ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
13 कैबिनेट और 10 राज्यमंत्रियों ने शपथ ली, 18 विधायक पहली बार मंत्री बने
मंत्रिमंडल में सिर्फ एक महिला और एक मुस्लिम विधायक को जगह, पायलट खेमे से 7 मंत्री
34 साल के चांदना सबसे युवा और 75 साल के धारीवाल सबसे उम्रदराज मंत्री
मप्र, छत्तीसगढ़ में नए मंत्रियों को मंगलवार को दिलाई जा सकती है शपथ
जयपुर. राजस्थान में सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण हुआ। राज्यपाल कल्याण सिंह ने राजभवन में 13 कैबिनेट और 10 राज्यमंत्रियों को शपथ दिलाई। तीन दिन चले मंथन के बाद दिल्ली में राजस्थान का मंत्रिमंडल तय हुआ था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ चर्चा के बाद 23 मंत्री तय किए थे। गहलोत के खेमे से 13 विधायकों को मंत्री बनाया गया है। वहीं, पायलट के करीबी माने जाने वाले सात विधायक मंत्री बने हैं। दो मंत्रियों का दोनों खेमों से बराबर संपर्क है। हरीश चौधरी ऐसे विधायक हैं जो राहुल की सिफारिश पर मंत्री बनाए गए हैं।
मंत्रिमंडल पर नजर डालें तो 18 विधायक पहली बार मंत्री बने, जबकि पहली बार चुनकर आए 25 से अधिक विधायकों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया। 11 महिला विधायकों में से एकमात्र सिकराय विधायक ममता भूपेश मंत्री बनीं। मुस्लिमों में भी सिर्फ पोकरण विधायक सालेह मोहम्मद को मौका दिया गया। गठबंधन के दल आरएलडी से विधायक सुभाष गर्ग भी मंत्री बनाए गए।
कैबिनेट मंत्री
बीडी कल्ला (बीकानेर पश्चिम), शांति धारीवाल (कोटा उत्तर), परसादी लाल मीणा (लालसोट), मास्टर भंवरलाल मेघवाल (सुजानगढ़), लालचंद कटारिया (झोटवाड़ा), डॉ. रघु शर्मा (केकड़ी), प्रमोद जैन भाया (अंता), विश्वेंद्र सिंह (डीग-कुम्हेर), हरीश चौधरी (बायतू), रमेश मीणा (सपोटरा), उदयलाल आंजना (निंबाहेड़ा) , प्रताप सिंह खाचरियावास (सिविल लाइंस) और सालेह मोहम्मद (पोकरण) को मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया।
राज्यमंत्री और स्वतंत्र प्रभार
गोविंद सिंह डोटासरा (लक्ष्मणगढ़- सीकर), ममता भूपेश (सिकराय), अर्जुन सिंह बामनिया (बांसवाड़ा), भंवर सिंह भाटी (कोलायत), सुखराम विश्नोई (सांचौर), अशोक चांदना (हिंडौली), टीकाराम जूली (अलवर ग्रामीण), भजनलाल जाटव (वैर), राजेन्द्र सिंह यादव (कोटपूतली) गठबंधन दल आरएलडी के सुभाष गर्ग (भरतपुर) को राज्यमंत्री या स्वतंत्र प्रभार वाला मंत्री बनाया गया है।
18 विधायकों को पहली बार बनाया गया मंत्री
रघु शर्मा, लाल चंद, विश्वेंद्र सिंह, हरीश चौधरी, रमेश मीणा, प्रताप सिंह, उदयलाल आंजना, सालेह मोहम्मद, गोविंद डोटासरा, ममता भूपेश, अर्जुन बामनिया, भंवर सिंह, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदना, टीकाराम जूली, भजनलाल, राजेन्द्र यादव, सुभाष गर्ग।
मंत्रिमंडल में गहलोत खेमा भारी
अशोक गहलोत खेमा सचिन पायलट खेमा
बीडी कल्ला भंवरलाल मेघवाल
शांति धारीवाल रमेश मीणा
परसादी लाल मीणा प्रताप सिंह खाचरियावास
लालचंद कटारिया डॉ. रघु शर्मा
सालेह मोहम्मद प्रमोद जैन भाया
अर्जुन सिंह बामनिया उदयलाल आंजना
भंवर सिंह भाटी भजनलाल जाटव
सुखराम विश्नोई
अशोक चांदना
टीकाराम जूली
सुभाष गर्ग
विश्वेंद्र सिंह
राजेन्द्र सिंह यादव
दोनों खेमों से बराबर संपर्क : ममता भूपेश और गोविंद सिंह डोटासरा
राहुल गांधी की सिफारिश : हरीश चौधरी (कांग्रेस में सचिव हैं)
23 में से 9 मंत्री ग्रेजुएट, एक 10वीं पास
शिक्षा कितने मंत्री
ग्रेजुएट 9
बारहवीं 7
पोस्ट ग्रेजुएट 3
पीएचडी 3
दसवीं 1
इनमें से एक ने एमबीए, एक ने बीएड और तीन ने एलएलबी की है। सबसे युवा मंत्री 34 साल के अशोक चांदना हैं। सबसे बुजुर्ग 75 साल के शांति धारीवाल हैं।
पूरी कैबिनेट करोड़पति, दो की संपत्ति 100 करोड़ से ज्यादा
उदयलाल आंजना 107 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं। विश्वेंद्र सिंह 104 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं। इनके अलावा मुख्यमंत्री गहलोत और उपमुख्यमंत्री पायलट समेत सभी मंत्री करोड़पति हैं।
जयपुर-भरतपुर से सबसे ज्यादा मंत्री
14 जिलों से कोई मंत्री नहीं। सबसे ज्यादा 3-3 मंत्री जयपुर और भरतपुर से। दौसा-बीकानेर से 2-2, अलवर, चूरू, चित्तौड़, जालौर, बूंदी, अजमेर, कोटा, बाड़मेर, करौली, जैसलमेर, सीकर, बांसवाड़ा और बारां से 1-1 मंत्री बनाए गए हैं।
संवैधानिक पदों पर नवाजे जा सकते हैं वरिष्ठ नेता
विधायक सीपी जोशी, दीपेंद्र सिंह शेखावत, परसराम मोरदिया, भंवर लाल शर्मा, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, राजेंद्र पारीक, विजेंद्र ओला, राज कुमार शर्मा को मंत्री नहीं बनाया। इन्हें विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्यसचेतक, उप मुख्यसचेतक पद दिया जा सकता है।
2019 के लोकसभा चुनाव पर नजर
कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर सियासी समीकरण बैठाने की कोशिश की है। 25 में से 18 संसदीय क्षेत्रों से मंत्री बनाए गए हैं। जिन सात संसदीय क्षेत्रों से मंत्री नहीं बनाए गए हैं, उनमें शामिल पाली, सिरोही और झालावाड़ जिलों से एक भी कांग्रेस विधायक नहीं जीता है।