छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ (17643)

 

इंद्रावती नदी में स्वयं नाव चलाकर गाँव पहुँचे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी

‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की जांच और परामर्श

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच

रायपुर 21 सितम्बर 2025/
छत्तीसगढ़ में जब बस्तर के दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाने की बात होती है तो सबसे पहले दुर्गम जंगलों और उफनती इंद्रावती नदी का ख्याल आता है। बरसात के मौसम में दुर्गम गाँवों तक पहुँचना बेहद जोखिमपूर्ण माना जाता है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में प्रदेश का प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी अपने कर्तव्य को सर्वोपरि रखते हुए लोगों की जान बचाने की प्राथमिकता के साथ कार्य कर रहा है।

नक्सल प्रभावित जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल रहा है। कांकेर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जैसे क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ अब आमजन तक पहुँच रहा है। यह मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन का परिणाम है, जिसने बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर को पूरी तरह बदल दिया है।

स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री अमित कटारिया और आयुक्त-सह-संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार हेतु प्रतिबद्ध हैं। इसी क्रम में प्रदेशव्यापी “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” अभियान ने बीजापुर जिले के सबसे दुर्गम क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित की है। बीते शनिवार को स्वास्थ्य दल ने स्वयं नाव चलाकर उफनती इंद्रावती नदी पार की और अबूझमाड़ से लगे ग्राम कोंडे में शिविर लगाया। इस शिविर में कुल 132 मरीजों की जांच की गई, जिनमें मलेरिया, सर्दी-खाँसी और त्वचा रोग से पीड़ित रोगी प्रमुख रहे। विशेष रूप से 10 गर्भवती महिलाओं की संपूर्ण स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण और परामर्श प्रदान किया गया। मातृ स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत महिलाओं को पोषण, एनीमिया से बचाव और सुरक्षित मातृत्व संबंधी विस्तृत जानकारी भी दी गई। बीजापुर जिले में बीते तीन दिनों के दौरान अभियान की गति उल्लेखनीय रही है। इस अवधि में हजारों लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई, जिनमें उच्च रक्तचाप के 3,177 मामले सामने आए। इसके अतिरिक्त, महिलाओं में मुख, स्तन और सर्वाइकल कैंसर की 2,823 स्क्रीनिंग की गई तथा उन्हें आवश्यक परामर्श उपलब्ध कराया गया। साथ ही 314 गर्भवती महिलाओं को जांच, टीकाकरण और परामर्श का लाभ मिला। अभियान के अंतर्गत दूरस्थ अंचलों में आयोजित शिविरों के माध्यम से अब तक 1,200 से अधिक लोगों की टीबी स्क्रीनिंग और 800 से अधिक व्यक्तियों की सिकल सेल जांच भी की जा चुकी है।

ये आँकड़े केवल संख्याएँ नहीं, बल्कि उस संकल्प का प्रमाण हैं जिसके तहत प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि बीजापुर जिले के दूरस्थ और दुर्गम अंचलों में भी मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बाधित न हो। यही कारण है कि स्वास्थ्य कर्मी नदी, पहाड़ और जंगल पार करके महिलाओं और बच्चों तक जीवन रक्षक सेवाएँ पहुँचा रहे हैं। प्रदेश सरकार का यह प्रयास इस विचार को सशक्त करता है कि “स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार की आधारशिला है।” इसी दिशा में स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतर पहुँच इस अभियान की सबसे बड़ी सफलता है।

बस्तर संभाग में स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रहे ये सुधार न केवल स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर को ऊँचा उठा रहे हैं, बल्कि यह भी प्रमाणित कर रहे हैं कि सुशासन और समर्पित प्रयासों से सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में भी सकारात्मक बदलाव संभव है।

 

रायपुर : 

 

छत्तीसगढ़ ने अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे करते हुए विकास यात्रा का नया अध्याय लिखा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विकसित भारत 2047 के संकल्प के अनुरूप राज्य सरकार ने विकसित छत्तीसगढ़ का रोडमैप तय किया है। छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य अगले पाँच वर्षों में प्रदेश की जीडीपी को दोगुना कर 75 लाख करोड़ तक पहुँचाना है, जिससे प्रत्येक नागरिक की आय में दस गुना वृद्धि हो सके।

