ईश्वर दुबे
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रायपुर :
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की नई मिसालें स्थापित हो रही हैं। विकासखंड सक्ती के ग्राम नगरदा निवासी किसान श्री देवनारायण साहू ने अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का सौर पैनल स्थापित कर अन्य ग्रामीणों के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया है।
श्री साहू ने जून 2025 में सोलर पैनल लगवाया, जिसकी कुल लागत लगभग 2 लाख रुपये आई। इसमें उन्हें केंद्र सरकार से 78 हजार रुपये की सब्सिडी प्राप्त हुई, जिससे उनका आर्थिक बोझ काफी कम हुआ। पहले उन्हें प्रत्येक माह बिजली बिल अदा करना पड़ता था, किंतु सोलर पैनल लगने के बाद उनका बिजली बिल पूरी तरह शून्य हो गया है।
उन्होंने बताया कि यह योजना अत्यंत लाभकारी है। इससे उन्हें आर्थिक राहत मिली है और ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का अनुभव भी हो रहा है। ग्राम नगरदा में इस सुविधा को अपनाने वाले वे पहले व्यक्ति हैं। उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि अब वे आसपास के ग्रामीणों को भी इस योजना का लाभ उठाने हेतु प्रेरित कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से उपभोक्ता अपने घर की छत पर रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाकर न केवल घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त ऊर्जा उत्पादन से आर्थिक रूप से भी लाभान्वित हो सकते हैं। यह योजना आमजन को हरित ऊर्जा अपनाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त बना रही है।
रायपुर : लासपुर जिले में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की नई दिशा दी है। इस योजना से उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत तो मिल ही रही है, साथ ही स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान सुनिश्चित हो रहा है।
जिले में अनेक परिवार सौर ऊर्जा को अपनाकर प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। अशोक नगर निवासी श्रीमती अंजली सिंह ने 3 किलोवाट का सोलर पैनल लगाकर अपना बिजली बिल आधा कर लिया है। बिल्हा के श्री जमशेर मोहम्मद शेख का बिजली बिल पूरी तरह समाप्त हो गया है। कोनी निवासी श्री एस.के. साहा को 1.08 लाख रुपये की सब्सिडी मिली और उनका बिजली बिल भी शून्य हो गया है। वहीं, कोनी की श्रीमती संगीता तिवारी ने 10 किलोवाट का संयंत्र स्थापित कर संयुक्त परिवार की खपत का आधा से अधिक खर्च बचाया है।
केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा डबल सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। 1 किलोवाट पर 45 हजार रुपये, 2 किलोवाट पर 90 हजार रुपये और 3 किलोवाट या उससे अधिक क्षमता पर 1 लाख 8 हजार रुपये तक की सब्सिडी उपलब्ध है। योजना के तहत प्रतिमाह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली और नेट मीटरिंग से अतिरिक्त आय की सुविधा दी गई है। आवेदन की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी है। उपभोक्ता
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पोर्टल, मोबाइल ऐप अथवा नजदीकी विद्युत कार्यालय के माध्यम से पंजीयन करा सकते हैं। यह योजना न केवल आर्थिक राहत का साधन है, बल्कि ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सशक्त कदम भी है।
रायपुर :
वाणिज्य, उद्योग,आबकारी श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन आज सोमवार को शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन के अवसर पर कोरबा के मां सर्वमंगला मंदिर पहुंचकर मां सर्वमंगला की पूजा अर्चना कर जिले वासियों और प्रदेशवासियों के खुशहाली और समृद्धि की कामना की। साथ ही सभी श्रद्धालु को नवरात्रि की बधाई एवं शुभकामनाए दी।
