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व्यापार: देश को स्थायी और हरित ऊर्जा साधनों में सक्षम बनाने के लिए केंद्र सरकार की पहल के तहत अब एक और बड़ा कदम उठाया गया है। दरअसल देश का पहला बैटरी आधारित मालवाहक जहाज जल्द ही तैयार होने जा रहा है और यह 2026 तक समुद्र में उतार दिया जाएगा। लगभग दो हजार टन क्षमता वाला यह जहाज मुंबई में बनाया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने दी जहाज के बारे में जानकारी
केंद्रीय पोत परिवहन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से डीजल

 

व्यापार: फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति के फैसले से पहले सोने में चौथे दिन भी गिरावट जारी रही। निवेशकों के सतर्क रुख के कारण बुधवार को सोना वायदा भाव 176 रुपये गिरकर 1,19,470 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया।

एमसीएक्स पर सोने की कीमत लगातार चौथे दिन गिरी
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में दिसंबर डिलीवरी वाले सोना वायदा की कीमत लगातार चौथे कारोबारी सत्र में गिरी। इसकी कीमत 176 रुपये या 0.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,19,470 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। इसमें 13,116 लॉट के लिए कारोबार हुआ।

वैश्विक स्तर पर, दिसंबर डिलीवरी के लिए कॉमेक्स सोना वायदा 15.9 डॉलर या 0.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,967.2 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जो लगातार चौथे दिन गिरावट का संकेत है।

चांदी की कीमत में हुई 451 रुपये की वृद्धि
हालांकि, चांदी वायदा में मूल्य खरीद के कारण तेजी आई। दिसंबर डिलीवरी के लिए चांदी

 

पटना। बिहार में विधानसभा चुना को लेकर सियासी माहौल में गर्मी बढ़ चुकी है और महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे तेजस्वी यादव ने फिर रोजगार देने वाले अपने वादे की चर्चा छेड़ दी है। आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले, उन्होंने इंटरव्यू में अपने विजन, विपक्षी हमलों और विकास के मॉडल पर खुलकर बात की। इसके अलावा उन्होंने जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर पर भी जमकर प्रहार किया है।
एक इंटरव्यू में तेजस्वी ने कहा कि बिहार को राजनीति नहीं, रोजगार की जरूरत है। उन्होंने अपने पुराने वादे, हर परिवार को एक सरकारी नौकरी देने पर कहा, “हम रोजगार को खर्च नहीं, निवेश मानते हैं। इससे अर्थव्यवस्था में जान आएगी और शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में गुणात्मक सुधार होगा।”
तेजस्वी ने विपक्ष द्वारा मुफ्तखोरी कहने पर पलटवार करते हुए कहा, “लोगों की बुनियादी जरूरतें पूरी करना रेवड़ी बांटना नहीं, मानव गरिमा का हिस्सा है। जब तक ढांचा और रोजगार नहीं बनता, तब तक राहत जरूरी

 

बेंगलुरु। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रमों पर रोक लगाने को लेकर कर्नाटक सरकार के आदेश पर अब हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। जस्टिस एम नागाप्रसन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कर्नाटक सरकार और हुबली पुलिस कमिश्नर के आदेश पर अंतरिम रोक लगाकर कहा है कि उन्हें इसका संवैधानिक अधिकार कहां से मिल गया। 18 अक्टूबर को राज्य सरकार ने कहा था कि बिना इजाजत के 10 से ज्यादा लोगों का इकट्ठा होना अपराध है। इसके अलावा पार्क, सड़कों और खेल के मैदान में ज्यादा लोगों के इकट्ठे होने पर कार्रवाई होगी।
हाई कोर्ट ने कहा कि संविधान के आर्टिकल 19 (1)(ए),19 (1) (बी) के तहत दिए गए अधिकारों पर सरकार रोक नहीं लगा सकती है। कोर्ट ने कहा कि सभी को अभिव्यक्ति का अधिकार और शांतिपूर्ण ढंग से सभा करने का अधिकार मिला है और इसमें सरकार देखल नहीं दे सकती। इस मामले में अभी आगे की सुनवाई होनी है। फिलहाल कोर्ट के इस आदेश से आरएसएस को अंतरिम राहत मिल गई है।
बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा था कि संघ के खिलाफ ये सारे कदम प्रियांक खर

