ईश्वर दुबे
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Bhilai
रायपुर. भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने शनिवार को प्रदेश की 78 सीटों पर टिकट का ऐलान कर दिया। इसी के साथ करीब एक दर्जन सीटों पर प्रत्याशी बदलने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है। रविवार को दुर्ग-ग्रामीण एवं पाटन से पहुंचे भाजपा कार्यकर्ताओं ने कुशाभाऊ ठाकरे एवं एकात्म परिसर में जमकर नारेबाजी की। अंबिकापुर से लेकर केशकाल तक कार्यकर्ताओं ने घोषित प्रत्याशियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
पाटन और महासमुंद के कार्यकर्ताओं ने रायपुर पहुंच कर महामंत्री संगठन पवन साय का घेराव भी किया। इसे देखते हुए पुलिस ने भाजपा कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी है। दुर्ग ग्रामीण से मंत्री रमशीला साहू का टिकट काटने पर समर्थकों ने सांसद सरोज पाण्डेय को जिम्मेदार बताते हुए जमकर नारेबाजी की। उनका कहना था कि टिकट बांटने में सरोज पाण्डेय की भूमिका अहम थी। अगर जागेश्वर साहू की टिकट नहीं काटी गई तो सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।
बस्तर से सरगुजा संभाग तक की सीटों के प्रत्याशियों का इसलिए विरोध
संसदीय बोर्ड ने केंद्रीय स्तर पर सब कुछ विचार कर निर्णय लिया है जो सभी को स्वीकार्य होना चाहिए। इनपर अब बहुत ज्यादा कोई विचार नहीं होगा। -धरमलाल कौशिक, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
नरसिंहपुर। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अमृतसर में हुए रेल हादसे के बाद कहा है कि जहां अपूज्यों की पूजा और पूज्यों का तिरस्कार होता है वहां ऐसे हादसे होते हैं। दशहरे के दिन प्रधानमंत्री राम मंदिर की जगह शिर्डी में एक मुस्लिम की पूजा करने गए थे। अगर वे इस दिन वहां जाकर पूजा नही करते तो शायद इतना बड़ा हादसा ना होता। उन्होंने कहा कि मोदी को प्रधानमंत्री बने चार साल से ज्यादा का समय हो गया है। लेकिन वो एक बार भी अयोध्या नहीं गए।
शकंराचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री देश के राजा के समान होता है। उसके हर कर्म का असर देश पर पड़ता है। अगर राजा के कर्म अच्छे हैं तो प्रजा सुखी होती है और वहीं राजा के कर्म बुरे हैं तो जनता हमेशा परेशान रहती है। प्रधानमंत्री हिंदुत्व के चेहरे के जरिए पद तक पहुंचे हैं। लेकिन पद पर पहुंचने के बाद उनका हिंदुत्व का चेहरा गायब हो गया। कभी गुजरात में टोपी पहनने से मना करने वाले मोदी अब कबीर की मजार पर जाकर चादर चढ़ा रहे हैं।
सरकार राम मंदिर नहीं बना सकती: उन्होंने कहा कि मोदी ने देश की जनता को वचन दिया था, उसको अपने कार्यकाल में अभी तक पूरा नही किया, इसलिए आगे उन पर कैसे विश्वास करके चलें। अयोध्या में राम मंदिर बनने के विश्वास पर लोगों ने भाजपा को वोट दिया था। लेकिन जनता का ये सपना अभी तक पूरा नहीं हुआ। कोई भी सरकार राम मंदिर नहीं बना सकती, क्योंकि शपथ लेते समय मंत्री धर्मनिरपेक्षता की शपथ लेते हैं। धर्म निरपेक्षता की शपथ लेने वाला राम मंदिर का निर्माण नहीं कर सकता। मोहन भागवत के राममंदिर मुद्दे पर अध्यादेश आने की बात पर शंकराचार्य ने कहा कि यह देश की जनता को गुमराह करने वाली बात की जा रही है।