छत्तीसगढ़: विकास की नई उड़ान

नई उद्योग नीति ने छत्तीसगढ़ को निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बना दिया है। अब तक लगभग 6.65 लाख करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित हुआ है। इज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ स्पीड ऑफ डूइंग बिजनेस को भी प्राथमिकता दी गई है। एमएसएमई स्टार्टअप और नई टेक्नॉलॉजी आधारित उद्योगों को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। कोरबा जिले के पॉवर एवं मेटल सेक्टर से लेकर दुर्ग-राजनांदगांव के इंडस्ट्रियल कॉरिडोर तक नए औद्योगिक केंद्र विकसित हो रहे हैं।

छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहाँ लिथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी की गई। छत्तीसगढ़ राज्य ऊर्जा उत्पादन में तेजी से प्रगति कर रहा है। अभी हम विद्युत उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर हैं। राज्य की विद्युत उत्पादन क्षमता 30 हजार मेगावॉट है और वर्ष 2030 तक यह क्षमता देश में प्रथम स्थान पर पहुँच जाएगी।

छत्तीसगढ़ तेजी से सोलर क्रांति की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना सर्वाधिक लोकप्रिय योजना बन गई है। बड़ी संख्या में लोग अपने घरों की छत पर सोलर पैनल लगाकर इसका लाभ उठाने लगे है। वर्ष 2027 तक 5 लाख घरों में सोलर पैनल के माध्यम से मुफ्त बिजली की व्यवस्था का लक्ष्य रखा गया है।

छत्तीसगढ़ में रेलवे नेटवर्क, राष्ट्रीय राजमार्ग, एयरपोर्ट और इंटीरियर कनेक्टिविटी पर तेजी से काम हो रहा है। राजधानी रायपुर, नया रायपुर और भिलाई को मिलाकर स्टेट कैपिटल रीजन विकसित किया जा रहा है, जो भविष्य में 50 लाख आबादी की जरूरतें पूरी करेगा।

राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि है। धान के साथ-साथ कोदो, कुटकी, रागी जैसी मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा दिया गया है। कृषक उन्नति योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, सिंचाई पम्पों को निःशुल्क बिजली की उपलब्धता एवं कृषि कल्याण के अन्य कार्यक्रमों से किसान सशक्त हो रहे हैं। लघु वनोपज आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। इससे न केवल वनवासियों की आय बढ़ी है बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए हैं।

बीते डेढ़ साल में छत्तीसगढ़ में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। दूरस्थ इलाकों में स्कूल, मोबाइल कनेक्टिविटी और स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए गए हैं। आयुष्मान भारत योजना से गरीब और जरूरतमंद परिवारों को निःशुल्क इलाज मिल रहा है। बच्चों और युवाओं के कौशल विकास के लिए विशेष प्रशिक्षण केंद्र खोले गए हैं।

राज्य सरकार ने सुशासन को अपनी सर्वाेच्च प्राथमिकता बनाई है। ऑनलाइन सेवाओं के विस्तार से नागरिक घर बैठे राजस्व, पेंशन और प्रमाण पत्र जैसी सेवाएँ प्राप्त कर रहे हैं। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अनेक सुधार किए गए हैं।

छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए विशेष योजनाएँ लागू की गई हैं। कल्चर पार्क और फिल्म सिटी की स्थापना की पहल के साथ-साथ स्थानीय कलाकारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। खेलों के क्षेत्र में नए स्टेडियम और प्रशिक्षण केंद्रों का विकास युवाओं को नए अवसर प्रदान कर रहा है।

छत्तीसगढ़ आज आत्मविश्वास के साथ विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में बढ़ रहा है। सड़क, रेल, उद्योग, ऊर्जा, कृषि, शिक्षा-स्वास्थ्य, सुशासन और सांस्कृतिक सहित हर क्षेत्र में संतुलित विकास हो रहा है। यह यात्रा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन से ही संभव हुई है। छत्तीसगढ़ सरकार का संकल्प 2047 तक राज्य को देश के अग्रणी और आत्मनिर्भर राज्यों में शामिल करना है।

रायपुर : 