इसी तरह श्री अग्रसेन जयंती के अवसर पर श्री अग्रवाल सभा कोरबा द्वारा आयोजित भव्य शोभायात्रा में भी मंत्री श्री देवांगन शामिल हुए। जहाँ श्री गोपाल मोदी और महापौर श्रीमती संजू देवी राजपूत के साथ श्री अग्रसेन जी महराज की पूजा अर्चना कर सभी को इस पावन अवसर की बधाई एवं शुभकामनाए दी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय "अग्रसेन जयंती महोत्सव 2025" समारोह में हुए शामिल
रायपुर 22 सितंबर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर स्थित अग्रसेन धाम में भगवान अग्रसेन जयंती के अवसर पर अग्रवाल महासभा द्वारा आयोजित “अग्रसेन जयंती महोत्सव 2025” समारोह में शामिल हुए। उन्होंने भगवान अग्रसेन की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित एवं माल्यार्पण कर कार्यक्रम का विधिवत् शुभारंभ किया। इस अवसर पर समाज में उत्कृष्ट योगदान देने वाली विभूतियों तथा प्रतिभाशाली बच्चों को मुख्य मंच से सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अग्रवाल समाज की दानशीलता की परंपरा की प्रशंसा करते हुए कहा कि मानवता की सेवा और परोपकार के लिए अग्रवाल समाज हमेशा ही अग्रणी रहा है। समाज व्यापार एवं व्यवसाय से जुड़ा हुआ है, जो कठिन परिश्रम और लगन से कार्य करते हुए निरंतर मानवता की सेवा में जुटा रहता है। अग्रवाल समाज को व्यापारिक कुशलता के लिए जाना जाता है, लेकिन आज यह समाज सामाजिक कार्यों में भी उतना ही अग्रणी है और अपने सेवा कार्यों के माध्यम से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार ने 21 महीनों में प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी के अंतर्गत अधिकांश वादों को पूरा किया है। हमारी सरकार ने व्यापार और संस्कृति को प्रोत्साहन देने की दिशा में कार्य किया है। हमने नई औद्योगिक नीति अपनाई है, जो सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि आज बहुत ही ऐतिहासिक दिन है। आज से ही प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर देशभर में ‘जीएसटी बचत उत्सव’ की शुरुआत हुई है। इस प्रकार आज एक साथ अनेक उत्सवों का संगम हो रहा है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कल राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में देशवासियों से धूमधाम से जीएसटी बचत उत्सव मनाने की अपील की थी। जीएसटी में किए गए ये सुधार व्यापारी बंधुओं की मांग और उनके सुझावों को ध्यान में रखकर किए गए हैं। इससे न केवल कारोबारियों को, बल्कि उपभोक्ताओं को भी सीधा लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अब जीएसटी के चार स्लैब की जगह केवल दो स्लैब रह जाने से कर संबंधी जटिलताएँ कम होंगी। इससे व्यापारी जहां अपना व्यापार सरलता से कर सकेंगे, वहीं प्रक्रिया सहज होने से उन्हें टैक्स देने में भी आसानी होगी। इससे राष्ट्र निर्माण में हर वर्ग की भागीदारी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सपनों के अनुरूप 2047 में विकसित भारत के साथ-साथ विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को पाने में अग्रवाल समाज की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी को शारदीय नवरात्रि और अग्रसेन जयंती की बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं और प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
इस मौके पर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लगभग 5000 वर्ष पूर्व महाराज अग्रसेन का अवतरण हुआ था। उन्होंने वैश्य धर्म को अपनाया और बलि प्रथा का अंत कर समाज सुधार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। आज समाज को शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। शिक्षा और स्वास्थ्य से ही विकसित समाज का निर्माण होगा और विकसित समाज से ही विकसित राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने भी सभी स्वजन बंधुओं को शारदीय नवरात्रि और अग्रसेन जयंती की बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं।
