ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
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Bhilai
लंदन । दुनिया में अब तक कई मर्डर हुए हैं, जिनके हत्यारे के बारे में पता नहीं चल सका है। शातिर हत्यारे बिना किसी देरी के सारे सबूत मिटा देते हैं। पुलिस से लेकर फॉरेंसिक जानकार… सारे के सारे जांच अधिकारी चकमा खा जाते हैं। लेकिन जल्द ही अब इन हत्यारों को पकड़ने में मदद मिलेगी। दरअसल ऑस्ट्रेलिया में वैज्ञानिक एक रिसर्च कर रहे हैं। इसके तहत 70 जानवरों की डेड बॉडी को अलग-अलग सूटकेस में बंद कर सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक रिसर्च से ये पता लगेगा कि लाशें कितने दिनों में खराब होती है। कहा जा रहा है कि इससे जांच एजेंसियों को हत्यारे तलाशने में मदद मिलेगी। ये रिसर्च पश्चिम ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में किया जा रहा है। ये इस तरह का दुनिया का सबसे बड़ा और पहला रिसर्च है। शोधकर्ता ये माप रहे हैं, कि किसी भी तापमान में बदलाव मृत जानवरों को कैसे प्रभावित करती है। साथ ही शरीर और हड्डियों में माइक्रोबायोलॉजिकल और रासायनिक परिवर्तनों को भी देखा जाएगा। शोधकर्ता ने कहा कि हर साल दर्जनों शव मिलते हैं, जो घरों के अंदर ही खराब हो जाते हैं।ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि अपराधी बचने की कोशिश करते। वहां क्राइम सीन से डेड बॉडी को हटा कर दूसरे जगह फेंक देते हैं। ये प्रयोग 2022 की शुरुआत में (दक्षिणी गोलार्ध में) शुरू हुआ और गर्मियों में समाप्त होने वाला है। इसके नतीजे फरवरी 2023 में दुनिया के सबसे बड़े फोरेंसिक विज्ञान सम्मेलन में प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है। वैज्ञानिकों की टीम डेड बॉडी पर कीड़े के प्रभाव को भी देखेगी। ये जानने की कोशिश की जाएगी कि कितने दिनों के बाद शरीर पर कीड़े लगते हैं। मृत्यु के बाद के फोरेंसिक जानकार के पास लगभग तीन दिन बाद का समय होता है।हालांकि, शरीर में पाया जाने वाला कोई भी कीट मृत्यु के बाद के दिनों, महीनों और वर्षों तक की जानकारी दे सकता है।