 | डबरा | इमरती देवी सुमन (मौजूदा विधायक) |
14 | सेवढ़ा | घनश्याम सिंह (पिछली बार हारे थे, दोबारा मौका) |
15 | भांडेर | रक्षा संतराम सरोनिया |
16 | करेरा | जसवंत जाटव (नया चेहरा, शकुंतला खटीक का टिकट कटा) |
17 | पोहरी | सुरेश राठखेड़ा (नया चेहरा) |
18 | पिछोर | के पी सिंह (मौजूदा विधायक) |
19 | चाचौड़ा | लक्ष्मण सिंह (नया चेहरा, दिग्विजय सिंह के भाई) |
20 | राघौगढ़ | जयवर्धन सिंह (मौजूदा विधायक, दिग्विजय सिंह के बेटे) |
21 | बीना - एससी | शशिकुमार कैथुरिया (नया चेहरा) |
22 | खुरई | अरुणोदय चौबे (पिछली बार गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह से हारे थे, दोबारा मौका) |
23 | सुरखी | गोविंद सिंह राजपूत (पिछली बार हारे थे, दोबारा मौका) |
24 | देवरी | हर्ष यादव (मौजूदा विधायक) |
25 | नरयावली - एससी | सुरेंद्र चौधरी (पिछली बार हारे थे, दोबारा मौका) |
26 | सागर | नेवी जैन (नया चेहरा) |
27 | बंडा | तरवर सिंह लोधी (नया चेहरा) |
28 | टीकमगढ़ | यादवेंद्र सिंह (पिछली बार हारे थे, दोबारा मौका) |
29 | पृथ्वीपुर | बृजेंद्र सिंह राठौड़ (पिछली बार हारे थे, दोबारा मौका) |
30 | निवाड़ी | कैप्टन सुरेंद्र सिंह यादव (नया चेहरा) |
31 | खरगापुर | चंदा सिंह गौर (मौजूदा विधायक) |
32 | महाराजपुर | नीरज दीक्षित (नया चेहरा) |
33 | चांदला - एससी | हरिप्रसाद अनुरागी (पिछली बार हारे थे, दोबारा मौका।) |
34 | छतरपुर | आलोक चतुर्वेदी (पिछली बार हारे थे, दोबारा मौका।) |
35 | बिजावर | शंकरप्रताप सिंह बुंदेला (नया चेहरा) |
36 | जबेरा | प्रताप सिंह लोधी (मौजूदा विधायक) |
37 | पवई | मुकेश नायक (मौजूदा विधायक) |
38 | गुन्नौर - एससी | शिवदयाल बागरी (पिछली बार हारे थे, दोबारा मौका।) |
39 | चित्रकूट | नीलांशु चतुर्वेदी (मौजूदा विधायक) |
40 | रायगांव - एससी | कल्पना वर्मा (नया चेहरा) |
41 | सतना | सिद्धार्थ कुशवाहा (नया चेहरा) |
42 | नागौद | यादवेंद्र सिंह (मौजूदा विधायक) |
43 | अमरपाटन | राजेंद्र कुमार सिंह (मौजूदा विधायक) |
44 | सिरमौर | अरुणा तिवारी (नया चेहरा, पिछली बार हारे विवेक तिवारी की पत्नी।) |
45 | सेमरिया | त्रियुगी नारायण शुक्ला (पिछली बार हारे थे, दोबारा मौका।) |
46 | त्योंथर | रमाशंकर पटेल (पिछली बार हारे थे, दोबारा मौका।) |
47 | मऊगंज | सुखेंद्र सिंह बन्ना (मौजूदा विधायक) |
48 | देवतलब | विद्यावती पटेल (नया चेहरा) |
49 | रीवा | अभय मिश्रा (नया चेहरा, भाजपा से कांग्रेस में आए हैं) |
50 | गुढ़ | सुंदरलाल तिवारी (मौजूदा विधायक) |
51 | चुरहट | अजय सिंह (मौजूदा विधायक) |
52 | सिहावल | कमलेश्वर पटेल (मौजूदा विधायक) |
53 | चितरंगी - एसटी | सरस्वती सिंह (मौजूदा विधायक) |
54 | सिंगरौली | रेणु शाह (नया चेहरा) |
55 | धौहनी - एसटी | कमलेश सिंह (नया चेहरा) |
56 | ब्योहारी - एसटी | रामपाल सिंह (मौजूदा विधायक) |
57 | जयसिंहनगर - एसटी | ध्यान सिंह (पिछली बार हारे थे, दोबारा मौका) |
58 | जैतपुर - एसटी | उमा धुर्वे (नया चेहरा) |
59 | कोतमा | सुनील सराफ (नया चेहरा, मौजूदा विधायक मनोज अग्रवाल का टिकट कटा।) |
60 | अनूपपुर - एसटी | बिसाहूलाल सिंह (पिछली बार हारे थे, दोबारा मौका) |