इस अवसर पर सीआईडीसी अध्यक्ष श्री राजीव अग्रवाल, समाज अध्यक्ष श्री विजय अग्रवाल सहित समाज के वरिष्ठ गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
धमतरी जिले के ग्राम करेलीबड़ी में राज्य स्तरीय आयोजन
धमतरी को 246 करोड़ रूपए के विकास कार्याे की सौगात
रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय 23 सितम्बर को धमतरी जिले के ग्राम करेलीबड़ी में आयोजित राज्य स्तरीय महतारी सदन लोकार्पण कार्यक्रम मेें 51 महतारी सदनों को मातृशक्ति को समर्पित करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धमतरी जिले को 245 करोड़ 80 लाख की लागत वाले विकास एवं निर्माण कार्यों का लोकार्पण भी करेंगे। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव एवं श्री विजय शर्मा, मंत्री श्री राम विचार नेताम, मंत्री श्री टंकराम वर्मा अतिविशिष्ट अतिथि होंगे। कार्यक्रम में सांसद श्रीमती रूप कुमारी चौधरी एवं श्री भोजराज नाग, विधायक श्री अजय चन्द्राकर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अरूण सार्वा, जनपद अध्यक्ष श्री विरेन्द्र कुमार साहू विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।
करेलीबड़ी धमतरी जिले के कुरूद विधानसभा क्षेत्र का गांव है। धमतरी जिले में महतारी सदन निर्माण योजना के अंतर्गत 4 महतारी सदनों का निर्माण क्रमशः ग्राम पंचायत भेंड्री, मेधा, खरेंगा और करेलीबड़ी में कराया गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने तथा आपसी समरसता स्थापित करने, सामायिक कार्यक्रमों में सामूहिक भागीदारी तथा महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से ग्राम पंचायतों में महतारी सदन का निर्माण कराया जा रहा है।
महतारी सदन निर्माण की इस योजना के तहत प्रथम चरण में वर्ष 2024-25 अंतर्गत कुल 202 महतारी सदन के लिए कुल 50 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं। लगभग 2500 वर्गफीट में निर्मित होने वाले प्रत्येक महतारी सदन की लागत 24.70 लाख रूपए है, जिससे प्रत्येक महतारी सदन में एक हॉल, कमरा, किचन, स्टोर, दुकान, बाउड्रीवाल, प्रसाधन एवं बोरवेल का निर्माण कराया गया है।
महतारी सदन के लोकार्पण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य की महिला स्व-सहायता समूह की 2 लाख सदस्य महिलाएं वर्चुअल रूप से शामिल होंगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत अभियान महिलाओं की क्षमता को देश के विकास के साथ जोड़ने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य में ग्राम पंचायतों महतारी सदन का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। इस योजना के तहत राज्य में द्वितीय चरण में वर्ष 2025-26 अंतर्गत कुल 166 महतारी सदन के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 50 करोड़ रूपए की मंजूरी दी गई है। द्वितीय चरण में निर्मित होने वाले प्रत्येक महतारी सदन की लागत 30 लाख रूपए है।
*मुख्यमंत्री ने जताया विश्वास – मार्च 2026 तक नक्सलमुक्त भारत का सपना होगा साकार*
*नारायणपुर के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता : दो इनामी नक्सली ढेर*
रायपुर 22 सितम्बर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नारायणपुर ज़िले के अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों की ओर से चलाए गए सफल अभियान की सराहना करते हुए कहा कि यह छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक निर्णायक उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 2 नक्सली न्यूट्रलाइज किए गए हैं। दोनों पर 40-40 लाख रुपये का इनाम घोषित था। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सफलता केवल नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक निर्णायक पड़ाव ही नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ में शांति, सुरक्षा और विकास की प्रक्रिया को और भी गति प्रदान करती है।
