ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
नई दिल्ली । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि पत्रकारिता एक 'मुश्किल दौर' से गुजर रही है। फर्जी खबरें नए खतरे के रूप में सामने आई हैं, जिनका प्रसार करने वाले खुद को पत्रकार के रूप में पेश करते हैं और इस महान पेशे को कलंकित करते हैं। उन्होंने कहा सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को उजागर करने वाली खबरों की अनदेखी की जाती है और उनका स्थान सामान्य बातों ने ले लिया है। वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने में मदद के बजाय कुछ पत्रकार रेटिंग पाने और ध्यान खींचने के लिए अतार्किक तरीके से काम करते हैं। उन्होंने कहा 'ब्रेकिंग न्यूज सिंड्रोम' के शोरशराबे में संयम और जिम्मेदारी के मूलभूत सिद्धांत की अनदेखी की जा रही है।
कोविंद ने कहा कि पुराने पत्रकार 'फाइव डब्ल्यू -व्हाट (क्या), व्हेन (कब), व्हाई (क्यों), व्हेयर (कहां), हू (कौन) और हाउ (कैसे) के मूलभूत सिद्धांतों को याद रखते थे, जिनका जवाब देना खबर के लिए अनिवार्य था। राष्ट्रपति ने कहा पत्रकारों को अपने कर्तव्य के निर्वहन के दौरान कई तरह का काम करना पड़ते हैं। इन दिनों वे अक्सर एक साथ जांचकर्ता, अभियोजक और न्यायाधीश की भूमिका निभाने लगे हैं। कोविंद ने कहा सच्चाई तक पहुंचने के लिए पत्रकारों को काफी आंतरिक शक्ति और जुनून की आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा पत्रकारों की बहुमुखी प्रतिभा प्रशंसनीय है। राष्ट्रपति ने कहा कि सत्य की खोज निश्चित रूप से कठिन है। यह कहना बेहद आसान है लेकिन इसे करना बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा हमारे जैसा लोकतंत्र तथ्यों के उजागर होने और उन पर बहस करने की इच्छा पर निर्भर करता है। लोकतंत्र तभी सार्थक है, जब नागरिक अच्छी तरह से जानकार हो।