61 | पुष्पराजगढ़ - एसटी | फुंदेलाल सिंह मारको (मौजूदा विधायक) |
62 | बरवारा - एसटी | विजय राघवेंद्र सिंह (पिछली बार हारे थे, दोबारा मौका) |
63 | विजयराघवगढ़ | पद्मा शुक्ला (पिछली बार भाजपा के टिकट पर हारी थीं, अब काग्रेस से दोबारा मौका) |
64 | बहोरीबंद | सौरभ सिंह सिसौदिया (मौजूदा विधायक) |
65 | पाटन | नीलेश अवस्थी (मौजूदा विधायक) |
66 | बरगी | संजय यादव (नया चेहरा) |
67 | जबलपुर कैंट | आलोक मिश्रा (नया चेहरा) |
68 | जबलपुर पश्चिम | तरुण भनोत (मौजूदा विधायक) |
69 | सिहाेरा - एसटी | खिलाड़ी सिंह (नया चेहरा) |
70 | शाहपुरा - एसटी | भूपेंद्र मारावी (नया चेहरा) |
71 | डिंडोरी - एसटी | ओमकार सिंह मरकाम (मौजूदा विधायक) |
72 | बिछिया - एसटी | नारायण सिंह पट्टा |
73 | मंडला - एसटी | संजीव छोटेलाल उइके |
74 | बैहर - एसटी | संजय उइके |
75 | लांजी | हिना लखीराम कवारे |
76 | परसवाड़ा | मधु भगत (मौजूदा विधायक) |
77 | बरघाट - एसटी | अर्जुन सिंह काकोड़िया |
78 | सिवनी | मोहन सिंह चंदेल |
79 | केवलारी | रजनीश हरबंश सिंह (मौजूदा विधायक) |
80 | लखनादौन - एसटी | योगेंद्र सिंह बाबा |
81 | गोटेगांव - एससी | नर्मदा प्रसाद प्रजापति |
82 | नरसिंहपुर | लखन सिंह पटेल |
83 | तेंदुखेड़ा | संजय शर्मा |
84 | गाडरवारा | सुनीता पटेल |
85 | अमरवाड़ा - एसटी | कमलेश शाह (मौजूदा विधायक) |
86 | साैंसर | विजय चौरे |
87 | परासिया - एससी | सोहन लाल वाल्मीकि (मौजूदा विधायक) |
88 | मुलताई | सुखदेव पानसे |
89 | बैतूल | निलय कुमार डागा |
90 | घोड़ाडोंगरी - एसटी | ब्रह्मा भलावी |
91 | भैंसदेही - एसटी | धामू सिंह सिरसाम |
92 | टिमरनी - एसटी | अभिजीत शाह (अंकित बाबा) |
93 | हरदा | आरके दोगने (मौजूदा विधायक) |
94 | सिवनी मालवा | ओमप्रकाश रघुवंशी |
95 | सोहागपुर | सतपाल पलिया |
96 | उदयपुरा | देवेंद्र पटेल गादरवास |
97 | भाेजपुर | सुरेश पचौरी |
98 | सांची - एससी | डॉ. प्रभुराम चौधरी |
99 | सिलवानी | देवेंद्र पटेल |
100 | विदिशा | शशांक भार्गव |
101 | बासौदा | निशंक जैन (मौजूदा विधायक) |
102 | कुरवई - एससी | सुभाष बोहाट |
103 | सिरोंज | अशोक त्यागी (नया चेहरा, मौजूदा विधायक गोवर्धन उपाध्याय का टिकट कटा।) |
104 | शमशाबाद | ज्योत्सना यादव |
105 | बैरसिया - एससी | जयश्री हरिकरन |
106 | भोपाल उत्तर | आरिफ अकील (मौजूदा विधायक) |
107 | भोपाल दक्षिण | पीसी शर्मा (पिछली बार हारे थे, दोबारा मौका) |
108 | आष्टा - एससी | गोपाल सिंह |
109 | इछावर | शैलेंद्र पटेल (मौजूदा विधायक) |
110 | सीहोर | सुरेंद्र सिंह ठाकुर |
111 | नरसिंहगढ़ | गिरीश सिंह भंडारी (मौजूदा विधायक) |
112 | राजगढ़ | बापू सिंह तोमर |
113 | खिलचीपुर | प्रियव्रत सिंह |
114 | सारंगपुर - एससी | कला मालवीय |
115 | सुसनेर | महेंद्र सिंह परिहार |
116 | आगर - एससी | विपिन वानखेड़े |
117 | शाजापुर | हुकुम सिंह करादा |
118 | कालापीपल | कुणाल चौधरी |
119 | सोनकच्छ - एससी | सज्जन सिंह वर्मा |
120 | देवास | जयसिंह ठाकुर |
121 | बागली - एसटी | कमल सिंह वसकाले |
122 | मानधाता | नारायण सिंह पटेल |
