ईश्वर दुबे
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Bhilai
जम्मू । जम्मू-कश्मीर के पूंछ में आतंकवादियों से लोहा लेते वक्त अपने प्राणों की आहुति देने वाले नायब सूबेदार जसविंदर सिंह का शव जब तिरंगे में लपेटकर घर आया तो शहीद के घर मातम पसर गया। 11 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में आतंकवाद-रोधी अभियान के दौरान अपनी जान गंवाने वाले पांच जवानों में से एक जसविंदर सिंह के परिवार ने पंजाब के कपूरथला जिले के तलवंडी में अपने आवास पर शोक व्यक्त किया। शहीद जवान जसविंदर ने अपनी पत्नी से दो दिन बाद आने का वादा किया था, मगर भारत की माटी से किया वादा निभाने की वजह से अपनी पत्नी से किया वादा नहीं निभा पाए। नायब सूबेदार जसविंदर सिंह की पत्नी रविंदर सिंह ने कहा, 'मेरी उनसे एक दिन पहले ही बात हुई थी। उन्होंने मुझसे कहा था कि वह दो दिन बाद घर आएंगे, उन्होंने 15 दिन की छुट्टी ली थी। उन्होंने बहुत वीरता दिखाई थी, इसलिए उन्हें सेना पदक दिया गया। वह चाहते थे कि हमारा बेटा सेना में भर्ती हो। वहीं, शहीद जवान की मां गुरपाल कौर ने कहा , 'वह काफी अच्छा था और वही परिवार चलाता था, अब यह मुश्किल हो गया है। उसके साथ जिन लोगों की जान चली गई, वे भी मेरे बेटे जैसे थे। हमारे पास न तो जमीन है और न ही संपत्ति। हम क्या करेंगे? जब मेरा पोता बड़ा हो जाएगा तो मैं उसे सेना में भर्ती करने के लिए भेजूंगी। बता दें कि जम्मू और कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकवाद विरोधी अभियान में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक 'जूनियर कमीशंड अधिकारी' (जेसीओ) सहित पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया था कि आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर भारी गोलीबारी की जिससे एक जेसीओ और चार अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में इलाज के दौरान पास के एक सैन्य अस्पताल में सभी पांच सैनिकों की मौत हो गई।