ईश्वर दुबे
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नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने पांच मार्च को यस बैंक पर कामकाज पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी थी। इस योजना के तहत निवेश को लेकर अन्य वित्तीय संस्थानों से बातचीत किया जा रहा है। बता दें कि इसमें ग्राहकों के लिए एक माह के दौरान 50,000 रुपए तक निकासी सीमा तय की गई थी। नगदी के संकट से जूझ रहे यस बैंक ग्राहकों को नकदी निकासी पर लगी पाबंदी से जल्दी राहत मिलने वाली है। सरकारी अधिसूचना के मुताबिक, यस बैंक पर लगी रोक 18 मार्च की शाम छह बजे से हटा दी जायेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यस बैंक के रिकंस्ट्रक्शन स्कीम 2020 को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा। साथ ही कहा कि वित्तीय संकट से जूझ रहे यस बैंक से नकद निकासी पर रोक और अन्य पाबंदियों को एसबीआई की राहत पैकेज योजना के अधिसूचित होने के 3 दिन के भीतर हटा लिया जाएगा। यही नहीं उन्होंने बताया कि यस बैंक के पुनर्गठन की अधिसूचना जारी होने के अगले 7 दिनों के अंदर नए बोर्ड का गठन होगा, जिसमें एसबीआई के 2 डायरेक्टर भी शामिल होंगे।
सीतारमण ने आगे कहा कि इस बीच, निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी ने 1,000-1,000 करोड़ रुपए निवेश की घोषणा की है। इस निवेश से आईसीआईसीआई बैंक की यस बैंक में 5 प्रतिशत से अधिक इक्विटी हिस्सेदारी हो जायेगी। वहीं एक्सिस बैंक 60 करोड़ शेयर खरीदने के लिये 600 करोड़ रुपए निवेश करेगा। इसके अलावा कोटक महिन्द्रा बैंक ने भी 500 करोड़ रुपये निवेश की घोषणा की है।