123 | हरसूद - एसटी | सुखराम साल्वे |
124 | नेपानगर - एसटी | सुमित्रा देवी कसदाकर |
125 | बुरहानपुर | हामिद काजी |
126 | भीकनगांव - एसटी | झुमा सोलंकी (मौजूदा विधायक) |
127 | बड़वाह | सचिन बिरला |
128 | महेश्वर - एससी | विजयलक्ष्मी साधो |
129 | कसरावद | सचिन यादव (मौजूदा विधायक) |
130 | भगवानपुरा - एसटी | विजय सिंह सोलंकी (मौजूदा विधायक) |
131 | सेंधवा - एसटी | ग्यारसीलाल रावत |
132 | राजपुर - एसटी | बाला बच्चन (मौजूदा विधायक) |
133 | बड़वानी - एसटी | रमेश पटेल (मौजूदा विधायक) |
134 | जोबट - एसटी | कलावती भूरिया |
135 | झाबुआ - एसटी | डॉ. विक्रांत भूरिया |
136 | थांदला - एसटी | वीर सिंह भूरिया |
137 | सरदारपुर - एसटी | प्रताप ग्रेवाल |
138 | गंधवानी - एसटी | उमंग सिंघार (मौजूदा विधायक) |
139 | कुक्षी - एसटी | सुरेंद्र सिंह बघेल (मौजूदा विधायक) |
140 | मनावर - एसटी | हीरा अहलावत |
141 | धर्मपुरी - एसटी | प्राची लाल मेढ़ा |
142 | धार | प्रभा सिंह गौतम |
143 | बदनावर | राजवर्धन सिंह दत्तीगांव |
144 | इंदौर-3 | अश्विन जोशी |
145 | डॉ. अंबेडकरनगर - महू | अंतर सिंह दरबार |
146 | राऊ | जीतू पटवारी (मौजूदा विधायक) |
147 | सांवेर - एससी | तुलसी सिलावट |
148 | नागदा - खाचरोद | दिलीप सिंह गुर्जर |
149 | तराना - एससी | महेश परमार |
150 | घट्टिया - एससी | रामलाल मालवीय |
151 | बड़नगर | मुरली मोरवाल |
152 | रतलाम ग्रामीण - एसटी | लक्ष्मण सिंह डिंडोर |
153 | सैलाना - एसटी | हर्षविजय गहलोत |
154 | जावरा | केके सिंह कालूखेड़ा |
155 | सुवासरा | हरदीप सिंह डांग (मौजूदा विधायक) |
भोपाल . उम्मीदवारों का ऐलान होते ही भाजपा में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। दस बार के विधायक व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने अपनी बहू कृष्णा को टिकट दिलवाने के लिए संगठन से लेकर दिल्ली तक जोर लगा दिया है। भाजपा बाबूलाल गौर का टिकट काट चुकी है और उनकी बहू को भी टिकट देने में आना-कानी कर रही है।
गौर इससे नाराज हैं। बहू ने साफ कर दिया है कि पार्टी उन्हें टिकट दे या नहीं, वे इस्तीफा देकर हर हाल में गोविंदपुरा से ही चुनाव लड़ेंगी। टिकट कटने की संभावनाओं के मद्देनजर गौर समर्थकों ने आनन-फानन में शनिवार को गोविंदपुरा में बैठक की। इसके बाद गौर के निवास पर विधानसभा प्रभारी बारेलाल अहिरवार समेत क्षेत्र के तमाम पार्षदों ने कृष्णा से मुलाकात कर चुनाव लड़ने के लिए कहा। इस बीच, कृष्णा ने परिवारवाद को लेकर सवाल उठाए और कहा कि उनके मन में पीड़ा है।
संगठन में काम किया। बरसों से परिवार का गोविंदपुरा से नाता है। कई दूसरे नेताओं के बेटे-बेटी को टिकट मिला है तो मेरे साथ ऐसा क्यों? उन्होंने आशा व्यक्त की कि आरएसएस और संगठन का उनपर भरोसा है। यह भी इस बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गौर परिवार से संपर्क कर लिया है।
कांग्रेस नेता गोविंद गोयल भी गौर से मिलने उनके निवास पर पहुंचे। देर शाम को गौर ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से कृष्णा के लिए बात की। दूसरी ओर गोविंदपुरा सीट से दावेदारी कर रहे महापौर आलोक शर्मा ने संगठन महामंत्री सुहास भगत से मिलकर अपना पक्ष रखा। भाजपा के प्रदेश महामंत्री व दावेदार वीडी शर्मा भी लगातार संघ के संपर्क में हैं।
