ईश्वर दुबे
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Bhilai
30 करोड़ रूपये की सीवर लाइन परियोजना का भूमिपूजन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव इंदौर में पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान द्वारा आयोजित छठ महोत्सव में हुए शामिल
मुख्यमंत्री ने जलाभिषेक कर किया छठ पूजन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों को दी छठ पर्व की शुभकामनाएं
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में स्थित सिरपुर (श्रीपुर) केवल एक पुरातात्त्विक स्थल ही नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहरों का जीवंत प्रतीक है। यह नगर महान सम्राट महाशिवगुप्त बालार्जुन की राजधानी रहा है और अपनी स्थापत्य कला, बौद्ध धरोहरों तथा प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है।
संस्कृति मुस्कुराती है और अध्यात्म सांस लेता है
सिरपुर का उल्लेख प्राचीन भारतीय ग्रंथों और अभिलेखों में मिलता है। यहाँ भगवान शिव, विष्णु, बुद्ध और जैन धर्म के उपासना स्थलों के अवशेष मिले हैं। 7वीं शताब्दी में चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी सिरपुर का उल्लेख अपनी यात्राओं में किया है, जिससे इसकी अंर्तराष्ट्रीय ख्याति सिद्ध होती है। यह नगर धार्मिक सहिष्णुता और कला का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। यहाँ 22 शिव मंदिर, 5 विष्णु मंदिर, 3 जैन विहार और एक विशाल बौद्ध विहार के अवशेष प्राप्त हुए हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा सिरपुर में लगातार संरक्षण और मरम्मत का कार्य किया जा रहा है जिससे इसकी ऐतिहासिक गरिमा बनी रहे। डिजिटल टूर, क्यूआर कोड आधारित जानकारी और थ्रीडी गाइडेंस सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीकों का भी उपयोग हो रहा है।
संस्कृति मुस्कुराती है और अध्यात्म सांस लेता है
सिरपुर बौद्ध, जैन और हिन्दू स्थापत्य कला का त्रिवेणी संगम है। यहां स्थित लक्ष्मण मंदिर भारत का पहला ईंटों से निर्मित मंदिर है जो वास्तुकला का अनुपम उदाहरण है। आनंदप्रभु कुटीर विहार बौद्ध भिक्षुओं का प्रमुख केंद्र है, जहाँ चीन से आए भिक्षु रह चुके हैं। गंधेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित मंदिर है, जिसमें अनेक मूर्तियाँ और सांस्कृतिक प्रतीक हैं। 1872 में अलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा सिरपुर के अवशेषों की खोज की गई थी। इसके बाद यहाँ अनेक उत्खनन कार्य हुए, जिनमें बुद्ध, विष्णु, शिव और जैन परंपराओं के असंख्य साक्ष्य मिले। चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के विद्वान भी सिरपुर को एशिया की बौद्ध धरोहरों में महत्वपूर्ण स्थान मानते हैं।
हर वर्ष आयोजित होने वाला सिरपुर महोत्सव छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान बन चुका है। इसमें देश-विदेश के कलाकार शास्त्रीय नृत्य, संगीत और नाट्य प्रस्तुतियाँ देते हैं। यहाँ ईको-ट्रेल, हस्तशिल्प बिक्री केंद्र और स्थानीय भोजनालयों की योजनाएँ चलाई जा रही हैं, ताकि स्थानीय समुदाय को रोजगार मिले और पर्यटन को बढ़ावा मिले। विद्यार्थियों के लिए सिरपुर की ऐतिहासिक धरोहरों पर आधारित पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किया गया है।
साय सरकार ने सिरपुर को विश्व पर्यटन मानचित्र पर लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। विजन 2047 के तहत आधुनिक बुनियादी ढांचा, सड़क, प्रकाश व्यवस्था और अंर्तराष्ट्रीय स्तर का पर्यटक कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। सिरपुर की पुरातात्त्विक संरचनाओं को संरक्षित रखने के लिए अत्याधुनिक तकनीकें अपनाई जा रही हैं। सिरपुर केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक है। यहाँ के मंदिर, विहार, मूर्तियाँ और जीवंत परंपराएँ हमें यह सिखाती हैं कि भारत की संस्कृति, सहिष्णुता, कला और ज्ञान का संगम है। सिरपुर सचमुच वह स्थान है जहाँ इतिहास बोलता है, संस्कृति मुस्कुराती है और अध्यात्म सांस लेता है।
रायपुर :
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने आज छठ पर्व के अवसर पर सूरजपुर जिले के भटगांव स्थित शिव मंदिर और हनुमान मंदिर के पास बने छठ घाट पर पहुँचकर श्रद्धा और भक्ति के साथ सूर्य देव को संध्या अर्घ्य अर्पित किया। उन्होंने पारंपरिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हुए प्रदेशवासियों के सुख, शांति और समृद्धि की मंगलकामना की।
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने घाट पर उपस्थित व्रतियों से आत्मीय भेंट की और उन्हें नारियल एवं फल भेंट कर छठी मईया से आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने छठ पूजा को भारतीय संस्कृति का अद्भुत पर्व बताते हुए कहा कि यह पर्व आस्था, पर्यावरण और परिवार के सामूहिक बंधन का प्रतीक है।
श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती विविधता में एकता और लोक परंपराओं की समृद्धि के लिए जानी जाती है। यहाँ हर पर्व सामाजिक एकता और महिला शक्ति के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। छठ पूजा में महिलाओं की आस्था और तप का जो स्वरूप देखने को मिलता है, वह समाज को अनुशासन, निष्ठा और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, स्थानीय नागरिक, महिला समूहों की सदस्याएँ तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। वातावरण ‘छठी मईया के जयकारों’ से गूंज उठा।
