मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश (8352)

भोपाल. मध्‍य प्रदेश की 15वीं विधानसभा का 19 दिवसीय मानसून सत्र 8 जुलाई से शुरू हो रहा है, ये 26 जुलाई तक चलेगा। इसे अब तक का सबसे छोटा बजट सत्र माना जा रहा है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को चिट्ठी लिखकर विधानसभा के मानसून सत्र की अवधि बढ़ाए जाने की मांग की है।
उन्होंने लिखा, "मैं आपको अवगत कराना चाहता हूं कि पूर्व में संपन्न हुए विधानसभा के बजट सत्रों की समयावधि कम से कम 5 सप्ताह रखी जाती रही है। विधानसभा में बजट सत्र ही ऐसा सत्र होता है, जिसमें प्रदेश के जन हितैषी मुद्दों पर व्यापक चर्चा होती है। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही सरकार की खामियों को गिनाने का काम करते हैं।"
विधानसभा सत्रों का दिया हवाला :
गोपाल भार्गव ने पत्र में मुख्यमंत्री को बीते सालों में हुए विधानसभा सत्रों का उदाहरण दिए हैं। जिसमें विधानसभा बजट सत्रों की समयावधि कम से कम पांच सप्ताह रखी जाती रही है। उन्होंने कहा है कि 8 से 26 जुलाई तक आहूत बजट सत्र में मात्र 15 बैठकें होंगी। इसमें भी पहला दिन श्रद्धांजलि में चला जाता है। कुल 14 बैठकों में सदस्य विभिन्न विभागों के बजटे पर चर्चा करेंगे या जनता के मुद्दों को उठाएंगे ये बड़ा सवाल है।
2002 से अब तक हुए विधानसभा सत्र :
भार्गव ने लिखा कि 2002 में 51 दिन, 2003 में 47 दिन, 2004 में 37 दिन, 2010 में 33 दिन, 2011 में 40 दिन, 2012 में 39 दिन, 2013 में 30 दिन, 2004 में 29 दिन, 2015 में 24 दिन, 2016 में 39 दिन, और 2017 में 22 दिन की समयावधि रही है। उन्होंने कहा कि 15वीं विधानसभा को गठित हुए छह माह की समयावधि पूर्ण हो चुकी है और इस दौरान प्रदेश में अनेक ज्वलंत समस्याएं उत्पन्न हो गई है, लेकिन स्तर बुलाकर चर्चा नहीं कराई गई।
5 सप्ताह की समयावधि की मांग :
वहीं बजट सत्र की अवधि से प्रतीत होता है सरकार मात्र 15 दिवस में सभी शासकीय और अशासकीय कार्य निपटा लेना चाहते हैं, जो कि व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस बजट स्तर की कार्रवाई की अवधि बढ़ाकर कम से कम पांच सप्ताह अर्थात 25 कार्य दिवस करने की मांग की है।

