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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा मुश्किलों में घिरी हुई है और हालिया कुछ रिपोर्ट और सर्वे ने उसकी नींद उड़ा दी है। लगातार चौथी बार सत्ता पर काबिज होने के लिए भाजपा कुछ कड़े फैसले ले सकती है। बताया जा रहा है कि भाजपा के मौजूदा 70-80 विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं जिनमें कुछ मंत्री भी शामिल हैं। 

 

एक पार्टी नेता का कहना है कि सत्ता विरोधी रुझान को देखते हुए ऐसा फैसला लिया जा सकता है। राज्य में 28 नवंबर को मतदान होना और मतगणना 11 दिसंबर को होगी।

कई विधायकों के खिलाफ नाराजगी

राज्य के एक भाजपा नेता ने पीटीआई से कहा कि पार्टी 70-80 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि कई विधायकों के खिलाफ शिकायतों को देखते हुए इस तरह का फैसला लिया जा सकता है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अपनी जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कई विधायकों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं। 

हाल ही में कुछ ओपिनियन पोल में बताया गया था कि कांग्रेस 15 साल बाद सत्ता में वापसी कर सकती है। कुछ सर्वे में यहां कांग्रेस-भाजपा के बीच कांटे की टक्कर का अनुमान जताया है। इन सर्वे ने भाजपा को अपनी रणनीति नए सिरे से बनाने पर मजबूर कर दिया है।  

भारतीय जनता युवा मोर्चा के एक पदाधिकारी का कहना है कि राज्य में भाजपा विधायकों के खिलाफ तो गुस्सा है लेकिन सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ नहीं। भाजपा के पास एक बार फिर सत्ता में वापसी का मौका है। 

उन्होंने कहा कि हम पुराने चेहरों को बदलकर नए चेहरों को विधानसभा चुनाव में मौका देते हैं तो इस बार भी चुनाव जीतकर प्रदेश में सरकार बनाने का भाजपा के पास बेहतर अवसर है। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब प्रदेश भाजपा ने बेहतर प्रदर्शन नहीं करने वाले विधायकों या मंत्रियों का टिकट काटा हो। इससे पहले साल 2013 के विधानसभा चुनावों में हमने 25 प्रतिशत नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा था और इनमें से 75 उम्मीदवारों ने विजय हासिल भी की थी।

पिछली दफा विधानसभा चुनावों में भाजपा के कुल 165 सीटें, कांग्रेस ने 58, बसपा ने 4 और निर्दलीय उम्मीदवारों ने तीन सीटों पर जीत हासिल की थी। मध्यप्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस स्मारक दिवस 2018 के मौके पर आजादी के बाद से पुलिस कर्मियों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान की याद में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक देश को समर्पित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक (एनपीएम) बनने में 70 वर्ष लगने के लिये पूर्व की सरकारों की इच्छाशक्ति पर सवाल उठाया और कहा कि पहले की सरकारों ने दिल से प्रयास किया होता तब यह स्मारक कई वर्ष पहले बन गया होता। 

 

21 अक्तूबर 1959 में चीनी सैनिकों द्वारा लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में मारे गए पुलिसकर्मियों की याद में इस दिन को पुलिस स्मारक दिवस के रूप में मनाया जाता है। पीएम मोदी ने पुलिस स्मारक दिवस के मौके पर शहीद पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि दी और परेड में शामिल हुए। 
 
वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, गृह राज्य मंत्री किरेन रिजजू भी इस अवसर पर मौजूद हैं। राष्ट्रीय पुलिस स्मारक दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में बनाया गया है। 
राष्ट्रीय पुलिस स्मारक को राष्ट्र को समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री ने रविवार को कहा, "आज मुझे राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर गर्व है, लेकिन कुछ सवाल भी हैं। आखिर इस स्मारक को अस्तित्व में आने में आजादी के बाद 70 वर्ष क्यों लग गए।"