मुख्यमंत्री ने इस अभियान में शामिल सुरक्षाकर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि उनकी बहादुरी और समर्पण से ही प्रदेश आज शांति और विकास की राह पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विज़न और माननीय केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में नक्सलवाद का अंत अब पहले से कहीं अधिक निकट और निश्चित होता दिखाई दे रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मार्च 2026 तक नक्सलमुक्त भारत का संकल्प अवश्य साकार होगा।
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उप मुख्यमंत्री ने झंडा लहराकर ‘नमो युवा रन’ का किया आगाज, विजेताओं को पुरस्कार बांटेउप मुख्यमंत्री ने झंडा लहराकर ‘नमो युवा रन’ का किया आगाज, विजेताओं को पुरस्कार बांटे
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा स्वस्थ और नशामुक्त भारत के लिए रायपुर और बिलासपुर में आयोजित ‘नमो युवा रन’ में युवाओं ने जोश और उत्साह से भागीदीरी की। युवाओं को फिट और नशामुक्त रखने देश के 75 शहरों में यह दौड़ आयोजित की गई। राजधानी रायपुर में तेलीबांधा तालाब से शुरू हुई यह दौड़ सुभाष स्टेडियम में समाप्त हुई। वहीं बिलासपुर में सीएमडी कॉलेज मैदान से प्रारंभ कर रीवर-व्यू रोड में इसका समापन किया गया।
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जशपुर जिले के ग्रामीण अंचलों को लंबे समय से अंधेरे से निजात दिलाने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने कांसाबेल ब्लॉक के 13 गांवों और उनसे जुड़ी आश्रित बस्तियों में अधूरे पड़े विद्युतीकरण कार्य को पूरा कराने के लिए 58 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की है।
इस राशि से ग्राम पूसरा, पोंगरो, कांसाबेल, बाँसबहार, चोगरीबहार, देवरी, दोकड़ा, सारूकछार, बटईकेला, नरियलडांड, फरसाजुड़वाईन, खूंटीटोली और बेलटोली सहित कई मजरा-टोलियों में विद्युत केबल बिछाने और अन्य अधूरे कार्य पूरे किए जाएंगे। इसके बाद इन बस्तियों में सुशासन की रौशनी पहुँचेगी और ग्रामीणों को अंधेरे से मुक्ति मिलेगी।
मुख्यमंत्री साय को जैसे ही अधूरे विद्युतीकरण कार्य की जानकारी मिली, उन्होंने तत्परता दिखाते हुए विभाग को इसे पूरा कराने के निर्देश दिए। अब स्वीकृति के बाद कार्य प्रारंभ हो गया है।
ग्रामीणों ने वर्षों पुरानी इस समस्या के समाधान पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार जताया है। उनका कहना है कि रोशनी पहुँचने से न केवल जीवन में बदलाव आएगा, बल्कि बच्चों की पढ़ाई और ग्रामीण क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों को भी नई दिशा मिलेगी।
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मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय समाज के समग्र विकास के लिए कटिबद्ध है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आदिवासी बहुल गांवों के विकास में किसी प्रकार की कमी न हो, धन की कोई समस्या न हो—इस दृष्टि से धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना शुरू की है। इस योजना के लिए 80 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान हेतु प्रधानमंत्री जनमन योजना प्रारंभ की गई है, जिससे इन विशेष पिछड़ी जनजातियों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सकारात्मक प्रयास हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इन सभी सार्थक प्रयासों से जनजातीय क्षेत्रों में विकास की गंगा बहेगी और हमारे जनजातीय समुदाय निरंतर प्रगति के मार्ग पर अग्रसर होंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने यह बात जगदलपुर के वन विद्यालय परिसर में धुरवा समाज के संभाग स्तरीय नुआखाई मिलन समारोह और नवनिर्मित सामाजिक भवन "ओलेख" के लोकार्पण कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर उन्होंने धुरवा समाज हेतु 05 स्थानों पर पंद्रह-पंद्रह लाख रुपए की लागत से डोम निर्माण के लिए कुल 75 लाख रुपए की घोषणा की। साथ ही, धुरवा समाज के 36 सरपंचों