जबलपुर, मलाजखंड, मंडला एवं नरसिंहपुर में बीती रात बारिश होने से गर्मी से मामूली राहत मिली है
प्रदेश के विंध्य, बुंदेलखंड, महाकौशल, मालवा निमाड़ के शहर भीषण गर्मी से तप रहे हैं
भोपाल. प्रदेश में भीषण गर्मी का कहर जारी है। दिन के अलावा अब रातें भी बेहद तप रहीं हैं। हालात ये हैं कि ज्यादातर शहरों में रात का तापमान सामान्य से 4 से 6 डिग्री तक ज्यादा है। राजधानी में रात का तापमान 31.6 डिग्री दर्ज किया गया।ये सामान्य से छह डिग्री ज्यादा रहा। होशंगाबाद, खजुराहो, दमोह, नौगांव समेत अन्य शहरों में भी रातें ऐसी ही तप रही हैं। शिवपुरी में रात का तापमान सबसे ज्यादा 36 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। 
राजधानी में शनिवार को भी पारे की चाल तेज बनी हुई है। सुबह 11.30 बजे तापमान 41.6 डिग्री दर्ज किया गया। शुक्रवार को सुबह 11.30 बजे भी तापमान इतना ही रहा था। प्रदेश के विंध्य, बुंदेलखंड, महाकौशल, मालवा निमाड़ के शहर भीषण गर्मी से तप रहे हैं। इधर, जबलपुर, मलाजखंड, मंडला एवं नरसिंहपुर में बीती रात बारिश होने से गर्मी से मामूली राहत मिली है।
ऑल टाइम रिकार्ड के लिहाज से अब तक का तीसरा सबसे गर्म दिन
शहर में शुक्रवार काे दर्ज 45.9 डिग्री तापमान जून में सबसे ज्यादा और ऑल टाइम रिकार्ड के लिहाज से अब तक का तीसरा सबसे गर्म दिन है। इससे पहले भाेपाल में 2016 में 20 मई काे दिन का तापमान 46.7, 2010 में 25 मई काे 46.0 डिग्री दर्ज किया गया था। इसके बाद 7 जून 2009 यानी शुक्रवार काे तापमान 45.9 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा भाेपाल में अप्रैल, मई और जून में इनसे ज्यादा तापमान कभी दर्ज नहीं किया गया।
शहर में ऐसा पहली बार : मई में भी कभी तापमान लगातार तीन दिन 45 डिग्री से ज्यादा नहीं रहा। पिछले साल मई में सिर्फ दाे बार 28 और 30 तारीख काे तापमान 45.3 डिग्री दर्ज किया गया था। अभी बुधवार काे 45.4 गुरुवार काे 45.3 और शुक्रवार काे 45.9 यानी लगातार तीन दिन पारा 45 डिग्री पार रहा। ऐसा पहली बार हुआ है।
क्याें चल रही है ऐसी सूखी- गर्म हवा
वरिष्ठ माैसम वैज्ञानिक एके शुक्ला का कहना है कि भाेपाल में इस बार प्री मानसून गतिविधि 19 फीसदी कम रही। चक्रवात और या प्रति चक्रवात के जरिए अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से जाे नमी मिलना चाहिए इसका पूरी तरह अभाव रहा। इसका असर यह हुआ कि हवा में सूखापन ज्यादा रहने से तापमान लगातार बढ़ता रहा। भाेपाल और उसके आसपास के इलाकाें में इसका प्रभाव ज्यादा रहा।

जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट के प्रशासनिक और सीनियर जज जस्टिस आरएस झा को मप्र हाईकोर्ट का एक्टिंग चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति के आदेश पर केन्द्रीय कानून मंत्रालय ने नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है। वर्तमान चीफ जस्टिस एसके सेठ 9 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसके बाद जस्टिस झा 10 जून से एक्टिंग चीफ जस्टिस का कार्यभार संभालेंगे।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मुंबई हाईकोर्ट के सीनियर जज एए कुरैशी को मप्र हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाए जाने की अनुशंसा की है, लेकिन अभी तक कॉलेजियम की अनुशंसा को राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली है। जबलपुर निवासी जस्टिस आरएस झा का जन्म 14 अक्टूबर 1961 को हुआ। बीएससी-एलएलबी करने के बाद उन्होंने 20 सितंबर 1986 से मप्र हाईकोर्ट में वकालत की शुरूआत की। उन्हें संवैधानिक, सिविल और रेवेन्यू के मामलों में विशेषज्ञता हासिल है। 18 अक्टूबर 2005 को उन्हें मप्र हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया। 2 फरवरी 2007 को उन्हें मप्र हाईकोर्ट में स्थाई जज नियुक्त किया गया था।

