ईश्वर दुबे
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पटना । बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में दरार का असर राजभवन के जलपान समारोह में भी दिखाई दिया। यहां राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा उनकी पार्टी के अधिकांश नेता अनुपस्थित रहे। समारोह के दौरान राजभवन में नीतीश कुमार के बगल वाली कुर्सी पर पहले उपमुख्यमंत्री की पर्ची लगायी गई थी, लेकिन बाद में उसे हटाकर उस कुर्सी पर जेडीयू के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के मंत्री अशोक कुमार चौधरी बैठ गए। वहीं चौधरी के बगल में बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विजय कुमार सिन्हा बैठे थे, और वह नीतीश कुमार के साथ वार्तालाप करते हुए देखे गए। गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजभवन में जलपान के आयोजन की पुरानी परंपरा रही है। हालांकि शिक्षा मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) राष्ट्रीय महासचिव आलोक कुमार मेहता राजभवन पहुंचे थे लेकिन तेजस्वी यादव और विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी सहित पार्टी के कई अन्य नेता इसमें शामिल नहीं हुए। मीडिया ने जब नीतीश कुमार से राजभवन के समारोह में तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने संक्षिप्त जवाब देते हुए कहा कि ‘जो नहीं आए उन्हें पूछिए।
राजभवन से जलपान के बाद वह अपने आधिकारिक आवास वापस लौट गए। कहा जा रहा है कि विपक्षी ‘इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे में हो रही देरी से नाखुश नीतीश कुमार भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में वापसी की योजना बना रहे हैं। हालांकि भाजपा नेता कहते रहे हैं कि जद(यू) प्रमुख नीतीश कुमार के लिए दरवाजे बंद हैं और जद(यू) नेता भी कहते रहे हैं कि पार्टी मजबूती से ‘इंडिया गठबंधन के साथ है। वहीं समारोह समाप्त होने के बाद पत्रकारों के बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा से नीतीश कुमार के राजग में वापसी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैं प्रतिपक्ष के नेता के रूप में यहां हूँ। मुझे अटकलों के पीछे की सच्चाई के बारे में कोई जानकारी नहीं है। भाजपा एक ऐसी पार्टी है जिसमें नेतृत्व द्वारा सामूहिक रूप से निर्णय लिये जाते हैं।