द्वारा ग्राम पंचायतों के विकास हेतु प्रस्तुत प्रस्तावों को भी स्वीकृति प्रदान करने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने प्रतीकात्मक गुड़ी में बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना की और धुरवा समाज के नवनिर्मित सामाजिक भवन "ओलेख" का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने धुरवा समाज के वीर नायक शहीद गुंडाधुर को नमन करते हुए कहा कि आज का यह ऐतिहासिक नुआखाई मिलन समारोह हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का संवाहक है। यह हमारे जनजातीय समाज की महान परंपरा है कि हम किसी भी अनाज या फल को ग्रहण करने से पूर्व अपने देवी-देवताओं की पूजा कर उन्हें अर्पित करते हैं और फिर ग्रहण करते हैं। यह परंपरा आज भी कायम है और आने वाली पीढ़ियों तक इसे बनाए रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने धुरवा समाज को सामाजिक भवन "ओलेख" के लोकार्पण की बधाई देते हुए कहा कि यह नवीन भवन समाज के विकास की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा और समाज के सभा-सम्मेलनों के लिए काम आएगा।
उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी के योगदान को याद करते हुए कहा कि अटलजी ने जनजातीय समुदाय के कल्याण को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार में पृथक से जनजातीय कार्य मंत्रालय का गठन किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष की बधाई देते हुए कहा कि अटलजी का जन्मशताब्दी वर्ष अटल निर्माण वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आदिवासी बहुल बस्तर और सरगुजा संभाग के विकास के लिए विशेष आदिवासी क्षेत्र विकास प्राधिकरण की भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इन क्षेत्रों के विकास की चिंता करते हुए दोनों विशेष आदिवासी क्षेत्र विकास प्राधिकरणों का गठन किया था, जिससे योजनाओं के अतिरिक्त भी इन इलाकों में आवश्यक विकास कार्य सुनिश्चित किए जा सकें।
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धुरवा समाज के नुआखाई मिलन समारोह में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आत्मीय और वात्सल्यपूर्ण रूप सभी ने देखा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने धुरवा समाज की नन्हीं बच्ची भूमिका बघेल को स्नेहपूर्वक अपने गोद में बिठाकर दुलार किया और उसे महुआ लड्डू खिलाया।
जगदलपुर विकासखंड के उलनार निवासी भूमिका बघेल अपने दादा सोनसारी बघेल के साथ कार्यक्रम में पहुंची थी। पारंपरिक पोशाक में सजी-धजी भूमिका ने सभी का मन मोह लिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्नेहपूर्वक उसका नाम पूछते हुए कहा—"बिटिया, किस कक्षा में पढ़ाई कर रही हो?" मासूम मुस्कान के साथ भूमिका ने उत्तर दिया—"मैं दीप्ति कान्वेंट स्कूल में एलकेजी में पढ़ती हूँ।"
यह स्नेहिल दृश्य समारोह में उपस्थित सभी लोगों के मन को गहराई तक छू गया। एलकेजी में पढ़ रही भूमिका की निश्छल मुस्कान, पारंपरिक परिधान और मासूम नज़रों की चमक में बस्तर की संस्कृति और उसकी खुशियाँ झलक रही थी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि समाज ने पिछले वर्ष ही अपने बच्चों के लिए कक्षा 12वीं तक की शिक्षा अनिवार्य करने का सराहनीय निर्णय लिया। यही शिक्षा और संस्कार हमारी आने वाली पीढ़ी का भविष्य संवारेंगे। उन्होंने कहा कि मैं यही कामना करता हूँ कि भूमिका और छत्तीसगढ़ की हर बेटी खूब पढ़े, आगे बढ़े, उड़ान भरे और अपनी संस्कृति से यूँ ही जुड़ी रहे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जिस आत्मीयता और वात्सल्य से नन्हीं भूमिका बघेल से स्नेहपूर्ण वार्तालाप किया, उसने पूरे समारोह का वातावरण स्नेह और आत्मीयता से परिपूर्ण कर दिया।