भोपाल में 44-45 के बीच रहने का अनुमान, चार पांच शहरों में 47 तक जा सकता है पारा
मौसम विभाग जारी कर चुका है रेड अलर्ट, स्वास्थ्य विभाग एडवाजरी जारी कर लू से बचने के लिए चेता चुका है
भोपाल. शुक्रवार की सुबह से मौसम के तेवर तल्ख बने हुए हैं। मौसम के साफ रहने से तीखी धूप है, जिससे हुई उमस ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। गुरुवार की तुलना में राजधानी समेत प्रदेश भर में पारे की चाल ज्यादा तेज है। मौसम विभाग ने प्रदेशभर में रेड अलर्ट जारी किया है और स्वास्थ्य विभाग एडवाजरी जारी कर लू से बचने के लिए चेता चुका है।
भोपाल में सुबह साढ़े 11 बजे तापमान 41.6 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि गुरुवार को ये 41.4 डिग्री तक ही पहुंच सका था। इसके अलावा प्रदेश के होशंगाबाद, रायसेन, खजुराहो, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, रीवा सतना सीधी, शहडोल और उमरिया। महाकौशल के जबलपुर, छिंदवाड़ा, बैतूल में पारा 44-45 डिग्री पार रहने का अनुमान है।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एके शुक्ला ने बताया कि राजस्थान और उत्तर भारत से आ रही सूखी और गर्म हवा की तीव्रता और बढ़ गई है। इसके अलावा भोपाल के आसपास एक प्रति चक्रवात और मध्य प्रदेश के मध्य में चक्रवाती हवाओं का घेरा बना हुआ है। इसके कारण तापमान में इजाफा हो रहा है।
भीषण गर्मी के चलते जलसंकट
सीहोर जिले से 150 किलोमीटर दूर बुधनी विधानसभा के ग्राम खाड़ावाड़ा गांव में सूखी नदी की झिरिया से पानी भरती महिलाएं। एक-एक घंटे में यहां पर पीने के लिए थोड़ा पानी मिल पा रहा है। वहीं भोपाल में बड़ा तालाब भी तेजी से सूख रहा है। पानी की कमी के कारण तकिया टापू तक तालाब सूख गया है। पानी 15 फीट नीचे उतर गया है। 10 साल बाद बनी ये भयावह हालत अब तकिया टापू दिखने लगा है।
आगे क्या : मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगामी 24 घंटों में राज्य के बड़े हिस्से में गर्मी और लू का असर बना रहेगा। राज्य के हिल स्टेशन पचमढ़ी में भी लू चलने की आशंका है।  राज्य में शुक्रवार को भोपाल का न्यूनतम तापमान 32़ 5 डिग्री सेल्सियस, इंदौर का 28़ 5, ग्वालियर का 29़ 2 और जबलपुर का न्यूनतम तापमान 33़1 सेल्सियस दर्ज किया गया।

एसडीएम ने पटवारियों को एडीएम को दारू, चिकन नहीं देने का किया था मैसेज, यह वायरल हुआ
श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया के हस्तक्षेप के बाद अपर कलेक्टर का हुआ तबादला
गुना. राजस्व विभाग में तैनात पटवारी और तहसीलदार से शराब और नॉनवेज की मांग करने वाले अपर कलेक्टर (एडीएम) दिलीप मंडावी को तबादला कर दिया गया। मंडावी को मंत्रालय में बतौर उपसचिव तैनात किया गया है। एडीएम मंडावी की शिकायत महिला एसडीएम शिवानी गर्ग और उनके स्टॉफ के कर्मचारियों ने जिला कलेक्टर से की थी।
शिवानी गर्ग का एक मैसेज वायरल हुआ था। इसमें शिवानी ने राजस्व अधिकारियों के ग्रुप पर एक पोस्ट भेजी थी। इसमें उन्होंने पद का जिक्र करते हुए लिखा था- 'समस्त पटवारी, आरआई, नायब तहसीलदार और तहसीलदार साहिबान ध्यान दें। अगर आप में से किसी ने भी किसी भी स्तर पर एडीएम को दारू, चिकन आदि पहुंचाया तो मैं आपके विरुद्ध कार्रवाई करूंगी और अनाधिकृत लाभ पहुंचाने संबंधित कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।'
यह मैसेज राजस्व अधिकारियों के ग्रुप में 28 मई को डाला गया। अधिकारियों में से ही किसी ने इस मैसेज को वायरल कर दिया। 2 दिन से यह मैसेज ग्रुप में चल रहा था। इसके बाद श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया के संज्ञान में यह मामला आया, तो उन्होंने तुरंत ही शासन तक यह संदेश भेजा। इसके बाद शासन ने अपर कलेक्टर को गुना से हटा दिया। इस कार्रवाई के बाद अधिकारियों ने भी चुप्पी साध ली।
कर्मचारी परेशान हो गए थे
यह मैसेज तो पुराना हो गया है। एडीएम साहब की ऊल-जुलूल फरमाइशें रहती थीं। रोज बेचारे पटवारियों को परेशान करते थे। इसलिए हमने ग्रुप में डाला। दो-ढाई महीने हमारा अमला परेशान रहा। पटवारियों ने इसके लिए कलेक्टर साहब को ज्ञापन भी दिया था। अभी वर्तमान में तो उनके द्वारा कोई ख्वाहिश नहीं की जा रही है।
शिवानी गर्ग, एसडीएम गुना
हालांकि बाद में जब मामले ने तूल पकड़ा तो पटवारियों को बुलाकर शिवानी ने उनके मोबाइल से मैसेज डिलीट करा दिया। अपर कलेक्टर मंडावी ने जानकारी न होने की बात कही। वहीं कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने इस बारे में बात करने से मना कर दिया।