उन्होंने कहा, "मैं मानता हूं कि कानूनी वजहों से कुछ वर्ष काम रुका, लेकिन पहले की सरकारों की इच्छाशक्ति होती, उन्होंने दिल से प्रयास किया होता, तो ये स्मारक कई वर्ष पहले ही बन गया होता। लेकिन पहले की सरकारों ने आडवाणी जी द्वारा स्थापित पत्थर पर धूल जमने दी।" मोदी ने कहा कि 2014 में जब दोबारा राजग की सरकार बनी तो बजट आवंटन किया और आज ये भव्य स्मारक देश को समर्पित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि यह उनकी सरकार के काम करने का तरीका है। आज समय पर लक्ष्यों को प्राप्त करने की कार्यसंस्कृति विकसित की गई है। 

प्रधानमंत्री ने देश की सुरक्षा में समर्पित प्रत्येक व्यक्ति एवं उपस्थित शहीदों के परिवारों को पुलिस स्मृति दिवस पर नमन किया। 

प्रधानमंत्री मोदी अपने संबोधन में पुलिस जवानों के कार्य, शहादत और उनके त्याग को याद करते हुए भावुक हो गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुतों को तो ये तक पता नहीं होता कि कोई इमारत गिरने पर, नाव हादसा होने पर, आग लगने पर, रेल हादसा होने पर, राहत के काम की कमान संभालने वाले ये लोग कौन हैं।

आगे उन्होंने कहा कि देश के हर राज्य में, हर पुलिस स्टेशन, हर पुलिस चौकी में तैनात, राष्ट्र की हर संपदा की सुरक्षा में जुटे साथियों को, राहत के काम में जुटे साथियों को, आप सभी को भी मैं बधाई देता हूं। 

पीएम मोदी ने कहा कि आज का यह दिन देश में आपदा प्रबंधन, किसी प्राकृतिक संकट के समय या हादसे के वक्त राहत कार्यों में जुटने वाले उन जवानों को भी याद करने का है, जिनकी सेवा की बहुत चर्चा नहीं होती। 

उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें राष्ट्र सेवा और समर्पण की अमर गाथा के प्रतीक, इस राष्ट्रीय पुलिस स्मारक को देश को समर्पित करने का अवसर मिला है ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पुलिस जवानों के कर्तव्य को देखकर खुशी का भाव पैदा होता है। देश में अनेकता और अशांति फैलाने की साजिशों को नाकाम करने का काम आप सभी ने किया है। 

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में डटे साथियों का शौर्य और बलिदान भी अब शांति के रूप में दिखने लगा है। शांति और समृद्धि का प्रतीक बन रहे पूर्वोत्तर के विकास में उनका भी योगदान है ।

छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए बसपा अध्यक्ष मायावती का चुनाव प्रचार अभियान अगले सप्ताह 25 अक्तूबर से शुरू होगा। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में मायावती की 26 रैलियां होंगी। तेलंगाना में अभी बसपा प्रमुख के प्रचार अभियान को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बसपा प्रमुख ने पार्टी के राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ को राजस्थान और छत्तीसगढ़ और वीर सिंह को तेलंगाना में चुनाव अभियान का प्रभारी बनाया है। 

 मायावती के विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत राजस्थान से होगी। राजस्थान में वह 25 और 26 अक्तूबर और एक और दो नवंबर को हर दिन दो-दो रैली संबोधित करेंगी। 


इसके अलावा मध्य प्रदेश में मायावती की 12 जनसभाएं होंगी। इनकी शुरुआत दो नवंबर से होगी। रैलियों के स्थान और तारीख को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस और सपा के साथ तालमेल नहीं हो पाने के कारण बसपा ने फिलहाल राज्य की सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

बता दें कि विधानसभा चुनावों की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए पिछले एक सप्ताह से दिल्ली में मौजूद मायावती ने तीन राज्यों के लिए अपने प्रचार कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है।

छत्तीसगढ़ में मायावती की छह रैलियां होंगी। मायावती की पहली रैली चार नंवबर को होने के बाद वह 16 और 17 नवंबर को तीन जनसभाएं संबोधित करेंगी। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से अलग हुए पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की अगुवाई वाली जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसी) और भाकपा के साथ गठबंधन कर बसपा राज्य की 33 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। दो सीट पर भाकपा और 55 सीट पर जेसीसी लड़ेगी।

