ईश्वर दुबे
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Bhilai
शिमला: हिमाचल में अब नए हैंडपंप नहीं लगाए जा सकेंगे. प्रदेश में भूजल स्तर नीचे जाने के कारण केंद्र के निर्देश पर राज्य सरकार ने नए हैंडपंप लगाने पर रोक लगा दी है. सूबे में मानसून के दस्तक देने के बीच केंद्र के निर्देश पर हिमाचल सरकार ने यह फैसला लिया है. Read
नए हैंडपंप पर रोक के अलावा बेकार एवं बंद पड़े हैंडपंपों का भी सरकार पूरा ब्योरा जुटाएगी. सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने मंगलवार को शिमला में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी.
मंत्री ने कहा कि प्रदेश में करीब 40 हजार हैंडपंप लगाए गए हैं. इनमें से कितने काम कर रहे हैं और कितने बेकार पड़े हैं, इस संबंध में सरकार अध्ययन करा रही है. अब सरकार वर्षा जल संग्रहण को बढ़ावा देगी, जिससे पानी की बूंद-बूंद का सदुपयोग किया जा सके.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 40 हजार हैंडपंपों में से कितने काम कर रहे हैं और कितने खराब हैं, इसका पता लगाने के लिए सरकार 16 हाइड्रोलाजिस्टों की मदद लेगी. उन्होंने कहा कि कई हैंडपंप कई सालों से काम नहीं कर रहे हैं. ये हैंडपंप किन कारणों से खराब हैं, यह भी पता लगाया जाएगा.
पहले भी जूझ रहा था हिमाचल, जल संकट से
इससे पहले फरवरी में भी शिमला में भयानक जल संकट देखा गया था, तब स्थानीय लोनों नें सोशल मीडिया में लोगों से शिमला न आने की अपील की थी, एक फेसबुक यूजर नें लिखा था कि ‘सरकार को पर्यटकों को परामर्श जारी करके उनसे कहना चाहिए कि वे तब तक शिमला नहीं आएं जब तक कि स्थिति में सुधार नहीं होता क्योंकि इससे जल की कमी से जूझ रहे निवासियों को और असुविधा होगी.’
उस समय हाईकोर्ट ने कहा था कि वह हर रोज नगर निगम से बूंद-बूंद पानी का हिसाब लेगा. साथ ही जलसंकट को लेकर सरकार को सेना से तुरंत संपर्क करने को कहा. शिमलावासियों से पानी की बर्बादी रोकने भी कहा गया था.
वहीं, पानी की स्थिति सुधरने तक राजधानी में सभी कार वॉशिंग सेंटर बंद करने के आदेश दिए. साथ ही हर तरह के निर्माण कार्यों पर भी पाबंदी लगाई गयी थी.
गोल्फ कोर्स में घास की सिंचाई के लिए उपयोग होने वाले पानी को भी जनता में बांटे जाने के आदेश जारी किए गए थे.