उमरिया. उमरिया के कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने संवेदनशीलता की मिसाल पेश करते हुए गर्मी से परेशान बच्चों के लिए अपने कमरे और ऑफिस का एसी निकालकर पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में लगवा दिया। इसके बाद इस केंद्र में इलाज के लिए भर्ती कमजोर बच्चों को राहत मिली है।
कलेक्टर सोमवंशी से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया, "गर्मी के खराब हालात देखक ये फैसला लिया गया है। इस वक्त भीषण गर्मी पड़ रही है, इस वजह से पोषण पुनर्वास केंद्र भी अंदर से काफी गर्म था। ऐसे में बच्चों की परेशानी को देखते हुए हम पहले से ही एसी के इंतजाम में जुटे थे। लेकिन इसे फौरन बिल्डिंग में लगाना था। ऐसे में अपने ऑफिस और मीटिंग हॉल में लगे एसी को निकाल कर एनआरसी सेंटर में लगवा दिया।"
ब्लॉक में ऐसे चार पोषण पुनर्वास केंद्र हैं। कलेक्टर सोमवंशी ने बताया कि कलेक्टर की कोशिश के बाद इन चारों केंद्रों पर एसी लग गए हैं।
जबलपुर में हो चुकी है छह माह के बच्चे की मौत
असल में, पूरा प्रदेश भीषण गर्मी की चपेट में है। पिछले कई दिनों से ज्यादातर जिलों में पारा 45 डिग्री के पार चल रहा है। ऐसे में अस्पताल में भर्ती बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। जबलपुर में गुरुवार को लू लगने एक बच्चे की मौत हो गई थी, वहीं दमोह जिले के पथरिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्मी से बच्चे बीमार हो गए थे।

ग्वालियर में दो से चार घंटे की अघोषित कटौती से लोग परेशान, शहर में हो रहे हैं रतजगे
ग्वालियर. राजस्थान की ओर से आ रही सूखी गर्म हवा से नौतपा खत्म होने के बाद भी प्रदेश में भीषण गर्मी से राहत नहीं मिल रही है। अधिकांश जिलों में पारा 46 डिग्री से ऊपर चल रहा है। ग्वालियर और राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के 21 जिले लू की चपेट में हैं। वहीं लू लगने से दो दिन से बीमार चल रहे जीआरपी के प्रधान आरक्षक विनोद सिंह (55) की बुधवार रात को मौत हो गई।

