ईश्वर दुबे
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Bhilai
रांची। केंद्र सरकार ने अपर मुख्य सचिव रैंक की अधिकारी अलका तिवारी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से मुक्त कर उन्हें पस मूल सेवा में लौटने का निर्देश दिया है। इस आदेश के साथ राष्ट्रीय जनजातीय आयोग में सचिव रहीं अलका तिवारी वापस झारखंड कैडर में लौट आई हैं। इसके साथ ही अनुमान लगाया जा रहा है कि वह झारखंड की मुख्य सचिव बन सकती हैं। वर्तमान में जितने भी अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी हैं, उनमें सबसे वरीय अलका तिवारी ही हैं। 1988 बैच की आइएएस अलका तिवारी को 15 अक्टूबर को विमुक्त किया गया है।
ज्ञात हो कि वर्तमान मुख्य सचिव एल. खियांग्ते 31 अक्टूबर को रिटायर्ड हो रहे हैं। उनकी सेवानिवृत्ति के साथ ही राज्य सरकार तीन अधिकारियों का नाम केंद्रीय कार्मिक विभाग को भेजेगी, जिसमें से किसी एक को मुख्य सचिव बनाया जाएगा। चुनाव होने के कारण इसकी जानकारी निर्वाचन आयोग को भी देना जरुरी है।
अलका तिवारी 1988 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वह रसायन और उर्वरक मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार के रूप में काम कर चुकी हैं। इसके अलावा जनजाति आयोग के सचिव रह चुकी हैं। बता दें मुख्य सचिव पूरे सचिवालय के काम को नियंत्रित करता है। वह सचिवालय संगठन का हेड होता है। मुख्य सचिव का काम सीएम के हर काम में मदद करना होता है। मुख्य सचिव राज्य प्रशासन से जुड़े सभी मामलों में सीएम के प्रधान सलाहकार के रूप में दायित्व निभाता है।
वहीं झारखंड में होने वाले चुनाव को लेकर जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने स्वीप कार्यक्रम के तहत समाहरणालय सभागार में सभी प्रशासनिक-पुलिस पदाधिकारियों को मतदाता शपथ दिलाई और समावेशी चुनाव प्रक्रिया में सबकी सहभागिता तय हो इसे लेकर जन-जन तक मताधिकार के प्रयोग को लेकर जागरूकता लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि सुदृढ़ लोकतंत्र के लिए प्रत्येक मतदाता की सहभागिता जरुरी है। 13 नवंबर को जिले के सभी मतदाता अपने मत का प्रयोग करने बूथों तक जाएं और लोकतंत्र की मजबूती में अपना योगदान दें।