मुख्यमंत्री श्री साय का आत्मीय व्यवहार जनजातीय समाज के साथ उनके गहरे जुड़ाव और बच्चों के प्रति स्नेहपूर्ण हृदय का प्रमाण है। उनकी यह सरलता और अपनापन न केवल लोगों को विश्वास से भरता है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि सरकार का नेतृत्व समाज के हर वर्ग और हर बच्चे के सुख-दुख में सहभागी है।
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इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय का पारंपरिक मोहरी बाजा के साथ भव्य स्वागत किया गया। माहरा समाज के सदस्यों ने उत्साहपूर्वक मुख्यमंत्री श्री साय को पारंपरिक माहरा पाटा पहनाकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने फीता काटकर भवन का विधिवत उद्घाटन किया और इस ऐतिहासिक क्षण में आमंत्रण एवं आत्मीय स्वागत के लिए समाज के प्रति आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में माहरा समाज के गौरवशाली इतिहास को याद किया। उन्होंने कहा कि जगदलपुर की स्थापना जगतू माहरा तथा धरमपुरा की स्थापना धरमू माहरा द्वारा की गई थी। उन्होंने भूमकाल जैसे आंदोलनों में समाज की सक्रिय भूमिका और अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों के विरुद्ध संघर्ष को विशेष रूप से रेखांकित किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री श्री अमित शाह के प्रयासों से माहरा समाज को अनुसूचित जाति का दर्जा मिला है। इस ऐतिहासिक निर्णय से समाज के युवाओं को शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में बड़े अवसर प्राप्त होंगे और उनका भविष्य उज्ज्वल होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का मुख्य लक्ष्य गरीबों का कल्याण और किसानों का आर्थिक विकास है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 18 लाख आवासों को मंजूरी दी गई है। किसानों से 21 क्विंटल धान प्रति एकड़ खरीदा जा रहा है, जिसके लिए 3100 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान किया जा रहा है।
युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य में नई उद्योग नीति बनाई गई है, जिससे अधिक से अधिक युवाओं को नौकरी मिले और स्वरोजगार को भी बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार नक्सलियों के समूल उन्मूलन के लिए तेजी से कार्य कर रही है, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण, बिजली की आपूर्ति और मोबाइल टावरों की स्थापना जैसे विकास कार्य सुचारू रूप से आगे बढ़ सकें और लोगों को मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ जनहितकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि इस दिशा में नियद नेल्लानार योजना दूरगामी परिणाम देने वाली साबित हो रही है।
कार्यक्रम में माहरा समाज के संभाग अध्यक्ष श्री राजू बघेल ने स्वागत उद्बोधन दिया। शांति नाग ने प्रतिवेदन का वाचन किया तथा समाज के संरक्षक श्री बिच्चेम पोंदी ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद श्री महेश कश्यप, जगदलपुर विधायक श्री किरण सिंह देव ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में चित्रकोट विधायक श्री विनायक गोयल, दंतेवाड़ा विधायक श्री चैतराम अटामी, छत्तीसगढ़ बेवरेज कॉरपोरेशन के अध्यक्ष श्री श्रीनिवास राव मद्दी, महापौर श्री संजय पांडे, पूर्व सांसद श्री दिनेश कश्यप, पूर्व विधायक श्री महेश गागड़ा, श्री लच्छूराम कश्यप, श्री बैदूराम कश्यप, श्री सुभाऊ कश्यप, कलेक्टर श्री हरिस एस, पुलिस अधीक्षक श्री शलभ सिन्हा सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, माहरा समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने जगतू माहरा एवं धरमू माहरा के योगदान सहित माहरा समाज के गौरवशाली इतिहास को किया रेखांकित
