आंकड़ों की सुरक्षा के लिए विधेयक लाया जाएगा: रविशंकर प्रसाद Featured

नयी दिल्ली। आईटी एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि एक लाख रुपए से कम राशि वाले आर्थिक फर्जीवाड़ों के मामलों पर गौर करने के लिए सरकार रिजर्व बैंक के साथ मिलकर काम कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आंकड़ों की सुरक्षा के लिए एक विधेयक तैयार किया जा रहा है। उन्होंने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। अभी रिजर्व बैंक एक लाख रूपए से अधिक राशि से जुड़े फर्जीवाड़े के मामलों पर विभिन्न बैंकों के साथ मिलकर नजर रखता है।

 

 
प्रसाद ने बताया कि रिजर्व बैंक द्वारा मुहैया करायी गयी सूचना के अनुसार 2018-19 में सितंबर तक एटीएम-डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और इंटरनेट बैकिंग से संबंधित धोखाधड़ी के 921 मामले रिपोर्ट किए गए। ये मामले करीब 40 करोड़ रूपए से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में ऐसे 2059 मामले रिपोर्ट किए गए जिनमें 109.56 करोड़ रूपए जुड़े हुए थे। प्रसाद ने कहा, ‘‘सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) की गतिशील प्रकृति और उभरते हुए साइबर खतरों की स्थिति को देखते हुए उचित सुरक्षा नियंत्रण नियोजित करके नेटवर्क और आंकड़े सुरक्षित करने के लिए स्वामी और प्रयोक्ताओं द्वारा सतत प्रयास किए जाने अपेक्षित हैं।’’
 
भारत की डिजिटल और आईटी ताकत का जिक्र करते हुए प्रसाद ने कहा कि दुनिया में इसकी मिसाल है। उन्होंने कहा कि भारत के आंकड़ों को कोई नहीं चुरा सकता है और नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज का भारत नवसाम्राज्यवाद के सामने नहीं झुकेगा। उन्होंने कहा कि वित्तीय आंकड़ा सुरक्षा विधेयक तैयार किया जा रहा है जिसमें आंकड़ों की चोरी सहित विभिन्न मुद्दों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध से निबटने के लिए सुरक्षा अभ्यास के अलावा प्रशिक्षण पर भी जोर दिया जा रहा है उन्होंने कहा कि पुलिस में अलग से आईटी सेल भी बनाया गया है।
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