जीआरपी पुलिस के मुताबिक, बुधवार को प्रधान आरक्षक दस्त-उल्टी से पीड़ित थे, जिसके चलते उसे आरोग्यधाम में डॉक्टरों को दिखाया था लेकिन उसका फायदा आरक्षक नहीं मिला और बुधवार को रात 9.30 बजे उनकी मौत हो गई।
सुबह आठ बजे से ही तपने लगा भोपाल
भोपाल के अरेरा हिल्स स्थित मौसम केंद्र में धूप की तीव्रता मापने के लिए लगाए गए सनशाइन रिकाॅर्डर के चार्ट से यह मालूम हुआ कि गुरुवार को सुबह 8 बजे से ही तपिश बढ़ गई है। गर्म हवाओं की वजह से दाेपहर 12:00 बजे तक इसमें तीव्रता आ गई है। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि सुबह सूर्याेदय के पहले सनशाइन रिकाॅर्डर के निचले हिस्से में नीले रंग का एक चार्ट लगाया जाता है। जैसे-जैसे सूरज की तीखी किरणाें से तपिश बढ़ती है, वैसे-वैसे इस चार्ट के निचले हिस्से में बना ग्राफ का हिस्सा जलता जाता है।
दवा लेने के बाद क्वार्टर चले गए थे आरक्षक
आरोग्यधाम यहां से दवा लेने के बाद वह पड़ाव स्थित रेलवे क्वार्टर में आराम करने के लिए चले गए। रात 9:30 बजे करीब उन्हें खाना देने के लिए जीआरपी का स्टाफ गया था। इस दौरान गेट खटखटाया गया लेकिन उन्होंने गेट नहीं खोला। काफी देर तक जब अंदर से कोई रिस्पांस नहीं मिला तो स्टाफ ने गेट तोड़ दिया। अंदर प्रवेश करने पर देखा कि प्रधान आरक्षक बिस्तर पर लेटे हुए हैं। इस दौरान उन्हें हिलाकर देखा गया लेकिन कोई रिस्पांस नहीं दिया।
जीआरपी पुलिस का कहना है कि प्रधान आरक्षक की मौत लू लगने के कारण हुई है। टीआई अजीत सिंह चौहान के मुताबिक प्रधान आरक्षक सतना के रहने वाले हैं। इस घटना की सूचना उनके परिजनों को दे दी गई है।
दतिया का पारा 46 डिग्री पार पहुंचा
बुधवार को अंचल में सबसे अधिक तापमान दतिया का रहा। यहां अधिकतम तापमान 46.6 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। जबकि ग्वालियर व मुरैना जिले का अधिकतम तापमान 46 डिग्री रहा। हालांकि ग्वालियर के मुरार क्षेत्र में दोपहर 3 बजे करीब 5 मिनट तक हल्की बारिश हुई। इसके बाद फिर से तेज धूप निकल आई।
अब आगे क्या : मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक अगले 24 घंटे के दौरान ग्वालियर-चंबल संभाग लू की चपेट में रहेगा। साथ ही तापमान भी अधिकतर जिलों में 45 डिग्री के पार रहने की संभावना है। अभी 5 दिन तक गर्मी से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।
अघोषित कटौती के कारण रातभर अंधेरे में डूबे रहे कई हिस्से
सीएम कमलनाथ ने मंगलवार दोपहर को प्रदेश की बिगड़ती बिजली व्यवस्था को लेकर भले ही बिजली कंपनी के अफसरों की फटकार लगाई हो, लेकिन अंचल में शाम से ही अघोषित कटौती शुरू हो गई। ग्वालियर शहर का आधे से ज्यादा इलाका सारी रात अंधेरे में डूबा रहा। जबकि गुरुवार को सुबह 10 बजे से एक बजे तक के लिए बिजली कटौती की गई है।
इस झुलसाने वाली गर्मी में बुधवार को ग्वालियर सहित श्योपुर, मुरैना और शिवपुरी में लोगों को छह घंटे तक कटौती का सामना करना पड़ा। बिजली कंपनी के अफसरों का कहना है कि फाल्ट ढूंढने में देर लगी, इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
बिजली कटौती से बेहाल रहे लोग

ग्वालियर: लाइन टूटने एवं केबल जलने से आधे से अिधक क्षेत्र अंधेरे में डूबा रहा।
श्योपुर: तड़के 3.30 बजे फॉल्ट, ढाई घंटे बाद जेई को सूचना मिली, फिर भी दोपहर 12 बजे बिजली आई।
मुरैना: रात में 11 बजे बिजली गुल हुई, दो घंटे बाद बिजलीकर्मी सुधारने आए।
शिवपुरी: लाइन से कबूतर टकराने के बाद 1.40 घंटे बिजली बंद रही।

सर्किट हाउस में बिजली गुल होने से 20 मिनट अंधेरे में बैठे रहे स्कूल शिक्षा मंत्री
रायसेन। भले ही कमलनाथ सरकार प्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं होने के तमाम दावे करे, लेकिन लोग परेशान हैं। प्रदेश में बिजली व्यवस्था के कैसे हालात हैं इसका प्रत्यक्ष प्रमाण स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी को अपने ही विधानसभा क्षेत्र में देखना पड़ा। जैसे ही मंत्री चौधरी सर्किट हाउस पहुंचे वहां लाइट चली गई और मंत्री भरी गर्मी में बैठे रहे और अंधेरे में ही लोगों के दिए कागजात देखते रहे।
दरअसल, शहर में बुधवार को स्कूल शिक्षा मंत्री अपने प्रवास के दौरान सर्किट हाउस पहुंचे। वहां वे एक कक्ष में जाकर बैठ गए। उनसे मिलने के लिए लोग भी वहां पहुंचने लगे। ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोग अपने आवेदन देकर डॉ चौधरी को समस्याएं सुनाने लगे।
इसी दौरान सर्किट हाउस की बिजली गुल हो गई। इससे कमरे में अंधेरा छा गया। करीब 20 मिनट तक मंत्री अंधेरे में बैठे रहे। खिड़की की माध्यम रोशनी में मंत्री चौधरी आवेदन पड़ने का प्रयास करने लगे। इस दौरान लोगों ने जनरेटर तलाशने की कोशिश की। लेकिन सर्किट हाउस में इस तरह की कोई सुविधा नहीं थी। बिजली गुल होने से लोग परेशान होने लगे। इस दौरान मंत्री डॉ चौधरी के साथ कांग्रेस नेता ब्रजेश चतुर्वेदी, मनोज अग्रवाल, लोहट सहित अन्य कांग्रेसी नेता मौजूद थे।
जनपद अध्यक्ष मुनियन भी मिले : लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए सांची जनपद अध्यक्ष एस मुनियन भी इस दौरान डॉ चौधरी से मिलने पहुंचे। उन्होंने ने भी क्षेत्र से संबंधित चर्चा स्कूल शिक्षा मंत्री से की।