आरएसएस को दी सलाह: शंकराचार्य ने आरएसएस के हिंदू एजेंडा पर सवाल उठाते हुए कहा कि संघ की शाखाओं में हिंदू संस्कार पढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि संघ के शीर्ष नेतृत्व से जिस तरह की बयानबाजी होती है, उससे यह लगता है कि संघ को सनातन वैदिक संस्कार जो हिंदू धर्म कहलाते हैं, इसका उसको पता ही नहीं है। संघ हिंदुत्व को लेकर देश में भ्रम फैलाने का कार्य कर रहा है, इसलिए संघ के पदाधिकारियों को हिंदू संस्कारों को जानने की आवश्यकता है। शंकराचार्य ने कहा कि संघ को यही पता नहीं है कि सांई परमात्मा हैं या राम परमात्मा हैं। दोनों तो परमात्मा हो नहीं सकते।
दुर्ग. सोमवार को जिला प्रशासन ने जेल में रेड कर दिया। रेड के दौरान जेल से मोबइल सिम और नशे का सामान मिला है। रेड की कार्रवाई अभी चल रही है। केंद्रीय जेल से गैंगस्टर तपन सरकार के गैंग ऑपरेट करने और जेल प्रशासन की कैदियों से मिली भगत की कई शिकायतों के बाद ये कार्रवाई की जा रही है।
सोमवार को दोपहर करीब 12 बजे अचानक कलेक्टर उमेश अग्रवाल, एसपी डॉक्टर संजीव शुक्ला ने दूसरे कई अधिकारियों के साथ लगभग ढाई सौ पुलिस जाब्ता और क्राइम ब्रांच की टीम को लेकर जेल में रेड डाला गया। इससे जेल में हड़कंप मच गया।
जेल के भीतर चेकिंग के दौरान मोबइल सिमकार्ड के अलावा गांजा, भांग समेत दूसरे नशे का सामान बरामद हुआ है। रेड की कार्रवाई जारी है। जून महीने में गैंगस्टर तपन सरकार के जेल के गैंग ऑपरेट करने का खुलासा होने के बाद करीब एक दर्जन अधिकारियों के ट्रांसफर भी किए गए थे।
ट्रांसफर के बाद भी जेल में अनियमितता समेत कैदियों से मिली भगत के साथ अनेक गलत कामों की शिकायत प्रशासन को मिल रही थी। इसी के चलते सोमवार को जिला प्रशासन ने रेड की कार्रवाइ की।
नई दिल्ली. केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने सोमवार को दो करोड़ रुपए की रिश्वतखोरी के आरोप में अपने डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया। इस मामले में स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है। आरोप है कि अफसरों ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से उनके केस को निपटाने के लिए रुपए मांगे थे। सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और अस्थाना के बीच टकराव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों को तलब किया।
इस घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा। ट्वीट किया, ''नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जांच एजेंसी राजनीति में बदले की कार्रवाई का हथियार बन चुकी है। यह संस्था आज खुद से लड़ाई लड़ रही है।''
सीबीआई अपने नंबर 2 अफसर पर एफआईआर दर्ज करने के बारे में कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। इस मामले में सीबीआई के डायरेक्टर अलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर ने अभी तक कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी।
