ईश्वर दुबे
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Bhilai
मुंबई. महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 19 दिन तक उठापटक के बीच मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। इसके बाद शिवसेना संख्याबल बताने के लिए भाजपा की तुलना में कम समय मिलने को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। अदालत ने इस याचिका पर बुधवार सुबह 10.30 बजे तक मेंशनिंग के लिए कहा था। शिवसेना के वकील सुनील फर्नांडीज ने बताया कि हमने दायर याचिका पर सुनवाई की मांग नहीं की है। फिलहाल, राष्ट्रपति शासन को चुनौती देने पर भी फैसला नहीं हुआ है।
अपडेट्स
- राकांपा प्रमुख शरद पवार ने अपने 54 विधायकों के साथ मुंबई में बैठक की। इसके बाद अजित पवार ने कहा- हमारे विधायक चाहते हैं कि जल्द नई सरकार बने। मुझे लगता है कि नए साल से पहले महाराष्ट्र को नई सरकार मिल जाएगी।
- कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट और विश्वजीत कदम अस्पताल में भर्ती शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत से मिलने पहुंचे। कांग्रेस ने राकांपा के साथ न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करने के लिए महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेताओं की कमेटी बनाई।
राकांपा-कांग्रेस स्थिति स्पष्ट होने पर शिवसेना से बात करेंगे
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के बावजूद शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस सरकार बनाने के अपने दावे से पीछे नहीं हटी है। मंगलवार को कांग्रेस नेताओं और राकांपा प्रमुख शरद पवार के बीच मुंबई में एक अहम बैठक हुई। दोनों पार्टियों ने सरकार गठन पर कहा कि सभी बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट होने के बाद हम शिवसेना को समर्थन देने पर बात करेंगे।
उद्धव ठाकरे बोले- हमने भाजपा का साथ नहीं छोड़ा
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार शाम को यह कहकर कि 'उनकी पार्टी ने भाजपा का साथ नहीं छोड़ा है' सभी को हैरान कर दिया। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि हमारी राकांपा-कांग्रेस के साथ बातचीत जारी है। उद्धव ने रांकांपा और कांग्रेस के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।
इस दौरान उनसे पूछा गया कि क्या भाजपा के साथ विकल्प पूरी तरह खत्म हो चुका है? उद्धव ने कहा- 'आप इतनी जल्दी में क्यों हैं? ये राजनीति है। राज्यपाल ने हमें 6 महीने का समय दिया है। अगर भाजपा-शिवसेना का रिश्ता खत्म हुआ होगा तो उन्होंने खत्म किया होगा। जो बात उस वक्त तय हुई थी उस पर अमल करो यही हमारी मांग है।'
सरकार के गठन पर उद्धव ने कहा, 'हम तीन पार्टी (शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस) साथ आना चाहते हैं, लेकिन हमें वक़्त नहीं दिया गया। हमने राज्यपाल से कहा था कि सरकार बनाने के लिए चर्चा की जरूरत है। हमने सिर्फ 48 घंटे मांगे थे लेकिन राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की और अब हमें 6 महीने का वक्त मिल गया।'