इधर, गौर के घर पहुंचे पार्षदों में सीमा यादव, नारायणी अहिरवार, रामबाबू पाटीदार, अर्चना परमार, रश्मि द्विवेदी, लक्ष्मी ठाकुर और संजय वर्मा समेत अन्य शामिल थे। कृष्णा गौर ने मुख्यमंत्री से मिलकर यह भी स्पष्ट कर दिया कि जब वरिष्ठ नेताओं के सीट छोड़ने पर बेटों, पत्नियों और भाइयों को टिकट मिल सकती है तो उन्हें क्यों नहीं। सुदीप, विक्रम तो वर्तमान में और कई पूर्व उदाहरण हैं।
पार्टी दफ्तर में सहस्त्रबुद्धे को घेरा
मुंगावली में भाजपा प्रत्याशी केपी यादव के विरोध में बाईसाहब यादव के पुत्र ने समर्थकों के साथ भोपाल में पार्टी दफ्तर में शक्ति प्रदर्शन कर दिया। साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे की गाड़ी को घेर लिया। दोनों नेता कार से नहीं निकले तो समर्थकों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि-‘क्या कार्यकर्ताओं की भी नहीं सुनी जाएगी’।
25 गाड़ियों के साथ सीएम हाउस पहुंचे वेल सिंह
धार की सरदारपुर सीट से भाजपा विधायक वेलसिंह भूरिया का टिकट कट गया। वे शनिवार को 25 गाड़ियों में समर्थक लेकर सीएम हाउस पहुंचे और मुख्यमंत्री से बात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें समझाने का प्रयास किया। भूरिया ने अभी अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है।
भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने शनिवार को आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शासन काल में महिलाओं के खिलाफ अपराध के ग्राफ में 700 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। तिवारी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार के 2004 से 2016 तक के काल में मध्यप्रदेश में महिलाओं और लड़कियों के अपहरण के मामलों में 755 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2004 में महिला अपहरण के 584 मामले दर्ज हुए थे जबकि वर्ष 2016 में इनकी संख्या बढ़कर 4994 हो गई है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे तिवारी ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में महिलाओं और नाबालिग लड़कियों से बलात्कार के मामले 259 प्रतिशत बढ़ गये हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2004 में नाबालिग बालिकाओं से बलात्कार के 710 मामले दर्ज हुए थे, वहीं वर्ष 2016 में यह बढ़कर 2479 हो गये। तिवारी ने दावा किया कि कुल मिलाकर भाजपा शासन काल में मध्यप्रदेश में अपराध बढ़े हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार कामकाजी महिलाओं के लिये मध्यप्रदेश देश का सबसे असुरक्षित राज्य है। राज्य में बढ़ते अपराध इसकी प्रगति में बाधक हैं। तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 13 साल के शासन काल में 30,000 लोगों की हत्या हुई, 46,000 बलात्कार के मामले दर्ज हुए तथा प्रदेश में 2.25 लाख गंभीर अपराध हुए। जबकि दूसरी ओर राज्य में दोषियों को सजा दिलाने की दर काफी कम है। गत वर्ष के अंत में प्रदेश में 79 प्रतिशत मामले लंबित थे।