रायपुर 21 सितंबर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज जगदलपुर के गुरु गोविंद सिंह वार्ड में एक करोड़ 63 लाख रुपए की लागत से निर्मित माहरा समाज के नवनिर्मित सामाजिक भवन का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय का पारंपरिक मोहरी बाजा के साथ भव्य स्वागत किया गया। माहरा समाज के सदस्यों ने उत्साहपूर्वक मुख्यमंत्री श्री साय को पारंपरिक माहरा पाटा पहनाकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने फीता काटकर भवन का विधिवत उद्घाटन किया और इस ऐतिहासिक क्षण में आमंत्रण एवं आत्मीय स्वागत के लिए समाज के प्रति आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में माहरा समाज के गौरवशाली इतिहास को याद किया। उन्होंने कहा कि जगदलपुर की स्थापना जगतू माहरा तथा धरमपुरा की स्थापना धरमू माहरा द्वारा की गई थी। उन्होंने भूमकाल जैसे आंदोलनों में समाज की सक्रिय भूमिका और अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों के विरुद्ध संघर्ष को विशेष रूप से रेखांकित किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री श्री अमित शाह के प्रयासों से माहरा समाज को अनुसूचित जाति का दर्जा मिला है। इस ऐतिहासिक निर्णय से समाज के युवाओं को शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में बड़े अवसर प्राप्त होंगे और उनका भविष्य उज्ज्वल होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का मुख्य लक्ष्य गरीबों का कल्याण और किसानों का आर्थिक विकास है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 18 लाख आवासों को मंजूरी दी गई है। किसानों से 21 क्विंटल धान प्रति एकड़ खरीदा जा रहा है, जिसके लिए 3100 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान किया जा रहा है।
युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य में नई उद्योग नीति बनाई गई है, जिससे अधिक से अधिक युवाओं को नौकरी मिले और स्वरोजगार को भी बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार नक्सलियों के समूल उन्मूलन के लिए तेजी से कार्य कर रही है, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण, बिजली की आपूर्ति और मोबाइल टावरों की स्थापना जैसे विकास कार्य सुचारू रूप से आगे बढ़ सकें और लोगों को मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ जनहितकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि इस दिशा में नियद नेल्लानार योजना दूरगामी परिणाम देने वाली साबित हो रही है।
कार्यक्रम में माहरा समाज के संभाग अध्यक्ष श्री राजू बघेल ने स्वागत उद्बोधन दिया। शांति नाग ने प्रतिवेदन का वाचन किया तथा समाज के संरक्षक श्री बिच्चेम पोंदी ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद श्री महेश कश्यप, जगदलपुर विधायक श्री किरण सिंह देव ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में चित्रकोट विधायक श्री विनायक गोयल, दंतेवाड़ा विधायक श्री चैतराम अटामी, छत्तीसगढ़ बेवरेज कॉरपोरेशन के अध्यक्ष श्री श्रीनिवास राव मद्दी, महापौर श्री संजय पांडे, पूर्व सांसद श्री दिनेश कश्यप, पूर्व विधायक श्री महेश गागड़ा, श्री लच्छूराम कश्यप, श्री बैदूराम कश्यप, श्री सुभाऊ कश्यप, कलेक्टर श्री हरिस एस, पुलिस अधीक्षक श्री शलभ सिन्हा सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, माहरा समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे।
रायपुर 21 सितम्बर 2025/ धुरवा समाज के नुआखाई मिलन समारोह में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आत्मीय और वात्सल्यपूर्ण रूप सभी ने देखा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने धुरवा समाज की नन्हीं बच्ची भूमिका बघेल को स्नेहपूर्वक अपने गोद में बिठाकर दुलार किया और उसे महुआ लड्डू खिलाया।
जगदलपुर विकासखंड के उलनार निवासी भूमिका बघेल अपने दादा सोनसारी बघेल के साथ कार्यक्रम में पहुंची थी। पारंपरिक पोशाक में सजी-धजी भूमिका ने सभी का मन मोह लिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्नेहपूर्वक उसका नाम पूछते हुए कहा—"बिटिया, किस कक्षा में पढ़ाई कर रही हो?" मासूम मुस्कान के साथ भूमिका ने उत्तर दिया—"मैं दीप्ति कान्वेंट स्कूल में एलकेजी में पढ़ती हूँ।"
