ईश्वर दुबे
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Bhilai
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्व. श्री अग्रवाल को दी श्रद्धांजलि
*बस्तर बाढ़ प्रभावितों की हर संभव मदद करें सुनिश्चित - मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय*
*प्रभारी सचिव बाढ़ प्रभावित जिलों का भ्रमण कर राहत कार्यों का करें निरीक्षण - मुख्यमंत्री श्री साय*
*मुख्यमंत्री श्री साय ने बाढ़ प्रभावित जिलों की समीक्षा के दौरान दिए दिशानिर्देश*
रायपुर, 28 अगस्त 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बस्तर संभाग के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के प्रत्येक बाढ़ प्रभावित परिवार तक हर संभव मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित परिवारों की पीड़ा को शीघ्र कम करना प्रशासन की सर्वोच्च जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि लोगों को यह महसूस होना चाहिए कि संकट की इस घड़ी में प्रशासन उनके साथ मजबूती से खड़ा है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बस्तर संभाग के बाढ़ प्रभावित जिलों—बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा के कलेक्टरों व वरिष्ठ अधिकारियों से राहत एवं पुनर्वास कार्यों की विस्तृत समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बाढ़ से हुई जनहानि और पशुहानि प्रभावित परिवारों को राहत राशि बिना विलंब के उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त आवासों के सुधार हेतु तिरपाल, बाँस-बल्ली और राहत राशि का वितरण प्राथमिकता से किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों के प्रभारी सचिव अपने-अपने जिलों का भ्रमण करें और राहत कार्यों का सतत पर्यवेक्षण सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि प्रभावित गाँवों से सड़क संपर्क बहाल करने, क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों की मरम्मत और बिजली आपूर्ति पुनर्स्थापना का कार्य युद्धस्तर पर किया जाए। उन्होंने कहा कि बस्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की शीघ्र बहाली राहत कार्यों की सफलता की कुंजी है।
समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह भी उपस्थित थे। मुख्य सचिव श्री जैन ने कलेक्टरों से कहा कि यदि उन्हें शासन स्तर से अतिरिक्त सहयोग की आवश्यकता हो तो वे तुरंत प्रस्ताव भेजें, ताकि शासन स्तर पर शीघ्र निर्णय लिया जा सके। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह ने कलेक्टरों को निर्देश दिया कि राहत शिविरों में भोजन, कपड़े और सूखा राशन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही, उन्होंने कहा कि राहत शिविरों और प्रभावित गाँवों में स्वास्थ्य शिविर और शुद्ध पेयजल की उपलब्धता भी अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए।
बैठक के प्रारंभ में राजस्व सचिव श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने मुख्यमंत्री को बस्तर में बाढ़ की स्थिति और अब तक किए गए राहत कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों को अतिरिक्त राशन का आबंटन भी कर दिया गया है और सामग्री प्रभावित परिवारों तक पहुँचाई जा रही है।
इसके उपरान्त मुख्यमंत्री श्री साय ने चारों जिलों के कलेक्टरों से सीधे संवाद कर उनके-अपने जिलों में चल रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की प्रगति के बारे में जानकारी ली। कलेक्टरों ने बताया कि अब अधिकांश बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पानी उतरने लगा है और स्थिति नियंत्रण में है। समीक्षा बैठक में बताया गया कि वर्तमान में प्रशासन का पूरा ध्यान राहत और पुनर्वास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने पर केंद्रित है।
समीक्षा बैठक में लोक निर्माण विभाग के सचिव श्री कमलप्रीत सिंह, बस्तर संभाग के आयुक्त श्री डोमन सिंह और पुलिस महानिरीक्षक श्री पी. सुन्दरराज उपस्थित थे।
*मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दक्षिण कोरिया प्रवास के दौरान निवेशकों को छत्तीसगढ़ में निवेश हेतु किया आमंत्रित*
*औद्योगिक नीति 2024–30, प्राकृतिक संसाधन, कुशल मानव संसाधन और मजबूत कनेक्टिविटी से छत्तीसगढ़ बना वैश्विक साझेदारी का आदर्श गंतव्य : मुख्यमंत्री*
रायपुर 28 अगस्त 2025/