छत्तीसगढ़ विधनसभा चुनाव में राजनैतिक शख्सियतों के परिवार भी चुनावी चर्चा में खूब सूर्खियां बटोर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री व जनता कांग्रेस सुप्रीमो अजीत जोगी इस बार अपनी नई पार्टी से ज्यादा परिवार के सदस्यों की वजह से खबरों में छाये हुए हैं। जोगी परिवार एक ऐसा राजनैतिक परिवार बन चुका है जो इस बार चुनाव में अलग-अलग राह पर चल रहा है।
 
अजीत जोगी के परिवार के 4 सदस्यों में उनकी पत्नी रेणु जोगी, बेटे अमित जोगी और बहू ऋचा जोगी, अपनी पार्टी के अलावा दूसरी पार्टियों की तरफ से भी किस्मत आजमाने को तैयार हैं। अजीत जोगी और उनके पुत्र अमित जोगी जहां जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ को चला रहे हैं, वहीं अजीत जोगी की पत्नी विधायक डॉक्टर रेणु जोगी अब भी कांग्रेस के पंजे के साथ हैं।

इन सभी से अलग होकर अजित जोगी की बहू ऋचा सिंह ने बहुजन समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है। सूत्रों के अनुसार ऋचा जोगी अकलतरा विधानसभा सीट से बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं। 

इस बार चुनाव से पहले अजीत जोगी ने कांग्रेस से अलग होकर अपना नया राजनीतिक दल जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ बना लिया। उस समय उनकी पत्नी रेणु जोगी ने कांग्रेस के साथ बने रहने का निर्णय लिया। उम्मीद थी कि जोगी कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर ही चुनाव लड़ेंगे इसलिए कोई चिंता न थी कि रेणु का क्या होगा। लेकिन अजीत जोगी के बसपा के साथ गठबंधन करने के बाद रेणु को कांग्रेस की टिकट मिलने पर संशय बरकरार है। 
 
ये देखना वाकई दिलचस्प होगा कि तीन अलग-अलग पार्टी में रहने वाले परिवार के 4 सदस्य किस तरह अपने राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ते हैं और चुनावी प्रबंधन किस अंदाज में करते हैं। एक ही परिवार में रहते हुए एक दूसरे की पार्टी पर कैसे आरोप-प्रत्यरोप करते हैं। हालांकि ऐसे कई परिवार हैं जिनके सदस्यों ने अलग-अलग पार्टियों से चुनाव में किस्मत आजमाया है। 
 
 
पंजाब के अमृतसर में दशहरा के दिन हुए दर्दनाक हादसे हो लेकर लोग गुस्से में हैं। शनिवार दोपहर गुस्साए लोगों ने शिवाला फाटक के गेटमैन निर्मल सिंह की पिटाई की और उन्हें रेलवे के केबिन (एस-26-ई3) से नीचे फेंक दिया। उनके सिर में गंभीर चोटें आई हैं। लोगों ने शनिवार को शवों को साथ लेकर प्रदर्शन किया और बस स्टैंड मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया।
  पुलिस प्रशासन को जाम खुलवाने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। काफी मशक्कत के बाद जाम खुलवाया जा सका। पुलिस की तरफ से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त बल मंगवा लिया गया है। वहीं आयोजक सौरव मदान और उसके परिजन घर में ताला लगाकर भूमिगत हो गए हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी कि प्रबंधकों का कसूर है या नहीं। 

 बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को भी नाराज लोगों का गुस्सा शिक्षा मंत्री पर भड़का था। बचाव में मंत्री के गनर को हवाई फायरिंग करनी पड़ी थी। स्थानीय लोग हादसे के बाद से ही प्रशासन पर काफी खफा हैं। घटना स्थल पर पहुंची रिलीफ ट्रेन पर भी लोगों ने हमला कर दिया था। जिससे ट्रेन के शीशे टूट गए थे। रावण दहन देख रहे लोगों पर से तेज रफ्तार डीएमयू ट्रेन कुचलते हुए गुजर गई थी। इस हादसे में अभी तक 59 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है। वहीं 9 शवों की पहचान बाकी है और सात लोग गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों का इलाज अमृतसर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। 

