ईश्वर दुबे
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Bhilai
वाशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने उनके द्वारा किये गये दीपावली समारोह में कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता मूलभूत अमेरिकी मूल्य है और इसका समर्थन करना देश के राष्ट्रपति जो बाइडन की प्राथमिकता है। ब्लिंकन ने प्रभावशाली भारतीय-अमेरिकियों की सभा में कहा, धार्मिक स्वतंत्रता अमेरिका की कूटनीति का एक अमूल्य हिस्सा है, क्योंकि यह वास्तव में दुनिया के अन्य देशों और लोगों के साथ संबंध बनाने में हमारी मदद करता है। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता एक मूलभूत अमेरिकी मूल्य है और इसका समर्थन करना राष्ट्रपति बाइडन की प्राथमिकता है। व्लिंकन ने कहा, दुनियाभर में सांस्कृतिक विरासत के अहम हिस्सों के संरक्षण में मदद देना धार्मिक विविधता के प्रति समर्थन दिखाने का तरीका है। हम संस्कृति के संरक्षण के लिए यूएस एंबेसडर फंड जैसे प्रयासों से क्षतिग्रस्त ऐतिहासिक इमारतों का जीर्णोद्धार करने और खोई या चोरी हुई सांस्कृतिक वस्तुओं को फिर से प्राप्त करने के प्रयासों में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि फरवरी में अमेरिकी प्रशासन ने हिंदू देवता हनुमान की चोरी हो चुकी 500 साल पुरानी मूर्ति बरामद की और इसे भारत सरकार को वापिस किया। उन्होंने कहा कि दीपावली जैसे समारोह मनाना धार्मिक स्वतंत्रता के प्रति सहयोग दिखाने का हमारा एक और तरीका है। यह पहली बार हुआ है, जब अमेरकी विदेश मंत्री ने विदेश मंत्रालय के फोगी बॉटम मुख्यालय में दिवाली समारोह की मेजबानी की। उन्होंने कहा, दिवाली सबसे पवित्र मूल्यों का उत्सव है, यह परिवार के प्रति प्यार, प्रियजन और अजनबियों के प्रति दया दिखाने का उत्सव है, यह क्षमा और आभार एवं नयी शुरुआत का त्योहार है। यह दिन हमें व्यक्तिगत संवाद और हमारे समुदायों की सेवा से अच्छे आचरण एवं धर्म के पालन के महत्व की भी याद दिलाता है। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के अजय तेजस्वी ने स्वागत समारोह में ब्लिंकन द्वारा पारंपरिक दीपक जलाने से पहले प्रार्थना की। इंडियास्पोरा के संस्थापक एमआर रंगास्वामी ने कहा कि अमेरिका में भारतीय प्रवासियों की संख्या और प्रभाव बढ़ा है तथा यह देखकर खुशी होती है कि अब देशभर में दिवाली मनाई जा रही है। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिका के विशेष दूत राशिद हुसैन ने इस मौके पर कहा कि अमेरिका हर व्यक्ति के लिए धार्मिक स्वतंत्रता का आह्वान करता है। उन्होंने कहा, हमारे संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता हमारे मिशन का मूल है, इसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में हिंदू समुदायों के प्रति हमारा समर्थन शामिल है। उन्होंने कहा, मुझे इस साल की शुरुआत में बांग्लादेश में गाजीपुर स्थित उस मंदिर में जाने का मौका मिला, जहां दुर्गा पूजा के दौरान हमला किया गया था। हम उन लोगों से प्रेरणा लेते हैं, जिन्होंने त्रासदी की स्थिति में भी अविश्वसनीय ताकत दिखाई और आतिथ्य-सत्कार सुनिश्चित किया।