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में आयोजित छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में कोरिया इंटरनेशनल ट्रेड एसोसिएशन और निवेशकों के समक्ष छत्तीसगढ़ में निवेश की संभावनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ अपनी प्रो-एक्टिव एवं विकासोन्मुख औद्योगिक नीति 2024–30, प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों और प्रशिक्षित जनशक्ति के बल पर वैश्विक निवेश और औद्योगिक सहयोग के लिए पूरी तरह तैयार है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कोरियाई ब्रांड हर भारतीय घर का हिस्सा हैं। एलजी, सैमसंग, हुंडई जैसी कंपनियां गांव-गांव तक पहुंच चुकी हैं। छत्तीसगढ़ में प्रचुर मात्रा में जल, ऊर्जा, लौह अयस्क व स्टील और बेहतरीन कनेक्टिविटी उपलब्ध है। ये संसाधन दक्षिण कोरियाई निवेशकों के लिए अवसरों के नए द्वार खोलते हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने निवेशकों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार सिंगल-विंडो क्लीयरेंस, व्यवसाय सुगमता और उद्योग-अनुकूल नीतियों के माध्यम से प्रत्येक निवेशक को हर स्तर पर सहयोग प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ आज खनिज, ऊर्जा, इस्पात, खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और आईटी-स्टार्टअप्स जैसे क्षेत्रों में वैश्विक निवेश का स्वागत कर रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी रेखांकित किया कि छत्तीसगढ़ का विकास मॉडल केवल औद्योगिक प्रगति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह युवाओं को रोजगार, महिलाओं को स्वावलंबन और किसानों को उपज का बेहतर मूल्य दिलाने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक निवेश के साथ-साथ सामाजिक सशक्तिकरण भी हमारी प्राथमिकता है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने भारत के राजदूत श्री अमित कुमार से भारतीय दूतावास, सियोल में मुलाक़ात कर छत्तीसगढ़ में निवेश संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने स्टील और खनिज से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स व फूड प्रोसेसिंग तक, मजबूत द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने दक्षिण कोरिया और छत्तीसगढ़ के बीच सांस्कृतिक एवं कारोबारी रिश्तों को रेखांकित करते हुए कहा कि इन साझेदारियों से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, अनुसंधान एवं नवाचार और उच्च मूल्य रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे। उन्होंने कोरियाई निवेशकों से आग्रह किया कि वे छत्तीसगढ़ को अपने नए औद्योगिक निवेश स्थल के रूप में चुनें और साझा समृद्धि की इस यात्रा का हिस्सा बनें।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश के उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं निवेश संवर्धन एजेंसियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
*दक्षिण कोरिया के कोरिया इंटरनेशनल ट्रेड एसोसिएशन (KITA) से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सार्थक मुलाकात*
*निवेश, तकनीकी सहयोग और स्किलिंग से छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को नई दिशा देने पर हुई चर्चा*
28 अगस्त 2025/छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज सियोल में दक्षिण कोरिया के सबसे बड़े व्यापार संगठन कोरिया इंटरनेशनल ट्रेड एसोसिएशन (KITA) के चेयरमैन श्री जिन सिक युन और वाइस प्रेसिडेंट श्री किम की ह्यून से मुलाकात की। 77,000 से अधिक सदस्यों वाला यह संगठन एशिया का अग्रणी व्यापारिक मंच है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ की औद्योगिक नीति 2024–30, प्राकृतिक संसाधनों और कुशल मानव संसाधन की ताकत को रेखांकित करते हुए निवेश, तकनीकी हस्तांतरण और स्किलिंग के क्षेत्र में संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि “दक्षिण कोरिया के साथ हमारे संबंध केवल व्यापारिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक भी हैं। आज के इस संवाद से छत्तीसगढ़ और कोरिया के बीच निवेश, तकनीकी सहयोग और कौशल विकास के नए द्वार खुलेंगे। इससे छत्तीसगढ़ के युवाओं को आधुनिक उद्योगों में अवसर प्राप्त होंगे और प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार निवेशकों को सुगम वातावरण, त्वरित स्वीकृतियाँ और आवश्यक आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि KITA के साथ यह सहयोग छत्तीसगढ़ को वैश्विक औद्योगिक मानचित्र पर नई पहचान दिलाएगा।