तिवारी ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में स्पर्धा चल रही है कि कहां अपराध अधिक होते हैं। अपराधों के मामले में देश में पहले दो स्थान इन्ही भाजपा शासित राज्यों के नाम पर दर्ज हैं। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने आरोप लगाया कि बाहरी नेताओं द्वारा मध्य प्रदेश की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह शासन काल में मध्यप्रदेश दलितों और आदिवासी महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामले में अव्वल था तथा प्रदेश में नक्सल और डकैत समस्या अपने चरम पर थी। भाजपा का शासन आने के बाद प्रदेश में संगठित अपराधों का अंत हुआ तथा प्रदेश में नक्सल और डकैत समस्या समाप्त कर दी गई है।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को 177 उम्मीदवारों ने नाम की घोषणा कर दी। इस सूची में भाजपा के कुछ दिग्गज नेताओं के नाम गायब हैं। जिसके बाद भाजपा में टिकट बटवारे को लेकर विरोध शुरू हो गया है। मनचाही सीट नहीं मिलने और सीट कटने से नेता नाराज हैं और उनके समर्थक बिफर गए हैं। राज्यभर में सीट बंटवारे को लेकर शुरू हुए हंगामे का शोर राजधानी में मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच गया है।
बाबूलाल गौर समर्थकों का हंगामा
बाबूलाल गौर की सीट गोविंदपुरा को फिलहाल होल्ड पर रखा गया है। जिसके बाद गौर के समर्थकों ने भी जमकर हंगामा काटा। बाबूलाल गौर के समर्थक को आशंका है कि उनका टिकट काटा जा सकता है। गौर के समर्थकों ने बड़ी संख्या में गोविंदपुरा में हंगामा किया। साथ ही उन्होंने बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर को टिकट देने की मांग। समर्थक हर हाल में कृष्णा गौर को टिकट देने की मांग कर रहे हैं। समर्थकों का दावा है कि अगर यह सीट कृष्णा गौर को नहीं दी गई तो यह सीट भाजपा के हाथ से निकल सकती है।
कैलाश जोशी ने गौर से जताई सहानुभूति
पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी ने भी बाबूलाल गौर की सीट होल्ड होने पर दबी जुबान में इसे गलत बताया। जोशी ने कहा, "मैं कुछ कह भी दूं कि गलत हो रहा है तो इससे क्या होगा। पार्टी तय करती है मेरे कहने से कुछ नहीं होगा।"
विधायकों और पूर्व मंत्रियों के टिकट काटे जाने पर जोशी ने कहा, "कोई ना कोई कारण होगा जिसकी वजह से इनके टिकट काटे गए हैं।" कैलाश जोशी ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम में संशोधन के मुद्दे पर कहा कि इससे भाजपा को थोड़ा बहुत नुकसान झेलना पड़ सकता है।
वेल सिंह भूरिया का हंगामा
भाजपा नेता वेल सिंह भूरिया सरदारपुर से विधायक हैं। इस बार उनका टिकट संजय बघेल को दे दिया गया है। टिकट कटने से नाराज भूरिया अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए। भूरिया अपने समर्थकों की फौज के साथ करीब 25 गाड़ियों में सवार होकर पहुंचे थे।
कुसुम मेहदेल भी शिवराज से मिलीं
पन्ना विधानसभा सीट के लिए भी प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की गई है। कुसुम मेहदेले यहां से विधायक हैं। इस बार उनका टिकट कटने की भी आशंका है। मेहदले मुख्यमंत्री आवास पहुंचीं और शिवराज सिंह से मुलाकात कर उन्होंने टिकट बंटवारे पर अपनी नाराजगी जताई।