अमृत सरोवर ने बदली तस्वीर : अकलासरई गाँव में हरियाली और आत्मनिर्भरता की नई कहानीअमृत सरोवर ने बदली तस्वीर : अकलासरई गाँव में हरियाली और आत्मनिर्भरता की नई कहानी

छत्तीसगढ़ सरकार आज ग्रामीण विकास और जनकल्याण की दिशा में नई इबारत लिख रही है। इसी कड़ी में कोरिया जिले का अकलासरई गाँव मिशन अमृत सरोवर योजना के तहत आज प्रगति और आत्मनिर्भरता की अनूठी मिसाल बनकर उभरा है। कोरिया जिले का छोटा-सा अकलासरई गाँव अब राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण सफलता की मिसाल बनता जा रहा है। जहाँ कभी खेत सूख जाते थे और तालाब गर्मी आते-आते खाली हो जाता था, आज वही तालाब गाँव की खुशहाली और आत्मनिर्भरता का नया आधार बन चुका है।

 

रायपुर : 

 

दो करोड़ 83 लाख रूपए की लागत के बगीचा में स्वीकृत हुए आधुनिक इनडोर बैडमिंटन स्टेडियम का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। इस स्टेडियम में वुडन फ़्लोरिंग युक्त दो बैडमिंटन कोर्ट होंगे। साथ ही खिलाडि़यों के लिए ड्रेसिंग रूम, बैठने की व्यवस्था और अन्य आवश्यक सुविधाएँ भी विकसित की जाएँगी। क्षेत्रवासियों और खिलाडि़यों ने इस पहल पर गहरी प्रसन्नता व्यक्त की है। उनका कहना है कि अब उन्हें बड़े शहरों जैसी खेल सुविधाएँ अपने ही क्षेत्र में उपलब्ध होंगी, जिससे बेहतर खिलाड़ी उभर के सामने आएंगे।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जशपुर जिले में खेल प्रतिभाओं को पहचान और उन्हे बेहतर अवसर दिलाने की दिशा में प्रदेश सरकार दूरदर्शी सोच के साथ निरंतर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री की मंशा है कि जिले के खिलाड़ी राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी चमक बिखेरें और देश व राज्य का नाम रौशन करें। मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देश पर ही खेल मैदानों और आवश्यक अधोसंरचनाओं के निर्माण की लगातार स्वीकृति दी जा रही है। साथ ही निर्माण भी कार्य सतत् रूप से जारी है।

खेल ग्राउंड और जरूरी अधोसरंचना के निर्माण को निरंतर मिल रही हैं स्वीकृतियाँ
आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिले के खिलाडि़यों ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से तीरंदाजी, ताईक्वांडों, तैराकी, एथेलेटिक्स और हॉकी में शानदार प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने जिले को खेल की दुनिया में एक अलग पहचान दिलाने दृढ़संकल्पित है। उनके प्रयास स्वरूप सन्ना में आधुनिक सुविधाओं से लैस तीरंदाजी अकादमी और कुनकुरी में अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की स्वीकृति मिली है। रणजीता स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ ग्रास और एलईडी डिस्प्ले लगाने की घोषणा की गई है। जिला मुख्यालय जशपुर में एस्ट्रो टर्फ हाकी मैदान के पास बैडमिंटन कोर्ट का निर्माण कार्य जारी है। इसके साथ ही मयाली में एडवेंचर स्पोर्ट्स संचालित है।

जशपुर के घोलेंग में फुटबॉल स्टेडियम के निर्माण के लिए भूमि का चिन्हांकन किया जा चुका है। इसके अलावा नगरीय क्षेत्र से लेकर गांव तक के स्टेडियम व खेल के मैदानों की जीर्णाेद्धार की निरंतर स्वीकृति दी जा रही है।

खिलाडि़यों, नागरिकों ने मुख्यमंत्री का जताया आभार
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और खेल प्रेमियों का कहना है कि मुख्यमंत्री श्री साय ने हमेशा खेलों को समाज और युवाओं के विकास का माध्यम माना है। उनकी प्राथमिकताओं में खेल सुविधाओं का विस्तार और ग्रामीण अंचलों तक खेल अधोसंरचना उपलब्ध कराना शामिल रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जशपुर के खिलाड़ी अब राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए और अधिक तैयार हो पाएंगे। यह पहल जिले में खेल संस्कृति को नई पहचान दिलाएगी और आने वाली पीढि़यों को खेलों के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करेगी।

