ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
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Bhilai
इस समय कोरोना महामारी से बचने हजारों की संख्या में मजदूर और उनके परिजनों का आना जाना लगा हुआ है उनके भूखे पेट को भोजन और कंठ को पानी देने सैकड़ों हांथ आज काम कर रहे हैं वहीं पुलिस भी पीछे नहीं है। ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मी आनंद कुमार का ह्रदय उस समय पसीज गया जब मजदूरों और उनके परिजनों के बच्चे तपती धूप में आग उगलती डामर से बनी सड़क पर उनके नंगे पैर चल रहे थे। उनके पैरों में गहरे छाले पड़ गये थे। फिर भी वह अपने गंतव्य की ओर बढ़े चले जा रहे थे। बच्चों के दर्द को देख आनंद कुमार ने पास ही दुकान से नये जूते चप्पल बुलवायें और बच्चों को पहना दिये पैरों में जूते चप्पल पहनने के बाद न केवल उन बच्चों की बल्कि परिजनों की खुशी देखते ही बनती थी। अब आनंद कुमार जब भी किसी बच्चे को नंगे पैर देखते वह उन्हें नये जूते चप्पल खरीद कर उन्हें पहना देते। उन्होंने बताया कि हमारे उच्च अधिकारियों के निर्देश पर यह कार्य कर रहें है उन्हें निर्देशित किया गया है कि जो भी मजदूर और उनके परिजन आ-जा रहे है उनकी जो भी जैसी मदद बने करना है। जब मैने बच्चों को नंगे पैर चलते और उनके पैरों में छाले देखे तो ह्रदय द्रवित हो गया और मैने नये जूते चप्पल खरीदें और उन्हें पहना दिये। इस तरह अब जहां भी ऐसे मजदूरों और उनके बच्चों पर नजर पढ जाती है मैं उन्हें जूते चप्पल खरीदकर पहना देता हूॅ।
कोरोना महामारी के इस संक्रमण में पुलिस की समाज सेवा कई रूपों में सामने आ रही है। महिला पुलिस कर्मी ड्यूटी के बाद घरों में मास्क बनाकर आम जन को वितरित करने का भी कार्य कर रही है। इसके अतिरिक्त मजदूरों और उनके परिजनों को भोजन आदि की व्यवस्था के अतिरिक्त जिसको जहां भी सेवा कार्य करने का अवसर मिलता बो पीछे नहीं हटता बल्कि पुलिस पूरी टीम के साथ हर सम्भव मदद करते हुए देखे जा रहें है। इस रचनात्मकता और सेवाभावी दरियादिली से पुलिस और आम जन के बीच भी एक गहरा संबंध ही नहीं बल्कि विश्वास भी कायम हो रहा है।