बुधनी से लड़ेंगे शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने गृहक्षेत्र बुधनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। वहीं राज्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा को दतिया और यशोधरा राजे सिंधिया को शिवपुरी से भाजपा प्रत्याशी बनाया गया है।
तीन मंत्रियों के टिकट कटे
जिनके टिकट काटे गए हैं उनमें एक बड़ा नाम है राज्य मंत्री माया सिंह का। उनकी जगह इस बार ग्वालियर पूर्व से सतीश सिकरवार को टिकट दिया गया है। इसके साथ ही जल संसाधन मंत्री हर्ष सिंह का टिकट भी काटा गया है। वह सतना की रामपुर बघेलान सीट से विधायक हैं। उनकी जगह विक्रम सिंह को टिकट दिया गया है। इसके अलावा पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार की जगह सांची से उनके बेटे मुदित शेजवार को टिकट मिला है।
व्यापमं घोटाले में आरोपी पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के भाई उमाकांत सिरोंज से उम्मीदवार बनाया गया है। बाबूलाल गौर की सीट गोविंदपुरा को फिलहाल होल्ड पर रखा गया है। वह कृष्णा गौर को टिकट दिलाने के लिए जोर लगाए हुए थे।
अधिकतर मंत्रियों को मिला टिकट
हालांकि अधिकतर मंत्रियों को टिकट दिया गया है। ये नाम हैं- भूपेन्द्र सिंह (खुरई), नरोत्तम मिश्रा (दतिया), यशोधरा राजे सिंधिया (शिवपुरी), गोपाल भार्गव (लहरी), राजेन्द्र शुक्ल (रीवा), संजय पाठक (विजयराघगढ़), विश्वास सारंग (नरेला), उमाशंकर गुप्ता (भोपाल दक्षिण पश्चिम), गौरीशंकर बिसेन (बालाघाट), पारस जैन (उज्जैन उत्तर), सुरेंद्र पटवा (भोजपुर), रामलाल (सिलवानी), दीपक जोशी
(हाटपिपल्या)
इसके अलावा इस बार दो सांसदों को भी टिकट दिया गया है। नागौर से नागेंद्र सिंह नागौर और आगर से मनोहर उटवार को टिकट मिला है।
दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्यों में सीटों के बंटवारे के फार्मूले पर गहन चर्चा की गई। बैठक में नामों पर काफी मंथन के बाद चुनाव के लिए उम्मीदवार तय किए गए।
मध्यप्रदेश में भाजपा उम्मीदवार की सूची
ग्वालियर- जयभान सिंह पवैया
दतिया- नरोत्तम मिश्रा
सबलगढ़- सरला रावत
अटेर- अरविंद सिंह
जौरा- सूबेदार सिंह
रतलाम सिटी- चेतन कश्यप
सुमावली- अजय सिंह कुशवाहा
विजयपुर- सीताराम आदिवासी
मुरैना- रुस्तम सिंह
गोहद- लाल सिंह आर्य
श्योपुर- दुर्गालाल विजय
लहार- रसाल सिंह
राघौगढ़- भूपेंद्र रघुवंशी
मुरैना- रुस्तम सिंह
ग्वालियर पूर्व- सतीश सिकरवार
ग्वालियर दक्षिण- नारायण सिंह कुशवाहा
शिवपुरी- यशोधरा राजे सिंधिया
चाचौड़ा- ममता मीणा
अशोकनगर- लड्डूराम कोड़ी
पोहरी- प्रह्लाद भारती
चंदेरी- भूपेंद्र द्विवेदी
राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनावों पर चर्चा के लिए दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की गुरुवार देर रात तक बैठक हुई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। भाजपा ने मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए 24 प्रत्याशी और तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए 28 उम्मीदवारों के नाम भी जारी किए हैं।