ईश्वर दुबे
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Bhilai
मुंबई। वर्ष 2019-20 का बजट शुक्रवार को पेश होने के बाद से ही बाजार (stock market)में गिरावट होनी शुरू हो गई। आज सोमवार को जब बाजार खुलते ही बिकवाली
का दबाव बढऩे लगा तो हाहाकार मच गया। बाजार में जिन लोगो ने शेयरों में निवेश करने वालों की संपत्ति में 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की चपत लग चुकी है। फिलहाल सेंसेक्स 685.73 अंक अर्थात 1.74 प्रतिशत नीचे हैं। निफ्टी 11593.55 अंक पर 1.94 प्रतिशत अर्थात् 217.60 अंक नीचे है।
इन कारणों से डूबा बाजार
जिन वजह या कारणों के चलते बाजार में निवेशकों को भारी भरकम चपत लगी, वो इस प्रकार हैं.....
सूचीबद्ध कंपनियों में शेयरहोल्डिंग बढ़ाने का प्रस्ताव
आम बजट में शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों की शेयर होल्डिंग 25 फीसदी से 35 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया गया है। इसको एक से दो साल में लागू करने का है। इसके साथ ही बजट में कंपनियों पर 20 फीसदी बायबैक टैक्स लगाने के प्रस्ताव भी दिया गया।
एशियाई बाजार का बुरा हाल
एशियाई बाजार का सोमवार को बुरा हाल रहा। अमेरिका में नौकरियों का डाटा जारी होने के कारण शंघाई 2.5 फीसदी, हांगकांग और दक्षिण कोरिया का बाजार 1.8 फीसदी, जापान निक्केई 1.01 फीसदी और ताइवान का ताइएक्स 0.53 फीसदी गिर गए।
अमेरिका में बढ़ी नौकरियां
अमेरिका में इस साल नौकरियां काफी बढ़ गई। जून के महीने में दो लाख से ज्यादा लोगों को नौकरियां मिली। इससे वहां के बाजार में भी कमजोरी देखने को मिली, क्योंंकि उम्मीद है कि फेड ब्याज दरों में किसी तरह की कोई कमी नहीं करेगा। नौकरियां ज्यादा होने से बेरोजगारी का आंकड़ा काफी कम हो गया है।
रुपया, कच्चा तेल
रुपये में गिरावट और कच्चे तेल में बढ़त देखने को मिली। रुपया 25 पैसे गिरकर के 68.66 पर बंद हुआ। वहीं कच्चा तेल 0.2 फीसदी बढ़कर के 64.33 डॉलर पर कारोबार करते हुए देखा गया।
तिमाही नतीजे
मंगलवार से कंपनियों के तिमाही नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। सबसे पहले टीसीएस और शुक्रवार को इंफोसिस के नतीजे आएंगे। बाजार के जानकारों का कहना है कि इससे ज्यादा असर पड़ेगा, क्योंकि कंपनियों का मुनाफा उम्मीद के मुताबिक नहीं आएगा।
कंपनियों का बाजार पूंजीकरण घटा
कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) इन दो दिनों में 2.75 फीसदी तक कम हो गया। बजट से निवेशकों को किसी तरह का कोई उत्साह देखने को नहीं मिला था। इसके बाद विदेशी बाजारों में भी गिरावट का असर भी पड़ा। विदेशी संस्थागत निवेशकों पर लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव भी बाजार को रास नहीं आया। सोमवार को निवेशकों के तीन लाख करोड़ रुपये डूब गए।