अस्थाना 1984 आईपीएस बैच के गुजरात कैडर के अफसर हैं। उनके खिलाफ हैदराबाद के एक बिजनेसमैन की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया। मोइन कुरैशी के साथ बिजनेसमैन के खिलाफ भी मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में जांच चल रही है।
अस्थाना मामले की जांच कर रही एसआईटी के प्रमुख हैं। सीबीआई ने पिछले हफ्ते एक बिचौलिए मनोज कुमार को गिरफ्तार किया था। मनोज कुमार ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए अपने बयान में अस्थाना को 2 करोड़ रुपए की घूस देने की बात कही थी।
मनोज के मुताबिक, उसने यह घूस कुरैशी की तरफ से दी थी, जिसके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई जांच कर रही है। कुरैशी को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग को आरोपों में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था।
सीबीआई की इस कार्रवाई से डायरेक्टर आलोक वर्मा और अस्थाना आमने-सामने आ गए हैं। इससे पहले अस्थाना ने आलोक वर्मा पर लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ चल रहे रेलवे कैटरिंग भ्रष्टाचार मामले में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था।
हालांकि, सीबीआई ने अस्थाना के आरोपों से इनकार कर दिया था। एजेंसी ने कहा था- अस्थाना के खिलाफ आधे दर्जन से ज्यादा मामलों में जांच चल रही है। अस्थाना अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच करने वाले अफसरों को डराने की कोशिश कर रहे हैं।
नई दिल्ली. देश में बीते चार सालों में करोड़पतियों की संख्या 60% बढ़ी है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर टैक्सेस (सीबीडीटी) ने सोमवार को आयकर से जुड़े आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक, ऐसे करदाता जिनकी कमाई एक करोड़ रुपए से ज्यादा है, उनकी संख्या 1.40 लाख हो गई है। इनमें कॉरपोरेट्स, फर्म, हिंदू अविभाजित परिवार और अन्य लोग शामिल हैं।
एक करोड़ रुपए से ज्यादा कमाई वाले इंडिविजुअल टैक्सपेयर की संख्या चार साल में 68% बढ़ी है। इस दौरान रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में 80% इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष 2013-14 में 3.79 करोड़ लोगों ने रिटर्न दाखिल किया था। वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा 6.85 करोड़ रहा।
असेसमेंट ईयर | 2014-15 | 2017-18 | ग्रोथ |
1 करोड़ रु से ज्यादा कमाई वाले कुल करदाता | 88,649 | 1,40,139 | 60% |
1 करोड़ रु से ज्यादा कमाई वाले इंडिविजुअल | 48,416 | 81,344 | 68% |
सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चन्द्रा का कहना है कि आयकर विभाग ने कानून में सुधार, सूचना के प्रसार और सख्ती से नियमों का पालन करवाने के लिए कई कदम उठाए। इस वजह से रिटर्न दाखिल करने वालों और टैक्स भरने वालों की संख्या बढ़ी।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है। इसी के साथ इन राज्यों में चुनावी गहमागहमी का दौर तेज हो गया है। चुनाव तारीखों के एलान के बाद इन राज्यों में बड़े नेताओं के दौरे और रैलियों की संख्या बढ़ गई है। हम आपको बता रहे हैं इन राज्यों में चुनाव से जुड़ी हर छोटी-बड़ी खबरों का अपडेट।
-मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी चयन को लेकर अंतिम दौर की बैठकें शुरू। दिल्ली में आज स्क्रीनिंग कमेटी की तीसरे दौर की बैठक होगी। इसमें बाकी बची हुई 159 सीटों पर मंथन होगा।
- छत्तीसगढ़ : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी एक दिवसीय दौरे पर आज रायपुर आ रहे हैं। राहुल साइंस कॉलेज में जनसभा को संबोधित करेंगे। साथ ही सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से चर्चा भी करेंगे।
राहुल गांधी दोपहर बाद करीब ढाई बजे नियमित विमान से रायपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।एसपीजी की रिपोर्ट के बाद राहुल गांधी के तय कार्यक्रमों में थोड़ा बदलाव किया गया है।
सुरक्षा कारणों की वजह से वह महामाया मंदिर नहीं जा पाएंगे। पहले राहुल गांधी का महामाया मंदिर जाने और वहां दर्शन-पूजन का कार्यक्रम था।
मध्य प्रदेश में अगले महीने चुनाव है। बयानों की बयार चलेगी। चुनावी वादों की भरमार होगी। और इन सब के बीच विभिन्न राजनीतिक दल के नेता चुनाव से पहले चुनावी घोषणाओं की एक लंबी सूची लेकर जनता के बीच उनका विश्वास हासिल करने आएंगे। नेताजी दूसरे दल के नेताओं की बात को झूठा साबित करेंगे। नेताजी अपने किए हुए काम गिनाएंगे। लेकिन कोई अपने उन वादों का जिक्र तक नहीं करेगा जो उन्होंने पिछले चुनाव में जनता से किए थे। लेकिन अब चुनाव आयोग इन चुनावी वादों को जनता की कसौटी पर कसेगा।
भारत निर्वाचन आयोग के आदेश के मुताबिक मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वीएल कांताराव ने सभी राजनीतिक दलों से कहा है कि वे अपना चुनाव घोषणापत्र आयोग में जमा कराएं। कांताराव ने राजनीतिक पार्टियों से कहा, "चुनाव घोषणा पत्र जारी होने के तीन दिन के भीतर इसे चुनाव आयोग कार्यालय में जमा करवा दें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसमें ऐसा कोई वादा नहीं हो, जिसे वह पूरा नहीं कर सकें।"
साथ ही घोषणापत्र की तीन प्रतियां देनी होंगी ताकि इन चुनावी वादों का रिकॉर्ड रखा जा सके। घोषणापत्रों के परीक्षण के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी इसे केंद्रीय चुनाव आयोग को भेजेंगे।
बता दें कि मैनिफेस्टो (घोषणापत्र) इटैलियन भाषा का शब्द है जिसकी उत्पत्ति लैटिन भाषा के 'मैनी फेस्टम' से हुई है। इसका अर्थ जनता के ‘सिद्धांत और इरादे’ से जुड़ा हुआ है। लेकिन बीतते समय के साथ यह राजनीतिक दलों से जुड़ता चला गया।
विभिन्न राजनीतिक दलों के घोषणापत्र एक समय के बाद विवादों में घिर जाते हैं। राष्ट्रीय पार्टियां हों या क्षेत्रीय दल या सिर्फ सुर्खियां में बने रहने वाले निर्दलीय या बागी उम्मीदवार, ज्यादातर के चुनावी घोषणापत्र में सिर्फ लोकलुभावने वादे होते हैं। उस पर भी यह ऐसे वादे होते हैं जिनके पूरे होने पर संशय होता है या थोड़े बहुत ही पूरे हो पाते हैं।
गौरतलब है कि साल 2012 में सूचना के अधिकार के तहत एक सामाजिक कार्यकर्ता ने निर्वाचन आयोग से पूछा था, 'राजनीतिक दलों के चुनाव घोषणापत्रों की उपयोगिता, वादे नहीं निभाने की स्थिति में कार्रवाई और मतदाताओं को भ्रमित करने पर की जाने वाली कार्रवाई के बारे में बताएं?'