 

गुवाहाटी। असम सरकार (Assam Government) ने अधिकारियों को कांग्रेस (Congress) की एक बैठक में कथित तौर पर बांग्लादेश (Bangladesh) का राष्ट्रगान गाने (National Anthem) के मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने बताया कि श्रीभूमि जिले में कांग्रेस सेवा दल (Congress Seva Dal) की एक हालिया बैठक में कथित तौर पर बांग्लादेश का राष्ट्रगान गाया गया। हालांकि कांग्रेस ने भाजपा सरकार की आलोचना की और कहा कि सरकार गैर जरूरी विवाद पैदा करने की कोशिश कर रही है।

श्रीभूमि जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की और बताया कि राज्य सरकार के मंत्री कृष्णेंदु पॉल ने मामले की जांच करने के मौखिक निर्देश दिए हैं। जिसके बाद जांच की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार को श्रीभूमि शहर में कांग्रेस जिला कार्यालय इंदिरा भवन में कांग्रेस सेवा दल की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक की शुरुआत में बांग्लादेश के राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला’ की दो लाइनें गायी गईं। नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय कवि रविंद्रनाथ टैगोर ने बांग्लादेश का राष्ट्रगान लिखा है। टैगोर ने ही भारत का भी राष्ट्रगान लिखा है।

 

 

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले साफ-सुथरी राजनीति और मजबूत कानून व्यवस्था का वादा करने वाली पार्टियों के दावों पर नई रिपोर्ट ने सवाल खड़े कर दिए हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और बिहार इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव में प्रथम चरण के दौरान चुनाव मैदान में उतरने वाले 32 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। यानी हर तीसरा प्रत्याशी दागदार है।

रिपोर्ट में कई उम्‍मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले

कुल 1,314 उम्मीदवारों के हलफनामों की जांच में सामने आया कि इनमें से 423 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों का उल्लेख किया है। वहीं 354 प्रत्याशियों पर गंभीर आपराधिक धाराओं में केस चल रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 33 उम्मीदवारों पर हत्या, 86 पर हत्या की कोशिश, 42 पर महिलाओं के खिलाफ अपराध और 2 पर दुष्कर्म जैसे संगीन आरोप हैं।

जानिए राजनीतिक दलों के उम्‍मीदवारों पर आपराधिक मामले

राजनीतिक दलों की बात करें तो राजद के 70 में से 53 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जो कुल का 76 प्रतिशत है। भाजपा के 48 में से 31 (65 प्रतिशत), कांग्रेस के 23 में से 15 (65 प्रतिशत), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 13 में से 7 (54 प्रतिशत) और जनसुराज पार्टी के 114 में से 50 (44 प्रतिशत) उम्मीदवारों के खिलाफ भी केस दर्ज हैं। जदयू के 57 में से 22 प्रत्याशी यानी 39

 

अहमदाबाद। एक दर्जी (Tailor) का टूटा हुआ वादा उसे 7,000 रुपये का घाटा करा गया, क्योंकि वह शादी (Marriage) के लिए ब्लाउज (Blouse) समय पर नहीं दे सका। इस घटना ने एक खुशहाल पारिवारिक समारोह (Family Function) को उपभोक्ता अदालत (Consumer Court) के मामले में बदल दिया। उपभोक्ता अदालत ने टेलर पर सात हजार रुपये जुर्माना लगाया है।

अहमदाबाद की एक महिला ग्राहक ने अपने रिश्तेदार की शादी के लिए 24 दिसंबर 2024 को पहनने हेतु एक पारंपरिक ब्लाउज सिलवाने का ऑर्डर दिया था। उसने पिछले महीने ही दर्जी को ₹4,395 अग्रिम में दे दिए थे। लेकिन जब वह 14 दिसंबर को ऑर्डर लेने गई, तो पाया कि ब्लाउज उसकी बताई गई डिज़ाइन के अनुसार नहीं सिला गया था। दर्जी ने उसे भरोसा दिलाया कि वह गलती सुधार देगा, लेकिन 24 दिसंबर बीत गया और ब्लाउज कभी नहीं मिला।