दुर्ग. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के प्रशासनिक महासचिव और राज्यसभा सांसद मोतीलाल वोरा दुर्ग में आयोजित दशहरा महोत्सव में शरीक होने पहुंचे। इससे पहले वोरा से मिलने के लिए पीसीसी चीफ भूपेश बघेल और ओबीसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व दुर्ग सांसद ताम्रध्वज साहू पहुंचे।

 

तीनों ने बंद कमरे में चर्चा की। कहा जा रहा है कि, टिकट वितरण को लेकर चर्चा हुई। इधर वोरा के आगमन की खबर के बाद पद्मनाभपुर में वोरा निवास के बाहर दावेदारों का रेला लगा रहा। इस दौरान भिलाई मेयर देवेंद्र यादव, निर्मला यादव, केके झा, संदीप निरंकारी, बृजमोहन सिंह, तुलसी साहू सहित अन्य नजर आए।

 

बीजेपी ने राजनीति की फिजा को बिगाड़ा-वोरा :

मीडिया से चर्चा के दौरान बीजेपी पर भी हमला बोला। कहा कि बीजेपी ने पिछले 15 सालों में छत्तीसगढ़ की राजनीतिक फिजा को बिगाड़ने का काम किया है। कंबल वाले बाबा कांग्रेसी विधायकों के खरीद-फरोख्त की बातें कर रहे हैं।

दुर्ग. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के प्रशासनिक महासचिव और राज्यसभा सांसद मोतीलाल वोरा दुर्ग में आयोजित दशहरा महोत्सव में शरीक होने पहुंचे। इससे पहले वोरा से मिलने के लिए पीसीसी चीफ भूपेश बघेल और ओबीसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व दुर्ग सांसद ताम्रध्वज साहू पहुंचे।

 

तीनों ने बंद कमरे में चर्चा की। कहा जा रहा है कि, टिकट वितरण को लेकर चर्चा हुई। इधर वोरा के आगमन की खबर के बाद पद्मनाभपुर में वोरा निवास के बाहर दावेदारों का रेला लगा रहा। इस दौरान भिलाई मेयर देवेंद्र यादव, निर्मला यादव, केके झा, संदीप निरंकारी, बृजमोहन सिंह, तुलसी साहू सहित अन्य नजर आए।

 

बीजेपी ने राजनीति की फिजा को बिगाड़ा-वोरा :

मीडिया से चर्चा के दौरान बीजेपी पर भी हमला बोला। कहा कि बीजेपी ने पिछले 15 सालों में छत्तीसगढ़ की राजनीतिक फिजा को बिगाड़ने का काम किया है। कंबल वाले बाबा कांग्रेसी विधायकों के खरीद-फरोख्त की बातें कर रहे हैं।

  • रमन सिंह राजनांदगांव और पार्टी अध्यक्ष धरमलाल कौशिक बिल्हा सीट से चुनाव लड़ेंगे 
  • पूर्व आइएएस चौधरी खरसिया सीट से मैदान में उतरेंगे

रायपुर. भाजपा ने छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को 77 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। पार्टी द्वारा जारी सूची में महिला विकास विभाग मंत्री रमशीला साहू समेत 14 विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री रमन सिंह राजनांदगांव और पार्टी अध्यक्ष धरमलाल कौशिक बिल्हा सीट से चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा, चुनाव से ठीक पहले पार्टी में शामिल हुए आईएएस अफसर और रायपुर के पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी रायगढ़ की खरसिया सीट से किस्मत आजमाएंगे।

 

भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा शनिवार को दिल्ली में संसदीय बोर्ड की बैठक में की गई। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनावों के लिए पहली सूची जारी करते हुए कहा कि पार्टी ने जीतने वाले उम्मीदवारों पर दांव लगाया है। संसदीय बोर्ड की बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, संगठन महासचिव रामलाल, महासचिव राममाधव, सैयद शाहनवाज हुसैन समेत अन्य नेता उपस्थित रहे।

 