तब चुनाव आयोग ने जवाब दिया था कि आयोग इस तरह की जानकारी का संग्रह नहीं करता है और न ही आयोग को यह पता है कि यह जानकारी कहां से उपलब्ध होगी।
इन अहम सवालों के जवाब उस समय नहीं मिला पाए थे, लेकिन लगता है कि अब चुनाव आयोग ने इसकी निगरानी शुरू कर दी है। ऐसे में यह उम्मीद की जानी चाहिए कि इस बार चुनाव मैदान में उतर रहे जनप्रतिनिधि और राजनीतिक पार्टियां जिम्मेदारी के साथ चुनाव घोषणाएं करेंगी और अतीत की तरह किए गए आसमानी वादों से बचेंगी।
मुंगेली. अचार संहिता लगने के बाद प्रदेश भर में चेकिंग अभियान जारी है। इसी के तहत रविवार देर शाम पुलिस और निर्वाचन आयोग की टीम ने लोरमी-तखतपुर बैरियर के पास एक कार से एसबीआई के 420 एटीएम कार्ड बरामद किए हैं। पुलिस ने सभी कार्ड जब्त कर कार चालक को हिरासत में ले लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, पुलिस की टीम मुंगेली जिले में लोरमी-तखतपुर बैरियर पर रविवार शाम चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान देर शाम करीब 7.30 बजे सफेद रंग की एक कार आती दिखाई दी। पुलिस ने उस गाड़ी को रुकवा कर डिग्गी चेक की तो उसमें भारी मात्रा में एटीएम कार्ड रखे हुए थे।
इस पर पुलिस ने सभी कार्ड जब्त कर लिए और जांच की तो पता चला कि 420 एटीएम कार्ड हैं और सभी एसबीआई के हैं। इस पर पुलिस ने कार मालिक मुकेश कुमार को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह राजनांदगांव के मोहला गांव में एसबीआई के कियोस्क सेंटर का संचालक है।
मुकेश बरामद सभी कार्ड को खाताधारकों को बांटने के लिए जाने की बात कह रहा है। हालांकि वाहन चेकिंग के दौरान कार के डिग्गी से एसबीआई बैंक के इतने एटीएम कार्ड मिलने से जांच अधिकारी हैरान हैं। पुलिस का मानना है कि मुकेश उन्हें गुमराह करने का प्रयास कर रहा है। उसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
कार मालिक के पास मौजूदा समय में कोई पुख्ता कागजात नहीं होने के कारण जांच अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए, सभी एटीएम कार्ड को जब्त कर कार मालिक से पूछताछ की जा रही है। वहीं अवैध कारोबार करने वाले लोगों की सघन पैतरासी के लिए विभागीय अधिकारियों की ओर से क्षेत्र के आस-पास के लगे हुए जंगली क्षेत्र में भी सक्रियता बढ़ा दी है।
जगदलपुर. छत्तीसगढ़ के बस्तर में पुलिसवालों के बीच सालभर से ड्यूटी कर रहे एक फर्जी दरोगा को शनिवार रात को गिरफ्तार किया गया। यह व्यक्ति खुद को एसआईटी का सदस्य बताता था। साथ ही अपनी वर्दी पर दो स्टार लगाता था। वायरलेस भी लेकर घूमता था। पुलिस वालों के साथ ही उठता-बैठता था। एक सब इंस्पेक्टर से दोस्ती कर उसके साथ रहने लगा था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बस्तर दौरे के दौरान पूरे समय उनकी सुरक्षा में मौजूद रहा। उसने राष्ट्रपति के कार्यक्रम में मंच के पास ड्यूटी भी की थी। कोतवाली टीआई एंब्रोस कुजूर ने बताया कि उसके खिलाफ अलग-अलग धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
आरोपी युवक का नाम अमितेश झा (25) है। वह जगदलपुर के हिकमीपारा में रहता है। शुरुआती पूछताछ में अमितेश ने बताया, " उसने शौक पूरा करने वर्दी सिलवाई थी।" अब तक जितने पुलिसवालों से वह मिला उसने अपनी मूल पोस्टिंग कोंडागांव बताई थी।
पुलिस ने बताया कि आरोपी कुछ साल पहले तक फोटोग्राफी करता था। फिर वह लोगों को बताने लगा कि उसका चयन पुलिस विभाग में हो गया। इसके बाद वह चंदखुरी पुलिस ट्रेनिंग स्कूल गया। वहां कुछ फोटो खिंचवाए। फिर दो वर्दी सिलवाईं।