 

अंबाला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को अंबाला वायुसेना स्टेशन से राफेल विमान में उड़ान भरी. अंबाला एयरबेस, जहां से “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान राफेल समेत कई फाइटर जेट्स ने उड़ान भरकर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था. जब राष्ट्रपति ने उड़ान भरी, उस दौरान वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. भारत का राष्ट्रपति तीनों सेनाओं का कमांडर भी होता है. राफेल में सवारी करने से पहले राष्ट्रपति ने ‘जी-सूट’ पहना था. हाथ में हेलमेट, धूप का चश्मा लगाकर विमान के पायलटों के साथ फोटो खिंचवाई. जब अंबाला एयरपोर्ट से उड़ान भरीं तो हाथ हिलाकर अभिवादन किया. राफेल की सवारी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कर चुके हैं.

2020 में वायुसेना में शामिल हुआ राफेल

 

नई दिल्ली। देशभर में मतदान केंद्रों (Polling Stations) पर लंबी कतारों को कम करने के लिए चुनाव आयोग (Election Commission) ने बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने कहा है कि 12 राज्यों और केंद्र

 

नई दिल्ली। भारत (India) आने वाले सात वर्षों में अपनी बढ़ती बिजली (Electricity) की मांग को पूरा करने के लिए किसी नए कोयला संयंत्र (Coal Plants) की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक नई वैश्विक रिपोर्ट (Global Report) में कहा गया है कि देश 2032 तक की बिजली जरूरतों को पहले से तय सौर, पवन और ऊर्जा भंडारण लक्ष्यों के जरिए पूरा कर सकता है। यह निष्कर्ष भारत की ऊर्जा नीति में बड़े बदलाव का संकेत देता है।

ऊर्जा थिंक टैंक एंबर की मंगलवार को जारी रिपोर्ट ‘कोल डिमिनिशिंग रोल इन इंडिया इलेक्ट्रीसिटी ट्राजिशन’ के मुताबिक, नए कोयला संयंत्रों में निवेश न सिर्फ अनावश्यक बल्कि आर्थिक रूप से नुकसानदेह साबित होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि मौजूदा निर्माणाधीन कोयला संयंत्रों के अलावा और संयंत्र बनाए गए तो यह बिजली वितरण कंपनियों और उपभोक्ताओं पर महंगा बोझ डाल सकता है, क्योंकि अक्षय ऊर्जा और बैटरी स्टोरेज तकनीक अब पहले से कहीं सस्ती और भरोसेमंद हो गई है।

एंबर के मॉडलिंग डेटा के अनुसार, यदि भारत नेशनल इलेक्ट्रिसिटी प्लान 2032 के तहत तय सौर, पवन और स्टोरेज लक्ष्यों को पूरा कर लेता है, तो 2031-32 तक लगभग 10 फीसदी अतिरिक्त कोयला संयंत्र पूरी तरह बेकार पड़े रहेंगे, जबकि 25 फीसदी से अधिक संयंत्र बहुत कम क्षमता पर चलेंगे। रिपोर्ट बताती है कि भारत के कोयला संयंत्रों की औसत प्लांट लोड फैक्टर 2024-25 में 69 प्रतिशत से घटकर 2031-32 तक सिर्फ 55 प्रतिशत रह जाएगी। इसका मतलब यह होगा कि कई संयंत्र लंबे समय तक बंद रहेंगे या बेहद कम क्षमता पर चलेंगे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे-जैसे सौर और पवन ऊर्जा का उत्पादन बढ़ेगा, कोयला बिजली का मुख्य स्रोत न रहकर सिर्फ बैकअप विकल्प बन जाएगा। इससे कोयला बिजली की लागत और बढ़ जाएगी। एम्बर का अनुमान है कि वर्तमान में कोयला बिजली की दर लगभग ₹छह प्रति यूनिट है, जो 2031-32 तक बढ़कर ₹7.25 प्रति यूनिट तक पहुंच सकती है।

बिहार और मध्य प्रदेश जैसे कोयला उत्पादक राज्यों में भी नए कोयला

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