मंत्रिमंडल में भले बदलाव किये, पर PMO अधिकारियों पर मोदी का पुराना विश्वास बरकरार Featured

इससे पहले कभी नहीं हुआ कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव या अतिरिक्त प्रधान सचिव को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया हो। खास बात यह है कि इन दोनों अधिकारियों का कार्यकाल प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ पूरा होगा।

नरेंद्र मोदी ने दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद भले अपने मंत्रिमंडल में कुछ चौंकाने वाले परिवर्तन किये हों लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों पर उनका पुराना विश्वास बना हुआ है। यही कारण है कि नृपेंद्र मिश्रा को प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव और पी.के. मिश्रा को अतिरिक्त प्रधान सचिव पद पर पुनः बहाल किया गया है साथ ही दोनों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया गया है। इससे पहले कभी नहीं हुआ कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव या अतिरिक्त प्रधान सचिव को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया हो। खास बात यह है कि इन दोनों अधिकारियों का कार्यकाल प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ पूरा होगा।

दरअसल कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर प्रधानमंत्री ने दर्शाया है कि वह अपने इन दोनों अधिकारियों की ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा से कितने प्रसन्न हैं। यही नहीं प्रधानमंत्री ने हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पद पर अजित डोभाल को दोबारा नियुक्त करते हुए उन्हें भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया था। इसके अलावा पिछली सरकार में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री रहे डॉ. जितेन्द्र सिंह को दोबारा यह पद सौंपा गया है। नरेंद्र मोदी को 2019 के लोकसभा चुनावों में जो बड़ा जनादेश मिला है उसकी सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों, कर्मचारियों को भी जाता है जिन्होंने दिन-रात मेहनत करके सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर नजर रखी, पारदर्शिता बरतने के लिए हर संभव प्रयास किये और प्रधानमंत्री की स्वप्निल योजनाओं को मूर्त रूप प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नरेंद्र मोदी ने अपने अधिकारियों पर जो भरोसा जताया है वह दर्शाता है कि वह अपने पुर्न निर्वाचन में प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों द्वारा किये गये कार्य का भी योगदान मानते हैं और अपने विश्वस्त अधिकारियों के सहयोग से अपनी दूसरी पारी में कुछ बड़ा करना चाहते हैं।

 
नृपेंद्र मिश्रा ट्राई के चेयरमैन रह चुके हैं और 2014 में भाजपा सरकार बनने पर जो पहली नियुक्ति हुई थी वह उन्हीं की हुई थी। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में नृपेंद्र मिश्रा के पास सदैव हर समस्या का हल मिल जाता है। साथ ही वह विभिन्न मंत्रालयों के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय का समन्वय बनाये रखने में माहिर हैं। प्रधानमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव के रूप में पी.के. मिश्रा का कार्य भी उल्लेखनीय रहा है। नियुक्तियों, चयन, अफसरशाही के कार्यकलाप पर नजर रखने, सुधारों को आगे बढ़ाने के मामले में वह प्रधानमंत्री के विश्वस्त सहयोगी हैं। साथ ही आपदा के समय राहत कार्यों को लेकर कैबिनेट सचिवालय के साथ उनका जबरदस्त समन्वय रहता है।
प्रधानमंत्री ने अपनी नई सरकार में जिस तरह अधिकारियों पर विश्वास जताते हुए अजीत डोभाल, नृपेंद्र मिश्रा, पी.के मिश्रा को पुनः पद पर बहाल करते हुए उन्हें कैबिनेट रैंक दिया और पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर को कैबिनेट मंत्री बनाकर विदेश जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय सौंपा, उससे साफ जाहिर हो जाता है कि प्रधानमंत्री उत्कृष्ट कार्य करने वालों को पद और सम्मान दोनों देते हैं। अफसरशाही में इससे एक सकारात्मक संदेश गया है।
 
-नीरज कुमार दुबे
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