बैठक के दौरान KITA के चेयरमैन श्री जिन सिक युन और वाइस प्रेसिडेंट श्री किम की ह्यून ने भी छत्तीसगढ़ की निवेश-अनुकूल नीतियों और संसाधनों में गहरी रुचि व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कोरियाई कंपनियाँ छत्तीसगढ़ में निवेश की संभावनाओं को लेकर उत्साहित हैं और आने वाले समय में साझेदारी के ठोस कदम उठाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस सहयोग से छत्तीसगढ़ के किसानों, श्रमिकों और स्थानीय उद्यमियों को प्रत्यक्ष लाभ होगा। खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, स्टील और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में निवेश से रोजगार के हजारों अवसर सृजित होंगे। साथ ही, तकनीकी हस्तांतरण से स्थानीय उद्योगों की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ न केवल प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है, बल्कि यहाँ का युवा वर्ग मेहनती और कुशल है। कोरियाई कंपनियों के साथ जुड़कर उन्हें स्किलिंग और तकनीकी प्रशिक्षण के नए अवसर मिलेंगे, जिससे प्रदेश की मानव संसाधन क्षमता वैश्विक स्तर पर मजबूत होगी।यह साझेदारी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी और आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भरता और वैश्विक साझेदारी का आदर्श उदाहरण बनेगा।
रायपुर :
पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में रही तीजा-पोरा की धूमपंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में रही तीजा-पोरा की धूमपंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में रही तीजा-पोरा की धूमपंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में रही तीजा-पोरा की धूमपंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में रही तीजा-पोरा की धूमपंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में रही तीजा-पोरा की धूमपंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में रही तीजा-पोरा की धूम
पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में रही तीजा-पोरा की धूमपंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में रही तीजा-पोरा की धूमपंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में रही तीजा-पोरा की धूमपंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में रही तीजा-पोरा की धूमपंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में रही तीजा-पोरा की धूम
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेवता पर राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आज छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्योहार तीजा-पोरा धूमधाम से मनाया गया। ‘विष्णु भइया’ के नेवता पर आयोजित इस भव्य आयोजन में शामिल होने के लिए प्रदेशभर से बड़ी संख्या में महिलाएँ पहुँचीं। प्रदेश सरकार के मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों ने माताओं-बहनों का आत्मीय स्वागत किया और उन्हें उपहार स्वरूप साड़ी, श्रृंगार सामग्री और छत्तीसगढ़ी कलेवा भेंट किया गया।
मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने उपस्थित माताओं-बहनों को तीजा पर्व की शुभकामनाएँ दीं। महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तीजा छत्तीसगढ़ में नारी शक्ति के मान, सम्मान और दृढ़ निश्चय का महत्वपूर्ण पर्व है। निर्जला व्रत रखकर अपने पति-परिवार की सुरक्षा और समृद्धि की कामना करने वाली सभी माताओं-बहनों को उन्होंने सरकार की ओर से शुभकामनाएँ दीं। श्री साव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के नेवता पर माताओं-बहनों की इतनी बड़ी संख्या में उपस्थिति स्वयं इस पर्व के महत्व को सिद्ध करती है।
उन्होंने कहा कि तीजा के आते ही माताओं-बहनों के मन में प्रसन्नता छा जाती है। भाई-भतीजा के तीजा लिवाने आने की प्रतीक्षा रहती है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ महतारी के मान, सम्मान और गौरव को बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रदेश की 70 लाख से अधिक माताओं-बहनों को प्रतिमाह एक हजार रुपए की राशि मिल रही है। इससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं और घर-परिवार को संचालित करने में पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु आगे भी ऐसी योजनाएँ लाती रहेगी।