 

रायपुर : 

 

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की दूरदर्शी सोच और विकास के प्रति प्रतिबद्धता का परिणाम है कि जशपुर जिले को एक और बड़ा तोहफ़ा मिला है। राज्य सरकार ने सीसरिंगा से महलंग होकर सहसपुर तक 6.5 किलोमीटर लंबे सड़क निर्माण कार्य के लिए 6 करोड़ 91 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है।

बरसात में कीचड़ भरे रास्ते और गर्मियों में धूल से परेशान ग्रामीणों को अब सुविधा और सुरक्षित परिवहन की सौगात मिलेगी। स्कूली बच्चों, मरीजों और किसानों को होने वाली समस्याएं काफी हद तक समाप्त हो जाएंगी। नई सड़क के बनने से क्षेत्र में सुगम आवागमन एवं स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच आसान होगी। किसानों की फसलें और ग्रामीण उत्पाद अब तेजी से बाजार तक पहुंच पाएंगे। इसके साथ ही व्यापार और रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।

राज्य शासन के द्वारा दी गई इस स्वीकृति से क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों में खुशी की लहर है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस सड़क से विकास की गति तेज होगी और जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव आएगा।

 

रायपुर : 

 

मुख्यमंत्री गुरु श्री तेगबहादुर सिंह जी की 350वीं शहादत शताब्दी पर नगर कीर्तन यात्रा में हुए शामिलमुख्यमंत्री गुरु श्री तेगबहादुर सिंह जी की 350वीं शहादत शताब्दी पर नगर कीर्तन यात्रा में हुए शामिल

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर के सेरीखेड़ी में गुरु श्री तेगबहादुर सिंह जी की 350वीं शहादत शताब्दी के अवसर पर आयोजित नगर कीर्तन यात्रा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गुरु श्री तेगबहादुर सिंह जी ने देश और धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। यह हमारा सौभाग्य है कि आज छत्तीसगढ़ की धरती पर आयोजित कीर्तन यात्रा का दर्शन कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री गुरु श्री तेगबहादुर सिंह जी की 350वीं शहादत शताब्दी पर नगर कीर्तन यात्रा में हुए शामिल

मुख्यमंत्री श्री साय ने गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेककर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी की अगुवाई कर रहे पंच प्यारों का सम्मान भी किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को पवित्र सिरोपा और कृपाण भेंट की गई।

*गुरु श्री तेगबहादुर सिंह जी ने धर्म की रक्षा के लिए दी अपनी शहादत : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय*

 

*मुख्यमंत्री गुरु श्री तेगबहादुर सिंह जी की 350वीं शहादत शताब्दी पर नगर कीर्तन यात्रा में हुए शामिल*

 

रायपुर, 20 सितंबर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर के सेरीखेड़ी में गुरु श्री तेगबहादुर सिंह जी की 350वीं शहादत शताब्दी के अवसर पर आयोजित नगर कीर्तन यात्रा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गुरु श्री तेगबहादुर सिंह जी ने देश और धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। यह हमारा सौभाग्य है कि आज छत्तीसगढ़ की धरती पर आयोजित कीर्तन यात्रा का दर्शन कर रहे हैं।

 

मुख्यमंत्री श्री साय ने गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेककर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी की अगुवाई कर रहे पंच प्यारों का सम्मान भी किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को पवित्र सिरोपा और कृपाण भेंट की गई।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिए बड़े सौभाग्य और गर्व का विषय है। आज हम नगर कीर्तन यात्रा के दर्शन कर रहे हैं, जो गुरु तेगबहादुर जी की 350वीं शहादत शताब्दी के अवसर पर असम के गुरुद्वारा धुबरी साहिब से प्रारंभ होकर देश के अनेक स्थानों से होते हुए छत्तीसगढ़ पहुँची है। लगभग 10 हजार किलोमीटर की यात्रा तय कर यह नगर कीर्तन यहां पहुँचा है। हमारे प्रदेशवासियों के लिए यह ऐतिहासिक क्षण और पुण्य अवसर है कि हमें इस यात्रा का स्वागत करने और इसमें भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ है।

 

