ईश्वर दुबे
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Bhilai
र्ल्ड कप अभियान में टीम इंडिया ने बांग्लादेश को हराकर एक बार फिर से लय हासिल कर ली है। इस मुकाबले को टीम इंडिया ने 28 रनों से जीतकर सीधे सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने अपनी जगह पक्की कर ली थी। इस मुकाबले में भारतीयों ने कई कीर्तिमान हासिल किए। आपको बता दें कि सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा के मौजूदा टूर्नामेंट के रिकार्ड चौथे शतक और लोकेश राहुल के साथ उनकी बड़ी शतकीय साझेदारी के बाद जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पंड्या की उम्दा गेंदबाजी से भारत के हाथों बांग्लादेश को मुंह की खानी पड़ी। संगकारा की बराबरी में पहुंचे रोहित
विश्व कप में अब तक बांग्लादेश ने भारत के साथ 4 मुकाबले खेले हैं और 2007 में खेले गए मुकाबले को छोड़ दिया जाए तो बाकी के सभी मुकाबलों में बांग्लादेश को हार का सामना करना पड़ा। इस मुकाबले में रोहित शर्मा ने शतकीय पारी खेली जिसको मिलाकर इस विश्व कप में उन्होंने अब तक 4 शतक जड़ दिए हैं। इससे पहले यह कीर्तिमान श्रीलंका के विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार संगकारा के नाम था। उन्होंने साल 2015 विश्व कप में सबसे अधिक 4 शतक जड़े थे जिसके बाद अब रोहित शर्मा ने उनकी बराबरी कर ली है।
फेल हुआ DRS?
DRS का नाम आते ही सभी के ज़हन में सिर्फ और सिर्फ धोनी का नाम आता है और क्रिकेटप्रेमियों ने तो इसका नाम धोनी रिव्यू सिस्टम रख ही दिया है। लेकिन हम धोनी की बात नहीं कर रहे हैं। बुधवार को फील्डिंग के दौरान 10 मिनट के लिए महेंद्र सिंह धोनी विकेटकीपिंग छोड़ ड्रेसिंग रूम चले गए और इस वक्त ऋषभ पंत विकेटकीपिंग कर रहे थे। ऐसे में मोहम्मद शमी की गेंद सौम्य सरकार के पैड पर जाकर लगी और शमी समेत भारतीय खिलाड़ियों ने जोरदार अपील की।
भारतीय खिलाड़ियों की अपील को ठुकराकर अंपायर ने सौम्य सरकार को नॉट आउट करार दिया। जिसके बाद विराट कोहली ने डीआरएस का इस्तेमाल किया और थर्ड अंपायर अलीम डार ने चेक किया तो इनसाइड एज लगा हुआ था जिसके बाद उन्होंने भी नॉट करार दिया। अंपायर के फैसले से नाखुश होकर विराट कोहली भड़क गए और अंपायर से सवाल करने लगे। जिसके बाद एक बार फिर भारतीय खिलाड़ी काफी ट्रोल हुए। धोनी के प्रशंसकों ने लिखा कि धोनी मैदान के बाहर गए और टीम ने डीआरएस गंवा दिया।
प्रशंसकों को लगता है कि अगर धोनी मैदान में होते तो कभी भी डीआरएस के लिए नहीं कहते क्योंकि कई बार देखा गया है कि धोनी के कहने पर कप्तान विराट फैसले लेते हैं और वह सही साबित होता है। हाल ही में खुद विराट कोहली ने इस बात को एक्सेप्ट किया कि 10 में से 8 बार धोनी के फैसले सही होते हैं, जिनका फायदा टीम को मिलता है। इतना ही नहीं जतिन सप्रू को दिए इंटरव्यू में कोहली ने कहा था कि धोनी हमेशा उनके कप्तान रहेंगे। क्योंकि जब उन्होंने पारी की शुरुआत की तो धोनी ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ाया और उस वक्त वही टीम के कप्तान थे।