ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
नई दिल्ली। प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा को लेकर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि गरीब‑मजबूर जनता को बेसहारा और असहाय भगवान भरोसे छोड़ देना आत्मनिर्भर नहीं बल्कि असंवेदनशील भारत की स्थिति को दर्शाता है।
मनीष तिवारी ने रविवार को केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना का अर्थ होता है कि सरकार समाज के आखिरी पंक्ति मे खड़े अंतिम व्यक्ति तक सुविधाएं पहुंचाते हुए उसकी जरूरतों को ध्यान रखे। लेकिन शायद मोदी सरकार के लिए आत्मनिर्भर भारत का मतलब गरीब व मजबूर जनता को भगवान भरोसे छोड़ देना है। अगर लोग तमाम दिक्कतों के बाद भी बच जाते हैं तो फिर उन्हें सरकारी मुफ्त अनाज की योजना के लाभ से नवाजा दिया जाएगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार की मंशा के अनुरूप तो इसे आत्मनिर्भर नहीं बल्कि असंवेदनशील भारत कहा जाना बेहतर होगा।
वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा है प्रवासी मजदूरों की मदद को लेकर सरकार सिर्फ दावे कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत में उसकी कोशिशें कम ही दिख रही हैं। पार्टी की ओर से ट्वीट किया गया कि अपने गृह राज्य जाने वालों की स्थिति बद से बदतर है और सरकार है कि सिर्फ बेहतर देखभाल के दावे कर रही है। अगर वाकई केंद्र की मोदी सरकार को प्रवासी श्रमिकों की चिंता होती तो वो सुधारात्मक कार्रवाई के संकेत दिखते हुए मदद के हाथ बढ़ाते लेकिन ऐसा होता कहीं नहीं दिखता, जो शर्म की बात है।