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गुरु तेगबहादुर जी की शहादत के बारे में हम सभी भलीभांति जानते हैं। वे मुगलों के सामने कभी नहीं झुके और अपने धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। आज भी दिल्ली के चांदनी चौक स्थित गुरुद्वारा शीशगंज साहिब गुरु तेगबहादुर जी की शहादत का अमर प्रतीक है। हम गुरु तेगबहादुर जी को नमन करते हैं।

 

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सिख धर्म के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी के चारों साहिबजादों की शहादत भी अद्वितीय है। साहिबजादों ने मुगलों के सामने झुकने के बजाय धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने साहिबजादों की इस वीरता को नमन करते हुए हर वर्ष 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी वीर बाल दिवस को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है।

 

इस अवसर पर विधायक श्री सुनील सोनी, सीएसआईडीसी के अध्यक्ष श्री राजीव अग्रवाल, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री अमरजीत सिंह छाबड़ा, छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ नि:शक्तजन वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष श्री लोकेश कांवड़िया, छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती वर्णिका शर्मा, पूर्व विधायक श्री कुलदीप जुनेजा, डॉ. पूर्णेन्दु सक्सेना, श्री बलदेव सिंह भाटिया, श्री गुरचरण होरा, गुरुद्वारा कमेटियों के प्रमुखजन सहित बड़ी संख्या में सिख धर्म के अनुयायी एवं गणमान्यजन उपस्थित थे।

 

रायपुर : 

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के 75वें जन्मदिवस पर छत्तीसगढ़ ने सामाजिक सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। सूरजपुर जिले की 75 ग्राम पंचायतों को “बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत” घोषित किया गया है। विगत दो वर्षों में इन पंचायतों में बाल विवाह का एक भी प्रकरण दर्ज न होने के आधार पर यह मान्यता प्रदान की गई।

इस उपलब्धि के पीछे राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े की सतत पहल, सक्रिय मार्गदर्शन और नेतृत्व को निर्णायक माना जा रहा है।उनके नेतृत्व में विभाग ने गाँव-गाँव तक जागरूकता अभियान चलाया, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और पंचायत प्रतिनिधियों को सक्रिय किया तथा समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की।
श्रीमती राजवाड़े ने कहा, कि सूरजपुर जिले की यह पहल केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का कार्य करेगी। प्रधानमंत्री जी के अमृत महोत्सव वर्ष में यह उपलब्धि समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक सशक्त संदेश है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ की बड़ी उपलब्धि

सामुदायिक भागीदारी की सराहना
जिला प्रशासन ने इस पहल की सफलता में महिला एवं बाल विकास विभाग, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय समुदाय की संयुक्त भूमिका की सराहना की। सभी के सामूहिक प्रयास से यह सुनिश्चित हुआ कि शिक्षा और जागरूकता को प्राथमिकता मिले और कोई भी बाल विवाह न हो।

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ की बड़ी उपलब्धि

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में 10 मार्च 2024 को “बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान” की शुरुआत हुई थी। यह अभियान यूनिसेफ के सहयोग से और मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में संचालित किया जा रहा है।राज्य सरकार ने बाल विवाह उन्मूलन को सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में रखा है और विभाग लगातार जनजागरूकता, निगरानी और सामाजिक सहभागिता को मजबूत कर रहा है।

सूरजपुर की इस सफलता से प्रेरित होकर अब छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी पंचायतों और नगरीय निकायों को “बाल विवाह मुक्त” घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। जिन जिलों में विगत दो वर्षों में बाल विवाह का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है, वहां शीघ्र ही प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे।

 

रायपुर :

 

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को सुदर्शन चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में साक्षात्कार के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को समाप्त करना, लोगों का विश्वास जीतना और विकास की दिशा में आगे बढ़ना हमारी सरकार के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार इस उद्देश्य को धरातल पर उतारने के लिए नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से लोगों के जीवन स्तर को उन्नत बनाने का कार्य कर रही है। अब तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के अनेक गांव पुनः आबाद हो चुके हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को रोजगार से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। नक्सलियों की गतिविधियों से निर्दोष लोगों की मौत हो रही थी, आम लोगों की रक्षा करना सरकार का दायित्व है। हमारी सरकार ने नक्सलवाद को 31 मार्च 2026 तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। सरकार बनने के बाद ज्वाइंट टास्क फोर्स का गठन कर नक्सलवाद को समाप्त करने का प्र

