ईश्वर दुबे
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मुंबई । आर्थिक वृद्धि की रफ्तार और अनुकूल बाजार परिस्थितियों के साथ, 2024 में आईपीओ के बाजार में भारी चल रही है। इस साल कंपनियों ने आईपीओ के माध्यम से भारी राशि जुटाई है। इस वृद्धि में निवेशकों का भरोसा और नियामकीय ढांचे में सुधार का महत्वपूर्ण योगदान है। साल के दौरान कंपनियों ने आईपीओ के जरिये रिकॉर्ड 1.6 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई है। एक्सचेंज के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2024 में 90 आईपीओ आए जिनके जरिये सामूहिक रूप से 1.6 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए। माना जा रहा है कि अगला साल भी आईपीओ के लिए काफी अच्छा रहेगा। आईपीओ के लिए असाधारण रहा यह साल न केवल निर्गम लाने वाली कंपनियों के भरोसे को दर्शाता है, बल्कि इससे निवेशकों के विश्वास का भी पता चलता है। आईपीओ ने न केवल निगमों के भरोसे को बल्कि निवेशकों के विश्वास को भी प्रमाणित किया है। निवेशकों ने सिर्फ लाभ कमाने के लिए नहीं बल्कि दीर्घकालिक निवेश के लिए भी कंपनियों में विश्वास जताया है। हुंदै मोटर इंडिया का ऐतिहासिक 27,870 करोड़ रुपये का आईपीओ इस साल का सबसे बड़ा आईपीओ हुआ है। छोटी, मझोली और बड़ी कंपनियों ने साझेदारी जुटाते हुए धन जुटाया है। निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के साथ आईपीओ के बाजार में आने वाले साल में भी तेजी की संभावना है। साल के तैयारी में हैं कंपनियां, जो आईपीओ के माध्यम से और अधिक धन जुटाने की सोच रही हैं। जब बाजार विश्लेषकों का यह मानना है कि 2025 में आईपीओ से जुटने वाली राशि अब कि आंकड़ों को पार कर सकती है, तो निवेशकों की उम्मीदें और भी ऊंचाई पर चढ़ गई हैं। आगामी साल में भी आईपीओ बाजार ऐसे ही गतिविधियों में आगे बढ़ते रहने की संभावना है।