भाजपा ने पहली सूची में 14 सीटों पर महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारने की घोषणा की। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल को कसडोल, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर दक्षिण, ननकीराम कंवर को रामपुर से, प्रेम प्रकाश पांडेय को भिलाई नगर से, अमर अग्रवाल को बिलासपुर से, राजेश मूणत को रायपुर पश्चिम से, चंद्रशेखर साहू को अभनपुर से, अजय चंद्राकर को कुरुद से, केदार कश्यप को नारायणपुर से, लता उसेंडी को कोंडागांव, महेश गागड़ा को बीजापुर से उम्मीदवार घोषित किया गया है।

 

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  • रमन सिंह राजनांदगांव और पार्टी अध्यक्ष धरमलाल कौशिक बिल्हा सीट से चुनाव लड़ेंगे 
  • पूर्व आइएएस चौधरी खरसिया सीट से मैदान में उतरेंगे

रायपुर. भाजपा ने छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को 77 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। पार्टी द्वारा जारी सूची में महिला विकास विभाग मंत्री रमशीला साहू समेत 14 विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री रमन सिंह राजनांदगांव और पार्टी अध्यक्ष धरमलाल कौशिक बिल्हा सीट से चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा, चुनाव से ठीक पहले पार्टी में शामिल हुए आईएएस अफसर और रायपुर के पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी रायगढ़ की खरसिया सीट से किस्मत आजमाएंगे।

 

भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा शनिवार को दिल्ली में संसदीय बोर्ड की बैठक में की गई। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनावों के लिए पहली सूची जारी करते हुए कहा कि पार्टी ने जीतने वाले उम्मीदवारों पर दांव लगाया है। संसदीय बोर्ड की बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, संगठन महासचिव रामलाल, महासचिव राममाधव, सैयद शाहनवाज हुसैन समेत अन्य नेता उपस्थित रहे।

 

भाजपा ने पहली सूची में 14 सीटों पर महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारने की घोषणा की। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल को कसडोल, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर दक्षिण, ननकीराम कंवर को रामपुर से, प्रेम प्रकाश पांडेय को भिलाई नगर से, अमर अग्रवाल को बिलासपुर से, राजेश मूणत को रायपुर पश्चिम से, चंद्रशेखर साहू को अभनपुर से, अजय चंद्राकर को कुरुद से, केदार कश्यप को नारायणपुर से, लता उसेंडी को कोंडागांव, महेश गागड़ा को बीजापुर से उम्मीदवार घोषित किया गया है।

 

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  • रमन सिंह राजनांदगांव और पार्टी अध्यक्ष धरमलाल कौशिक बिल्हा सीट से चुनाव लड़ेंगे 
  • पूर्व आइएएस चौधरी खरसिया सीट से मैदान में उतरेंगे

रायपुर. भाजपा ने छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को 77 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। पार्टी द्वारा जारी सूची में महिला विकास विभाग मंत्री रमशीला साहू समेत 14 विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री रमन सिंह राजनांदगांव और पार्टी अध्यक्ष धरमलाल कौशिक बिल्हा सीट से चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा, चुनाव से ठीक पहले पार्टी में शामिल हुए आईएएस अफसर और रायपुर के पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी रायगढ़ की खरसिया सीट से किस्मत आजमाएंगे।

 

भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा शनिवार को दिल्ली में संसदीय बोर्ड की बैठक में की गई। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनावों के लिए पहली सूची जारी करते हुए कहा कि पार्टी ने जीतने वाले उम्मीदवारों पर दांव लगाया है। संसदीय बोर्ड की बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, संगठन महासचिव रामलाल, महासचिव राममाधव, सैयद शाहनवाज हुसैन समेत अन्य नेता उपस्थित रहे।

 

भाजपा ने पहली सूची में 14 सीटों पर महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारने की घोषणा की। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल को कसडोल, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर दक्षिण, ननकीराम कंवर को रामपुर से, प्रेम प्रकाश पांडेय को भिलाई नगर से, अमर अग्रवाल को बिलासपुर से, राजेश मूणत को रायपुर पश्चिम से, चंद्रशेखर साहू को अभनपुर से, अजय चंद्राकर को कुरुद से, केदार कश्यप को नारायणपुर से, लता उसेंडी को कोंडागांव, महेश गागड़ा को बीजापुर से उम्मीदवार घोषित किया गया है।

 

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