रायपुर :
राज्यपाल शामिल हुए सहकार भारती बुनकर के राष्ट्रीय अधिवेशन मेंराज्यपाल शामिल हुए सहकार भारती बुनकर के राष्ट्रीय अधिवेशन में
राज्यपाल श्री रमेन डेका रविवार को रायपुर में आयोजित दो दिवसीय सहकार राष्ट्रीय बुनकर अधिवेशन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में रिसर्च और डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने बुनकरों से आव्हान किया कि वे समयानुसार उत्पादों में नवीन तकनीकों को अपनाएं। मांग के अनुसार उत्पादों के डिजाइन में बदलाव लाएं।
राज्यपाल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2025 को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में घोषित किया है। इसका उद्देश्य केवल सहकारिता को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से एक समृद्ध, न्यायपूर्ण और आत्मनिर्भर विश्व की नींव रखना है। यही भावना हमें प्रेरित करती है कि हम ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ें और इस अभियान को हर घर, हर व्यक्ति तक पहुँचाएँ।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने सहकारिता के क्षेत्र में कई नवाचार कर देश को एक नया दृष्टिकोण दिया है। पैक्स समितियों को बहुउद्देशीय बनाने का कार्य इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य में अब तक 2058 पैक्स समितियों को एम-पैक्स में परिवर्तित किया गया है और इनमें कॉमन सर्विस सेंटर जैसी सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई गई हैं। साथ ही 532 नई बहुउद्देशीय पैक्स समितियों के गठन की प्रक्रिया जारी है। मत्स्य, दुग्ध और लघु वनोपज क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जो सहकारिता के विस्तार की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राज्यपाल ने कहा कि हाथकरघा और बुनकरी का कार्य हमारे देश की सांस्कृतिक पहचान और स्वदेशी गौरव का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सहकारिता के साथ मार्केटिंग के लिए नवीन माध्यमों और तकनीकों को जोडे़, इससे आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने कई उदाहरण देकर बताया कि समय पर नवीन तकनीकों को नहीं अपनाने और डिजाइन में बदलाव नहीं करने पर कई कंपनियों और वस्तुओं को मार्केेट से बाहर होना पड़ है। उन्होंने कहा कि बुनकरों को अपने उत्पाद की लोकप्रियता और ब्रिकी के लिए ई-कॉमर्स और डिजिटल प्लेट फॉर्म की तरफ बढ़ना चाहिए। इस अवसर पर सहकार भारती से जुड़े पदाधिकारी उपस्थित थे।
रायपुर :
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज अपने जापान प्रवास के दौरान टोक्यो स्थित ‘लिटिल इंडिया’ पहुँचकर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि महात्मा गांधी जी का शांति, अहिंसा और सद्भाव का अमर संदेश भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे विश्व में मानवता के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ‘लिटिल इंडिया’ में गांधी जी की प्रतिमा भारत-जापान मैत्री और सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक है। यह स्थान न केवल भारतीय समुदाय के लिए गर्व का विषय है, बल्कि जापानी नागरिकों को भी भारत की महान परंपराओं और मूल्यों से जोड़ता है।
मुख्यमंत्री श्री साय के साथ इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल के सदस्यगण भी उपस्थित थे।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अपने जापान प्रवास के दौरान टोक्यो में BOYES & MOORES INTERNATIONAL COMPANY जापान के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर एवं बस्तर के गौरव श्री अविनाश तिवारी से सौहार्दपूर्ण मुलाकात की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश और उद्योग स्थापना की संभावनाओं पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई, जिसमें मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य सरकार की निवेश-अनुकूल नीतियों, औद्योगिक आधारभूत ढांचे और निवेशकों को मिलने वाले सहयोग की जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि श्री अविनाश तिवारी, जो मूलतः बस्तर जिले के तोकापाल क्षेत्र के निवासी हैं और नवोदय विद्यालय, बारसूर (दंतेवाड़ा) के पूर्व छात्र रहे हैं, आज जापान की प्रतिष्ठित कंपनी में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के रूप में कार्यरत हैं। उनके पिता डॉ. सुरेश तिवारी सेवानिवृत्त शिक्षक हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने भरोसा जताया कि श्री तिवारी जैसे युवा, जो बस्तर की धरती से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके हैं, की सहभागिता से प्रदेश में उद्योग और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह गर्व की बात है कि बस्तर की धरती से निकलकर वैश्विक मंच पर पहचान बनाने वाले प्रतिभाशाली युवा अब छत्तीसगढ़ के विकास में योगदान दे रहे हैं।