अमितेश लोगों से कहता था कि उसने 2011 बैच में एसआई की परीक्षा पास की थी। उसने एक परिचय-पत्र भी बनवा रखा था। बस्तर जिले में होने वाले लगभग हर बड़े कार्यक्रम में वह शामिल रहता था।
दरअसल, शनिवार की रात दशहरे की ड्यूटी के दौरान पुलिस के कुछ जवानों को अमितेश के हाव-भाव पर शक हुआ। वह किसी गाड़ी वाले को धमका कर वसूली की कोशिश कर रहा था। संदेह होने पर उन्होंने उससे पूछताछ की, बस इसी के बाद उसके फर्जी एसआई होने का खुलासा हुआ।
पुलिस ने आरोपी के घर से वर्दी बरामद की। बताया जा रहा है कि अमितेश के पास एक वायरलेस भी था। वायरलेस पुलिस विभाग ने ही इश्यू किया था या उसने किसी पुलिसवाले से लिया था, इसकी जांच चल रही है।
बताया जा रहा है कि कुछ समय पहले नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के लिए काम करने वाले एक व्यक्ति को बस्तर पुलिस ने पकड़ा था। इसकी जांच लिए एसआईटी बनाई गई थी। इस एसआईटी को लीड करने वालों के साथ भी अमितेश घूमता था। इसके बाद वह खुद को एसआईटी का मेंबर बताने लगा था।
भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से नाराज होकर राज्यमंत्री का दर्जा ठुकराने वाले कंप्यूटर बाबा अब चुनाव से ऐन पहले सरकार की मुश्किले बढ़ाने जा रहे हैं। कंप्यूटर बाबा प्रदेश के संतों का समागम कर मन की बात करेंगे। इसकी शुरुआत 23 अक्टूबर को इंदौर से की जाएगी। ग्वालियर में 30 अक्टूबर, खंडवा में 4 नवंबर, रीवा में 11 नवंबर और जबलपुर में 23 नंवबर को संतों का महासम्मेलन बुलाएंगे।
नर्मदा यात्रा के भ्रष्टाचार उजागर करने के लिए पोल खोल यात्रा निकालने से पहले सरकार ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा देकर शांत करा दिया था, लेकिन अब चुनाव से पहले उन्होंने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिवराज और सरकार को संत विरोधी बताते हुए घेरना शुरू कर दिया है।
स्वामी अवधेशानंद करेंगे सुलह की कोशिश : चुनावी समर में संतों की नाराजगी भाजपा को भारी पड़ सकती है, जिसके चलते भाजपा ने बाबा को मनाने की कोशिश शुरू कर दी है। सरकार ने जूनापीठ के पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी को मध्यस्थता का जिम्मा सौंपा है। वह बाबा से मिलकर सुलह कराने की कोशिश करेंगे।
सरकार के खिलाफ संतों का समागम : कम्प्युटर बाबा मन की बात की शुरुआत 23 अक्टूबर को इंदौर से करेंगे। 30 अक्टूबर ग्वालियर, 4 नवंबर खंडवा, 11 नवंबर को रीवा, 23 नवंबर को जबलपुर में संतो का समागम होगा। समागम में नर्मदा में अवैध उत्खनन, गौ रक्षा, मंदिर निर्माण के जैसे मुद्दे शामिल किए जाएंगे।
धर्म विरोधी है ये सरकार : कल इंदौर में होने वाले संत समागम में प्रदेश भर से एक हजार से ज्यादा संत एकत्रित हो रहे हैं। जिनमें से काफी संख्या में संतों ने इंदौर में डेरा डाल लिया है। समागम में संत नर्मदा, गाय, मठ-मंदिरों की स्थिति पर मंथन करेंगे और अपनी राय देंगे। संत समागम के संयोजक कंप्यूटर बाबा ने कहा कि यह समागत सरकार के खिलाफ नहीं है, बल्कि नर्मदा, गाय और मठ मंदिरों को बचाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने एक बार फिर कहा कि सरकार धर्म विरोधी है। नर्मदा के लिए सरकार ने खतरा पैदा किया है। चुनाव के दौरान संत सरकार की पोल खोलने का काम करेंगे। हालांकि कंप्यूटर बाबा ने कहा कि संतों के इस कार्यक्रम का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।