फिर गिरे डीजल के दाम, पेट्रोल जस का तस Featured

नई दिल्ली। सितंबर में बीते चार महीने में चीन की ओर से कच्चे तेल की मांग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। उधर अमेरिकी डॉलर की रिकवरी से सोने और औद्योगिक धातु की कीमतों में गिरावट आई है। हालांकि, औद्योगिक धातुओं में नुकसान को अमेरिका-चीन की औद्योगिक गतिविधियों में मजबूती ने सीमित कर दिया है। साथ ही एशियाई देशों से भी अभी तक मांग खुल कर नहीं आई है। इसलिए कच्चे तेल का बाजार सुस्त ही है। घरेलू बाजार में देखें तो सरकारी तेल कंपनियां ने आज पेट्रोल को जस का तस छोड़ दिया। हां, डीजल की कीमतों में 20 पैसे प्रति लीटर की कटौती की। शनिवार को दिल्ली में पेट्रोल जहां कल के 81.14 रुपये पर ही टिका रहा, वहीं डीजल 20 पैसे प्रति लीटर घट कर 71.82 रुपये प्रति लीटर पर आ गया।
बीते 16 अगस्त से शुरू करें तो चार दिन, यानी बुधवार 19 अगस्त और 26 अगस्त, शनिवार 29 अगस्त, सोमवार 31 अगस्त को छोड़ दिया जाए तो शेष 13 दिन पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी ही हुई थी। पिछले महीने के दूसरे पखवाड़े की शुरूआत से ही पेट्रोल की कीमतों में जो आग लगनी शुरू हुई, वह बीते एक सितंबर तक जारी रही। यदि दिल्ली की बात करें तो यहां बीते 13 किस्तों में पेट्रोल प्रति लीटर 1.65 पैसे महंगा हुआ था। हालांकि, बीते 10 सितंबर के बाद से इसमें ठहर-ठहर कर कमी का रूख है और अभी तक इसमें 94 पैसे की कमी हो चुकी है। बीते जुलाई में देखा जाए तो सरकारी तेल कंपनियों ने सिर्फ डीजल का दाम ही बढ़ाया था। उस दौरान 10 किस्तों में डीजल के दाम बढ़ाए गए थे। उससे डीजल 1.60 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है। अभी बीते 3 सितंबर से डीजल रह-रह कर सस्ता हो रहा है और आज तक इसमें 1.74 रुपये की कमी आ चुकी है। अमेरिकी डॉलर की रिकवरी से सोने और औद्योगिक धातु की कीमतों में गिरावट आई है। हालांकि, औद्योगिक धातुओं में नुकसान को अमेरिका-चीन की औद्योगिक गतिविधियों में मजबूती ने सीमित कर दिया। इसी वजह से चीन से कच्चे तेल की मांग पर्याप्त नहीं निकल रही है। इसके साथ ही एशियाई देशों में भी मांग ढीली ही है। कल बाजार बंद होते समय डब्ल्यूटीआई क्रूड जहां 1.60 डॉलर प्रति बैरल सस्ता हुआ तो ब्रेंट क्रूड भी 1.41 डॉलर प्रति बैरल सस्ता था।


Rate this item
(0 votes)

Ads

R.O.NO. 13481/72 Advertisement Carousel

MP info RSS Feed

फेसबुक