रायपुर :
देश-विदेश में ख्यातिप्राप्त चक्रधर समारोह का शुभारंभ 27 अगस्त से होने जा रहा है। कला के विविध रूपों के साधक और कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से इस समारोह को अविस्मरणीय बनाएंगे। इस वर्ष समारोह में शास्त्रीय संगीत के साथ लोक कलाओं का अद्वितीय संगम देखने को मिलेगा। शास्त्रीय गायन और वादन के साथ-साथ विभिन्न शास्त्रीय नृत्य शैलियों एवं लोक नृत्यों की प्रस्तुतियां दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगी।
समारोह में कथक, ओडिसी, भरतनाट्यम और मोहिनीअट्टम जैसे शास्त्रीय नृत्य शैलियों की प्रस्तुतियां देश के विख्यात कलाकारों द्वारा दी जाएंगी। कथक जहां उत्तर भारत की शास्त्रीय परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है, वहीं ओडिसी पूर्वी भारत की, और मोहिनीअट्टम व भरतनाट्यम दक्षिण भारत की समृद्ध नृत्य शैलियां हैं। ये नृत्य शैलियां भारत की प्राचीन सांस्कृतिक और कलात्मक विरासत की जीवंत अभिव्यक्ति हैं, जो अपनी अनूठी मुद्राओं, वेशभूषा, संगीत और कथा वाचन की विशेषताओं के लिए जानी जाती हैं।
शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियों में गायन और वादन का अनूठा संगम होगा। सितार की मधुर ध्वनि, तबले की लयबद्ध थाप, संतूर के मधुर स्वर और बांसुरी की सुरीली तान दर्शकों को भाव-विभोर करेगी। समारोह के मंच पर जहां शास्त्रीय कलाओं का प्रदर्शन होगा, वहीं छत्तीसगढ़ की लोक कलाओं का भी रंग बिखरेगा। प्रदेश का प्रसिद्ध पंथी नृत्य, लोकगीत और लोकरंग की प्रस्तुतियां छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक समृद्धि का सशक्त परिचय देंगी।
इसके साथ ही अबूझमाड़ के सुप्रसिद्ध मलखम्ब दल की विशेष प्रस्तुति भी समारोह का आकर्षण होगी। इस दल ने वर्ष 2023 में इंडियाज गॉट टैलेंट में प्रथम स्थान प्राप्त कर राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की थी और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी पदक हासिल किए हैं। उनके अद्वितीय योग और जिम्नास्टिक मुद्राओं का प्रदर्शन समारोह का मुख्य आकर्षण रहेगा। चक्रधर समारोह 2025 का आयोजन दर्शकों के लिए न केवल कला और संस्कृति का पर्व होगा, बल्कि भारत की शास्त्रीय और लोक परंपराओं का जीवंत उत्सव भी साबित होगा।
महात्मा गांधी का शांति और सद्भाव का अमर संदेश पूरे विश्व के लिए प्रेरणास्त्रोत – मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर 24 अगस्त 2025/
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज अपने जापान प्रवास के दौरान टोक्यो स्थित ‘लिटिल इंडिया’ पहुँचकर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि महात्मा गांधी जी का शांति, अहिंसा और सद्भाव का अमर संदेश भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे विश्व में मानवता के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ‘लिटिल इंडिया’ में गांधी जी की प्रतिमा भारत-जापान मैत्री और सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक है। यह स्थान न केवल भारतीय समुदाय के लिए गर्व का विषय है, बल्कि जापानी नागरिकों को भी भारत की महान परंपराओं और मूल्यों से जोड़ता है।
मुख्यमंत्री श्री साय के साथ इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल के सदस्यगण भी उपस्थित थे।
रायपुर 24 अगस्त 2025/