रायपुर :
उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव ने आज नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नवनिर्मित भवन के लोकार्पण की तैयारियों का निरीक्षण किया। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप भी इस दौरान उनके साथ थे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 1 नवम्बर को राज्योत्सव के मौके पर विधानसभा के नए भवन का लोकार्पण करेंगे। वे विधायकों और आमंत्रित अतिथियों को संबोधित भी करेंगे।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने नवीन विधानसभा परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी की मूर्ति के अनावरण स्थल, विधानसभा के सदन और मंचीय कार्यक्रम के स्थल का जायजा लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। नवा रायपुर के सेक्टर-19 में मंत्रालय (महानदी भवन) और विभागाध्यक्ष कार्यालय (इंद्रावती भवन) के पीछे 51 एकड़ परिसर में विधानसभा का नया भवन बनाया गया है।
श्री साव ने लोकार्पण की तैयारियों का निरीक्षण करते हुए कहा कि 1 नवम्बर का दिन छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक होने जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी विधानसभा के नए भवन को छत्तीसगढ़ की जनता को समर्पित करेंगे। नया राज्य बनने के बाद वर्ष 2000 में रायपुर के राजकुमार कॉलेज से शुरू हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा को 25 वर्षों के बाद रजत जयंती वर्ष में खुद का भव्य और आधुनिक भवन मिलने जा रहा है। हमारा यह नया विधानसभा भवन केवल एक खूबसूरत इमारत ही नहीं है, बल्कि हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपरा का वाहक भी है।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बताया कि नए विधानसभा भवन को वर्तमान और भविष्य की जरूरत के हिसाब से बनाया गया है। आधुनिक, सर्वसुविधायुक्त, सुसज्जित इसके सदन को 200 सदस्यों के बैठने के लिए विस्तारित किया जा सकता है। भविष्य में पेपरलेस विधानसभा संचालित हो सके, इसके लिए जरुरी व्यवस्थाओं और तकनीकों का समावेश किया गया है।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज कोरबा के अग्रसेन भवन में आयोजित छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष स्वर्गीय श्री बनवारी लाल अग्रवाल की पगड़ी रस्म कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने स्वर्गीय अग्रवाल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय श्री बनवारी लाल अग्रवाल की धर्मपत्नी श्रीमती पुष्पा अग्रवाल एवं उनके परिवार के लोगों से भेंट कर उन्हें ढाढस बंधाया और अपनी गहरी संवेदना प्रकट की।
श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय श्री बनवारी लाल अग्रवाल का जीवन जनसेवा और समर्पण का प्रतीक था। उन्होंने सदैव कोरबा जिले के विकास और जनता की भलाई के लिए कार्य किया। उनकी सादगी, विनम्रता और सामाजिक संवेदनशीलता हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत रहेगी।
कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठन, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। सभी ने स्वर्गीय अग्रवाल के योगदान को स्मरण करते हुए उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। इस दौरान विधायक कटघोरा श्री प्रेमचंद पटेल, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल, श्री महावीर अग्रवाल, श्री बजरंग लाल अग्रवाल, बिहारी लाल अग्रवाल, सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण आदि मौजूद रहे।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने आज छठ महापर्व के अवसर पर दुलदुला छठ घाट में पहुँचकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया और प्रदेश की सुख-समृद्धि तथा खुशहाली की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों को छठ पूजा की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत सौभाग्य का अवसर है कि मुझे छठ पर्व में सम्मिलित होने का अवसर मिला।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जनता के विश्वास और स्नेह से ही उन्हें जनसेवा का अवसर मिला है, और वे क्षेत्र के विकास एवं जनता की अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने दुलदुला क्षेत्रवासियों की माँग पर छठ घाट के सौन्दर्यीकरण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आगामी छठ पर्व तक दुलदुला छठ घाट का सौन्दर्यीकरण कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुनकुरी छठ घाट का सौन्दर्यीकरण लगभग ₹5 करोड़ 17 लाख की लागत से किया गया है, जहाँ इस वर्ष व्रती महिलाएँ पूर्ण श्रद्धा-भाव से पूजा-अर्चना कर रही हैं।
इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, जनपद पंचायत दुलदुला अध्यक्ष श्री रामकुमार सिंह, आईजी श्री दीपक कुमार झा, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह सहित छठ व्रत करने वाली महिलाएँ, जनप्रतिनिधिगण एवं ग्रामीणजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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