ईश्वर दुबे
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Bhilai
नई दिल्ली । देश में ग्रामीण बेरोजगारी की दर बढऩा शुरू हो गई है, क्योंकि फसलों की बुआई का वक्त खत्म होने को आ गया है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों के अनुसार पिछले हफ्ते ये दर 6.34 फीसदी थी, जो 19 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में बढ़कर 7.1 फीसदी हो गई है। हालांकि, यह अभी भी लॉकडाउन के दौरान बेरोजगारी के आंकड़े से कम ही है, लेकिन अर्थशास्त्री मानते हैं कि ग्रामीण बेरोजगारी में तगड़ी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी और जुलाई में नौकरियां पैदा नहीं होंगी। बात अगर पूरे देश में बेरोजगारी की करें तो उसमें भी बढ़ोतरी हुई है। पिछले हफ्ते ये 7.44 फीसदी थी, जो 19 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में बढ़कर 7.94 फीसदी तक जा पहुंची है। हालांकि, शहरी बेरोजगारी अभी भी सबसे बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि ये पहले से ही काफी अधिक है और उसमें कोई कमी आती नहीं दिख रही है।
शहरी इलाकों में भी बढ़ेगी दिक्कत
अर्थशास्त्री और एक्सपर्ट कहते हैं कि लेबर मार्केट को आने वाले कुछ महीनों में ग्रामीण इलाकों और शहरी दोनों ही इलाकों में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। ग्रामीण इलाकों में बुआई का सीजन खत्म होने के करीब आ पहुंचा है। मानसून के वजह से आने वाले दिनों में तमाम आपदाएं भी आएंगी, जैसे बाढ़, जिसकी वजह से एग्रीकल्चर सेक्टर में रोजगार में कमी देखने को मिलेगी। शहरी इलाकों में लॉकडाउन की वजह से काफी नुकसान हुआ है और धीरे-धीरे बाजारों के खुलने की वजह से तेज रिकवरी देखने को नहीं मिल पाएगी, जैसा कि जून महीने में दिखी थी। शहरी बेरोजगारी में पिछले हफ्ते के 9.92 फीसदी से 19 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में मामूली कमी आई है और आंकड़ा 9.78 फीसदी हो गया है।