 

रायपुर : 

 

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) जहां एक ओर देश में सड़कों का जाल बिछा रहा है, वहीं दूसरी ओर राजमार्गों के किनारों और डिवाइडर्स पर पौधे लगाकर ग्रीन कॉरिडोर भी तैयार कर रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 'एक पेड़ माँ के नाम 2.0' अभियान के तहत इस साल छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे और डिवाइडर्स पर दो लाख 71 हजार से ज्यादा पौधे लगाकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार के साथ-साथ प्राधिकरण उन्हें 'ग्रीन कॉरिडोर' में भी बदल रहा है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में ‘एक पेड़ माँ के नाम 2.0’ अभियान छत्तीसगढ़ में हरियाली, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की नई दिशा दे रहा है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर दो लाख 71 हजार से अधिक पौधे रोपित होना इस बात का प्रमाण है कि सड़क निर्माण केवल विकास की आधारशिला नहीं, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए स्वच्छ वायु और हरित जीवन का भी संकल्प है। राष्ट्रीय राजमार्ग से छत्तीसगढ़ में नागरिकों को तरक्की की राह के साथ ही हरियाली की छांव भी मिल रही है। उन्होंने कहा कि ग्रीन कॉरिडोर का यह प्रयास छत्तीसगढ़ को न केवल यातायात सुविधा में बल्कि पर्यावरणीय संतुलन में भी देश के अग्रणी राज्यों में स्थापित करेगा।

उल्लखेनीय है कि छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय राजमार्गों में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी 'एक पेड़ माँ के नाम 2.0' अभियान के अंतर्गत इस साल निर्धारित लक्ष्य से अधिक वृक्षारोपण किया है। रायपुर-विशाखापट्टनम (NH-130CD) परियोजना में सर्वाधिक 97 हजार 145 पौधे लगाए गए हैं। इसके बाद महाराष्ट्र सीमा-दुर्ग-रायपुर-ओडिशा सीमा (NH-53) पर 46 हजार 141 पौधे, चांपा-कोरबा-कटघोरा (NH-149B) मार्ग पर 23 हजार 020 पौधे, बिलासपुर-कटघोरा (NH-130) मार्ग पर 16 हजार 847 पौधे, बिलासपुर-उरगा-पत्थलगांव (NH-130A) मार्ग पर 14 हजार 400 पौधे तथा सिमगा-रायपुर-धमतरी (NH-30) परियोजना में 5406 पौधे रोपे गए हैं।

राष्ट्रीय राजमार्गों के डिवाइडर्स पर मीडियन प्लांटेशन के रूप में पौधे लगाए गए हैं, जबकि किनारों पर एवेन्यू प्लांटेशन के रूप में पौधरोपण किया गया है। इनमें काफी संख्या में बड़े फलदार और छायादार वृक्ष भी शामिल हैं। नए इलाकों में पौधरोपण के साथ ही पिछले वर्षों में क्षतिग्रस्त हुए पौधों को बदलने के लिए 68 हजार 297 जगहों पर रिप्लांटेशन भी किया गया है। इस तरह चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक (15 सितम्बर 2025 तक) कुल दो लाख 71 हजार 253 पौधे राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगाए गए हैं।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, रायपुर के क्षेत्रीय अधिकारी (Regional Officer) श्री प्रदीप कुमार लाल ने कहा कि ‘एक पेड़ माँ के नाम 2.0’ सिर्फ एक वृक्षारोपण अभियान नहीं है, बल्कि यह भविष्य की पीढ़ी के लिए एक निवेश है। हमारा उद्देश्य सिर्फ सड़कों का निर्माण करना नहीं, बल्कि एक स्वस्थ और सुन्दर पर्यावरण का भी निर्माण करना है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों में इस साल दो लाख दो हजार 959 नए पौधे लगाए गए हैं, जबकि 68 हजार 297 जगहों पर रिप्लांटेशन किया गया है। इस तरह छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय राजमार्गों पर इस साल (2025-26 में) अब तक कुल दो लाख 71 हजार 253 पौधे लगाए जा चुके हैं।

Ads

R.O.NO. 13481/72 Advertisement Carousel

MP info RSS Feed

फेसबुक