ईश्वर दुबे
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Bhilai
भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से नाराज होकर राज्यमंत्री का दर्जा ठुकराने वाले कंप्यूटर बाबा अब चुनाव से ऐन पहले सरकार की मुश्किले बढ़ाने जा रहे हैं। कंप्यूटर बाबा प्रदेश के संतों का समागम कर मन की बात करेंगे। इसकी शुरुआत 23 अक्टूबर को इंदौर से की जाएगी। ग्वालियर में 30 अक्टूबर, खंडवा में 4 नवंबर, रीवा में 11 नवंबर और जबलपुर में 23 नंवबर को संतों का महासम्मेलन बुलाएंगे।
नर्मदा यात्रा के भ्रष्टाचार उजागर करने के लिए पोल खोल यात्रा निकालने से पहले सरकार ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा देकर शांत करा दिया था, लेकिन अब चुनाव से पहले उन्होंने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिवराज और सरकार को संत विरोधी बताते हुए घेरना शुरू कर दिया है।
स्वामी अवधेशानंद करेंगे सुलह की कोशिश : चुनावी समर में संतों की नाराजगी भाजपा को भारी पड़ सकती है, जिसके चलते भाजपा ने बाबा को मनाने की कोशिश शुरू कर दी है। सरकार ने जूनापीठ के पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी को मध्यस्थता का जिम्मा सौंपा है। वह बाबा से मिलकर सुलह कराने की कोशिश करेंगे।
सरकार के खिलाफ संतों का समागम : कम्प्युटर बाबा मन की बात की शुरुआत 23 अक्टूबर को इंदौर से करेंगे। 30 अक्टूबर ग्वालियर, 4 नवंबर खंडवा, 11 नवंबर को रीवा, 23 नवंबर को जबलपुर में संतो का समागम होगा। समागम में नर्मदा में अवैध उत्खनन, गौ रक्षा, मंदिर निर्माण के जैसे मुद्दे शामिल किए जाएंगे।
धर्म विरोधी है ये सरकार : कल इंदौर में होने वाले संत समागम में प्रदेश भर से एक हजार से ज्यादा संत एकत्रित हो रहे हैं। जिनमें से काफी संख्या में संतों ने इंदौर में डेरा डाल लिया है। समागम में संत नर्मदा, गाय, मठ-मंदिरों की स्थिति पर मंथन करेंगे और अपनी राय देंगे। संत समागम के संयोजक कंप्यूटर बाबा ने कहा कि यह समागत सरकार के खिलाफ नहीं है, बल्कि नर्मदा, गाय और मठ मंदिरों को बचाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने एक बार फिर कहा कि सरकार धर्म विरोधी है। नर्मदा के लिए सरकार ने खतरा पैदा किया है। चुनाव के दौरान संत सरकार की पोल खोलने का काम करेंगे। हालांकि कंप्यूटर बाबा ने कहा कि संतों के इस कार्यक्रम का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।