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अपने जापान प्रवास के दौरान टोक्यो में BOYES & MOORES INTERNATIONAL COMPANY जापान के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर एवं बस्तर के गौरव श्री अविनाश तिवारी से सौहार्दपूर्ण मुलाकात की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश और उद्योग स्थापना की संभावनाओं पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई, जिसमें मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य सरकार की निवेश-अनुकूल नीतियों, औद्योगिक आधारभूत ढांचे और निवेशकों को मिलने वाले सहयोग की जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि श्री अविनाश तिवारी, जो मूलतः बस्तर जिले के तोकापाल क्षेत्र के निवासी हैं और नवोदय विद्यालय, बारसूर (दंतेवाड़ा) के पूर्व छात्र रहे हैं, आज जापान की प्रतिष्ठित कंपनी में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के रूप में कार्यरत हैं। उनके पिता डॉ. सुरेश तिवारी सेवानिवृत्त शिक्षक हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने भरोसा जताया कि श्री तिवारी जैसे युवा, जो बस्तर की धरती से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके हैं, की सहभागिता से प्रदेश में उद्योग और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह गर्व की बात है कि बस्तर की धरती से निकलकर वैश्विक मंच पर पहचान बनाने वाले प्रतिभाशाली युवा अब छत्तीसगढ़ के विकास में योगदान दे रहे हैं।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में रही तीजा-पोरा की धूम
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेवता पर प्रदेशभर से आई माताओं-बहनों का किया गया आत्मीय स्वागत
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में नारी शक्ति के मान, सम्मान और गौरव को बढ़ावा मिल रहा है: उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव
रायपुर, 24 अगस्त 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेवता पर राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आज छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्योहार तीजा-पोरा धूमधाम से मनाया गया। ‘विष्णु भइया’ के नेवता पर आयोजित इस भव्य आयोजन में शामिल होने के लिए प्रदेशभर से बड़ी संख्या में महिलाएँ पहुँचीं। प्रदेश सरकार के मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों ने माताओं-बहनों का आत्मीय स्वागत किया और उन्हें उपहार स्वरूप साड़ी, श्रृंगार सामग्री और छत्तीसगढ़ी कलेवा भेंट किया गया।
मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने उपस्थित माताओं-बहनों को तीजा पर्व की शुभकामनाएँ दीं। महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तीजा छत्तीसगढ़ में नारी शक्ति के मान, सम्मान और दृढ़ निश्चय का महत्वपूर्ण पर्व है। निर्जला व्रत रखकर अपने पति-परिवार की सुरक्षा और समृद्धि की कामना करने वाली सभी माताओं-बहनों को उन्होंने सरकार की ओर से शुभकामनाएँ दीं। श्री साव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के नेवता पर माताओं-बहनों की इतनी बड़ी संख्या में उपस्थिति स्वयं इस पर्व के महत्व को सिद्ध करती है।
उन्होंने कहा कि तीजा के आते ही माताओं-बहनों के मन में प्रसन्नता छा जाती है। भाई-भतीजा के तीजा लिवाने आने की प्रतीक्षा रहती है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ महतारी के मान, सम्मान और गौरव को बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रदेश की 70 लाख से अधिक माताओं-बहनों को प्रतिमाह एक हजार रुपए की राशि मिल रही है। इससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं और घर-परिवार को संचालित करने में पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु आगे भी ऐसी योजनाएँ लाती रहेगी।
कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने भी तीजा-पोरा पर्व की बधाई दी और कहा कि यह अवसर सभी तीजहारिन बहनों के लिए बहुत विशेष है। यह पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं के लिए खुशी, एकजुटता और आत्मीयता का प्रतीक है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि तीजा धार्मिक, सामाजिक और प्राकृतिक सामंजस्य का पर्व है। माता-बहनें परिवार को जोड़कर स्वर्ग समान बनाए रखने का कार्य करती हैं। सुहागन महिलाएँ निर्जला व्रत रखकर अपने पति की दीर्घायु की कामना करते हुए शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। सावन में खेत-खलिहान हरे-भरे हो जाते हैं, जिनमें गाय-बैलों की अथक मेहनत का योगदान होता है। इसी मेहनत से हमारे धान के कोठार भरते हैं। कार्यक्रम में मौजूद पूर्व सांसद श्रीमती सरोज पांडेय ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।
