ईश्वर दुबे
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Bhilai
इकोनॉमी के मोर्चे पर चिंता की बात, अक्टूबर में बढ़ गई बेरोजगारी
लॉकडाउन में नरमी के बाद आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं, इसकी वजह से पिछले कई महीनों में बेरोजगारी में कुछ राहत मिली थी, लेकिन अक्टूबर में यह फिर से बढ़ गई है. इसकी वजह यह हो सकती है कि कृषि क्षेत्र का अस्थायी रोजगार कम हो रहा है.
अक्टूबर में बढ़ गई बेरोजगारी
लॉकडाउन में नरमी के बाद बेरोजगारी में राहत मिली थीअक्टूबर में फिर बेरोजगारी की दर बढ़ गई हैCMIE के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र की बेरोजगारी बढ़ी
रोजगार के मोर्चे पर अक्टूबर माह ने फिर चिंता बढ़ाई है. अक्टूबर में देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 6.98 फीसदी पहुंच गई है. निजी थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के आंकड़ों से यह बात सामने आई है. सितंबर में बेरोजगारी की दर 6.67 फीसदी थी.
लॉकडाउन में नरमी के बाद आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं, इसकी वजह से पिछले कई महीनों में बेरोजगारी में कुछ राहत मिली थी, लेकिन अक्टूबर में यह फिर से बढ़ गई है. इसकी वजह यह हो सकती है कि कृषि क्षेत्र का अस्थायी रोजगार कम हो रहा है.
दरअसल अनुमान लगाया जा रहा था कि जैसे-जैसे अनलॉक की तरफ देश बढ़ेगा, रोजगार की स्थिति और बेहतर होगी. लेकिन अक्टूबर के और इसके पहले अगस्त में आंकड़े बेहतर नहीं आए हैं. इससे पहले कुल बेरोजगारी दर जून में 10.99 फीसदी पर पहुंच गई थी.
शहरी बेरोजगारी में गिरावट
इस दौरान शहरी बेरोजगारी में गिरावट आना राहत की बात है. आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में शहरी बेरोजगारी 7.15 फीसदी थी, जबकि सितंबर में यह 8.45 फीसदी थी.
ग्रामीण बेरोजगारी बढ़ी
हालांकि, इस दौरान ग्रामीण बेरोजगारी में बढ़त हुई है. ग्रामीण बेरोजगार बढ़कर 6.90 फीसदी पहुंच गया, जबकि सितंबर में यह 5.86 फीसदी था.
सबसे ज्यादा बेरोजगारी हरियाणा में
राज्यों की बात करें तो सबसे ज्यादा 27.3 फीसदी की बेरोजगारी दर हरियाणा में देखी गई है, इसके बाद राजस्थान में 24.1 फीसदी और जम्मू-कश्मीर में 16.1 फीसदी की बेरोजगारी दर रही है.
जुलाई में आए थे बेहतर आंकड़े
रोजगार में मोर्चे पर जून के मुकाबले जुलाई में बेहतर आंकड़े सामने आए थे. उम्मीद की जा रही थी कि धीरे-धीरे आंकड़े और बेहतर होंगे. लेकिन आंकड़ों ने एक बार फिर निराश किया है. जुलाई के मुकाबले अगस्त में रोजगार के अवसर घटे और अब अक्टूबर में फिर बेरोजगारी बढ़ी है.