ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
नई दिल्ली। अमेरिका के एक कथित फर्जीवाड़े के मामले में उद्योगपति गौतम अडानी का नाम आपने के बाद विपक्ष,एनडीए सरकार पर हमलावर है। नतीजा ये हुआ कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दो दिन पूरी तरह से हंगामे की भेंट चढ़ गए हैं। गौतम अडानी के मुद्दे पर विपक्षी सांसद हंगामा कर रहे हैं। कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेर रही है। हालांकि संसद सत्र के दौरान इंडिया गठबंधन में फूट दिखने लगा है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस मामले में अलग रुख अपनाया है और पार्टी के नेताओं ने संसद में अन्य मुद्दों को उठाने की जरूरत पर जोर दिया है।
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा में नेता डेरेक ओब्रायन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, टीएमसी चाहती है कि संसद चले ताकि लोगों के मुद्दों को उठाया जा सके। उनका कहना था कि अदानी मुद्दे को लेकर संसद में हो रहे व्यवधानों के कारण अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पा रही है। लोकसभा सदस्य काकोलि घोष दस्तीदार ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, टीएमसी संसद के कामकाजी होने की चाहत रखती है। हम नहीं चाहते कि कोई एक मुद्दा संसद को प्रभावित करे। हमें इस सरकार की विफलताओं को जिम्मेदार ठहराना चाहिए।तृणमूल कांग्रेस की रणनीति कांग्रेस की ओर से किए जा रहे विपक्षी हमलों से अलग है। टीएमसी पश्चिम बंगाल के कुपोषण, बेरोजगारी, मणिपुर, पूर्वोत्तर की स्थिति, खाद्य सामग्री की कमी और अपराजिता (महिला सुरक्षा) बिल के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरना चाहती है। आपको बता दें कि अपराजिता बिल बंगाल विधानसभा से पास हो चुका है लेकिन राज्यपाल द्वारा रोका गया है। पार्टी का कहना है कि वे इस बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास ले जाएगी और 30 नवंबर को इस मुद्दे पर राज्यव्यापी अभियान चलाएगी।