ईश्वर दुबे
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Bhilai
नई दिल्ली. भारतीय सेना में सिख अधिकारियों और सैनिकों की एक बहुत बड़ी संख्या मौजूद है. इसी वजह से सेना ने पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब में मत्था टेकने की इच्छा रखने वाले अपने कर्मियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
नवंबर में सेना ने दो बार इस तरह के दिशा-निर्देश जारी कर चुकी है.गुरुद्वारा दरबार साहिब सिखों का बहुत पवित्र तीर्थस्थल है. माना जाता है कि गुरु नानक ने अपने जीवन के अंतिम दिन यहीं बिताए थे. हाल ही में तीर्थयात्रियों के लिए करतारपुर कॉरिडोर खोला गया है. दिशा-निर्देशों में सेना ने अपने कर्मियों से कहा है कि वह काफी सावधान रहें क्योंकि यहां वह विदेशी नागरिकों के संपर्क में आ सकते हैं.
सेना के सूत्रों का कहना है कि चूंकि सेना के कर्मी पाकिस्तान की यात्रा करेंगे इसलिए उन्हें काफी ज्यादा सजग रहने की जरुरत है. इसकी वजह है पाकिस्तान का हमारा विरोधी होना. भारतीय सेना के पास बड़ी संख्या में सिख अधिकारी और सैनिक हैं. इसकी तीन रेजिमेंटों में सिख रेजिमेंट, सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट और पंजाब रेजिमेंट शामिल हैं जिसमें पंजाब के और पड़ोसी राज्य हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के सिख सैनिक शामिल हैं.
नौ नवंबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया था. जिसमें सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती मनाने के लिए भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को वीजा मुक्त प्रवेश की सुविधा दी गई थी.पाकिस्तान का दावा है कि करतारपुर कॉरिडोर इमरान खान के दिमाग की उपज है. उसके रेल मंत्री शेख रशीद ने हाल ही में अपनी ही सरकार के खिलाफ जाते हुए कहा कि कॉरिडोर को खोलना पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा के दिमाग की उपज है और कहा कि इससे भारत हमेशा आहत होता रहेगा.