ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
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Bhilai
नई दिल्ली । कोरोना काल में पिछले पांच महीने से ज्यादातर कंपनियों के अधिकतम कर्मचारी घरों से काम कर रहे हैं। ऐसे में कंपनियों के लिए ऑफिस स्पेस का मतलब नहीं रह गया है। शायद इसी कारण इंडियन कॉर्पोरेट्स और मल्टी नेशनल कंपनियों ने 2020 की पहली छमाही में करीब 6 मिलियन स्क्वेयर फीट ग्रेड ए कमर्शल ऑफिस स्पेस खाली किया है। यह करीब 78 फुटबॉल ग्राउंड के बराबर है। इसमें आधे से ज्यादा ऑफिस स्पेस बेंगलुरू में खाली किए गए हैं। बेंगलुरू में बहुत तेजी से कॉर्पोरेट ऑफिस खुल रहे थे। कॉर्पोरेट ऑफिस लीज के मामले में बेंगलुरू नंबर वन पर है और कोरोना काल से पहले यहां स्पेस का काफी अभाव था, जिसके कारण रेंट भी काफी ज्यादा होता है। असेंचर का बेंगलुरू में प्रजेंस बहुत ज्यादा है। उसने करीब 0.8 मिलियन स्क्वेयर फीट ऑफिस स्पेस खाली किया है। इसके अलावा स्विगी ने 0.3 मिलियन स्क्वेयर फीट, 0.2 मिलियन स्क्वेयर फीट, जनरल इलेक्ट्रेक 0.2 मिलियन स्क्वेयर फीट, रिलायंस कैपिटल 0.7 मिलियन स्क्वेयर फीट, यूनिमोनी ग्लोबल 0.08 मिलियन स्क्वेयर फीट और सदरलैंड ग्लोबल 0.05 मिलियन स्क्वेयर फीट जगह खाली किया है।IBM बेंगलुरू में करीब 5 मिलियन स्क्वेयर फीट ऑफिस स्पेस रखा है। वह भी इसमें बदलाव को लेकर नेगोसिएशन कर रहा है। वर्कप्लेस सलूशन फर्म, वेस्टियन ग्लोबल के एशिया-पैसिफिक सीईओ श्रीनिवास राव ने कहा कि एक सीट की एक महीने की कॉस्टिंग करीब 15 हजार रुपये आती है। अभी ज्यादातर कर्मचारी घर से काम करते हैं। ऐसे में कंपनियां ऑफिस स्पेस पर विचार कर रही हैं।