ईश्वर दुबे
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Bhilai
मुंबई: सत्ता के लालच में धर्मनिरपेक्षता की विचारधारा छोड़कर हिंदुत्व की विचारधारा वाली शिवसेना से हाथ मिलाने वाली कांग्रेस से महाराष्ट्र के कई मुस्लिम संगठन नाराज हैं. शुक्रवार को मुंबई से सटे मीरा रोड इलाके में जुम्मे की नमाज के दौरान मौलानाओं ने यह बात लोगों के सामने रखी कि कैसे कांग्रेस के फैसले से उनका समाज ठगा हुआ महसूस कर रहा है.
मुफ्ती मौलाना जियाई ने कहा, 'हम इन सियासतदानों से यह पूछना चाहेंगे कि आपने कितने धर्मनिरपेक्ष जमात से पूछने के बाद सांप्रदायिक के पास जाने का फैसला किया? कौन सी मशीन आप लोगों के पास मौजूद है, जिसमें कोई सांप्रदायिक आए तो वह धर्मनिरपेक्ष बन जाता है? बाबरी मस्जिद की शहादत में शामिल होने वाले तमाम कम्युनल पार्टियां उनको अपने साथ लेकर के आप सेकुलर बन जाएंगे या उनको आप सेक्यूलर बना लेंगे या आप कम्युनल की तरफ चले जाएंगे?' उन्होंने कहा कि हमारा इस्तेमाल कब तक होता रहेगा? हमारे साथ धोखा कब तक होता रहेगा?
आम मुस्लिमों ने कहा कि हमने कांग्रेस को इसलिए सपोर्ट किया था क्योंकि वह एक सेकुलर पार्टी है, लेकिन आज कांग्रेस ने हमें दोबारा शिवसेना के पास ले जाकर खड़ा कर दिया. आवाम क्या चाहती है इसका उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता वह सिर्फ अपनी सत्ता चाहते हैं. यह नेता किसी एक पार्टी के होकर नहीं रहते हैं. इनको जहां मलाई दिखती है, ये वहीं चले जाते हैं. यह सिर्फ मुस्लिम लोगों के साथ धोखा नहीं, बल्कि यह सेकुलर लोगों के साथ भी धोखा है.
उनका कहना है कि सभी लोग इस बात को समझते हैं. महाराष्ट्र के सेकुलर लोगों के पास बहुत सारे सवाल हैं. इन लोगों को इन सवालों का जवाब देना पड़ेगा. वक्त आने के साथ इनके हालात बिगड़ेंगे. सिर्फ एक इलेक्शन नहीं है, आने वाले सभी इलेक्शन में इसका परिणाम आपको देखने मिलेगा. हम जरूर पूछेंगे कि हमारे वोटों का सौदा आपने कितने में किया है?
मालूम हो कि महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी मिलकर सरकार बनाने की कोशिश में जुटे हैं. सरकार गठन के लिए तीनों दलों ने मिलकर न्यूतम साझा कार्यक्रम भी तैयार कर लिया है.