यह स्नेहिल दृश्य समारोह में उपस्थित सभी लोगों के मन को गहराई तक छू गया। एलकेजी में पढ़ रही भूमिका की निश्छल मुस्कान, पारंपरिक परिधान और मासूम नज़रों की चमक में बस्तर की संस्कृति और उसकी खुशियाँ झलक रही थी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि समाज ने पिछले वर्ष ही अपने बच्चों के लिए कक्षा 12वीं तक की शिक्षा अनिवार्य करने का सराहनीय निर्णय लिया। यही शिक्षा और संस्कार हमारी आने वाली पीढ़ी का भविष्य संवारेंगे। उन्होंने कहा कि मैं यही कामना करता हूँ कि भूमिका और छत्तीसगढ़ की हर बेटी खूब पढ़े, आगे बढ़े, उड़ान भरे और अपनी संस्कृति से यूँ ही जुड़ी रहे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जिस आत्मीयता और वात्सल्य से नन्हीं भूमिका बघेल से स्नेहपूर्ण वार्तालाप किया, उसने पूरे समारोह का वातावरण स्नेह और आत्मीयता से परिपूर्ण कर दिया।
मुख्यमंत्री श्री साय का आत्मीय व्यवहार जनजातीय समाज के साथ उनके गहरे जुड़ाव और बच्चों के प्रति स्नेहपूर्ण हृदय का प्रमाण है। उनकी यह सरलता और अपनापन न केवल लोगों को विश्वास से भरता है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि सरकार का नेतृत्व समाज के हर वर्ग और हर बच्चे के सुख-दुख में सहभागी है।
लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय
राज्य सरकार जनजातीय समाज के समग्र विकास के लिए कटिबद्ध - मुख्यमंत्री श्री साय
धुरवा समाज के लिए 5 स्थानों पर डोम निर्माण हेतु 75 लाख रुपए की घोषणा
रायपुर 21 सितम्बर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय समाज के समग्र विकास के लिए कटिबद्ध है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आदिवासी बहुल गांवों के विकास में किसी प्रकार की कमी न हो, धन की कोई समस्या न हो—इस दृष्टि से धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना शुरू की है। इस योजना के लिए 80 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान हेतु प्रधानमंत्री जनमन योजना प्रारंभ की गई है, जिससे इन विशेष पिछड़ी जनजातियों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सकारात्मक प्रयास हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इन सभी सार्थक प्रयासों से जनजातीय क्षेत्रों में विकास की गंगा बहेगी और हमारे जनजातीय समुदाय निरंतर प्रगति के मार्ग पर अग्रसर होंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने यह बात जगदलपुर के वन विद्यालय परिसर में धुरवा समाज के संभाग स्तरीय नुआखाई मिलन समारोह और नवनिर्मित सामाजिक भवन "ओलेख" के लोकार्पण कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर उन्होंने धुरवा समाज हेतु 05 स्थानों पर पंद्रह-पंद्रह लाख रुपए की लागत से डोम निर्माण के लिए कुल 75 लाख रुपए की घोषणा की। साथ ही, धुरवा समाज के 36 सरपंचों द्वारा ग्राम पंचायतों के विकास हेतु प्रस्तुत प्रस्तावों को भी स्वीकृति प्रदान करने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने प्रतीकात्मक गुड़ी में बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना की और धुरवा समाज के नवनिर्मित सामाजिक भवन "ओलेख" का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने धुरवा समाज के वीर नायक शहीद गुंडाधुर को नमन करते हुए कहा कि आज का यह ऐतिहासिक नुआखाई मिलन समारोह हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का संवाहक है। यह हमारे जनजातीय समाज की महान परंपरा है कि हम किसी भी अनाज या फल को ग्रहण करने से पूर्व अपने देवी-देवताओं की पूजा कर उन्हें अर्पित करते हैं और फिर ग्रहण करते हैं। यह परंपरा आज भी कायम है और आने वाली पीढ़ियों तक इसे बनाए रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने धुरवा समाज को सामाजिक भवन "ओलेख" के लोकार्पण की बधाई देते हुए कहा कि यह नवीन भवन समाज के विकास की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा और समाज के सभा-सम्मेलनों के लिए काम आएगा।