मंदसौर में गोलीकांड आज बरसी, छह जून को हुई घटना के मौके पर किसान नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
छह जून को मंदसौर में बेगुनाह किसानों पर चली थी गोलियां, जिसमें छह किसानों की मौत हो गई थी
भोपाल. मंदसौर में आंदोलन कर रहे बेगुनाह किसानों के ऊपर चलाई गोली से छह किसानों की मौत को आज यानि छह जून को दो साल पूरे हो गए। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मौके पर ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने कहा, "दोषियों को सजा और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने अपने कहा कि बेगुनाह किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे।"
इधर, किसान नेता राजू शेट्टी, बीएम सिंह, डॉ.सुनीलम और डीपी धाकड़ बूढ़ा गांव पहुंचे और मृतक किसानों को श्रद्धांजलि दी। भारतीय किसान यूनियन की तरफ से भोपाल में कार्यक्रम का आयोजन किया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
किसान आंदोलन पर चली थी गोलियां
बता दें कि दो साल पहले छह जून को किसान आंदोलन को काबू में करने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाई थी। इसमें छह किसानों की मौत हो गई थी। इस कांड से देशभर में शिवराज सरकार की किरकिरी कराई थी। बिगड़ते हालात को काबू में करने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपवास पर बैठ गए थे। मृतक किसानों के परिजनों ने मंच पर आकर उनका उपवास तुड़वाया और न्यायिक जांच के आदेश किए गए।

सरकार ने इस साल चुनाव से पहले फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था, अब 5 जुलाई को पूर्ण बजट पेश होगा
अरुण जेटली के पद छोड़ने के बाद वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण पहली बार बजट पेश करेंगी
नई दिल्ली. एनडीए सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट अगले महीने 5 जुलाई को पेश करेगी। देश की नई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि वे बजट पर ऑनलाइन साझा किए गए विचारों और सुझावों का स्वागत करती हैं। उनकी टीम हर सलाह का विश्लेषण कर रही है।
सीतारमण ने ट्वीट में कहा, “प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के जरिए साझा किए गए विद्वानों, अर्थशास्त्रियों और समर्थकों के विचारों और सुझावों के लिए आभार। मैं इनमें से ज्यादातर को खुद पढ़ती हूं। साथ ही मेरी टीम भी इन सुझावों पर नजर रखती है। इनका काफी महत्व है। शुक्रिया। बजट के लिए विचार और सुझाव आते रहने चाहिए।’’
जेटली के रिटायरमेंट के बाद मिली जिम्मेदारी
पिछली सरकार में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली के रिटायरमेंट के ऐलान के बाद एनडीए-2 में सीतारमण को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही उन्हें कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय भी दिया गया है। इससे पहले एनडीए-1 में उन्होंने रक्षा मंत्री का पद संभाला था। सीतारमण ने 30 मई को वित्त मंत्री के तौर पर पदभार संभाला था।
छह कैबिनेट कमेटियों में सीतारमण को जगह
बुधवार को सरकार ने अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर आठ कैबिनेट कमेटियों का पुनर्गठन किया है। इनमें 6 कैबिनेट कमेटियों में सीतारमण को रखा गया है। कैबिनेट कमेटी ऑन इन्वेस्टमेंट एंड ग्रोथ, कैबिनेट कमेटी ऑन एम्प्लॉयमेंट एंड स्किल डेवलपमेंट और कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी में उनकी भागीदारी अहम रहेगी।

  • RO no 13047/29 "
  • RO No 13047/29
  • RO No 13047/29
  • RO no 13028/122

Ads

RO no 13047/29 "
RO No 13047/29
RO No 13047/29
RO no 13028/122

MP info RSS Feed

फेसबुक