ईश्वर दुबे
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Bhilai
नई दिल्ली. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) समिट के लिए आठों सदस्य देशों के प्रमुखों को न्योता भेजा जाएगा। इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी शामिल हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हम सबको बुलाएंगे। आगे क्या होगा, यह इस समय मेरे लिए बता पाना मुश्किल है। एससीओ समिट इस साल के अंत में भारत में होनी है।
पिछले दो साल से पुलवामा हमला, सर्जिकल स्ट्राइक और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बरकरार है।
4 ऑब्जर्वर और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों को भी न्योता देंगे
रवीश कुमार ने कहा- यह अब सभी की जानकारी में है कि भारत इस साल होने वाली एससीओ समिट की मेजबानी करेगा। प्रधानमंत्री के स्तर पर इस मुद्दे पर बैठक की जा चुकी है। इस दौरान विभिन्न आर्थिक मसलों को लेकर एससीओ प्रोग्राम पर चर्चा की गई। स्थापित प्रक्रिया के तहत एससीओ के 8 सदस्य देशों, चार ऑब्जर्वर और अन्य अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों को न्योता भेजा जाएगा।
2017 में एससीओ का पूर्णकालिक सदस्य बना भारत
भारत और पाकिस्तान को एससीओ के पूर्णकालिक सदस्यों के तौर पर एससीओ में 2017 में शामिल किया गया था। इसके बाद भारत में होने वाली पहली 8 सदस्यीय उच्चस्तरीय बैठक है। भारत और पाकिस्तान के अलावा एससीओ के सदस्य देशों में चीन, कजाखस्तान, रूस, ताजकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।
अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के बाद तनाव बढ़ा
5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए को निष्प्रभावी कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने भारत के साथ व्यापारिक और राजनयिक रिश्तों को बेहद कमजोर कर दिया था। इसके बाद भारत-पाकिस्तान की जम्मू-कश्मीर सीमा पर तनाव बढ़ गया था। भारतीय सेना ने सीमा पर सैन्य बल भी बढ़ा दिया था।