ईश्वर दुबे
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Bhilai
नई दिल्ली । असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें उग्रवादी समूह उल्फा से प्रारंभिक बातचीत करने के लिए अधिकृत किया है। दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के बाद सरमा ने यह भी कहा कि वह एनएससीएन-आईएम के साथ जारी शांति प्रक्रिया में आंशिक रूप से शामिल हैं लेकिन नगा विद्रोही समूह के साथ आधिकारिक रूप से कोई बातचीत नहीं कर रहे हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'उल्फा के साथ शांति वार्ता करने के मुद्दे पर मैंने गृह मंत्री से चर्चा की है। उन्होंने उल्फा से प्रारंभिक बातचीत शुरू करने के लिए मुझे अधिकृत किया है।' मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर चीजें सही दिशा में आगे बढ़ती हैं तो केंद्र सरकार बाद के चरण में उल्फा के साथ शांति वार्ता में शामिल हो सकती है। एनएससीएन-आईएम के साथ बातचीत में उनकी भूमिका के बारे में पूछे जाने पर सरमा ने कहा कि वह आंशिक रूप से इसमें शामिल हैं लेकिन कभी आधिकारिक रूप से शांति वार्ता में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा, 'एनईडीए के संयोजक के तौर पर मैंने (नगालैंड में) कुछ राजनीतिक दलों के साथ पहले बात की है। सरमा 'नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस' (एनईडीए) के संयोजक हैं जो कि पूर्वोत्तर के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का संस्करण है। इस क्षेत्र के मुख्य राजनीतिक दल एनईडीए के घटक हैं। सरमा ने कहा कि वह एनईडीए के संयोजक के तौर पर राजनीतिक स्थिति का जायजा लेने के लिए मंगलवार को नगालैंड जाएंगे। राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी की समीक्षा की मांग को लेकर केंद्र और राज्य दोनों सरकारों का रुख एक समान है। हालांकि, इस संबंध में फैसला उच्चतम न्यायालय ही करेगा क्योंकि एनआरसी को शीर्ष अदालत की सीधी निगरानी में तैयार किया गया था।