ईश्वर दुबे
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Bhilai
भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को 5 करोड़ रुपये से कम के बैंक एक्सपोजर के लिए चालू खाता(करंट अकाउंट) नियमों में ढील दे दी है। आरबीआई के गाइडलाइंस के अनुसार अब बैंक उन कर्जदारों के लिए चालू खाते खोल सकते हैं, जिन्होंने बैंकिंग प्रणाली से नकद ऋण (सीसी)/ओवरड्राफ्ट (ओडी) के रूप में ऋण सुविधा प्राप्त की है। वहीं उधारकर्ताओं को एक-एक अंडरटेकिंग भी देनी होगी कि जैसे ही यह एक्सपोजर पांच करोड़ रुपए से ज्यादा होगा वो बैंकों को तुरंत सूचित करेंगे। नियामक ने बैंकों से एक महीने के भीतर बदलाव लागू करने को कहा है। 29 अक्टूबर को जारी अपने नए दिशानिर्देशों में, आरबीआई ने कहा कि 5 करोड़ रुपये से कम की बैंकिंग प्रणाली के जोखिम वाले उधारकर्ताओं के लिए चालू खाते खोलने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
RBI ने इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) और दूसरे स्टेकहोल्डर्स से मिले सुझावों के बाद नियमों में यह बदलाव किया है। इससे पहले RBI ने लोन से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में कमी लाने के लिए अगस्त 2020 में करंट अकाउंट से जुड़ नियमों को कड़ा कर दिया था। बता दें कि आरबीआई ने बैंकों को उन ग्राहकों का करंट अकाउंट खोलने पर रोक लगा दी थी, जिन्होंने दूसरे बैंकों से कर्ज ले रखा है और वे सभी ट्रांजैक्शन कैश क्रेडिट (CC) या ओवरड्राफ्ट (OD) सुविधा वाले अकाउंट से हुए हैं।
आरबीआई ने अगस्त 2020 में करंट अकाउंट से जुड़े नियमों को सख्त कर दिया था
बता दें कि ऋण से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों को देखते हुए आरबीआई ने यह निर्णय अगस्त 2020 में करंट अकाउंट से जुड़े नियमों को सख्त कर दिया था। RBI ने अब उसी नियम में ढील दी है। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया, 'यह फैसला लिया गया है कि बैंक उन कर्जदारों के करंट अकाउंट खोल सकते हैं, जिन्होंने बैंकिंग सिस्टम से यानी दूसरे बैंकों से कैश क्रेडिट या ओवरड्राफ्ट के रूप में कर्ज लिया है। हालांकि इसके लिए अधिकतम राशि 5 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।'