इस अवसर पर पंडवानी गायिका पद्मश्री श्रीमती उषा बारले और लोकगायिका कुमारी आरु साहू को स्मृतिचिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में श्रम एवं उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, विधायक श्री सुनील सोनी, श्री इंद्र कुमार साव, श्री अनुज शर्मा, केश शिल्पी बोर्ड की अध्यक्ष श्रीमती मोना सेना, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री अमरजीत छाबड़ा, खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, रायपुर की महापौर श्रीमती मीनल चौबे सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।
महिला सम्मेलन में महतारियों का उत्साह, तीजहारिन बहनों ने लगवाई मेंहदी
तीजा-पोरा के नेवता के लिए ‘विष्णु भइया’ का जताया आभार
रायपुर :
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप और श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन आज राष्ट्रीय बुनकर अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में शामिल हुए। सहकार भारती द्वारा राजधानी रायपुर के जैनम मानस भवन में 23 अगस्त और 24 अगस्त को देश में पहली बार राष्ट्रीय बुनकर अधिवेशन का आयोजन किया गया है। इसमें 28 राज्यों से विभिन्न बुनकर संघों के एक हजार से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के वीडियो संदेश का प्रसारण किया गया। अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में विभिन्न क्षेत्रों में सहकारिता को मजबूत करने के लिए किए गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने अधिवेशन की सफलता के लिए आयोजकों और प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं भी दीं। विधायक श्री मोतीलाल साहू, छत्तीसगढ़ अपेक्स बैंक के अध्यक्ष श्री केदार गुप्ता और खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री राकेश पाण्डेय भी उद्घाटन सत्र में शामिल हुए।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सहकारिता हमारे रग-रग में बसी हुई है। हम सब 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना से पले-बढ़े हैं। भारत अपने कुटीर उद्योगों और ग्राम उद्योगों की बदौलत लंबे समय तक पूरी दुनिया के लिए 'सोने की चिड़िया' था। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक तरक्की में बुनकरों का बड़ा योगदान है। हमारे बुनकर बड़ी मेहनत और लगन से कपड़ा उद्योग को मजबूती दे रहे हैं। सहकारिता के माध्यम से उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति को नए आयाम दिए जा सकते हैं। आजीविका के अवसरों को बढ़ाने, देश को आत्मनिर्भर एवं सक्षम बनाने में बुनकर और उनकी सहकार की भावना काफी अहम है।
सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष में यह अधिवेशन छत्तीसगढ़ में हो रहा है। सहकार से समृद्धि के तहत राज्य में 54 पहल किए गए हैं जो सीधे-सीधे गांवों, गरीबों व किसानों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 20 हजार हाथकरघा कार्यरत हैं जिनके माध्यम से 60 हजार 300 लोगों को रोजगार मिल रहा है। राज्य में 329 पंजीकृत प्राथमिक बुनकर सहकारी समितियां महासंघ से जुड़ी हुई हैं जो सरकारी वस्त्र उत्पादन में सक्रिय हैं। महासंघ द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों को स्कूल यूनिफार्म, पुलिस ड्रेस, कंबल, चादर और अन्य प्रकार के कपड़ों की आपूर्ति की जा रही है। बुनकर सहकारी समितियों को सुदृढ़ बनाने के लिए राष्ट्रीय सहकारी नीति से प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ में भी सहकारी नीति तैयार की जा रही है। श्री कश्यप ने सहकार भारती के पदाधिकारियों को अधिवेशन की सफलता के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस अधिवेशन से बुनकरों में जागरूकता बढ़ाने और सहकारिता आंदोलन को गति प्रदान करने में मदद मिलेगी।
रायपुर :
राज्यपाल श्री डेका पोला पर्व उत्सव में हुए शामिल
राज्यपाल श्री रमेन डेका आज आदिम जाति विकास, कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी, मछली पालन, पशुधन विभाग के मंत्री श्री राम विचार नेताम के नवा रायपुर स्थित निवास में आयोजित पोला पर्व के उत्सव में शामिल हुए। उन्होंने भगवान शंकर का अभिषेक एवं पूजा अर्चना कर छत्तीसगढ़ का यह पारंपरिक त्यौहार मनाया और प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव एवं अन्य मंत्रीगण, जनप्रतिनिधिगण एवं अतिथिगण उपस्थित थे ।